पादप ऊतक 

पादप ऊतक 

1. पुराने जाइलम (old xylum) में किस प्रकार के अपशिष्ट उत्पादों को संग्रहित किया जाता है।

(a) वृद्धि संवर्धक पदार्थ

(b) रेजिन और गोंद

(c) यूरिक अम्ल

(d) अमोनिया, यूरिया और अमीनो अम्ल

Ans. (b) : पुराने जाइलम (Old xylum) में रेजिन और गोंद जैसे अपशिष्ट उत्पादों को संग्रहित किया जाता है। जाइलम एक ऐसा जटिल ऊतक है जो संवहन बण्डल के अन्दर पाया जाता है। जाइलम जल संवहन में प्रमुख भूमिका अदा करता है। रसारोहण की क्रिया पौधों में जाइलम वाहिनियों के द्वारा होती है। ।

2. पादपों में अपशिष्ट उत्सर्जन की प्रक्रिया के संबंध में इनमें से कौन सा कथन सही है?

(a) पादप, मिट्टी में अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन नहीं करते हैं।

(b) कार्बन डाईऑक्साइड, प्रकाश संश्लेषण में उत्पन्न एक अपशिष्ट उत्पाद है।

(c) पादपों में, अतिरिक्त जल को स्थानांतरण द्वारा निकाल दिया जाता है।

(d) कुछ पौधों में, अपशिष्ट उत्पाद राल (रेजिन) के रूप में संचित होते है।

Ans. (d): पादपों में अपशिष्ट उत्सर्जन प्रक्रिया के अंतर्गत कुछ पौधों में अपशिष्ट उत्पाद रॉल (रेजिन) के रूप में संचित होते हैं। पादप मिट्टी में अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन करते हैं। ऑक्सीजन प्रकाश संश्लेषण का एक उप-उत्पाद हैं।

3. इनमें से किस प्रकार की कोशिकाएं पादपों में संवहनी ऊतक का भाग नहीं होती हैं ?

(a) कोलेनकाइमा

(b) संवाहिका

(c) वाहिका

(d) पैरेनकाइमा

 

Ans.(a) : कॉलेंकाइमा कोशिकाएँ पादपों में संवहनी ऊतक का भाग नहीं होती हैं। ये कोशिकाएं संवहनी ऊतक को समर्थन प्रदान करती हैं तथा यान्त्रिक चोट के खिलाफ पौधों को सुरक्षा प्रदान करती हैं। कोलेन्काइमा जीवित कोशिकाएँ हैं; इनमें सेल्युलोज की कोशिका भित्ति होती है।

4. फ्लोएम के माध्यम से परिवहन के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है ? 

(a) फ्लोएम में परिवहन, ऊर्जा के उपभोग (ATP) द्वारा होता है

(b) आरंभ में ऊर्जा का उपयोग करके सुक्रोज को फ्लोएम में ले जाया जाता है

(c) फ्लोएम में परिवहन में जीटीपी (GTP) और सीटीपी (CTP) का उपयोग होता है

(d) सुक्रोज के कारण परासरण दाब में हुई वृद्धि के कारण जल फ्लोएम में चला जाता है

 

Ans.(c) : फ्लोएम के माध्यम से परिवहन के बारे में कथन-फ्लोएम में परिवहन में (GTP) और (CTP) का उपयोग होता है, गलत हैं।

5. निम्न में से क्या, जाइलम वाहिकाओं को जलरोधी बनाता है ?

(a) सेलुलोज

(b) क्यूटिन

(c) सुबेरिन

(d) लिग्निन

 

Ans.(d) : लिग्निन जाइलम वाहिकाओं को जलरोधी बनाता है। लिग्निन एक महत्वपूर्ण कार्बनिक बहुलक है जो कुछ विशिष्ट कोशिकाओं की कोशिका भित्ति में प्रचुर मात्रा में होता है। इसके कई जैविक कार्य है। जैसे जल परिवहन, यांत्रिक समर्थन और विभिन्न तनावों का प्रतिरोध आदि।

6. पौधे अपने अपशिष्ट उत्पादों को किन विभिन्न भागों में संग्रहीत करते हैं ?

(a) रसधानियों, छाल और लाइसोर

(b) पत्तियों, लाइसोसोम और अव

(c) लाइसोसोम, फलों और अवर्णील

(d) पत्तियों, रसधानियों और पुराने जाइलम में

Ans.(d): पौधे अपने अपशिष्ट उत्पादों को विभिन्न भागों जैसे पत्तियों, रसधानियों और पुराने जाइलम में संग्रहित करते हैं। तना, छाल, रसधानियाँ, पत्ते आदि इन अपशिष्ट उत्पादों को उनकी बाहरी परत की ओर स्थानांतरित करते हैं। पौधे इन्हें अस्थायी रूप से संग्रहीत करते है।

7. फ्लोएम पौधे का संवहनी ऊतक होता है, जो का परिवहन करता है। 

(a) जल

(b) गैसों

(c) ऑक्सीजन

(d) पोषकों

Ans. (d) : फ्लोएम पौधे का संवहनी ऊतक होता है, जो पोषकों का परिवहन करता है। जबकि जाइलम द्वारा जल और उनमें खुले लवणों का संवहन होता है। फ्लोएम सजीव ऊतक है, इसमें मुख्यतः चलती नलिकाएँ होती है।

8. निम्नलिखित में से किसकी उपस्थिति जटिल पादपों का एक विशिष्ट गुण है, जिसने स्थलीय वातावरण में उनके अस्तित्व को संभव बनाया हैं ?

(a) दृढ़ोतक ऊतक

(b) विभज्योतकीय ऊतक

(c) संवहनी ऊतक

(d) मृदूतक ऊतक

Ans. (c) : उपस्थित जटिल पादपों का एक विशिष्ट गुण है, जिसमें स्थलीय वातावरण में उनके अस्तित्व को संभव बनाया हैं संवहनी ऊतक के प्राथमिक घटक जाइलम और फ्लोएम है। संवहनी ऊतक में कोशिकाएं सामान्यतः लंबी और पतली होती है।

9. सामान्यतः, प्राणियों की तुलना में पादपों को कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –

(A) ऊतकों में बड़े अनुपात में मृत कोशिकाओं की उपस्थिति

(B) गतिशीलता की अनुपस्थिति

(C) पादप अपना भोजन स्वयं संश्लेषण करते हैं।

(d) श्वसन के दौरान, पादप O₂ मुक्त करते हैं

(a) A और C

(b) A और B

(c) A और D

(d) B और C

Ans. (b): पादप ऊतकों में बड़े अनुपात में मृत कोशिकाओं की उपस्थिति तथा गतिशीलता की अनुपस्थिति सामान्य प्राणियों की तुलना में पादपों के कम ऊर्जा की आवश्यकता का कारण है।

10. निम्नलिखित में से कौन से उत्सर्जी उत्पाद पौधों के पुराने जाइलम में संग्रहित होता है ?

