राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy) - Testnote.in

राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy)

268. समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, विशेषकर अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के शिक्षण एवं आर्थिक हितों का संवर्धन निम्न में से किसके अंतर्गत आता है?

(a) मूल कर्तव्य

(b) पांचवी अनुसूची

(c) राज्य के नीति निर्देशक तत्व

(d) मौलिक अधिकार

Ans. (c) : भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक राज्य के नीति-निदेशक तत्वों का उल्लेख है। जिसका उद्देश्य लोगों के लिए सामाजिक आर्थिक न्याय सुनिश्चित करना तथा भारत को एक कल्याणकारी राज्य के रूप में स्थापित करना है। नीति निर्देशक तत्व को आयरलैण्ड के संविधान से लिया गया है। राज्य के नीति-निदेशक तत्व के अनुच्छेद 46 के अन्तर्गत अनुसुचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा जनता के अन्य दुर्बल वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों तथा सामाजिक न्याय के संवर्धन हेतु प्रावधान है।

269. भारतीय संविधान में कार्य की न्यायसंगत एंव मानवोचित दशाएं तथा प्रसूति सहायता सुनिश्चित करने के उपबंध को के रूप में शामिल किया गया है।

(a) मौलिक अधिकार

(b) राज्य के नीति निदेशक तत्व

(c) संवैधानिक एंव आर्थिक अधिकार

(d) मौलिक कर्तव्य

Ans. (b): भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्वों के अन्तर्गत अनुच्छेद 42 में यह उपबंध किया गया है कि राज्य कार्य की न्यायसंगत एंव मानवोचित दशाएँ तथा प्रसूति सहायता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। यह समाजवादी प्रकृति का एक सिद्धांत है। और भारत को एक कल्याणकारी राज्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से लोगों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण को प्राप्त करने के लिए समर्पित है।

270. राज्य के नीति निदेशक तत्वों का अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि से संबंधित है।

(a) अनुच्छेद 51
(b) अनुच्छेद 41
(c) अनुच्छेद 50
(d) अनुच्छेद 43
 
 
Ans. (a): राज्य के नीति निदेशक तत्वों का अनुच्छेद 51 अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से संबंधित है। यह घोषणा गा करता करता है है कि राज्य अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा स्थापित करने का प्रयास करेगा तथा इसके लिए निम्न प्रयास भी करेगाः राष्ट्रों के साथ न्यायसंगत और सम्मानजनक संबंध बनाए रखना।
 
अंतर्राष्ट्रीय कानून और संधि दायित्वों के लिए सम्मान को बढ़ावा देना।
 
मध्यस्थता द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विवादों के निपटारे को प्रोत्साहित करना।
 

271. भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं के संरक्षण के प्रावधान से संबंधित है?

 
(a) अनुच्छेद 48
(b) अनुच्छेद 43
(c) अनुच्छेद 49
(d) अनुच्छेद 48A
 
Ans. (c): भारतीय संविधान के भाग ‘4’ में अनुच्छेद 36 51 तक नीति निदेशक तत्वों के विषय में विस्तार से दिया गया है। नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 49 में यह उल्लेख किया गया है, कि राज्य राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं के संरक्षण को बढ़ावा देगा।
 

272. राज्य के नीति निदेशक सिद्धान्तों में निहित प्रावधानों को ……. |

 
(a) किसी भी न्यायालय द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है
(b) सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लागू किया जा सकता है
(c) उच्च न्यायालय द्वारा लागू किया जा सकता है
(d) किसी भी न्यायालय द्वारा लागू किया जा सकता है
 
 
Ans. (a): भारतीय संविधान के भाग-IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक राज्य के नीति-निदेशक तत्वों का उल्लेख है। इसे आयरलैण्ड के संविधान से लिया गया है। ये नीति-निदेशक तत्व सरकार को राज्य संचालन के लिए दिये गये मूलभूत निर्देश है, जहाँ मौलिक अधिकार न्यायालय में परिवर्तनीय है, वहीं निदेशक तत्वों का राज्य के शासन संचालन में मूलभूत तत्व होने के बावजूद इसे किसी भी न्यायालय द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है।
 

273. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद का उद्देश्य भारत के संपूर्ण क्षेत्र में नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता सुरक्षित करना है?

