Psychology Mock Test – 03
प्रश्न – (1) समायोजन की प्रक्रिया है।1. गतिशील
2. स्थिर
3. स्थानापन्न
4. मानसिक
उत्तर – 1
समायोजन एक 1. गतिशील प्रक्रिया है। स्पष्टीकरण
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं
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प्रश्न – (2) अच्छा समायोजन वह है, जो यथार्थ पर आधारित तथा सन्तोष देने वाला होता है यह कथन है।1. गेट्स का
2. स्मिथ का
3. कोलमैन का
4. स्किनर का
उत्तर – 2
अच्छा समायोजन वह है, जो यथार्थ पर आधारित तथा संतोष देने वाला होता है, यह कथन स्मिथ (Smith) का है।
स्पष्टीकरण –
हेनरी स्मिथ (Henry Smith) ने 1961 में समायोजन के बारे में एक महत्वपूर्ण कथन दिया था, जिसके अनुसार अच्छा समायोजन वह होता है जो यथार्थवादी (realistic) हो और व्यक्ति को संतोष (satisfaction) प्रदान करे।
यह कथन इस बात पर जोर देता है कि व्यक्ति का अपने पर्यावरण के साथ तालमेल केवल दिखावे के लिए नहीं होना चाहिए, बल्कि यह वास्तविकता पर आधारित हो और आंतरिक रूप से उसे संतुष्ट भी करे।
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प्रश्न – (3) समायोजन भंग हो जाता है।1. संघर्ष से
2. भग्नाशा से
3. मानसिक तनाव से
4. सभी से
उत्तर – 4
समायोजन इन सभी से भंग हो जाता है:
ये तीनों कारक आपस में जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। जब व्यक्ति संघर्ष या भग्नाशा का अनुभव करता है, तो यह अक्सर मानसिक तनाव की ओर ले जाता है, जिससे अंततः समायोजन भंग हो जाता है। |
प्रश्न – (4) समायोजन नही कर पाने का कारण है।1. तनाव
2. कुण्ठा
3. द्धन्द्ध
4. सभी
उत्तर – 4
समायोजन नहीं कर पाने का कारण है: 4. सभी समायोजन में बाधा डालने वाले कारकसमायोजन (Adjustment) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं, इच्छाओं और लक्ष्यों को वातावरण की माँगों के साथ संतुलित करता है। जब यह संतुलन नहीं बन पाता, तो व्यक्ति कुसमायोजन (Maladjustment) का शिकार हो जाता है। ऊपर दिए गए तीनों कारक कुसमायोजन या समायोजन न कर पाने के प्रमुख कारण हैं: 1. द्वन्द्व (Conflict)
2. कुंठा (Frustration)
3. तनाव (Stress)
ये तीनों कारक अक्सर एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और सम्मिलित रूप से व्यक्ति को प्रभावी ढंग से समायोजन करने से रोकते हैं। |
प्रश्न – (5) समायोजन को प्रभावित करने वाले तत्व है।1. शारीरिक दोष
2. असफलता
3. दण्ड
4. सभी
उत्तर – 4
इस प्रश्न का सही उत्तर है 4. सभी। समायोजन न कर पाने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें ये तीनों प्रमुख हैं। आइए इन्हें संक्षेप में समझते हैं: तनाव (Stress)जब कोई व्यक्ति किसी स्थिति या चुनौती का सामना करने में असमर्थ महसूस करता है, तो उसे तनाव होता है। अत्यधिक तनाव व्यक्ति की सोचने, समझने और सही निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे वह नई परिस्थितियों में खुद को समायोजित नहीं कर पाता। कुंठा (Frustration)यह एक ऐसी मानसिक स्थिति है जो तब उत्पन्न होती है जब किसी व्यक्ति के लक्ष्यों, इच्छाओं या जरूरतों की पूर्ति में रुकावट आती है। बार-बार असफलता मिलने या इच्छा पूरी न होने पर व्यक्ति कुंठा का शिकार हो जाता है, जिससे वह