RPSC Second Grade 2025 Hindi Answer Key
1. हिन्दी भाषा के उद्भव से असंबद्ध अपभ्रंश किस विकल्प में है ?
(1) अर्द्धमागधी
(2) मागधी
(3) शौरसेनी
(4) महाराष्ट्री
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
2. निम्नलिखित में से प्रख्यात ‘ललित निबन्धकार’ नहीं हैं :
(1) कुबेरनाथ राय
(2) रामचन्द्र शुक्ल
(3) विद्यानिवास मिश्र
(4) धर्मवीर भारती
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
3. निम्नलिखित में से मनोवैज्ञानिक उपन्यास नहीं है :
(1) गोदान
(2) नदी के द्वीप
(3) शेखर : एक जीवनी
(4) वह जो मैंने देखा
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
4. सचेतन कहानी से जुड़े कहानीकारों में सम्मिलित नहीं हैं
(1) मधुकर सिंह
(2) दामोदर सदन
(3) डॉ. महीप सिंह
(4) कमल जोशी
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
5. पूर्वी हिन्दी का विकास किस अपभ्रंश से हुआ है ?
(1) अर्धमागधी
(2) ब्राचड़
(3) शौरसेनी
(4) पैशाची
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
6. निम्नलिखित में से किसे देवनागरी लिपि का दोष माना जाता है ?
(1) इस लिपि के लेखन और मुद्रण के अक्षर एकरूप हैं।
(2) संयुक्त अक्षरों को लिखने की कई पद्धतियाँ हैं।
(3) एक वर्ण से एक ध्वनि संकेतित होती है।
(4) देवनागरी की वर्णमाला का वर्णक्रम वैज्ञानिक है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
7. पश्चिमी राजस्थानी को एक अन्य नाम से भी जाना जाता है, वह है –
(1) ढूंढाणी
(2) मालवी
(3) मारवाड़ी
(4) मेवाती
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
8. देवनागरी लिपि का विकास किस प्राचीन लिपि से हुआ है ?
(1) शारदा लिपि
(2) महाजनी लिपि
(3) खरोष्ठी लिपि
(4) ब्राह्मी लिपि
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
9. ‘जलचर थलचर नभचर नाना। जे जड़ चेतन जीव जहाना ।।’
बालकाण्ड की इस चौपाई में प्रयुक्त ‘जहाना’ शब्द का अर्थ है
(1) जगत्
(2) ईश्वर
(3) जानना
(4) मनुष्य
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
10. ‘लेखणि करूँ करंक की, लिखि लिखि राम पठाउँ ।’ कबीर की साखी के इस अंश में प्रयुक्त ‘करंक’ शब्द से क्या अभिप्राय है ?
(1) कलंक
(2) नाखून
(3) स्याही
(4) हड्डी
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
11. ‘हँसै न बोलै उनमनी, चंचल मेल्ह्या मारि ।’ कबीर की इस पंक्ति में प्रयुक्त ‘उनमनी’ शब्द प्रयोग निम्नलिखित में से किस दशा के लिए हुआ है ?
(1) संगीत में एक प्रकार के राग के लिए
(2) साहित्य में श्रृंगारिक वर्णन के लिए
(3) तंत्र-मंत्र की विद्या के लिए
(4) योग की एक विशिष्ट दशा के लिए
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
12. ‘दुन्यूं बूड़े धार मैं, चढ़ि पाथर की नाव’ कबीर की प्रस्तुत साखी के अंश में ‘दुन्यूं’ शब्द से आशय है
(1) शत्रु-मित्र
(2) पति-पत्नी
(3) गुरु-शिष्य
(4) आत्मा-परमात्मा
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
13. “बोले कृपासिंधु बृषकेतू। कहहू अमर आए केहि हेतू ।।” उपर्युक्त पंक्ति में ‘बृषकेतू’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?
(1) भगवान राम
(2) कामदेव
(3) भगवान शिव
(4) गुरु विश्वामित्र
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
14. ‘नाथ कृपाँ अब गयउ विषादा ।
सुखी भयउँ प्रभुचरन प्रसादा ।।’
उपर्युक्त पंक्ति में किसका विषाद नष्ट होने की बात कही गई है ?
(1) राजकुमारी सीता का
(2) माता कौसल्या का
(3) महाराज जनक का
(4) माता पार्वती का
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
15. ‘सुजन समाज सकल गुन खानी । करउँ प्रनाम सप्रेम सुबानी ।।’
बालकाण्ड की इन पंक्तियों में तुलसीदास किन्हें प्रणाम कर रहे हैं?
(1) संत समाज को
(2) तीर्थराज को
(3) देवताओं को
(4) राजाओं को
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
16. ‘हरि मोरे जीवन प्रान अधार और आसिरो नाहीं तुम बिन, तीनूँ लोक मँझार ।’
उपर्युक्त पद में मीरा का अपने आराध्य के प्रति व्यक्त भाव है
(1) विनय
(2) उपालम्भ
(3) उत्साह
(4) हर्ष
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
17. “तू काकी है करत प्रसंसा, कौने घोष पठायो ?” सूरदास की उपर्युक्त पंक्ति में ‘घोष’ शब्द का क्या अर्थ है ?
(1) उद्धव
(2) अक्रूर
(3) ध्वनि विशेष
(4) अहीरों की बस्ती
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
18. ‘तबहिं उपँगसुत आय गए ।’ ‘भ्रमरगीत सार’ के पद की इस पंक्ति में ‘उपँगसुत’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?
(1) श्रीदामा के लिए
(2) भौरे के लिए
(3) श्रीकृष्ण के लिए
(4) उद्धव के लिए
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
19. पुष्टिमार्गी भक्ति में ‘पुष्टि’ से क्या आशय है ?
(1) भगवद् अनुग्रह
(2) साक्षात्कार
(3) विराग
(4) अनुराग
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
20. ‘जुवति जोन्ह मैं मिलि गई’ बिहारी रत्नाकर के दोहे के इस अंश में प्रयुक्त ‘जोन्ह’ शब्द का सही अर्थ है
(1) रत्न
(2) चाँदनी
(3) चमत्कार
(4) छवि
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
21. “तज्यौ मनौ तारन-बिरदु बारक बारनु तारि ।।” बिहारी के इस दोहे में आये ‘बारनु’ शब्द का अर्थ है-
(1) वार या दिवस
(2) अश्व
(3) हाथी
(4) एक बार
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
22. परशुराम चतुर्वेदी के अनुसार ‘मीराँ’ के काव्य में प्रयुक्त भाषा के चार स्तरों में सम्मिलित नहीं है
(1) पंजाबी
(2) कौरवी
(3) राजस्थानी
(4) गुजराती
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
23. ‘आली रे मेरे नैणाँ बाण पड़ी।’ मीरा की इस पंक्ति में प्रयुक्त ‘बाण’ शब्द का अर्थ है
(1) हिलोर
(2) आँसू
(3) आदत
(4) छवि
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
24. “पिय-विद्युरन कौ दुसहु दुखु, हरषु जात प्यौसार ।” बिहारी की उपर्युक्त पंक्ति में ‘प्यौसार’ से आशय है
(1) श्रृंगार
(2) लौटकर आना
(3) पिय मिलन
(4) पिता का घर
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
25. ‘हाथी हाथळ आहणै, नाहर जिण-रो नाम ।’ उपर्युक्त पंक्ति में रचनाकार ने किसे सिंह कहा है ?