(a) राल

(b) साइट्रिक अम्ल

(c) कार्बन डाइऑक्साइड

(d) मार्फीन

Ans. (a): पौधों में कोई उत्सर्जन अंग या उत्सर्जन तंत्र नहीं पाया जाता है। राल अथवा रेजिन पौधों का एक उत्सर्जी पदार्थ है। रेजिन, गोंद, टैनिन जैसे सभी उत्सर्जी पदार्थ और अपशिष्ट उत्पाद पौधों के जाइलम कोशिकाओं में एकत्रित होते हैं जो बाद में मजबूत लकड़ी के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।

11. पादपों में, रेजिन और गोंद विशेषकर ……. में संचित होते हैं।

(a) पुराने फ्लोएम

(b) पुराने वल्कुट

(c) पुराने मज्जा

(d) पुराने जाइलम

Ans. (d): पादपों में रेजिन और गोंद विशेषकर पुराने जाइलम में संचित होते हैं, जाइलम संवहनी पौधों में ऊतक का एक प्रकार है। जो जल और पोषक तत्वों को जड़ों से पत्तियों तक पहुंचाता है।

12. निम्नलिखित में से कौन सा कथन फ्लोएम के संबंध में सही है-

(a) फ्लोएम की सभी कोशिकाओं में छिद्रित दीवारें होती है।

(b) फ्लोएम में चलनी नलिकाएं मृत कोशिकाओं से बनी होती है।

(c) फ्लोएम का परिवहन एकदिशीय होता है।

(d) फ्लोएम प्रकाश संश्लेषक उत्पादों को पत्तियों से पौधों के अन्य भागों तक ले जाता है।

Ans. (d): फ्लोएम पौधों में कार्बनिक पोषक तत्वों के परिवहन और वितरण के प्रभारी संवहनी ऊतक है। यह पौधों में एक संरचनात्मक कार्य करता है। फ्लोएम प्रकाश संश्लेषण के दौरान पत्तियों में बने खाद्य पदार्थों को पौधें के अन्य सभी लोगों में पहुँचाने का कार्य करता हैं, जबकि जाइलम पौधों की जड़ों से कार्बनिक घुलनशील यौगिकों को पौधों के अन्य भागों में पहुँचाने का कार्य करता हैं।

13. निम्न में से कौन सा, प्रकाश संश्लेषण के उत्पादों का पत्तियों से पादप के अन्य भागों तक परिवहन करता है ?

(a) कोलकाइमा

(b) दृढ़ोतक

(c) जाइलम

(d) फ्लोएम

Ans. (d): फ्लोएम (phloem) प्रकाश संश्लेषण के उत्पादों (भोजन) का पत्तियों से पादप के अन्य भागों तक परिवहन करता है। यह पौधों में पाया जाने वाला जटिल ऊतक है। जाइलम पादपों में जल एवं खनिज का परिवहन करने वाला जटिल स्थायी ऊतक है। यह पादपों की यांत्रिक सहायता भी प्रदान करता है।

14. चालनी पट्टिकाएं (Sieve plates) …. में पायी जाती हैं।

(a) फ्लोएम नली कोशिकाओं

(b) फ्लोएम सहचर कोशिकाओं

(c) फ्लोएम तंतु कोशिकाओं

(d) फ्लोएम पैरेनकाइम कोशिकाओं

Ans. (a): चालनी पट्टिकाएं फ्लोएम नली कोशिकाओं में पायी जाती है। फ्लोएम एक संवहन ऊतक है। जिसका मुख्य कार्य पत्तियों द्वारा बनाये गये भोजन को पौधे के अन्य भागों में पहुंचाना है।

15. पादपों में अपशिष्ट उत्पादों के संग्रहण हेतु इनमें से किस स्थान (साइट) का उपयोग किया जाता है ?

(a) रक्षक कोशिकाएं

(b) वास्तविक और उल्टा

(c) फ्लोएम फाइबर

(d) मूल रोम

Ans. (b): पादपों में अपशिष्ट उत्पादों जाइलम का उपयोग किया जाता है। जा ऊतक है जो संवहन बंडल के अन्दर पाय। क्रिया जाइलम के भीतर से होती है। 509/831

16. जाइलम का इनमें से कौन सा घटक जल के परिवहन में कार्य नहीं करता है?

(a) जाइलम मृदूतक

(b) जाइलम वाहिनिकाएं

(c) जाइलम तंतु

(d) जाइलम वाहिकाएं

Ans. (c) : जाइलम जटिल ऊतक का उदाहरण है, यह मूल से पानी तथा खनिज लवण को तनें तथा पत्तियों तक पहुंचाने के लिए एक संवहन ऊतक की तरह कार्य करता है। ये चार ऊतकों वाहिनिकाएँ, वाहिकाएँ, जाइलम तंतु (Xylem fibre) तथा जाइलम पैरेनकाइमा (xylem parenchyma) से मिलकर बना है। जाइलम तंतु की भित्ति मोटी होती है और इसकी केंद्रीय गुहिका विलुप्त होती है यह जल के परिवहन में कार्य नहीं करता है।

17. ….. रूट एपेक्स की लगातार विभाजित होने वाली कोशिकाओं द्वारा दर्शाया गया है।

(a) अंकुरण

(b) परिपक्वता

(c) हार्मोनल

(d) मेरिस्मेटिक विकास

Ans. (d) : मेरिस्मेटिक विकास रूट एपेक्स की लगातार विभाजित होने वाली कोशिकाओं द्वारा दर्शाया गया है। विभज्योतक ऊतक (Merismatic tissue) कोशिकाओं के ऐसे समूह होते है जिनमें विभाजित करने की क्षमता पायी जाती है।

18. नारियल के छिलके में मौजूद कौन सा ऊतक उसे कठोर और दृढ़ बना के बनाता है ?

(a) पैरेनकाइमा

(b) स्कलेरेनकाइमा

(c) रक्षी कोशिकाएं

(d) कोलेनकाइमा

Ans. (b) : स्कलेरेनकाइमा ऊतक नारियल के छिलके में मौजूद होता है, जो उसे कठोर और दृढ़ बनाता है।

19. जाइलम के कौन से तत्व मृत कोशिकाओं से बने होते हैं, और फिर भी पौधों में जल और खनिजों के परिवहन के लिए उत्तरदायी होते हैं?

(a) वाहिनिका और जाइलम मृदूतक

(b) वाहिका और जाइलम मृदूतक

(c) वाहिनिका और वाहिका

(d) वाहिनिका और जाइलम तंतु

Ans. (c) : जाइलम चार अलग-अलग प्रकार के कोशिकाओं से बना होता है अर्थात् वाहिनिका, वाहिकाएं, जाइलम तंतु और दारु मृदूतक। जाइलम पैरेनकाइमा जाइलम का एकमात्र जीवित तत्व है, बाकी सभी मृत होते है।

20. पौधों में, विभज्योतक ऊतक की कोशिकाएं एक ऐसी प्रक्रिया से गुजरती हैं, जिसमें वे विभाजित होने की क्षमता खो देती हैं, तथा एक स्थाई आकृति और आकार ग्रहण कर लेती हैं, और एक विशिष्ट कार्य करने के लिए विशेषीकृत हो जाती हैं। इस प्रक्रिया को किस नाम से जाना जाता है ? 

(a) पुनर्जनन

(b) विभेदन

(c) प्रचुरोद्भवन

(d) विकास

Ans. (b) : पौधों में विभेदन (differentiation) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा विभज्योतक ऊतक की कोशिकाएं एक ऐसी प्रक्रिया से गुजरती है, जिसमें वे विभाजित होने की क्षमता खो देती हैं और एक स्थाई आकृति और आकार ग्रहण कर लेती है। उदाहरणार्थ-श्वासनली तत्वों के निर्माण के समय प्रोटोप्लाज्म का खो जाना।

21. एक लंबा वृक्ष अपने अपशिष्ट उत्पादों को कहां संग्रहीत कर सकता है ?