चिड़चिड़ा हो जाता है और समायोजन करना उसके लिए मुश्किल हो जाता है। द्वंद्व (Conflict)जब किसी व्यक्ति को एक ही समय में दो या दो से अधिक विरोधी इच्छाओं या लक्ष्यों के बीच चुनाव करना पड़े, तो उसे द्वंद्व का अनुभव होता है। यह मानसिक संघर्ष व्यक्ति को भ्रमित कर देता है और वह किसी भी स्थिति में स्थिरता नहीं ला पाता, जिससे समायोजन की प्रक्रिया बाधित होती है। ये तीनों कारक, चाहे अलग-अलग हों या मिलकर, व्यक्ति की मानसिक और भावनात्मक स्थिरता को प्रभावित करते हैं, जिससे वह नई परिस्थितियों में स्वयं को ढालने में असमर्थ हो जाता है। |
प्रश्न – (6) अचेतन मन समायोजन का आधार है। यह कहा है।1. फ्रायड ने
2. एडलर ने
3. वुड ने
4. जुंग ने
उत्तर – 1
इसका सही उत्तर है 1. फ्रायड ने। सिगमंड फ्रायड (Sigmund Freud) ने अपने मनोविश्लेषण सिद्धांत (Psychoanalytic Theory) में अचेतन मन (Unconscious mind) पर बहुत जोर दिया। उनके अनुसार, हमारी दमित इच्छाएं, अतृप्त भावनाएं, और अप्रिय अनुभव अचेतन मन में जमा हो जाते हैं और हमारे व्यवहार को प्रभावित करते रहते हैं। फ्रायड का मानना था कि इन अचेतन इच्छाओं और संघर्षों के कारण ही व्यक्ति में मानसिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं और वह सही तरीके से समायोजन नहीं कर पाता। इसलिए, समायोजन का आधार अचेतन मन को माना गया है। |
प्रश्न – (7) समायोजन का अप्रत्यक्ष उपाय है।1. प्रक्षेपण
2. दिवास्वत्न
3. दमन
4. उपरोक्त सभी
उत्तर – 4
इसका सही उत्तर है 4. उपरोक्त सभी। समायोजन के अप्रत्यक्ष उपाय, जिन्हें रक्षा तंत्र (defense mechanisms) भी कहा जाता है, वे मनोवैज्ञानिक युक्तियाँ हैं जिनका उपयोग व्यक्ति अचेतन रूप से तनाव, चिंता और कुंठा को कम करने के लिए करता है। ये उपाय समस्या का सीधा समाधान नहीं करते, बल्कि व्यक्ति को अस्थायी रूप से मानसिक शांति प्रदान करते हैं। दिए गए तीनों विकल्प इसी श्रेणी में आते हैं: 1. प्रक्षेपण (Projection)जब कोई व्यक्ति अपनी खुद की कमियों, दोषों या अस्वीकार्य भावनाओं को दूसरों पर थोपता है, तो उसे प्रक्षेपण कहते हैं। उदाहरण के लिए, एक आलसी छात्र अपनी असफलता का कारण शिक्षक को बताता है कि “शिक्षक ने अच्छा नहीं पढ़ाया।” यह तंत्र व्यक्ति को अपनी गलती स्वीकार करने के तनाव से बचाता है। 2. दिवास्वप्न (Daydreaming)यह एक ऐसा उपाय है जिसमें व्यक्ति वास्तविकता से हटकर कल्पना की दुनिया में अपनी अधूरी इच्छाओं की पूर्ति करता है। जब कोई व्यक्ति वास्तविक जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाता, तो वह कल्पना में उन लक्ष्यों को पूरा करके अस्थायी संतुष्टि प्राप्त करता है। 3. दमन (Repression)यह सबसे प्रमुख रक्षा तंत्रों में से एक है। इसमें व्यक्ति अपने दर्दनाक अनुभवों, अस्वीकार्य विचारों, या बुरी यादों को बलपूर्वक अचेतन मन में धकेल देता है ताकि उन्हें याद न करना पड़े। यह एक प्रकार का “भूलने का प्रयास” है जो चेतन मन से अनजाने में होता है। ये सभी तंत्र व्यक्ति को तनाव और संघर्ष से बचने में मदद करते हैं, लेकिन ये समस्या का वास्तविक समाधान नहीं होते। ये एक तरह से “मनोवैज्ञानिक बैंडेज” का काम करते हैं।
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प्रश्न – (8) बच्चों में संवेगात्मक समायोजन प्रभावी होता है।1. व्यक्तित्व निर्माण में