(1) जिसके हाथ हाथी जैसे हो ।
(2) जो हाथी को हथेली की थाप से ही मार डाले ।
(3) जो हाथी की सवारी करे ।
(4) जो अपने हाथों से हाथी को लाए ।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
26. “वयणसगाई वालियां पेखीजै रस-पोस । वीर-हुतासण-वोल-में दीसै हेक न दोस ।।” उपर्युक्त दोहे में यहाँ ‘वयणसगाई’ से क्या तात्पर्य है ?
(1) एक प्रकार का रीति-रिवाज
(2) सुन्दर एवं युवा स्त्रियाँ
(3) अनुप्रास के समान एक अलंकार
(4) सोलह संस्कारों में से एक संस्कार
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
27. पग पाछा, छाती धड़क, काळो-पीळो दीह नैण मिचै साम्हो सुणे, कवण हकाळे सींह ? वीर सतसई के इस छंद में वर्णन का विषय है
(1) दीर्घाकार साहसी सिंह का
(2) सेवक और योद्धाओं का
(3) काले-पीले बादलों का
(4) रंग महल के गाने-बजाने वालों का
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
28. “तत्त्व वह करगत हुआ या उड़ गया?” कथन निम्न में से किसका है ?
(1) भीष्म पितामह का
(2) भीम का
(3) युधिष्ठिर का
(4) दुर्योधन का
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
29. ‘ओ युधिष्ठिर, सिन्धु के हम पार हैं; तुम चिढ़ाने के लिए जो कुछ कहो, किन्तु, कोई बात हम सुनते नहीं ।’ ‘कुरुक्षेत्र’ काव्य में ये पंक्तियाँ किसके द्वारा कही गई हैं ?
(1) अश्वत्थामा के द्वारा
(2) शकुनी के द्वारा
(3) सुयोधन के द्वारा
(4) कर्ण के द्वारा
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
30. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कृति ‘कुरुक्षेत्र’ में ‘पविकाय पाण्डव’ किसे कहा गया है ?
(1) भीम को
(2) कर्ण को
(3) अर्जुन को
(4) युधिष्ठिर को
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
31. शुक्ल जी के ‘उत्साह’ निबन्ध के अनुसार ‘उत्साह’ में किन दो भावों का योग होता है ?
(1) व्यक्ति और वस्तु
(2) तत्परता और प्रसन्नता
(3) साहस और आनन्द
(4) कर्म और फल
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
32. ‘क्या कहूँ, क्या हूँ मैं उद्भांत ? विवर में नील गगन के आज ।’ ‘कामायनी’ की इन पंक्तियों में ‘उद्धांत’ कौन है ?
(1) मनु
(2) इड़ा
(3) श्रद्धा
(4) पक्षी
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
33. “डरो मत अरे अमृत संतान अग्रसर है मंगलमय वृद्धिः पूर्ण आकर्षण जीवन केन्द्र खिंची आवेगी सकल समृद्धि ।” ‘कामायनी’ में उपर्युक्त कथन किसका है ?
(1) श्रद्धा
(2) लज्जा
(3) इड़ा
(4) मनु
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
34. ‘यही दुःख-सुख विकास का सत्य यही भूमा का मधुमय दान ।’ ‘कामायनी’ की इन पंक्तियों में ‘भूमा’ किसे कहा गया है ?
(1) श्रद्धा
(2) लज्जा
(3) इड़ा
(4) विराट शक्ति
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
35. “मुझसे पूछना चाहते हो ? परन्तु जो व्यक्ति तुम्हारे किसी भी प्रश्न का उत्तर दे सकता है, वह मैं नहीं हूँ। उत्तर किसी भी प्रश्न का तुम्हें केवल एक ही व्यक्ति से मिल सकता है”
‘लहरों के राजहंस’ नाटक में यह कथन किसका है ?
(1) नन्द
(2) श्वेतांग
(3) भिक्षु आनन्द
(4) श्यामांग
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
36. ‘लोभ और प्रीति’ निबंध के अनुसार, स्वायत्त रखने की इच्छा प्रायः किससे संबद्ध रहती है ?
(1) केवल बने रहने देने की इच्छा से
(2) प्राप्ति या सान्निध्य की इच्छा से
(3) अधिकार में रखने की इच्छा से
(4) अनन्य उपयोग या उपभोग की वासना से
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
37. आचार्य शुक्ल के निबंध ‘श्रद्धा और भक्ति’ में वर्णित है कि “श्रद्धा का व्यापार स्थल विस्तृत है, प्रेम का रिक्त स्थान हेतु उपयुक्त शब्द है “ו
(1) भक्ति
(2) एकान्त
(3) धर्म
(4) कर्म
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
38. मोहन राकेश के अनुसार ‘लहरों के राजहंस’ नाटक अपने पहले रूप में किस विधा में लिखा गया था ?
(1) गीति नाट्य
(2) उपन्यास
(3) कहानी
(4) रेडियो नाटक
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
39. ‘लहरों के राजहंस’ नाटक का आधार-ग्रंथ है
(1) भास का प्रतिमानाटक
(2) अश्वघोष का बुद्धचरितम्
(3) बाणभट्ट का हर्षचरित
(4) अश्वघोष का सौन्दरनन्द
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
40. “युद्ध ही योद्धा की महान् लिप्सा होती है, रिपु का यह मर्दन और उसके रक्त से नित्य नूतन तर्पण ही उसके राज्य और हृदय के लिए श्रेष्ठ वरदान सिद्ध होता है।”
‘खून का टीका’ उपन्यास में इस कथन के ‘वक्ता’ और ‘श्रोता’ कौन हैं?
वक्ता | श्रोता |
(1) लाखा | – अरसी |
(2) चारण अमरदान | – हम्मीर |
(3) अनंगसिंह | – हम्मीर |
(4) वरवड़ी | -हम्मीर |
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
41. ‘एक धावा हो जाए तो गर्मी आ जाए’, ‘उसने कहा था’ कहानी में यह कथन किसका है ?
(1) कीरतसिंह
(2) बोधासिंह
(3) वजीरासिंह
(4) लहनासिंह
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
42. ‘कोस-कोस पर पानी बदले, दस कोस पर वाणी’ कहावत अशुद्ध उच्चारण के किस प्रमुख कारण से संबंधित है ?