(a) पुराने जाइलम (हार्टवुड) में

(b) पुरानी जड़ों में

(c) अंतरकोशिकीय अंतरालों में

(d) छाल के ऊतक में

Ans. (a): एक लंबा वृक्ष अपने अपशिष्ट उत्पादों को पुराने जाइलम (हार्टवुड) में संग्रहीत कर सकता है। जाइलम एक संवहनी ऊतक है जो पानी और विघटित खनिजों को जड़ से अवशोषित कर शेष पौधे तक पहुँचाता हैं।

22. किसी पादप में मोटी कोशिका भित्ति वाली ऐसी कोशिकाएं हमें कहां मिल सकती है ?

(a) वाह्य त्वचा (एपिडर्मिस) में

(b) जाइलम में

(c) विभज्योतक में

(d) फ्लोएम में

Ans. (d): किसी पादप में मोटी कोशिका भित्ति वाली ऐसी कोशिकाएं हमें फ्लोएम में मिल सकती है। फ्लोएम कार्बनिक पोषक तत्वों के परिवहन और वितरण के प्रभारी संवहनी ऊतक है फ्लोएम सिग्नलिंग अणुओं का मार्ग भी है और पौधे के शरीर में एक संरचनात्मक कार्य करता है।

23. मृदूतक (Parenchyma tissue) पौधों में सामान्यतः पाया जाने वाला सरल स्थाई ऊतक है। कुछ पौधों में इसे हरित ऊतक (Chlorenchyma) और वायूतक (Aerenchyma) क्यों कहा जाता है ?

(a) हरित ऊतक (Chlorenchyma) इनमें प्रकाश संश्लेषण के लिए (पत्तियों में) क्लोरोफिल पाया जाता है वायुतक (Aerenchyma) इनमें वायु अवकाश (जलीय पौधों में) होते हैं, और ये तैरने में उनकी सहायता करते हैं

(b) हरित ऊतक (Chlorenchyma) यह पौधे को सहारा देता है वायुतक (Aerenchyma) इनमें प्रकाश संश्लेषण के लिए (पत्तियों में) क्लोरोफिल पाया जाता है

(c) हरित ऊतक (Chlorenchyma) इसमें वायु अवकाश (जलीय पौधों में) होते हैं, और ये तैरने में उनकी सहायता करते हैं वायुतक (Aerenchyma) यह यांत्रिक सहायता प्रदान करता है

(d) हरित ऊतक (Chlorenchyma) इनमें वायु अवकाश (जलीय पौधों में) होते हैं, और ये तैरने में उनकी सहायता करते हैं वायूतक (Aerenchyma) इनमें प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोरोफिल पाया जाता है।

Ans. (a): पैरेनकाइमा एक प्रकार का सरल स्थायी ऊतक है जो पौधों में जमीन के ऊतकों का एक बड़ा हिस्सा बनाता है। जहाँ अन्य ऊतक जैसे संवहनी ऊतक एम्बेडेड होते हैं। वे गैर-संवहनी होते हैं। और सरल, जीवित और अविभाजित कोशिकाओं से बने होते हैं। क्लोरेनकाइमा विशिष्ट पैरेनकाइमा है जिसमें क्लोरेनकाइमा वर्णक होते हैं और ऐरेनकाइमा विशेष पैरेनकाइमा होते हैं जिनमें बड़े वायु स्थान होते हैं और इस प्रकार पौधों को तैरने में मदद करते हैं

24. पौधों द्वारा उत्सर्जित होने वाले अपशिष्ट उत्पाद गोंद और राल पौधे के किस भाग में संग्रहित होते हैं?

(a) पत्तियों में

(b) कोशिका की रसधानियों में

(c) पुराने जाइलम में

(d) फलों में

 

Ans. (c) : पौधों द्वारा उत्सर्जित होने वाले अपशिष्ट उत्पाद गोंद, और राल पौधे के पुराने जाइलम में संग्रहित होते हैं। जाइलम (दारू) पादपों में पाया जाने वाला संवहनीय ऊतक है। जाइलम पादपों में जल के संवहन में प्रमुख भूमिका निभाता है।

25. इनमें से कौन सा जाइलम का एक घटक नहीं है?

(a) वाहिका

(b) वाहिनिका

(c) सहचर कोशिका

(d) मृदूतक

Ans. (c) : दिए गए विकल्पों में सहचर कोशिका जाइलम का एक घटक नहीं है। शेष जाइलम के घटक हैं। जाइलम पादप संवहनी ऊतक है जो जड़ों से पानी और घुले हुए खनिजों को पौधों के शेष हिस्सों तक पहुँचाता है और पादपों को यांत्रिक सहायता भी प्रदान करता है।

26. भोजन के संग्रहण के लिए जाइलम की कौन सी कोशिकाएं उत्तरदायी हैं ?

(a) जाइलम तंतु

(b) वाहिनिकी

(c) वाहिका

(d) पैरेनकाइमा

Ans.(d): पौधों में भोजन के संग्रहण के लिए जाइलम की पैरेनकाइमा कोशिकाएं उत्तरदायी होती हैं, जो केवल जीवित कोशिकाओं में स्टार्च और वसा को स्टोर करती है। जबकि जाइलम पौधों को याँत्रिक सहारा देते हैं। ये पौधों की जड़ों द्वारा अवशोषित जल तथा खनिज लवणों को पौधों के विभिन्न भागों तक पहुँचाने का कार्य करता है। इसे जल संवहन ऊतक भी कहते हैं। अन्ततः भूमि का जल परासरण दबाव द्वारा पौधों के मूलरोमों तक पहुँचाता है।

27. पादपों में उत्सर्जन की प्रक्रिया के संबंध में इनमें से कौन सा कथन गलत है ?

(a) अपशिष्ट उत्पाद, पुराने जाइलम में राल (रेज़िन) और गोंद के रूप में संचित हो सकते हैं।

(b) प्रकाश संश्लेषण के अपशिष्ट उत्पाद, स्टार्च के रूप में संचित हो सकते हैं।

(c) अपशिष्ट उत्पाद, कोशिकीय रिक्तिकाओं में संचित हो सकते हैं।

(d) अपशिष्ट उत्पाद, झड़ने वाली पत्तियों में संचित हो सकते हैं।

Ans. (b): पादपों में उत्सर्जन की प्रक्रिया के संबंध में दिये गये कथन में से “प्रकाश संश्लेषण के अपशिष्ट उत्पाद स्टार्च के रूप में संचित हो सकते हैं” यह कथन गलत है, जबकि अन्य कथन पादपों में उत्सर्जन की प्रक्रिया के संबंध में सही है।

28. निम्न में से कौन सा पशु ऊतक प्रकार नहीं है ?