 
(a) अनुच्छेद 47
(b) अनुच्छेद 43
(c) अनुच्छेद 44
(d) अनुच्छेद 46
 
Ans. (c): संविधान के भाग 4 के अन्तर्गत नीति-निदेशक तत्वों के अनुच्छेद 44 के तहत राज्य, भारत के समस्त राज्य क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता प्राप्त कराने का प्रयास करेगा।
 

274. भारतीय सविधान का इनमें से कौन सा अनुच्छेद नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता से संबंधित है ?

(a) 42
(b) 45
(c) 44
(d) 43
 
Ans. (c): भारतीय संविधान के भाग-IV में नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद-44 में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता से संबंधित प्रावधान किया गया है। नीति निदेशक तत्वों को आयरलैण्ड के संविधान से लिया गया है।
 

275. सविधान के अनुच्छेद जो राज्य के नीति निदेशक तत्वों में से एक को प्रतिष्ठापित करता है, में यह निर्दिष्ट किया गया है कि राज्य ग्राम पंचायतों का संगठन करने के लिए कदम उठाएगा, और उन्हें ऐसी शक्तियां और प्राधिकार प्रदान करेगा, जो उन्हें स्वायत्त शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने योग्य बनाने के लिए आवश्यक हो।

 
(a) 40
(b) 31
(c) 48
(d) 37
 
Ans. (a): भारतीय संविधान के भाग-IV में राज्य के नीति निदेशक तत्वों का उल्लेख किया गया है। इसके अंतर्गत अनुच्छेद-40 में ग्राम पंचायतों के गठन संबंधी प्रावधान किया गया है।
 

276. भारत के संविधान का कौन सा अनुच्छेद, राज्य के नीति-निर्देशक तत्वों में से एक को निहित करता है जो यह निर्धारित करता है कि ‘राज्य ग्राम पंचायतों को संगठित करने के लिए कदम उठाएगा और उन्हें ऐसी शक्तियां और अधिकार प्रदान करेगा जो उन्हें स्वशासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक हो सकते हैं?

 
(a) अनुच्छेद 32
(b) अनुच्छेद 48
(c) अनुच्छेद 40
(d) अनुच्छेद 37
 
 
Ans. (c): भारत के संविधान का अनुच्छेद 40, यह निर्धारित करता है कि ‘राज्य ग्राम पंचायतों को संगठित करने के लिए कदम उठाएगा और उन्हें ऐसी शक्तियां और अधिकार प्रदान करेगा जो उन्हें स्वशासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने योग्य बनाने के लिए आवश्यक हो।
 

277. राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का उल्लेख भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से किस भाग में किया गया है ?

(a) भाग 4
(b) भाग 6
(c) भाग 3
(d) भाग 5
 
Ans. (a): राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का उल्लेख संविधान के भाग IV के अनुच्छेद 36 से 51 तक में किया गया है। संविधान निर्माताओं ने यह विचार 1937 में निर्मित आयरलैंड के संविधान से लिया था। डॉ. भीम राव अम्बेडकर ने इन तत्वों का ‘अनोखी विशेषता’ वाला बताया है। मैनविल ऑस्टिन ने नीति निदेशक तत्व और मौलिक अधिकारों को ‘संविधान की मूल आत्मा’ कहा है।
 

278. डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा भारतीय संविधान के किस भाग को संविधान की अनोखी विशेषता भी कहा जाता है ?

(a) संशोधन प्रक्रियाए
(b) मौलिक कर्तव्यों
(c) राज्य नीति के निदेशक सिद्धांत
(d) मौलिक अधिकार
 
Ans: (c) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
 

279. भारतीय संविधान का चौथा अध्याय किससे संबंधित है ?

(a) मानवाधिकार
(b) संघीय न्यायपालिका
(c) संसद
(d) राज्य के नीति निदेशक तत्व
 
 
Ans : (d) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
 

280. भारत सरकार द्वारा अधिगृहित निम्न में से कौन सी नीति ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ द्वारा निर्देशित नहीं है ?

 
(a) ग्राम पंचायतों का संवर्धन
(b) भवन निर्माण संबंधी उपनियमों की तैयारी
(c) समान नागरिक संहिता
(d) मादक पेय के सेवन का प्रतिषेध
 
 
Ans. (b): दिये गये विकल्पों में से ‘भवन निर्माण संबंधी उपनियमों की तैयारी’ राज्य के नीति निदेशक तत्व द्वारा निर्देशित नहीं है। जबकी ग्राम पंचायतों का संवर्धन, (अनु. 40) समान नागरिक संहिता (अनु-44) एवं मादक पेय के सेवन का प्रतिषेध (अनु-47) राज्य के नीति निदेशक तत्व में निर्देशित हैं। राज्य के नीति निदेशक तत्वों का उल्लेख संविधान के भाग चार के अनुच्छेद 36 से 51 तक में वर्णित है। संविधान निर्माताओं ने यह विचार 1937 में निर्मित आयरलैंड के संविधान से लिया है।
 

281. भारतीय संविधान की किस धारा के अंतर्गत राज्यों के अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा संबंधी दायित्व का उल्लेख किया गया है?