2. कक्षा शिक्षण मे
3. अनुशासन में
4. इनमें से सभी
उत्तर – 4
इसका सही उत्तर है 4. इनमें से सभी। बच्चों में संवेगात्मक समायोजन (emotional adjustment) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका प्रभाव उनके जीवन के कई पहलुओं पर पड़ता है। यह केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं होता, बल्कि व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। व्यक्तित्व निर्माण (Personality Development)जब एक बच्चा अपने संवेगों (जैसे खुशी, दुख, क्रोध, भय) को सही तरीके से पहचानना और नियंत्रित करना सीखता है, तो उसका व्यक्तित्व अधिक संतुलित और मजबूत बनता है। ऐसे बच्चे आत्मविश्वास से भरे होते हैं और जीवन की चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर पाते हैं। कक्षा शिक्षण (Classroom Learning)भावनात्मक रूप से समायोजित बच्चे कक्षा में अधिक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। वे शिक्षक और सहपाठियों के साथ बेहतर संबंध बना सकते हैं। इससे उनका सीखने का अनुभव अधिक प्रभावी और सुखद होता है, क्योंकि उनका ध्यान बाहरी तनावों से हटकर पढ़ाई पर केंद्रित होता है। अनुशासन (Discipline)संवेगात्मक समायोजन अनुशासन को भी प्रभावित करता है। जो बच्चे अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना जानते हैं, वे अक्सर नियमों का पालन करते हैं और गलत व्यवहार में कम लिप्त होते हैं। उन्हें बाहरी दबाव या सजा की आवश्यकता कम होती है, क्योंकि वे आंतरिक रूप से अनुशासित होते हैं। संक्षेप में, संवेगात्मक समायोजन बच्चे के व्यक्तित्व, शैक्षणिक प्रदर्शन और सामाजिक व्यवहार, सभी में सकारात्मक प्रभाव डालता है। |
प्रश्न – (9) समायोजन दूषित होता है।1. कुण्ठा से
2. संघर्ष से
3. उपर्युक्त दोनों
4. धन से
उत्तर – 3
इसका सही उत्तर है 3. उपर्युक्त दोनों। कुंठा (Frustration) और संघर्ष (Conflict) दोनों ही समायोजन को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। जब कोई व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में बाधा महसूस करता है, तो उसे कुंठा होती है, जिससे उसमें निराशा और गुस्सा भर जाता है। इसी तरह, जब उसे दो विपरीत लक्ष्यों या विचारों के बीच चुनाव करना पड़ता है, तो वह संघर्ष का अनुभव करता है। ये दोनों ही स्थितियाँ व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक संतुलन को बिगाड़ देती हैं, जिससे वह नई परिस्थितियों के साथ खुद को समायोजित नहीं कर पाता। |
प्रश्न – (10) समायोजन की विधि है।1. उदात्तीकरण
2. प्रक्षेपण
3. प्रतिगमन
4. सभी
उत्तर – 4
इसका सही उत्तर है 4. सभी। ये सभी समायोजन की अप्रत्यक्ष विधियाँ हैं, जिन्हें रक्षा तंत्र (Defense Mechanisms) भी कहा जाता है। ये मनोवैज्ञानिक युक्तियाँ हैं जिनका उपयोग व्यक्ति अचेतन रूप से तनाव, चिंता और कुंठा को कम करने के लिए करता है। 1. उदात्तीकरण (Sublimation)यह एक रचनात्मक और परिपक्व रक्षा तंत्र है। इसमें व्यक्ति अपनी सामाजिक रूप से अस्वीकार्य इच्छाओं या आवेगों को स्वीकार्य और उत्पादक गतिविधियों में बदल देता है। उदाहरण के लिए, एक गुस्सैल व्यक्ति मुक्केबाजी जैसे खेल में अपनी आक्रामकता को दिशा दे सकता है। 