(a) मेरिस्मेटिक ऊतक

(b) त्वचीय ऊतक

(c) पेशी ऊतक

(d) संयोजी ऊतक

Ans. (a) : जंतुओं के शरीर में उपकला ऊतक (त्वचीय), संयोजी ऊतक, पेशी ऊतक आदि पाए जाते है। मेरिस्मेटिक ऊतक पौधों में पाया जाता है। यह पादप ऊतक का एक प्रकार है। पादक ऊतक मुख्यतः दो प्रकार का होता है। (i) विभाज्योतक (ii) स्थायी ऊतक

29. किसी पौधे का कौन सा भाग, पौधे की जड़ों से पौधे के शेष भागों में जल का परिवहन करता है ?

(a) स्थूलकोण ऊतक

(b) फ्लोएम ऊतक

(c) मृदूतक

(d) जाइलम ऊतक

Ans. (d): जाइलम पादपों में पाया जाने वाला ऊतक है। यह एक प्रकार का जटिल स्थाई ऊतक है। जिसका प्रमुख कार्य जड़ों द्वारा शोषित जल को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाता है।

30. पौधे का कौन सा हिस्सा पानी और खनिज के परिवहन को सक्षम करता है ?

(a) तना

(b) जड़ें

(c) जाइलम

(d) डंठल

Ans. (c) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

31. मृदूतक और स्थूल ऊतक ऊतकों के प्रकार हैं।

(a) संवहन

(b) यांत्रिक

(c) सरल स्थायी

(d) तंत्रिका

Ans. (c) : जो स्थायी उत्तक एक ही प्रकार की कोशिकाओं के समूह से मिलकर बना होता है उसे स्थायी सरल ऊतक कहते है। ये तीन प्रकार के होते है। (1) पैरेनकाइमा (मृदूतक) (2) स्कलेरेनकाइमा (दृढ़ ऊतक) (3) कॉलेनकाइमा (स्थूलकोण ऊतक)

32. पादप ऊतकों के संबंध में इनमें से कौन सा कथन गलत है ?

(a) जाइलम, जल और खनिजों का परिवहन करता है।

(b) जाइलम और फ्लोएम, जटिल ऊतक हैं।

(c) फ्लोएम, भोजन को पत्तियों से पौधे के अन्य भागों तक पहुंचाता है।

(d) जाइलम में सामग्री दोनों दिशाओं में स्थानांतरित हो सकती है।

Ans. (d): एक से अधिक कोशिकाओं से मिलकर बने होने के कारण जाइलम और फ्लोएम को जटिल ऊतक कहते हैं। ये दोनों पौधों में पाये जाने वाले संवहन ऊतक हैं। जाइलम जल व खनिजों के संवहन में और फ्लोएम भोजन के सर्वहन में प्रमुख भूमिका निभाता है।

33. ………..ऊतक संवहन पूल बनाते हैं।

(a) जाइलम और स्थूलकोण ऊतक

(b) जाइलम और मृदूतक

(c) जाइलम और फ्लोएम

(d) जाइलम और दृढ़ ऊतक

Ans. (c) कोशिकाओं का वह समूह जिसमें सभी कोशिका (Cell) आकार, आकृति, कार्य, उद्गम की दृष्टि से समान होती है, ऊतक (tissue) कहलाता है। जाइलम और फ्लोएम ऊतक कोशिकाओं का वह समूह है जिसमें एक से अधिक प्रकार की कोशिकाएँ मिलकर संवहन पूल (एक इकाई की तरह) का कार्य करती है।

34. निम्न में से कौन-सा ऊतक युग्म संवहनी बंडल का गठन करता है ?

(a) मृदूतक और स्थूलकोण ऊतक

(b) जाइलम और फ्लोएम

(c) दृढ़ ऊतक और फ्लोएम

(d) दृढ़ ऊतक और जाइलम

Ans. (b) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

35. फ्लोएम के अतिरिक्त निम्नलिखित में से अन्य सभी से मिलकर बना है।

(a) चालनी नलिकाएँ

(b) फ्लोएम वाहिका

(c) सहकोशिका

(d) फ्लोएम तंतु

Ans. (b) : फ्लोएम पौधों में पाया जाने वाला संवहन ऊतक है, दूसरा संवहन ऊतक जाइलम है। फ्लोएम एक जटिल स्थायी ऊतक है यह संवहन बंडल के अन्दर पाया जाता है। इसका निर्माण चार प्रकार के कोशिकाओं से हुआ है-

(1) चालनी नलिकाएं

(3) फ्लोएम मृदुतक

(2) सखि कोशिकाएं

(4) फ्लोएम तन्तु

36. कौन सा स्थायी ऊतक एक पौधे को कठोर और मजबूत बनाता है ?

(a) कोलेनकाइमा

(b) स्क्लेरेनकाइमा

(c) पैरेनकाइमा

(d) ऐरेनकाइमा

Ans. (b) दृढ़ ऊतक (Sclerenchyma) एक साधारण स्थायी ऊतक है। यह ऊतक पौधों को कठोर एवं मजबूत बनाता है।

→ स्थूलकोण ऊतक (Collenchyma) की कोशिकाएं केन्द्रकयुक्त, लम्बी, अण्डाकार या बहुभुजी, जीवित तथा रसधानीयुक्त होती हैं। यह ऊतक पौधों को यांत्रिक सहायता प्रदान करता है।

→ मृदुतक (Parenchyma) एक सरल स्थायी ऊतक है। इस ऊतक की कोशिकाओं में सघन और जीवित प्रोटोप्लाज्म एवं एक केन्द्रक पाया जाता है। यह एपिडर्मिस के रूप में पौधों का संरक्षण करता है।

→ जलीय पौधों में तैरने के लिए गुहिकाएं (Cavities) रहती हैं, जो मृदुतक के बीच में पायी जाती हैं। इस प्रकार के मृदुतक को वायुतक या ऐरेनकाइमा (Aerenchyma) कहा जाता है।

37. निम्नलिखित में से कौन सा पौधों की बाह्य त्वचा का कार्य नहीं हैं ?

(a) पौधों को संरक्षित रखना

(b) रोमों की सहायता से वायु की स्थिर रोधन परत तैयार करना

(c) वाष्पोत्सर्जन को नियंत्रित करना

(d) प्रकाश संश्लेषण करना

Ans : (d) बाह्य त्वचा का प्रमुख कार्य पौधे की शुष्कन (पादप शरीर से जल की हानि) तथा संक्रमण से रक्षा करना है। पत्तियों के बाह्य त्वचा तथा छाल में स्थित स्टोमेटा होते हैं जो गैसों के आदान-प्रदान और वाष्पोत्सर्जन की क्रिया में मदद करते हैं। पौधों में प्रकाश संश्लेषण सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में हरे पत्तियों द्वारा होता है।

38. स्थायी ऊतकों के निर्माण के लिए एक स्थायी संरचना, आकार और क्रिया अपनाने की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है ?