(1) शारीरिक विकार
(2) उच्चारण के सामान्य सिद्धान्तों की जानकारी का अभाव
(3) स्थानीय बोलियों का प्रभाव
(4) शिक्षा पद्धति में दोष
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
43. “अब उस राज्य के सौभाग्य की क्या सीमा ! आठ प्रहर बत्तीस घड़ी फ़कत प्रकाश ही प्रकाश जगमगाएगा” – ‘ उजाले के मुसाहिब ‘ कहानी में यह कथन किसका है ?
(1) चकवा का
(2) चकवी का
(3) राजा का
(4) दीवान का
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
44. “अब मजूरी करके मालगुजारी भरनी पड़ेगी ।” ‘पूस की रात’ कहानी में उपर्युक्त कथन किसका है ?.
(1) मुन्नी
(2) सहना
(3) महाजन
(4) हल्कू
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
45. निम्नलिखित में से कौन सा श्रवण का एक प्रकार नहीं है ?
(1) विश्लेषणात्मक श्रवण
(2) आत्म-केंद्रिता श्रवण
(3) अवधानात्मक श्रवण
(4) रसात्मक श्रवण
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
46. वर्तनी की अशुद्धि का व्यावहारिक कारण है
(1) अभ्यास का अभाव
(2) संयुक्ताक्षरों का प्रयोग
(3) उच्चारण का वैषम्य
(4) लिपि का ज्ञान न होना
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
47. सस्वर वाचन के दो रूप हैं
(1) द्रुत वाचन एवं गम्भीर वाचन
(2) अध्ययन एवं विहंगावलोकन वाचन
(3) सामूहिक वाचन एवं मौन वाचन
(4) व्यक्तिगत वाचन एवं सामूहिक वाचन
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
48. मौन वाचनाभ्यास का उद्देश्य है
(1) छात्रों में कम समय में अधिक पढ़ने तथा हृदयगंम करने की क्षमता का विकास होता है।
(2) शुद्ध एवं स्पष्ट उच्चारण
(3) निःसंकोच एवं आत्म-विश्वास के साथ बोलना ।
(4) उचित गति का अनुसरण जिससे वाणी सुश्रव्य एवं बोधगम्य बनी रहे।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
49. मौखिक अभिव्यक्ति के निम्नलिखित रूपों को उनके उदाहरणों के साथ सुमेलित कीजिए :
मौखिक अभिव्यक्ति के रूप | उदाहरण |
(अ) औपचारिक | (i) समाचार |
(ब) विवरण | (ii) घटना |
(स) चित्रण
|
(iii) आत्मकथा |
(द) इतिवृत्त | (iv) प्रार्थनापत्र |
सही कूट का चयन कीजिए :
(अ) (ब) (स) (द)
(1) (ii) (iv) (i) (iii)
(2) (iii) (i) (ii) (iv)
(3) (iv) (ii) (iii) (i)
(4) (i) (iii) (iv) (ii)
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
50. यदि एक हिन्दी शिक्षक द्वारा विद्यार्थियों को गृहकार्य में किसी यात्रा का वृत्तान्त लिखने के लिए दिया जाए, तो विद्यार्थी किस प्रकार की लिखित रचना करेंगे ?
(1) निर्दिष्ट रचना
(2) मुक्त अथवा स्वतंत्र रचना
(3) निर्देशित रचना
(4) प्रतिबंधित रचना
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
51. व्याकरण शिक्षण हेतु प्रयोग में लाई जाने वाली वह कौन सी विधि है, जिसमें निम्नलिखित क्रम का अनुसरण किया जाता है ?
उदाहरण → विश्लेषण → सामान्यीकरण → परीक्षण
(1) भाषा संसर्ग विधि
(2) आगमन विधि
(3) समवाय विधि
(4) निगमन विधि
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
52. हर्बर्ट की पंचपदीय पद्धति में तीसरा पद है
(1) प्रस्तुतीकरण
(2) तुलना
(3) प्रस्तावना
(4) नियमीकरण
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
53. निम्नलिखित में से कौन सी गद्य शिक्षण की विधि नहीं है ?
(1) विश्लेषण विधि
(2) खण्डान्वय विधि
(3) अर्थबोध विधि
(4) व्याख्या विधि
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
54. चित्रात्मकता, नाद तथा भाव का आनन्द किसके रूप हैं ?
(1) रचना शिक्षण
(2) व्याकरण शिक्षण
(3) गद्य शिक्षण
(4) पद्य शिक्षण
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
55. लिखित रचनाओं के अंतर्गत ‘मित्र के नाम पत्र’ किस श्रेणी के अंतर्गत सम्मिलित किया जाएगा ?
(1) व्यावसायिक
(4) कार्यालयी
(3) व्यक्तिगत
(2) औपचारिक
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
56. कहानी शिक्षण का मुख्य गुण है
(1) मनोरंजनात्मक
(2) भाषा का शुद्ध ज्ञान
(3) सौन्दर्यानुभूति
(4) अर्थबोध
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
57. अभिनय की अपेक्षा नाटक के शास्त्रीय पक्ष के आधार पर विवेचना की जाती है
(1) कक्षाभिनय प्रणाली में
(2) रंगमंच प्रणाली में
(3) व्याख्या प्रणाली में
(4) आदर्श नाट्य प्रणाली में
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
58. निम्नलिखित में से कौन सा कथन निदानात्मक परीक्षणों के संबंध में सही नहीं है ?
(1) ये विद्यार्थियों की मानसिक प्रक्रिया के स्वरूप को वर्णित करते हैं।
(2) इन परीक्षणों की एक निश्चित सीमा होती है।
(3) ये विद्यार्थियों की कठिनाइयों एवं समस्याओं से परिचित कराते हैं।
(4) ये विद्यार्थियों को अध्ययनशील एवं क्रियाशील होने की प्रेरणा देते हैं।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
59. अभिकथन (A) उपचारात्मक शिक्षण एक निरंतर विकासशील प्रक्रिया है।
कारण (R) – शैक्षिक निदान के पश्चात् उपचार और उस उपचार की प्रभाविकता की जाँच के लिए पुनः परीक्षण किया जाता है।
(1) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
(2) (R) सही है, परन्तु (A) गलत है।
(3) (A) एवं (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(4) (A) एवं (R) दोनों सही हैं, परन्तु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
[3]
60. निम्नलिखित में से कौन सा हिन्दी शिक्षण में चित्रों का उपयोग नहीं है?
(1) मुख्य बिंदुओं को स्पष्ट करने हेतु
(2) योजना की रूपरेखा लिखने हेतु
(3) नवीन पाठ की प्रस्तावना निकालने हेतु
(4) पाठ को विकसित करने हेतु
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
61. विद्यार्थी को स्वयं अपने नेत्रों से देखकर ज्ञान एवं अनुभव प्राप्त करने में सहायक अनुदेशनात्मक दृश्य सामग्री या साधन है
(1) ग्रामोफोन, मानचित्र एवं चित्र
(2) प्रतिरूप, रेखाचित्र एवं चित्र
(3) वास्तविक पदार्थ, रेडियो एवं नाटक
(4) नाटक, चलचित्र एवं चित्र
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
62. सतत् एवं समग्र मूल्यांकन के अंतर्गत निम्नलिखित में से कौन सी रचनात्मक मूल्यांकन की विशेषता नहीं है ?