 
(a) राज्य के नीति निर्देशक तत्व
(b) मौलिक अधिकार
(c) मौलिक कर्तव्य
(d) प्रस्तावना
 
 
Ans. (a): भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्वों को आयरलैण्ड के संविधान से लिया गया। इनका उल्लेख भारतीय संविधान के भाग-4 में अनुच्छेद 36-51 तक किया गया है। नीति निदेशक तत्व के अनुच्छेद 51 में अन्तर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा संबंधी दायित्वों का उल्लेख किया गया है।
 
मौलिक अधिकारों को संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के अधिकार पत्र (Bill of Rights) से लिया गया है।
 
मौलिक कर्तव्य मूल संविधान का भाग नहीं था। इसे सरदार स्वर्ण सिंह समिति (1976) की सिफारिश पर 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा संविधान में जोड़ा गया। मौलिक कर्तव्य पूर्व सोवियत संघ के संविधान से ग्रहण किया गया है। वर्तमान में इनकी संख्या 11 है।
 
भारतीय संविधान की प्रस्तावना जवाहर लाल नेहरू द्वारा बनाए गए ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ पर आधारित हैं। प्रस्तावना को सर्वप्रथम अमेरिकी संविधान में शामिल किया गया था।
 

282. भारत के संविधान के …….. में समान नागरिक संहिता के प्रावधानों का उल्लेख किया गया है-

 
(a) भाग VI
(b) भाग IV
(c) भाग X
(d) भाग III
 
 
Ans: (b) भारतीय संविधान के भाग IV में नीति निदेशक सिद्धान्तों के तहत अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता समान सिविल/संहिता का वर्णन किया गया है। समान नागरिक संहिता अथवा समान आचार संहिता का अर्थ एक धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) कानून होता है। दूसरे शब्दों में अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग सिविल कानून न होना ही ‘समान नागरिक संहिता’ की मूल भावना है। हालाँकि इस तरह का कानून अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है। गोवा एक मात्र ऐसा राज्य है जहाँ यह लागू है।
 

283. समान सिविल संहिता का वर्णन संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है ?

(a) 41
(b) 42
(c) 43
(d) 44
 
Ans : (d) उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
 

284. भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से किस भाग में कार्यपालिका को न्यायपालिका से अलग किया गया है ?

(a) मौलिक अधिकार
(b) प्रस्तावना
(c) राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत
(d) सातवीं अनुसूची
 
Ans. (c) भारतीय संविधान के भाग IV के अनु. 50 में कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण किया गया है।
 

285. ‘राज्य की नीतियों के निर्देशित सिद्धान्तों” के बारे में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सच नहीं है ?

 
(a) नीतियाँ बनाने और कानून अभिनीत करते हुए राज्य को ध्यान में रखने वाले आदर्शों को दर्शाता है।
(b) वे समुदाय के कल्याण को बढ़ावा देते हैं और इसलिए सामाजिक और समाजवादी है।
(c) ये उल्लंघन के लिए अदालतों द्वारा कानूनी तौर पर प्रवर्तनीय नहीं है।
(d) ये अपने आप प्रवर्तनीय होते हैं और इन्हें कार्यान्वयन करने के लिए किसी भी कानून की आवश्यकता नहीं होती है
 
 
Ans : (d) भारतीय संविधान के भाग-4 के अनुच्छेद 36 से अनुच्छेद 51 तक राज्य के नीति निदेशक तत्व शामिल किये गये है। अनुच्छेद 37 के अनुसार ये तत्व किसी न्यायालय में लागू नही करवाये जा सकते। यह तत्व वैधानिक न होकर राजनैतिक स्वरुप रखते है। ये मात्र राज्य के लिए ऐसे सामान्य निर्देश है। जिसके अनुसार राज्य कुछ ऐसे कार्य करे जो राज्य की जनता के लिए लाभदायक हो। इन नीतियो का पालन कार्यपालिका की नीति तथा विधायिका की विधियों से हो सकता है।
 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top