(a) विभेदन

(b) एकीकरण

(c) विरचन

(d) खटीकरण

Ans : (a) स्थायी ऊतकों के निर्माण के लिए एक स्थायी संरचना, आकार और क्रिया अपनाने की प्रक्रिया को विभेदन कहा जाता है। लगातार विभेदन के माध्यम से जीव के शरीर में वृद्धि होती है।

39 . …… की कोशिकाएँ कोनों पर अनियमित रूप से  मोटी होती हैं।

(a) स्थूलकोण ऊतक (कॉलेनकाइमा)

(b) मृदु ऊतक (पैरेनकाइमा)

(c) दृढ़ ऊतक (स्लेरेंकाइमा)

(d) वायूतक (एरेनकाइमा)

Ans : (a) पौधों में लचीलेपन का गुण स्थायी ऊतक, स्थूलकोण ऊतक (Collenchyma tissue) के कारण होता है। यह पौधे के विभिन्न भागों में बिना टूटे हुए लचीलापन लाता है और यांत्रिक सहायता भी प्रदान करता है यह ऊतक एपिडर्मिस के नीचे पर्णवृत में पाया जाता है। इस ऊतक की कोशिकाएँ जीवित, लंबी और अनियमित ढंग से कोनों पर मोटी होती है लेकिन इनके सेलुलोज, हेमीसेलुलोज तथा पैक्टिन जमा होती है, इसलिए इनके कोने मोटे होते हैं। इनमें अतराकोशिकीय स्थान नहीं होता है।

40. पौधों में लचीलापन …… ऊतक के कारण होता है ?

(a) जाइलम

(b) स्केरेन्काइमा

(c) कोलेनकाइमा

(d) फ्लोएम

Ans. (c) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

41. निम्नलिखित में से किन ऊत्तकों में कोशिकाएँ जीवित होती है, लम्बी और कोनों पर अनियमित रूप से स्थूल होती हैं?

(a) पैरेनकाइमा

(b) स्क्लेरेनकाइमा

(c) एरेनकाइमा

(d) कॉलेनकाइमा 

 

Ans : (d) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

42. कोलेन्काइमा ऊतक की कोशिकाएँ ……. से कोनों पर मोटी हो जाती है। 

(a) पेक्टिन और काइटिन

(b) सुबेरिन और सैलूलोज

(c) सेलुलोज और पेक्टिन

(d) लिग्निन और कटिन

Ans. (c) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

43. …. ऊतक में, कोशिकाएँ जीवित, लंबी और कोनों पर अनियमित रूप से मोटी होती हैं –

(a) स्क्लेरेनकाइमा

(b) आइरेनकाइमा

(c) कोलेनकाइमा

(d) पैरेनकाइमा

Ans : (c) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

44. सीव ट्यूब और सह कोशिकाएँ मुख्य रूप से……….के संचरण के लिए उत्तरदायी होती हैं।

(a) पत्ते में पानी

(b) मानव शरीर में भोजन

(c) पौधों में भोजन

(d) पौधों में सूर्य के प्रकाश

Ans. (c) सीव ट्यूब और सह कोशिकाएँ मुख्य रूप से पौधों में भोजन के संचरण के लिए उत्तरदायी होती है। इनके द्वारा पूरे पौधे में कार्बोहाइड्रेट को पहुँचाया जाता है।

45 ……. के जमाव के कारण दृढ ऊतक की कोशिका  भित्तियाँ मोटी होती हैं।

(a) लिग्निन

(b) क्यूटिकल (उपचर्म)

(c) पेक्टिन

(d) सुबेरिन

 

Ans. (a): लिग्निन के जमाव के कारण दृढ ऊतक (स्क्लेरेनकाइमा) की कोशिका भित्ति मोटी होती है, लिग्निन एक प्राकृतिक गहरा पीला बहुलक है। यह पानी और कार्बनिक विलायक में व्यावहारिक रूप से अघुलनशील है। इस वजह से इसके गुण पौधों में कोशिका भित्ति की जल पारगम्यता को कम करते हैं।

46. ….. के कारण स्क्लेरेनकाइमा कोशिकाओं की दीवार मोटी होती हैं।

(a) पेक्टिन

(b) लिग्निन

(c) हेमी-सेलूलोज

(d) सेलूलोज

Ans. (b) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

47. निम्न में से कौन सा विकल्प तने और जड़ों के शीर्ष पर पाया जाता है ?

(a) शीर्ष विभज्योतक

(b) पैरेन्काइमा

(c) स्क्लेरेनकाइमा

(d) पार्श्व विभज्योतक

Ans. (a) शीर्षस्थ विभज्योतक जड़ तथा तनों में अग्र सिरों पर तथा पत्तियों के अग्रो (apices) पर पाये जाते हैं। इन ऊतकों के निरन्तर विभाजित होते रहने से ही जड़ व तने की लम्बाई में वृद्धि करते है अर्थात् ये ऊतक जड़ व तनों के सिरों पर वृद्धि बिन्दु (growing point) का निर्माण करते है।

48. निम्न में से कौन सा सरल स्थायी ऊतक नहीं है?

(a) जीवितक

(b) जाइलम

(c) कोलेनकाइमा

(d) स्क्लेरेनकाइमा

Ans. (b) जाइलम एक जटिल स्थायी ऊतक है, यह एक संवहन ऊतक है जो संवहन बण्डल के अन्दर पाया जाता है। यह ऊतक पौधों में जल के संवहन का कार्य करता है। ध्यातव्य है कि फ्लोएम दूसरा जटिल संवहन ऊतक है जो पौधों की पत्तियों से भोजन को विभिन्न भागों तक पहुँचाने का कार्य करता है।

49. ….. एक जटिल स्थायी ऊतक है। 

(a) फ्लोएम

(b) पैरेनकाइमा

(c) स्क्लेरेनकाइमा

(d) कॉलेनकाइमा

Ans. (a) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

50. निम्नलिखित में से कौन सा एक सरल स्थायी ऊतक नहीं है ?

(a) कॉलेनकाइमा

(b) शीर्षस्थ विभज्योतक

(c) जाइलम

(d) केंबियम

Ans : (c) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

51. सामान्य स्थायी ऊतक नहीं है।

(a) दृढ़ ऊतक (स्क्लेरेनकाइमा)

(b) मृदूतक (पैरेनकाइमा)

(c) स्थूलकोण ऊतक (कोलेनकाइमा)

(d) जाइलम

Ans : (d) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

52. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सरल स्थायी ऊतक नहीं है ?

(a) जाइलम

(b) पैरेनकाइमा

(c) स्क्लेरेनकाइमा

(d) कॉलेनकाइमा

Ans : (a) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

53. निम्नलिखित में से कौन सा ऊतक मुख्य रूप से मृत कोशिकाओं से बना है ?

(a) जाइलम

(b) पैरेन्काइमा

(c) कोलेनकाइमा

(d) एरेनकाइमा

Ans : (a) जाइलम ऊतक मुख्य रूप से मृत कोशिकाओं से बना है। यह एक संवहन ऊतक है। इसका कार्य जड़ों द्वारा अवशोषित जल तथा खनिज लवणों को पौधों के विभिन्न भागों तक पहुंचाना है।

54. पौधों में उस ऊतक का नाम क्या है, जो जड़ों से पौधों के अन्य हिस्सों में पानी और खनिज पहुंचाता है ?

(a) केंबियम

(b) जाइलम

(c) मेरिस्टेमैटिक ऊतक

(d) फ्लोएम

Ans. (b) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

55. पौधे में कौन-सा ऊतक पानी का संवहन करता है ?

(a) क्लोरोफिल

(b) जाइलम

(c) फाइलम

(d) रंध्र

Ans. (b) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

56. इनमें से कौन-सी कोशिकाएँ जड़ों से पौधों के अन्य भागों तक जल का परिचालन करती हैं ?

(a) फ्लोएम

(b) वाहिका

(c) चालन नलिका

(d) जाइलम

Ans : (d) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

57. निम्नलिखित में से कौन पौधों में जल के वहन से संबंधित है ?