(1) शैक्षणिक उत्पाद की सफलता की सीमा का मूल्यांकन
(2) शैक्षिक कार्यक्रम के विकास की प्रक्रिया से संबंध
(3) कार्यक्रम उत्पादन की सातत्यता
(4) पृष्ठपोषण द्वारा पुनरीक्षण, संवर्धन तथा सुधार
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
63. मूल्यांकन हेतु वस्तुनिष्ठ प्रश्न का गुण है
(1) प्रामाणिकता एवं वैधता
(2) विचार संगठन संभव
(3) अभिव्यक्ति योग्यता का मूल्यांकन
(4) प्रश्न निर्माण में सरलता
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
64. ‘द्’ वर्ण सम्बन्धी सही कथन है
(1) उत्क्षिप्त, मूर्धन्य, सघोष, महाप्राण
(2) उत्क्षिप्त, मूर्धन्य, अघोष, महाप्राण
(3) उत्क्षिप्त, मूर्धन्य, अघोष, अल्पप्राण
(4) मूर्धन्य, स्पर्श, अघोष, महाप्राण
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
65. उच्चारण-स्थल की दृष्टि से इ, उ, ऋ वर्ण का सही क्रम है-
(1) मूर्द्धन्य, ओष्ठ्य, तालव्य
(2) तालव्य, मूर्द्धन्य, ओष्ठ्य
(3) तालव्य, ओष्ठ्य, मूर्द्धन्य
(4) ओष्ठ्य, तालव्य, मूर्द्धन्य
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
66. निम्नलिखित में गलत विवरण है :
(1) वर्गीय पंचम व्यंजन (ड्, ञ, ण, न्, म्) अनुनासिक अल्पप्राण हैं।
(2) सभी वर्गों के द्वितीय – चतुर्थ वर्ण महाप्राण हैं।
(3) उच्चारण के अनुसार स्वरों के दो भेद हैं सानुनासिक और निरनुनासिक।
(4) कुछ स्वर अल्पप्राण और कुछ महाप्राण हैं।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
67. य् वर्ण के सम्बन्ध में असंगत है
(1) अल्पप्राण
(2) अन्तस्थ
(3) तालव्य
(4) अघोष
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
68. किस विकल्प में सभी शब्द विदेशी मूल के हैं ?
(1) जिला, अचार, सेठ
(2) कालीन, प्याला, हीरा
(3) नमक, मतलब, हाट
(4) आसमान, दरवाजा, दुनिया
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
69. निम्नलिखित में से तत्सम शब्द नहीं है :
(1) मेघ
(2) कंचन
(3) आराम
(4) कुमार
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
70. तत्सम > तद्भव का कौन सा युग्म गलत है ?
(1) हस्त > हाथी
(2) वंश > बाँस
(3) शूकर > सूअर
(4) श्रृंग > सींग
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
71. निम्नलिखित में से से किस विकल्प के सभी शब्द तद्भव हैं ?
(1) कपास, कपूर, गोखरू
(2) गोपाल, घट, हरदी
(3) चंचु, तिक्त, नकुल
(4) नक्षत्र, पंथी, पक्ष
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
72. संज्ञा शब्दों के संबंध में असंगत कथन है
(1) संज्ञा शब्दों में केवल दो ही कारणों लिंग और वचन से विकार होता है, अन्य किसी कारण से नहीं होता
(2) भाववाचक संज्ञाएँ क्रिया, विशेषण आदि शब्दों से बनाई जाती हैं।
(3) व्यक्तिवाचक संज्ञा अनेक बार जातिवाचक संज्ञा के रूप में परिवर्तित होती है।
(4) कई बार जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में होता है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
73. प्रेरणार्थक क्रियाओं के विषय में असंगत कथन है
(1) ये क्रियाएँ सकर्मक होती हैं।
(2) मूल धातु में ‘आ’ और ‘वा’ लगाकर ये क्रियाएँ बनाई जाती हैं।
(3) ये आत्मप्रेरणा से की जाती हैं।
(4) इनके दो भेद होते हैं।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
74. किस वाक्य में संबंधसूचक अव्यय का प्रयोग नहीं हुआ है ?
(1) नौकर यहाँ रहता है।
(2) उसे फिल्म देखने की अपेक्षा घूमना पसंद है।
(3) यह काम स्कूल जाने से पहले करना चाहिए ।
(4) परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
75. किस वाक्य में संप्रदान कारक है?
(1) मालिक ने नौकर को निकाल दिया।
(2) लड़का किसी को देखता है।
(3) ईश्वर ने सुनने को दो कान दिए हैं।
(4) हमने शेर को देखा है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
76. किस वाक्य में रीतिवाचक क्रिया विशेषण का प्रयोग हुआ है ?
(1) दर्शनार्थी एक-एक करके मंदिर में प्रवेश कर रहे थे।
(2) लोग गुरु जी का प्रवचन ध्यानपूर्वक सुन रहे थे।
(3) मजदूर दिनभर काम करते हैं।
(4) वह इतना चला कि थक गया।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
77. निम्नलिखित में से किस विकल्प के सभी शब्द स्त्रीलिंग हैं?
(1) पीतल, संघ, भीड़
(2) चावल, मोती, आँख
(3) सरकार, दौड़, अरहर
(4) सभा, हाथ, कचनार
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
78. निम्नलिखित में से किस विकल्प के सभी शब्द बहुधा बहुवचन में ही प्रयुक्त होते हैं ?
(1) प्राण, दाम, दर्शन
(2) लोग, होश, घोड़ा
(3) समाचार, पक्षी, टोपी
(4) भाग्य, मुनि, लकड़ी
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
79. निम्नलिखित में से द्विगु समास का उदाहरण नहीं है:
(1) पंसेरी
(2) अष्टाध्यायी
(3) सतसई
(4) इकतीस
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
80. “वह आए तो मैं जाऊँ।” वाक्य में प्रयुक्त काल है
(1) संभाव्य वर्तमान काल
(2) संदिग्ध वर्तमान काल
(3) संभाव्य भविष्य काल
(4) हेतुहेतुमद् भविष्य काल
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
81. वाच्य के विषय में कौन सा कथन सही नहीं है ?
(1) भाववाच्य सकर्मक-अकर्मक दोनों क्रियाओं में होता है।
(2) भाववाच्य क्रिया बहुधा अशक्तता के अर्थ में आती है।
(3) कर्तृवाच्य अकर्मक-सकर्मक दोनों क्रियाओं में होता है।
(4) कर्मवाच्य सकर्मक क्रियाओं में होता है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
82. किस शब्द का संधि-विच्छेद सही नहीं है ?
