वागड प्रदेश में प्रचलित लोक कथा गलालेंग के नायक कौन है ?
राजस्थान में लोक वार्ता के दूसरे ऐतिहासिक रूप को ‘वीर गाथा’ कहा जाता है। बागड क्षेत्र दक्षिण राजस्थान (डूंगरपुर-बांसवाड़ा) में ‘गलालैंग’ नामक लोक कविताओं में लोक देवी-देवताओं को देवता के रूप में प्रस्तुत कर उनके गुणों और कर्मों को चमत्कार की तरह वर्णित किया जाता है।
इसको तम्बूरा पर जोगी लोग गाते हैं। इसकी शुरुआत थकराड़ा गांव के अमरनाथ जोगी ने गलालैंग (गुलालसिंह) के वीर कारनामों को एक कविता के रूप में प्रस्तुत कर की।
कडाणा की लड़ाई में गुलालसिंह वीर गति को प्राप्त हुआ। कालू कडाणिया की बेटी फूल के आग्रह पर ठाकरड़ा के जोगी अमरनाथ ने ‘गलालैंग की कथा’ को गीतबद्ध किया जिसके लिए डूंगरपुर के महारावल से उसे जागीर मिली।