(a) वल्कल

(b) जाइलम

(c) वाह्म त्वचा

(d) कैम्बियम

Ans: (b) जाइलम ऊतक पौधों में जल के वहन से संबंधित है। जाइलम ऊतक पौधों के जड़, तना एवं पत्तियों में पाया जाता है। इसे चालन ऊतक भी कहते हैं। यह चार विभिन्न प्रकार के घटकों से बना होता है। ये हैं –

(a) वाहिनिकाएँ – ये जल को तने द्वारा जड़ से पत्ती तक पहुँचाती हैं।

(b) वाहिकाएँ – ये पौधों की जड़ से जल एवं खनिज-लवण को पत्ती तक पहुँचाती हैं।

(c) जाइलम तन्तु – ये मुख्यतः पौधों को यांत्रिक सहारा प्रदान करते हैं।

(d) जाइलम मृदुतक – यह किनारे की ओर पानी के पार्श्वीय संवहन में मदद करता हैं।

58. निम्नलिखित में से कौन से ऊतक का अन्तरकोशिकीय क्षेत्र बड़ा होता है ?

(a) पैरेनकाइमा

(b) कॉलेनकाइमा

(c) स्क्लेरेनकाइमा

(d) जाइलम

Ans. (a) पैरेनकाइमा ऊतकों में सभी कोशायें समव्यासी तथा पतली भित्तियुक्त होती है। मृदुतक कोशिकाएं अण्डाकार, गोल अथवा बहुमुखी होती है तथा कोशिकाओं के बीच में अन्तराकोशिकीय (Inter cellular space) क्षेत्र बड़ा होता है।

59. पौधों के तनों में छल्लों के रूप में पायी जाने वाली आकृति, जो उनकी वृद्धि में सहायक होती है, में निम्न में से कौन से ऊतक पाये जाते हैं ?

(a) लैटरल मेरिस्मेटिक ऊतक

(b) केंबियम

(c) एपिकल मेरिस्मेटिक ऊतक

(d) वर्टिकल मेरिस्मेटिक ऊतक

Ans. (a) पार्श्व विभज्योतक (Lateral meristem) ऊतक पादप में विभिन्न अंगों के अन्दर लेटरल (पार्श्व) स्थिति में पाये जाते है। ये बेलनाकार होते है, इनके कारण पादपों की मोटाई में वृद्धि होती है, जिसे द्वितीयक वृद्धि कहते है।

ये दो प्रकार के होते है।

1. प्राथमिक लैटरल मेरिस्टेमैटिक

2. द्वितीयक लैटरल मेरिस्टेमैटिक

60. निम्नलिखित में से कौन सा ऊतक जड़ों से खाद्य पदार्थों का परिसंचरण करता है ?

(a) ग्राउंड टिश्यू

(b) जाइलम

(c) फ्लोएम

(d) कैम्बियम

Ans. (b) जाइलम जटिल ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बनते है। सभी कोशिकाए मिलकर कोई सामान्य कार्य करती है। जैसे जाइलम, फ्लोएम। जाइलम जल और उसमें घुलें लवणों का संवहन करता है जबकि फ्लोएम पत्तियों द्वारा निर्मित भोज्य पदार्थों का संवहन करता है।

61. ….. ऊतक की कोशिकाएँ अलग-अलग प्रकार के स्थायी ऊतक बनाने के लिए पृथक होती है।

(a) स्थूलकोण ऊतक

(b) मृदूतक

(c) विभज्योतक

(d) दृढ़ ऊतक

Ans. (c) विभज्योतक (meristematic) ऊतक एकमात्र पादप ऊतक है। पौधों में वृद्धि कुछ निश्चित भागों में ही होती है, ऐसा उन भागों में पाये जाने वाले विभज्योतक (Meristematic tissue) के कारण होता है विभज्योतक की कोशिकाएं विभाजित होकर विभिन्न प्रकार के स्थायी ऊतकों का निर्माण करती है।

स्थायी ऊतक तीन प्रकार के होते है –

(1) सरल स्थायी ऊतक

(2) जटिल स्थायी ऊतक

(3) विशिष्ट ऊतक

62. स्थायी ऊतक ….. के अन्तर्गत वर्गीकृत किये जाते हैं-

(a) स्केलेरेनकाइमा

(b) पैरेनकाइमा

(c) कोलेनकाइमा

(d) मेरिस्मेटिक (विभाज्योतक)

Ans. (d) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

63. मेरिस्मेटिक ऊतक एक विशेष भूमिका निभाते है और अपनी विभाजित करने की क्षमता को त्याग देते है और तब …. बनाते है। 

(a) स्थाई उत्तक

(b) सहयोगी तंतु

(c) छलनी नली कोशिका

(d) RBC

Ans : (a) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

64. ….. ऊतक एकमात्र पादप ऊतक है जो कोशिका विभाजन द्वारा नई कोशिकाओं का उत्पादन करता है।

(a) मृदूतक या पैरेनकाइमा

(b) स्थूलकोण ऊतक या कोलेनकाइमा

(c) विभज्योतक या मेरिस्मेटिक

(d) जाइलम

Ans: (c) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

65. रूट टिप या शूट टिप में कौन सा ऊतक पाया जाता है ?

(a) सीव ट्यूब

(b) स्क्लेरेनकाइमा

(c) फ्लोएम ऊतक

(d) विभज्योतक ऊतक

Ans. (d) पौधों की वृद्धि केवल उनके कुछ निश्चित एवं विशेष भागों में ही होती है। ऐसा विभाजित होने वाले ऊतकों के कारण ही होता है, ऐसे विभाजित होने वाले ऊतक पौधों के वृद्धि वाले भागों में ही स्थित होते है। इस प्रकार के ऊतक को ‘विभज्योतक ऊतक’ कहते है।

ये ऊतक तीन प्रकार के होते हैं-

1. शीर्षस्थ विभज्योतक (Apical meristem), तनें व जड़ के शीर्ष पर तथा पत्तियों के अग्रों पर स्थित होता है और उनकी लम्बाई में वृद्धि करता है।

2. पार्वीय विभज्योतक, (Lateral meristem) कैम्बियम तनें व जड़ की परिधि में स्थित होता है और उनकी मोटाई में वृद्धि करता है।

3. अंतर्विष्ट विभज्योतक, (Intercalary meristem) पत्तियों के आधार पर टहनियों के परत के दोनों ओर स्थित होता है तथा इन भागों की वृद्धि करता है।

66. अन्तर्वेशी विभज्योतक (Intercalary menisstem) पाये जाते हैं-

(a) वर्धनीय तनों के ऊपरी हिस्से में

(b) वर्धनीय जड़ों के ऊपरी हिस्से में

(c) पत्तियों के तल में

(d) वर्धनीय पत्तियों के ऊपरी हिस्से में

 