(1) संवाद = सम् + वाद
(2) समुद्रोर्मि = समुद्र + उर्मि
(3) सच्छास्त्र = सत् + शास्त्र
(4) सुषुप्ति सु + सुप्ति
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
83. किस विकल्प में परस्पर विलोम शब्द हैं?
(1) चंचल – अस्थिर
(2) क्षुद्र – विराट्
(3) गरल – हलाहल
(4) कुकृति – दुष्कृति
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
84. निम्नलिखित में से ‘विग्रह’ का अर्थ नहीं है :
(1) विकार
(2) युद्ध
(3) आकृति
(4) कलह
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
85. किस शब्द में सर्वाधिक उपसर्ग हैं?
(1) दुर्व्यवहार
(2) अलौकिकता
(3) अत्याधुनिक
(4) दुस्साहसी
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
86. निम्नलिखित में से ‘ईय’ प्रत्यय के योग से निर्मित शब्द है:
(1) आदरणीय
(2) पाणिनीय
(3) स्मरणीय
(4) रमणीय
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
87. किस विकल्प में सभी शब्द ‘रात्रि’ के पर्यायवाची हैं ?
(1) रैन, निशाचर, त्रियामा
(2) रजनी, निशीथ, विभावरी
(3) शर्वरी, निशा, रजनीचर
(4) रात, यामिनी, निशिचर
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
88. निम्नलिखित में से किस विकल्प में समश्रुत भिन्नार्थक शब्दों का अर्थ संगत नहीं है ?
(1) निहत – निहित = नष्ट – छिपा हुआ
(2) उत्पल उपल = कमल रत्न
(3) अनुदित अनूदित = भाषांतरित अकथनीय
(4) पृष्ट – पृष्ठ = पूछा हुआ – पीठ
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
89. ‘अपने कुल का सबसे श्रेष्ठ या प्रतिष्ठित व्यक्ति’ के लिए सार्थक शब्द है
(1) कुलकानि
(2) कुलकेतु
(3) कुलांगार
(4) कुलंजन
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
90. निम्नलिखित में से वाक्य-रचना में पदक्रम की दृष्टि से असंगत कथन है :
(1) द्विकर्मक क्रियाओं में मुख्य कर्म पहले और गौण कर्म पीछे आता है।
(2) प्रश्नवाचक अव्यय ‘न’ वाक्य के अंत में आता है।
(3) समानाधिकरण शब्द मुख्य शब्द के पीछे आता है और पिछले शब्द में विभक्ति का प्रयोग होता है।
(4) प्रश्नवाचक क्रिया-विशेषण और सर्वनाम अवधारण के लिये मुख्य क्रिया और सहायक क्रिया के बीच में भी आ सकते हैं।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
91. इनमें से सरल वाक्य नहीं है :
(1) धीरे-धीरे उजाला होने लगा।
(2) जहाज का सबसे ऊपर का हिस्सा सबसे पहले दिखाई देता है।
(3) दिन का थका हुआ आदमी रात को खूब सोता है।
(4) वहाँ जो कुछ देखने योग्य था, मैंने सब देख लिया।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
92. निम्न में से संकेतवाचक वाक्य की पहचान कीजिए :
(1) यदि तुम आओगे तो मैं तुम्हारे साथ चल पडूंगा।
(2) वह लिखता होगा, पर हमें क्या मालूम ?
(3) भारत एक महान देश है।
(4) वह घर नहीं गया था।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
93. निम्नलिखित वाक्यों और वाक्य-भेदों को सुमेलित कीजिए :
(अ) पिताजी के साथ संभवतः वह भी आए। | (i) आज्ञावाचक वाक्य |
(ब) आपको जन्मदिन पर हार्दिक बधाई। | (ii) इच्छावाचक वाक्य |
(स) पुस्तकालय में बातचीत मत करो। | (iii) संकेतवाचक वाक्य |
(द) अगर रुपए होते तो पुस्तकें खरीद लेता। | (iv) संदेहवाचक वाक्य |
उत्तर विकल्प –
(अ) (ब) (स) (द)
(1) (iv) (ii) (i) (ii)
(2) (iii) (iv) (ii) (i)
(3) (iv) (i) (iii) (ii)
(4) (iii) (i) (ii) (iv)
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
94. निम्न में से शुद्ध शब्द है :
(1) लब्धप्रतिष्ठ
(2) अक्षोहिणी
(3) सौंदर्यता
(4) आधीन
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
95. निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य नहीं है :
(1) नौकर के हाथ भेज देना।
(2) आज तुम फिर इतनी देर में आये।
(3) यह पद कई भावों को प्रकट करता है।
(4) अब मेरी बात मान लो।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
96. निम्नलिखित में से किस विकल्प के सभी शब्द शुद्ध हैं?
(1) वाल्मीकि, निरोग, नुपुर
(2) सुई, अनुग्रहित, दृष्टा
(3) भगीरथी, द्वारका, अन्तर्द्धन्द
(4) आगामी, बरात, स्वादिष्ठ
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
97. किस विकल्प के सभी शब्द अशुद्ध हैं?
(1) दिवाली, घोटाला, केंद्रीय
(2) अंधाधुंध, डावाँडोल, आगंतुक
(3) व्यवसायिक, मार्मिक, पर्वतीय
(4) क्योकि, गृहणी, आहवान
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
98. निम्नलिखित में से अशुद्ध शब्द नहीं है:
(1) अधिशाषी
(2) भर्तस्ना
(3) पुनरपि
(4) पश्चाताप
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [*]
99. अल्पविराम चिह्न के प्रयोग के संदर्भ में असंगत कथन है
(1) संबोधन कारक की संज्ञा और संबोधन शब्दों के पश्चात् अल्पविराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
(2) छंदों में बहुधा यति के पश्चात् अल्पविराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
(3) समानाधिकरण शब्दों के मध्य अल्पविराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
(4) जब कई शब्द भेद जोड़े से आते हैं, तब प्रत्येक जोड़े के मध्य अल्पविराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
100. निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य है :
(1) वे अनेक कला जानते हैं।
(2) श्रोताओं में कई श्रेणियों के लोग थे।
(3) वृक्षों पर कोयल कूक रही है।
(4) अपने-अपने घरों से ले आओ।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
101. इनमें से कौन सा वाक्य शुद्ध है?
(1) कोट का दाम पाजामे से अधिक होता है।
(2) वे अपने आपको समझदार और दूसरे को बेईमान समझते हैं।
(3) ये भी वैसे ही पंडित हैं, जैसे आप।
(4) आपके सब काम हमसे अच्छे होते हैं।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
102. अशुद्ध वाक्य नहीं है
(1) आत्मा के अन्दर बल होना चाहिए।
(2) बजट के ऊपर बहस होगी।
(3) उसने गुरु के चरणों में अपना सिर रख दिया।
(4) वह मुझ पर क्रुद्ध है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
103. किस वाक्य में विराम चिह्नों का सही प्रयोग हुआ है?
(1) आपने बताया नहीं कि आप, कहाँ रहते हैं?