2. प्रक्षेपण (Projection)इस विधि में व्यक्ति अपनी खुद की कमियों, दोषों या अस्वीकार्य भावनाओं को दूसरों पर थोप देता है। यह व्यक्ति को अपनी गलती या कमी को स्वीकार करने के तनाव से बचाता है। 3. प्रतिगमन (Regression)जब कोई व्यक्ति तनावपूर्ण स्थिति का सामना नहीं कर पाता, तो वह बचपन के व्यवहार को अपना लेता है। यह एक पीछे की ओर हटने वाला व्यवहार है, जिसमें व्यक्ति कम परिपक्व अवस्था में लौट आता है ताकि वह सुरक्षा और आराम महसूस कर सके। उदाहरण के लिए, एक बड़ा बच्चा तनाव में अंगूठा चूसना शुरू कर सकता है। |
प्रश्न – (11) कुसमायोजित बालकों का लक्षण नहीं है।1. दिवा स्वप्न
2. प्रसन्न रहना
3. मृत्यु भय
4. हीन भावना
उत्तर – 2
इसका सही उत्तर है 2. प्रसन्न रहना। कुसमायोजित बालक और उनके लक्षणकुसमायोजित बालक (Maladjusted children) वे होते हैं जो अपने वातावरण के साथ प्रभावी ढंग से तालमेल नहीं बिठा पाते हैं। वे अक्सर तनाव, चिंता और निराशा का अनुभव करते हैं। इसी कारण से, उनका व्यवहार सामान्य बच्चों से अलग होता है। दिए गए विकल्पों में, प्रसन्न रहना एक सकारात्मक विशेषता है। जो बच्चे अपने जीवन से संतुष्ट होते हैं और सकारात्मक भावनाओं का अनुभव करते हैं, वे अच्छे से समायोजित होते हैं। इसके विपरीत, कुसमायोजित बालक अक्सर उदास और चिड़चिड़े होते हैं। बाकी तीन विकल्प कुसमायोजित बालकों के लक्षण हैं:
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प्रश्न – (12) असमायोजन का मुख्य कारण है।1. सौहार्द्रपूर्ण वातावरण का अभाव
2. विद्यालय न जाना
3. माता – पिता की गरीबी
4. उच्च शिक्षा की कमी
उत्तर – 1
इसका सही उत्तर है 1. सौहार्द्रपूर्ण वातावरण का अभाव। असमायोजन का कारणअसमायोजन (Maladjustment) एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोई व्यक्ति अपने आंतरिक और बाहरी वातावरण के साथ संतुलन नहीं बना पाता है। इससे व्यक्ति में मानसिक तनाव, असुरक्षा और व्यवहार संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। दिए गए विकल्पों में, सौहार्द्रपूर्ण वातावरण का अभाव (lack of a harmonious environment) ही इसका सबसे मुख्य कारण है। इसका तात्पर्य है कि व्यक्ति को घर, स्कूल या समाज में प्यार, सहयोग, और समझदारी नहीं मिलती है। ऐसा वातावरण न केवल उसकी भावनात्मक जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता, बल्कि उसे असुरक्षित भी महसूस कराता है, जिससे उसमें समायोजन की क्षमता कम हो जाती है। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
अतः, यह स्पष्ट है कि व्यक्ति के जीवन में भावनात्मक और सामाजिक सुरक्षा का अभाव ही असमायोजन का सबसे प्रमुख कारण है। |
प्रश्न – (13) जिसमें चिन्ता का सुपरिचित रूप दिखाई देता है।1. फोबिया
2. स्वप्न
3. कल्पनाऍ
4. अस्त – व्यस्त विचार
उत्तर – 1
इसका सही उत्तर है 1. फोबिया। फोबिया और चिंता के बीच संबंधफोबिया एक प्रकार का चिंता विकार है, जिसमें व्यक्ति को किसी विशेष वस्तु, स्थिति या गतिविधि से अत्यधिक और अतार्किक भय होता है। यह भय इतना तीव्र होता है कि यह व्यक्ति के सामान्य जीवन को प्रभावित करने लगता है। फोबिया में, चिंता का स्वरूप बहुत ही स्पष्ट और सुपरिचित होता है, क्योंकि यह किसी विशिष्ट उत्तेजना से सीधे तौर पर जुड़ा होता है। उदाहरण के लिए, जिस व्यक्ति को एक्रोफोबिया (ऊंचाई का डर) है, उसे ऊँची जगह पर जाते ही तीव्र चिंता और घबराहट महसूस होने लगती है। यह चिंता का एक ज्ञात और परिभाषित रूप है। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