Ans. (c) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

67. …… के कारण जड़ तथा तने के घेरे (girth) में वृद्धि होती है-

(a) पैरेनकाइमा

(b) पार्श्व विभज्योतक

(c) अन्तर्वेशी विभज्योतक

(d) शीर्षस्थ विभज्योतक

Ans : (b) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

68. एक पौधे के तने या जड़ का घेरा किस कारण बढ़ता हैः

(a) लेटरल मेरिस्टेम

(b) इन्टरकेलेरी मेरिस्टेम

(c) एक्सट्रा मेरिस्टेम

(d) एपिकल मेरिस्टेम

Ans : (a) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

69. तने या जड़ का घेरा ….. के कारण बढ़ता है।

(a) कैलरी विभज्योतक

(b) पार्श्व (लेटरल) विभज्योतक

(c) शीर्षस्थ (एपिकल) विभज्योतक

(d) मध्यस्थित (इंटरकैलरी) विभज्योतक

Ans. (b) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

70. अग्रस्थ (शीर्षस्थ) मेरिस्टेम….. के शीर्ष (विकसित होती शिखा) पर पाया जाता है-

(a) तना और जड़ें

(b) शाखा और जड़ें

(c) पत्ता और जड़

(d) जड़

Ans : (a) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

71. पौधों में प्राथमिक वृद्धि इससे होती है :- 

A. लम्बवत् विभज्योतक B. पार्श्व विभज्योतक

C. अंतर्वेशी विभज्योतक D. शीर्ष विभज्योतक

(a) A, B, C और D

(b) C और D

(c) B, C और D

(d) A, B और D

Ans : (b) पौधों में वृद्धि मुख्यतः सक्रिय कोशिका विभाजन वाले विशिष्ट क्षेत्रों तक ही सीमित होती है। इस क्षेत्र को मेरिस्टेम कहते हैं। पौधों में विभिन्न प्रकार के मेरिस्टेम मूल तथा तने के शीर्ष पर होते हैं। ये प्राथमिक ऊतक बनाते हैं। इन्हें शीर्षस्थ मेरिस्टेम कहते है। जब मेरिस्टेम स्थायी ऊतकों के बीच होता है, तब उसे अंतर्वेशी मेरिस्टेम (Intercalary Meristem) कहते हैं- अंतर्वेशी मेरिस्टेम (Intercalary Meristem) और शीर्षस्थ विभज्योतक (Apical Meristem) दोनों ही प्राथमिक वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं।

72. एरियोलर ऊतक अंगों के …..स्थान भरता है ……… अंगों को सहारा देता है और ऊतकों की मरम्मत करता है।

(a) अंदर के आंतरिक

(b) बाहर के बाह्य

(c) बाहर के आंतरिक

(d) अंदर के बाह्य

Ans. (a) एरियोलर ऊतक अंगों के अंदर का स्थान भरता है, आंतरिक अंगों को सहारा देता है और ऊतकों की मरम्मत करता है। एरियोलर ऊतक वास्तविक संयोजी ऊतक के अंतर्गत आते हैं। इन ऊतकों के द्वारा पौधों के कोमल अंगों में दृढ़ता व लचीलापन आ जाता है।

73. निम्न में से कौन से पौधे के ऊतक कोशिका विभाजन में सक्षम हैं ?

(a) पैरेनकाइमा

(b) जाइलम

(c) विभज्योतक

(d) स्क्लेरेनकाइमा

Ans. (c) विभज्योतक ऊतकों में कोशिका विभाजन की क्षमता होती है। ये मुख्यतः पौधों के वर्धी भागों में पाये जाते हैं। इसके अन्तर्गत कोशिकाओं के वे समूह आते हैं जिनमें कोशिकाएँ या तो विभाजित होने वाली हों या विभाजित हो रही हों या उनमें विभाजन की क्षमता होती है। इनमें निरन्तर विभाजन से पौधों में वृद्धि होती है।

74. निम्नलिखित में से किन स्थायी ऊतकों में कोशिकाएँ मृत होती हैं ?

(a) पैरेनकाइमा

(b) कोलेनकाइमा

(c) स्क्लेरेनकाइमा

(d) ऐरेनकाइमा

Ans : (c) स्क्लेरेनकाइमा (दृढ़ ऊतक) एक सरल स्थायी ऊतक है। इसकी कोशाभित्ती कठोर, मोटी तथा लिग्निनयुक्त होती है। इस ऊतक की कोशिकाएं मृत होती हैं क्योकि इनके किनारों पर सेलुलोज, हेमीसेलुलोज तथा लिग्निन का जमाव होता है। ये ऊतक तनें में संवहन बण्डल के समीप, पत्तों की शिराओं में तथा बीजों और फलों के कठोर छिलकों में उपस्थित होता है। उदाहरण-नारियल के छिलके।

75. … ऊतक मृत कोशिकाओं के संयोजन से बना होता है।

(a) पेरेनकाइमा

(b) एरेनकाइमा

(c) स्क्लेरेनकाइमा

(d) कोलेनकाइमा

 

Ans : (c) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

76. नारियल की छाल का निर्माण किस ऊतक द्वारा होता है ?

(a) एरेनकाइमा

(b) कोलेनकाइमा

(c) पैरेनकाइमा

(d) स्क्लेरेनकाइमा

 

Ans : (d) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

77. किस प्रकार का ऊतक, नारियल का भूसी बनाता है ?

(a) कोलेनकाइमस

(b) पैरेन्काइमा

(c) स्क्लेरेनकाइमेटस फाइबर

(d) फ्लोएम पैरेनकाइमा

Ans. (c) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

78 . ….. ऊतक का निर्माण मृत कोशिकाओं के संयोजन से होता है।

(a) स्क्लेरेनकाइमा

(b) एरेनकाइमा

(c) कोलेनकाइमा

(d) पेरेनकाइमा

Ans. (a) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

79. …… की कोशिकाएँ मृत होती है।

(a) वायूतक

(b) दृढ़ ऊतक

(c) स्थूलकोण ऊतक

(d) मृदूतक

Ans : (b) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

80. निम्न में से किस ऊतक में कठोर कोशिका भित्ति पायी जाती है?

(a) एरेनकाइमा

(b) पेरेनकाइमा

(c) स्क्लेरेनकाइमा

(d) कोलेनकाइमा

Ans. (c) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

81. वनस्पति ऊतक का  ….. परिपक्वता पर जीवित प्रोटोप्लाज्मा धारण नहीं करता। 

(a) श्वासनलिका

(b) पृष्ठभागीय ऊतक

(c) दृढ़ ऊतक

(d) स्थूल

Ans. (c) वनस्पति ऊतक का दृढ़ ऊतक परिपक्वता पर जीवित प्रोटोप्लाज्मा धारण नहीं करता।

 

82. साधारण स्थायी ऊतकों के तीन प्रकार हैं-

(a) पैरेनकाइमा, कम्पेनियन सेल और स्क्लेरेनकाइमा

(b) पैरेनकाइमा; कोलेनकाइमा और मेरिस्टेम

(c) पैरेनकाइमा, कोलेनकाइमा और स्क्लेरेनकाइमा

(d) फ्लोएम, कोलेनकाइमा और स्क्लेरेनकाइमा

 

Ans: (c) संरचना के आधार पर स्थायी ऊतक दो प्रकार के होते है-(1) सरल स्थायी ऊतक (2) जटिल स्थायी ऊतक। सरल स्थायी ऊतक समान कोशिकाओं के बने होते हैं इसके प्रकार है- (1) पैरेनकाइमा (मृदूतक) (2) कोलेनकाइमा (स्थूलकोण ऊतक) (3) स्क्लेरेनकाइमा (दृढ़ ऊतक)।

83. किस प्रकार के ऊतक में एकसमान कार्य करने वाली विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं ?