(2) आपने बताया नहीं कि आप कहाँ रहते हैं।
(3) आपने बताया नहीं, कि आप कहाँ रहते हैं?
(4) आपने, बताया नहीं कि आप, कहाँ रहते हैं।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
104. योजक चिह्न का प्रयोग निम्नलिखित में से कहाँ नहीं होता है?
(1) द्वन्द्व समास के पदों के बीच में।
(2) किसी पुस्तक या अवतरण के साथ, उसके लेखक के नाम से पहले।
(3) पदबंध को सामासिक पद बनाने के लिए।
(4) पुनरुक्त शब्दों के बीच में।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
105. किसी के वाक्यों को उद्धृत करने के पूर्व निम्नलिखित में से किस विराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है ?
(1) अवतरण चिह्न
(2) अर्द्धविराम चिह्न
(3) निर्देशक चिह्न
(4) योजक चिह्न
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
106. ‘चित भी मेरा पट भी मेरा, अंटा मेरे बाप का’ लोकोक्ति का आशय है
(1) अपनी जीत के प्रति आशंकित होना
(2) दूसरों पर बलपूर्वक रोब जमाना
(3) खेल के सभी दाँव-पेंच जानना
(4) हर दशा में अपना ही लाभ चाहना
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
107. “तुम शास्त्री जी पर आरोप लगाकर की कोशिश कर रहे हो।” उक्त वाक्य के रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(1) सूरज पर धूल फेंकने
(2) सिर मारने
(3) आकाश के तारे तोड़ने
(4) सूरज को दिया दिखाने
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
108. ‘सिर से पानी गुजरना’ मुहावरे का निकटतम अर्थ है
(1) मर्यादा भंग होना।
(2) समय सीमा समाप्त होना।
(3) सहनशीलता की सीमा पार होना।
(4) बहुत लज्जित हो जाना।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
109. ‘बाँबी में हाथ तू डाल, मंत्र मैं पढूँ’ लोकोक्ति का उचित अर्थ है
(1) आप स्वयं नष्ट होना और दूसरों को भी थोड़ी हानि पहुँचाना।
(2) कहना बहुत, करना थोड़ा।
(3) जिसे शरण दी, उसकी रक्षा अवश्य करना।
(4) जोखिम का काम दूसरों को सौंपकर स्वयं आसान काम करना।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
ध्यातव्य – प्रश्न संख्या 110 से 113 तक के उत्तर।
निम्नलिखित अनुच्छेद के आधार पर दीजिए :
जिन कर्मों में किसी प्रकार का कष्ट या हानि सहने का साहस अपेक्षित होता है उन सब के प्रति उत्कण्ठापूर्ण आनन्द उत्साह के अन्तर्गत लिया जाता है। कष्ट या हानि के भेद के अनुसार उत्साह के भी भेद हो जाते हैं। साहित्य-मीमांसकों ने इसी दृष्टि से युद्ध-वीर, दान-वीर, दया-वीर इत्यादि भेद किये हैं। इनमें सबसे प्राचीन और प्रधान युद्ध वीरता है, जिसमें आघात, पीड़ा क्या मृत्यु तक की परवा नहीं रहती। इस प्रकार की वीरता का प्रयोजन अत्यन्त प्राचीन काल से पड़ता चला आ रहा है, जिसमें साहस और प्रयत्न दोनों चरम उत्कर्ष पर पहुँचते हैं। पर केवल कष्ट या पीड़ा सहन करने के साहस में ही उत्साह का स्वरूप स्फुरित नहीं होता। उसके साथ आनन्द-पूर्ण प्रयत्न या उसकी उत्कण्ठा का योग चाहिए। बिना बेहोश हुए भारी फोड़ा चिराने को तैयार होना साहस कहा जायेगा, पर उत्साह नहीं। इसी प्रकार चुपचाप, बिना हाथ-पैर हिलाये, घोर प्रहार सहने के लिए तैयार रहना साहस और कठिन-से-कठिन प्रहार सहकर भी जगह से न हटना धीरता कही जायेगी। ऐसे साहस और धीरता को उत्साह के अन्तर्गत तभी ले सकते हैं जबकि साहसी या धीर उस काम को आनन्द के साथ करता चला जायेगा जिसके कारण उसे इतने प्रहार सहने पड़ते हैं। सारांश यह कि आनन्दपूर्ण प्रयत्न या उसकी उत्कण्ठा में ही उत्साह का दर्शन होता है, केवल कष्ट सहने के निश्चेष्ट साहस में नहीं। धृति और साहस दोनों का उत्साह के बीच संचरण होता है।
110. उत्साह का स्वरूप स्फुरित होता है
(1) कष्ट सहने के निश्चेष्ट साहस में।
(2) आनन्दपूर्ण प्रयत्न या उसकी उत्कण्ठा में।
(3) पीड़ा सहन करने के साहस में।
(4) घोर प्रहार सहन करने के साहस में।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
111. अनुच्छेद के आधार पर बताइये कि साहित्य-मीमांसकों ने किसे उत्साह का भेद नहीं माना है ?
(1) दान-वीर
(2) दया-वीर
(3) युद्ध-वीर
(4) कर्म-वीर
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
112. ‘धीरता’ शब्द है-
(1) संज्ञा
(2) क्रिया-विशेषण
(3) क्रिया
(4) विशेषण
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
113. अनुच्छेद के अनुसार ‘धृति’ का अर्थ है
(1) स्थापित करना
(2) यज्ञ
(3) धैर्य
(4) अधिकृत करना
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
114. शब्द-शक्तियों के संबंध में कौन सा कथन सुमेलित नहीं है ?
(1) शब्द का साक्षात् संकेतित अर्थ-बोध कराने वाले व्यापार को व्यंजना शक्ति कहते हैं।
(2) मुख्यार्थ बाधित होने पर रूढ़ि या प्रयोजन से अन्य अर्थ-बोध लक्षणा शक्ति से होता है।
(3) शब्द की शक्ति उसके अंतर्निहित अर्थ को व्यक्त करने वाला व्यापार है।
(4) शब्द का लोक प्रचलित, नामवाची अर्थ-बोध कराने वाली शक्ति अभिधा है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
115. शब्द-शक्ति विषयक कौन सा कथन गलत है?
(1) ‘संध्या हो गई।’ वाक्य में व्यंजना शब्द-शक्ति है।
(2) व्यंजना शब्द-शक्ति छिपे हुए अर्थ का बोध कराती है।
(3) वाचक शब्द के प्रकार हैं- रूढ़, यौगिक, योगरूढ़।
(4) ‘पंकज’ रूढ़ शब्द है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
116. जब क्रम की दृष्टि से लोक एवं शास्त्र के कथित नियमों का उल्लंघन किया जाय, तो कौन सा काव्यदोष होता है?