इसलिए, फोबिया सबसे सटीक विकल्प है क्योंकि यह चिंता का एक सुपरिचित और विशिष्ट रूप है। |
प्रश्न – (14) तनाव को कम करने का अप्रत्यक्ष उपाय कौन सा है।1. तादात्मीकरण
2. लक्ष्यों का प्रतिस्थापन
3. बाधा का निवारण
4. निर्णय
उत्तर – 1
सही उत्तर है 1. तादात्मीकरण। तनाव कम करने के अप्रत्यक्ष उपाय (Indirect Methods to Reduce Stress)तनाव कम करने के अप्रत्यक्ष उपाय वे तरीके हैं जिनका उपयोग व्यक्ति अचेतन रूप से करता है। ये उपाय समस्या का सीधा समाधान नहीं करते, बल्कि व्यक्ति को मानसिक रूप से राहत देते हैं। इन्हें रक्षा तंत्र (Defense Mechanisms) भी कहा जाता है। दिए गए विकल्पों में से, तादात्मीकरण (Identification) एक रक्षा तंत्र है।
अन्य विकल्प क्यों अप्रत्यक्ष उपाय नहीं हैं?
इस प्रकार, केवल तादात्मीकरण ही एक अप्रत्यक्ष तरीका है जो रक्षा तंत्र की श्रेणी में आता है। |
प्रश्न – (15) मानसिक तनाव को कम करने का उपाय है।1. औचित्य स्थापन
2. प्रक्षेपण
3. तादात्मीकरण
4. उपरोक्त सभी
उत्तर – 4
इसका सही उत्तर है 4. उपरोक्त सभी। ये सभी मानसिक तनाव को कम करने के अप्रत्यक्ष उपाय हैं, जिन्हें रक्षा तंत्र (Defense Mechanisms) भी कहा जाता है। ये मनोवैज्ञानिक युक्तियाँ व्यक्ति द्वारा अचेतन रूप से तनाव, चिंता और कुंठा को कम करने के लिए उपयोग की जाती हैं। 1. औचित्य स्थापन (Rationalization)इसमें व्यक्ति अपने अस्वीकार्य व्यवहार या भावनाओं को तार्किक या सामाजिक रूप से स्वीकार्य कारणों से सही ठहराता है। यह व्यक्ति को अपनी गलती या कमजोरी के कारण होने वाले तनाव से बचाता है। उदाहरण के लिए, एक छात्र जो परीक्षा में असफल हो जाता है, यह कह सकता है कि “परीक्षा में पूछे गए प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर के थे।” 2. प्रक्षेपण (Projection)इस तंत्र में व्यक्ति अपनी खुद की कमियों, दोषों या अस्वीकार्य भावनाओं को दूसरों पर थोप देता है। यह व्यक्ति को आत्म-आलोचना और आत्म-घृणा से बचाता है। उदाहरण के लिए, एक आलसी कर्मचारी अपनी खराब प्रदर्शन का दोष अपने सहकर्मी पर लगा सकता है। 3. तादात्मीकरण (Identification)इसमें व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति या समूह के गुणों, विचारों, या व्यवहार को अपनाता है जिसकी वह प्रशंसा करता है। ऐसा करने से उसे अपनी खुद की कमियों से उत्पन्न होने वाले तनाव से राहत मिलती है और उसे ऐसा महसूस होता है कि वह भी उस व्यक्ति या समूह की तरह शक्तिशाली और सफल है। उदाहरण के लिए, एक बच्चा अपने पसंदीदा सुपरहीरो की तरह व्यवहार कर सकता है। ये सभी तंत्र मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं, क्योंकि ये व्यक्ति को उन विचारों और भावनाओं से दूर रखते हैं जो उसे असहज महसूस कराती हैं। |
प्रश्न – (16) क्रोध पर नियन्त्रण पाने हेतु बालकों को अभ्यास कराना चाहिए।1. आत्मचेतना का
2. आत्म प्रेरण का