(a) एपिडर्मल ऊतक

(c) मेरिस्टेमैटिक ऊतक

(b) जटिल ऊतक

(d) तंत्रिकीय ऊतक

Ans. (b) एक ही प्रकार के विशेष कार्य करने वाले विभिन्न प्रकार के कोशिकाओं का समूह जटिल ऊतक कहलाता है। जाइलम और फ्लोएम जटिल ऊतक के उदाहरण है।

84. पादप कोशिका भित्ति किससे बनी होती है ?

(a) सेलूलोज और पेक्टिन

(b) केवल पेक्टिन

(c) मुरेन

(d) काइटिन

 

Ans. (a) पादप कोशिका भित्ती सेलूलोज और पेक्टिन की बनी होती है। कोशिका के अध्ययन को साइटोलॉजी (Cytology) कहा जाता है। कोशिका भित्ति केवल पादप कोशिका में पायी जाती है।

85. पौधों में फ्लोएम का कार्य होता है :-

(a) खाद्यों का प्रवाह

(b) तने को सहारा प्रदान करना

(c) खनिजों का संचरण

(d) जल का प्रवाह

Ans : (a) फ्लोएम (Phloem) या बास्ट पौधों की जड़, तना एवं पत्तियों में पाया जाता है। यह पत्तियों द्वारा तैयार भोज्य पदार्थ को पौधों के विभिन्न भागों तक पहुँचाता है। यह एक संचायक ऊतक है। जो पौधों को यांत्रिक संचयन प्रदान करता है।

86. पौधों के सभी भागों में भोजन पहुँचाता है।

(a) पैरेनकाईमा

(b) फ्लोएम

(c) कॉलेनकाईमा

(d) जाइलम

Ans : (b) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

87. पौधों में फ्लोएम …. के परिवहन के लिए उत्तरदायी है। 

(a) भोजन

(b) ऑक्सीजन

(c) पानी

(d) खनिज

Ans. (a) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

88. ….. में पतली कोशिका भित्ति के साथ अपेक्षाकृत अविशिष्ट कोशिकाएं होती हैं।

(a) फ्लोएम

(b) पेरेनकाइमा

(c) स्क्लेरेनकाइमा

(d) कोलेनकाइमा

Ans. (b) : मृदूतक (Parenchyma) एक जीवित सरल, स्थायी ऊतक तथा पतली कोशिका भित्ति होती है, जो सेलुलोज से बनी होती है। इसके जीवद्रव्य में प्रायः एक बड़ी केन्द्रीय रिक्तिका (Central Vacuole) होती है। इसकी कोशिकाएँ प्रायः समव्यासी तथा विभिन्न आकारों की होती है। कोशिकाओं के मध्य अंतः क्रियात्मक अन्तराकोशिकीय (intercellular) स्थान तथा हरितलवक पाये जाते है। ये सामान्यतः जल भोज्य पदार्थ आदि का संचय करती है।

89. ….. में, कोशिकाओं को ढीला पैक किया जाता है ताकि बड़े अंतः क्रियात्मक रिक्त स्थान मिल सके।

(a) मृदूतक

(b) स्क्लेरेनकाइमा

(c) ट्रेकीड

(d) कोलेनकाइमा

Ans. (a) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

90. ….. में पतली कोशिका भित्ती के साथ अपेक्षाकृत गैर-विशिष्ट कोशिकाएं होती हैं।

(a) पैरेनकाइमा

(b) ट्रेकीड्स

(c) स्क्लेरेनकाइमा

(d) कॉलेनकाइमा

Ans : (a) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

 

91. अधिक अंतरकोशीय प्रसार के लिए …. कोशिकायें विरल रूप में संरचित होती हैं। 

(a) फ्लोएम

(b) स्क्लेरेनकाइमा

(c) कोलेनकाइमा

(d) पैरेनकाइमा

Ans. (d) : कोशिकाओं की कुछ परतें ऊतक के आधारीय पैकिंग का निर्माण करती है, जिन्हे पैरेनकाइमा (Perenchyma) ऊतक कहते है, जो कि स्थायी ऊतक (Permanent tissue) का एक प्रकार है। यह पतली कोशिका भित्ति वाली सरल कोशिकाओं का बना होता है। ये कोशिकाएं जीवित होती है। कुछ पैरेनकाइमा ऊतकों में क्लोरोफिल पाया जाता है। जिसके कारण प्रकाश संश्लेषण कि क्रिया होती है। पैरेनकाइमा ऊतक में अधिक अंतरकोशीय प्रसार के लिए उसकी कोशिकायें विरल रूप से संरचित होती है। जलीय पौधों में पैरेन्काइमा की कोशिकाओं के मध्य हवा की बड़ी गुहिकाएं होती है जो पौधों को तैरने के लिए उत्प्लावन बल प्रदान करती है जिसे ऐरेन्काइमा कहते है।

92 …… ऊतक की कोशिकाएँ बहुत सक्रिय होती हैं, इनमें घने कोशिका द्रव्य (साइटोप्लाज्म), पतली कोशिका रस भित्तियाँ, मुख्य नाभिक और कम रिक्तिकाएं होती है।

(a) विभाज्योतक (मेरिस्मेटिक)

(b) स्थूलकोण ऊतक (कोलेन्काइमा)

(c) मृदू ऊतक (पैरेन्काइमा)

(d) दृढ़ ऊतक (स्क्लेरेन्काइमा)

Ans. (a) विभज्योतक ऊतक के अन्तर्गत कोशिकाओं के वे समूह आते है जिनकी कोशिकायें या तो विभाजित होने वाली होती है या विभाजित हो रही होती है या उनमें विभाजन की क्षमता होती है। ये पौधों के वर्धी भागों में पायी जाती है। इसके विशिष्ट लक्षण निम्न हैं-

(1) ये गोल अण्डाकार या बहुभुजाकार होती है।

(2) इसकी कोशिकायें बहुत सक्रिय होती है एवं इनमें घने कोशिकाद्रव्य (साइटोप्लाज्मा), पतली कोशिका रस भित्तियाँ, मुख्य नाभिक और कम रिक्तिकायें होती है।

(3) जीव द्रव्य सघन, केन्द्रक बड़े तथा रसधानी छोटी होती है।

93. निम्न में से कौन सा ऊतक कोशिका विभाजन में सक्षम है ?

(a) स्थूलकोण ऊतक

(b) विभज्योतक ऊतक

(c) मृदूतक

(d) दृढ़ ऊतक

Ans : (b) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

94. विभिन्न प्रकार के स्थायी ऊतकों के निर्माण के लिए ऊतक की कोशिकाओं को अलग किया जाता है।

(a) कोलेनकाइमा

(b) पैरेन्काइमा

(c) स्क्लेरेनकाइमा

(d) मेरिस्मेटिक

Ans : (d) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

95 .  पादप ऊतक मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – 

(a) स्थायी ऊतक, जटिल स्थायी ऊतक

(b) विभज्योतक ऊतक, सरल स्थायी ऊतक

(c) विभज्योतक ऊतक, स्थायी ऊतक

(d) सरल स्थायी ऊतक, जटिल स्थायी ऊतक

 

Ans. (c) कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं पादक ऊतक दो प्रकार के होते है –

(1) विभाज्योतक ऊतक (2) स्थायी ऊतक

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