(1) अप्रतीतत्व
(2) ग्राम्यत्व
(3) दुष्क्रमत्व
(4) अक्रमत्व
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
117. माधुर्य गुण के संबंध में असंगत कथन है –
(1) दीर्घ सामासिक पदों का प्रयोग नहीं किया जाता है।
(2) ट, ठ, ड, ढ को छोड़कर अपने पंचम वर्ण से संयुक्त स्पर्श वर्णों का प्रयोग किया जाता है।
(3) माधुर्य गुण का संबंध श्रृंगार, करुण तथा शांत रसों से होता है।
(4) रेफ युक्त वर्णों का प्रयोग बहुलता से किया जाता है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
118. काव्यांश और उसमें निहित अलंकार का कौन सा जोड़ा असंगत हैं ?
(1) मुनि तापस जिनतें दुख लहहीं।
ते नरेस बिनु पावक दहहीं।। – विभावना
(2) जानि स्याम को स्याम घन, नाचि उठे वन मोर। – भ्रांतिमान
(3) सुबरन को ढूँढत फिरै, कवि कामी अरु चोर। – श्लेष
(4) विष पीते हैं मेघ, विरहिणी प्राण निकलते – विरोधाभास
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
119. ‘बेसर – मोती दुति झलक परी अधर पर आनि। पट पोंछति चूनो समुझि नारी निपट अयानि ।।’ प्रस्तुत पद में अलंकार है
(1) असंगति
(2) उपमा
(3) संदेह
(4) भ्रान्तिमान
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
120. निम्नलिखित में से छंद विषयक असंगत कथन है:
(1) दोहा छंद के सम चरणों के अंत में गुरु लघु होता है।
(2) चौपाई मात्रिक सम छन्द है।
(3) हरिगीतिका छंद के प्रत्येक चरण में 26 मात्राएँ होती हैं।
(4) सोरठा छंद के विषम चरणों में 11 मात्राएँ होती हैं।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
121. “प्रबल जो तुम में पुरुषार्थ हो।
सुलभ कौन तुम्हें न पदार्थ हो।
प्रगति के पथ में विचरो उठो।
भुवन में सुख-शांति भरो उठो।”
उपर्युक्त कवितांश में कौन सा छंद प्रयुक्त हुआ है?
(1) सवैया छंद
(2) कवित्त छंद
(3) द्रुतविलंबित छंद
(4) चौपाई छंद
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
122. आचार्य विश्वनाथ द्वारा वर्णित रस के स्वरूप में परिगणित नहीं है –
(1) रस वेद्यांतर स्पर्श युक्त है।
(2) रस चिन्मय है।
(3) रस अखण्ड है।
(4) रस ब्रह्मानंद सहोदर है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
123. शांत रस के प्रमुख संचारी भाव हैं –
(1) वितर्क, आवेग, जड़ता
(2) त्रास, मोह, व्याधि
(3) दैन्य, शंका, चिंता
(4) धृति, मति, हर्ष
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
124. “आदिकाल का नाम मैंने ‘वीरगाथा-काल’ रखा है। उक्त काल के भीतर दो प्रकार की रचनाएँ मिलती हैं- अपभ्रंश की और देशभाषा (बोलचाल) की।” उक्त कथन है-
(1) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(2) शिवसिंह सेंगर
(3) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
(4) डॉ. रामकुमार वर्मा
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
125. निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प सुमेलित नहीं है ?
नामकरण | विद्वान् |
(1) वीर काल | – विश्वनाथ प्रसाद मिश्र |
(2) सिद्धसामंत काल | – डॉ. रामकुमार वर्मा |
(3) चारणकाल | – ग्रियर्सन |
(4) प्रारंभिक काल | – मिश्रबन्धु |
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
126. “साहित्यिक प्रवृत्तियों और रीति-आदर्शों का साम्य-वैषम्य ही साहित्य के इतिहास के काल-विभाजन का आधार हो सकता है।” काल-विभाजन के संबंध में यह कथन किसका है ?
(1) नंददुलारे वाजपेयी
(2) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
(3) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
(4) डॉ. नगेन्द्र
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
127. हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल-विभाजन करने वाले प्रथम इतिहासकार माने जाते हैं
(1) शिवसिंह सेंगर
(2) रामचन्द्र शुक्ल
(3) डॉ. जार्ज ग्रियर्सन
(4) मिश्रबन्धु
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
128. “हिन्दी साहित्य का आदिकाल महाराज भोज के समय से लेकर हम्मीरदेव के समय के कुछ पीछे तक माना जा सकता है।” आदिकाल के काल-निर्धारण के क्रम में यह मत किसका है ?
(1) डॉ. नगेन्द्र
(2) डॉ. रामकुमार वर्मा
(3) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
(4) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
129. “राजाश्रित कवि ……. अपने आश्रयदाता राजाओं के पराक्रमपूर्ण चरितों या गाथाओं का वर्णन करते थे। यही प्रबन्ध –
परम्परा ‘रासो’ के नाम से पायी जाती है।” आदिकाल के सन्दर्भमें यह कथन किस विद्वान का है?
(1) राहुल सांकृत्यायन
(2) डॉ. रामकुमार वर्मा
(3) हजारीप्रसाद द्विवेदी
(4) रामचन्द्र शुक्ल
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
130. आदिकाल की प्रवृत्तियों के विषय में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असंगत है ?
(1) आदिकालीन हिन्दी साहित्य में वीर रस की रचनाओं में डिंगल शैली का प्रयोग होता था।
(2) नखशिख वर्णन, विरह के विभिन्न रूप, संदेश इत्यादि आदिकालीन साहित्य के कथ्य में अंतर्निहित रहे हैं।
(3) आदिकालीन साहित्य में कथ्य की विविधता के साथ छंद प्रयोग की विविधता नहीं दिखाई देती।
(4) यदि आदिकालीन सिद्धों और नाथपंथियों के काव्यरूपों को हिन्दी क्षेत्र से निकाल दिया जाये, तो फिर भक्तिकालीन निर्गुणपंथियों की काव्यगंगा का उद्गम बताना कठिन होगा।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
131. दोहा-चौपाई में निबद्ध मसनवी शैली में लिखी गई भक्तिकाल की प्रमुख रचना है –
(1) पद्मावत
(2) दोहावली
(3) रामचरितमानस
(4) सूर सारावली
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
132. ‘आल्हखण्ड’ किस रासो का विकसित रूप माना जाता है ?
(1) हम्मीर रासो
(2) परमाल रासो
(3) खुमाण रासो
(4) बीसलदेव रासो
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
133. रचना एवं रचनाकार की दृष्टि से असंगत विकल्प है
(1) खुमाण रासो – शालिभद्र सूरि
(2) पृथ्वीराज रासो – चन्दबरदाई
(3) बीसलदेव रासो – नरपति नाल्ह
(4) परमाल रासो – जगनिक
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
134. बीसलदेव रासो का काव्य नायक है –
(1) पृथ्वीराज चौहान
(2) विग्रहराज चतुर्थ
(3) प्रताप सिंह
(4) राणा हम्मीर
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
135. निम्नलिखित सूचियों को सुमेलित करते हुए सही विकल्पों का चयन कीजिए:
मत | आचार्य |
(सूची-I) | (सूची-II) |
(क) द्वैतवाद | (A) रामानुजाचार्य |
(ख) विशिष्टाद्वैतवाद | (B) निम्बार्काचार्य |
(ग) शुद्ध द्वैतवाद | (C) मध्वाचार्य |
(घ) द्वैताद्वैतवाद | (D) वल्लभाचार्य |
उत्तर विकल्प –
(क) (ख) (ग) (घ)
(1) (C) (A) (D) (B)
(2) (B) (A) (D) (C)
(3) (A) (B) (C) (D)
(4) (B) (C) (D) (A)
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
136. ‘भक्ति का जो सोता दक्षिण की ओर से धीरे-धीरे उत्तर भारत की ओर पहले से ही आ रहा था, उसे राजनीतिक परिवर्तन के कारण शून्य पड़ते हुए जनता के हृदय क्षेत्र में फैलने के लिए पूरा स्थान मिला।’ भक्तिकाल के विषय में यह कथन किस विद्वान का है ?
(1) राहुल सांकृत्यायन
(2) डॉ. गणपतिचन्द्र गुप्त
(3) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(4) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
137. निम्नलिखित में से सुमेलित विकल्प नहीं है:
(1) मंझन – मधुमालती
(2) उसमान – ज्ञानदीप
(3) जायसी – आख़िरी कलाम
(4) कुतबन मृगावती
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
138. ‘लोग हैं लागि कवित्त बनावत मोहिं तौ मेरे कबित्त बनावत।’ उपर्युक्त पंक्ति किस कवि की है ?
(1) घनानन्द
(2) सेनापति
(3) बिहारी
(4) देव
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
139. पुष्टिमार्गीय भक्ति के संबंध में असंगत कथन है –
(1) पुष्टिमार्गीय भक्त के प्रारब्ध और संचित कर्मों का शमन ईश्वर कृपा से स्वयं हो जाता है।
(2) रसरूप पुरुषोत्तम के स्वरूपानंद की शक्ति प्राप्त कर उसकी लीला में प्रविष्ट होना पुष्टिमार्गीय भक्ति का फल नहीं है।
(3) पुष्टिमार्गीय भक्ति रागानुगा भक्ति है।
(4) इस भक्ति में किसी प्रकार के साधन या कर्मकांड की अपेक्षा नहीं होती।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
140. हिन्दी साहित्य के रीतिकाल को ‘अलंकृत काल’ नामकरण करने वाले विद्वान हैं –
(1) पं. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
(2) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
(3) मिश्रबन्धु
(4) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
141. रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्ति नहीं है-
(1) दार्शनिक विचारधारा से युक्त काव्य
(2) नायिका भेद वर्णन
(3) श्रृंगार की प्रधानता
(4) काव्यांग निरूपण
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
142. आचार्य शुक्ल ने रीतिकाल का आरंभ किस कवि से माना है ?
(1) पद्माकर
(2) बिहारीलाल
(3) आचार्य केशव
(4) चिंतामणि त्रिपाठी
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [4]
143. रीतिकालीन रचना तथा रचनाकार की दृष्टि से कौन सा विकल्प सुमेलित नहीं है?
(1) श्रीपति – काव्यसरोज
(2) घनानन्द – इश्कलता
(3) मतिराम – रसविलास
(4) देव – भावविलास
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
144. भारतेन्दुयुगीन साहित्य के संबंध में असंगत है –
(1) उन्नीसवीं शताब्दी पूर्वार्द्ध की अपेक्षा भारतेन्दु-काल के हिन्दी गद्य का विकास नवोदित राष्ट्रीयता और नवोत्थान की भावना के अन्तर्गत हुआ था।
पूर्णतः प्राचीन कथाओं के समीप था।
(2) भारतेन्दु-काल में जिस उपन्यास-साहित्य का जन्म हुआ, वह (3) भारतेन्दु-काल में साहित्य के नये-नये मार्ग खुले तथा खड़ी बोली कविता का वपनकाल यही है।
(4) हिन्दी साहित्य के इतिहास में 1850 से 1900 ई. तक का समय भारतेन्दु-काल के नाम से अभिहित किया जाता है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
145. “इस द्वितीय उत्थान के आरंभकाल में हम पं. महावीर प्रसाद जी द्विवेदी को पद्यरचना की एक प्रणाली के प्रवर्तक के रूप में पाते हैं।” उक्त कथन है-
(1) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(2) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
(3) डॉ. रामविलास शर्मा
(4) श्रीधर पाठक
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
146. रचनाकार एवं रचनाओं की दृष्टि से कौन सा विकल्प सुमेलित नहीं है?
(1) सुमित्रानन्दन पंत – अतिमा, वाणी, लोकायतन
(2) महादेवी वर्मा – सांध्यगीत, दीपशिखा, नीरजा
(3) जयशंकर प्रसाद – अर्चना, आराधना, गीत गुंज
(4) सूर्यकान्त त्रिपाठी – अणिमा, बेला, नये ‘निराला’ पत्ते
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [3]
147. प्रगतिवाद के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असंगत है?
(1) प्रगतिवादी साहित्य में पूँजीवादी शक्तियों की शोषक, स्वार्थी, स्वकेन्द्रित विसंगतिमय प्रवृत्तियों पर चोट की गई है।
(2) प्रगतिवादी काव्यधारा व्यक्तिवादी वायवी काव्यधारा का मुखर होकर प्रतिनिधित्व करती है।
(3) प्रगतिवाद ने साहित्य को व्यक्तिवादी यथार्थ के बंद कमरे से निकाल कर जन-जीवन के बीच प्रवाहित किया।
(4) प्रगतिवादी काव्यधारा मार्क्सवादी दर्शन को अपना लक्ष्य बनाकर चली।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [2]
148. रचनाकार एवं रचना की दृष्टि से कौन सा विकल्प सुमेलित है?
(1) गिरिजा कुमार माथुर -धूप के धान
(2) शमशेर बहादुर सिंह – कनुप्रिया
(3) गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ – नाश और निर्माण
(4) भवानी प्रसाद मिश्र – ब्रह्मराक्षस
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
149. ‘मंटो मेरा दुश्मन’ संस्मरण किस साहित्यकार की रचना है ?
(1) उपेन्द्रनाथ ‘अश्क
(2) माखनलाल चतुर्वेदी
(3) कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
(4) शिवपूजन सहाय
(5) अनुत्तरित प्रश्न
Ans – [1]
150. निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प सुमेलित नहीं है?
नाटककार | नाटक |
(1) मृदुला गर्ग | – एक और अजनबी |
(2) सुरेन्द्र वर्मा | – आठवाँ सर्ग |
(3) मुद्राराक्षस | – तिलचट्टा |
(4) जगदीशचंद्र माथुर | – करफ़्यू |
(5) अनुत्तरित प्रश्न