3. आत्म नियन्त्रण का
4. आत्मानुभूति का
उत्तर – 3
इसका सही उत्तर है 3. आत्म-नियंत्रण का। आत्म-नियंत्रण और क्रोध का संबंधआत्म-नियंत्रण (Self-control) क्रोध को प्रबंधित करने का एक महत्वपूर्ण कौशल है। यह बच्चों को अपनी भावनाओं, विचारों और व्यवहार को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब बच्चे आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करते हैं, तो वे आवेगपूर्ण प्रतिक्रिया देने के बजाय शांत होकर स्थिति का विश्लेषण करना सीखते हैं। क्रोध अक्सर तब उत्पन्न होता है जब बच्चे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण खो देते हैं। आत्म-नियंत्रण के अभ्यास से वे अपनी भावनाओं को पहचानना और उन्हें स्वस्थ तरीके से व्यक्त करना सीख सकते हैं। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं :
इसलिए, क्रोध पर नियंत्रण पाने के लिए बच्चों को आत्म-नियंत्रण का अभ्यास कराना सबसे प्रभावी तरीका है। |
प्रश्न – (17) दमन वह प्रतिक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपनी चेतना से उन विचारों तथा आवेगों को हटा देता है, जो चिन्ता को उत्तेजित करते है। यह कथन है।1. बरनार्ड का
2. फ्रायड का
3. विलियम जोन्स का
4. मैक्डूगल का
उत्तर – 2
इसका सही उत्तर है 2. फ्रायड का। सिगमंड फ्रायड और दमन का सिद्धांतयह कथन प्रसिद्ध मनोविश्लेषक सिगमंड फ्रायड (Sigmund Freud) का है। फ्रायड ने अपने मनोविश्लेषण सिद्धांत में दमन (Repression) को एक प्रमुख रक्षा तंत्र (Defense Mechanism) बताया है। उनके अनुसार, दमन वह अचेतन प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने चेतन मन से उन विचारों, भावनाओं, इच्छाओं, और आवेगों को बलपूर्वक हटा देता है जो उसे असहज, दर्दनाक या चिंताजनक महसूस कराते हैं। ये दमित विचार अचेतन मन में जमा हो जाते हैं और व्यक्ति के व्यवहार को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते रहते हैं। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं
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प्रश्न – (18) किस सिद्धान्त के अनुसार हमें दु:खद और अपमानजनक घटनाओं को याद नहीं रखना चाहिए।1. बाधा का सिद्धांत
2. दमन का सिद्धांत
3. अनभ्यास का सिद्धांत
4. उक्त कोई नहीं
उत्तर – 2
इसका सही उत्तर है 2. दमन का सिद्धांत (Theory of Repression)। दमन का सिद्धांत क्या है?दमन का सिद्धांत, जिसे मनोविश्लेषण के जनक सिगमंड फ्रायड ने प्रतिपादित किया था, यह बताता है कि हम जानबूझकर या अचेतन रूप से उन विचारों, भावनाओं और यादों को अपने चेतन मन से हटा देते हैं जो हमारे लिए बहुत दर्दनाक, चिंताजनक या अपमानजनक होती हैं। यह एक प्रकार का रक्षा तंत्र (Defense Mechanism) है जिसका उपयोग व्यक्ति अपने मानसिक तनाव को कम करने और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए करता है। यह सिद्धांत यह नहीं कहता कि हमें जानबूझकर दु:खद घटनाओं को भूलना चाहिए, बल्कि यह बताता है कि हमारा मन स्वयं ही इस तरह की यादों को अचेतन में दबा देता है ताकि हम रोजमर्रा की जिंदगी में कार्य कर सकें। यह सिद्धांत इस बात पर जोर देता है कि दमित यादें पूरी तरह से खत्म नहीं होतीं, बल्कि वे अचेतन मन में मौजूद रहती हैं और हमारे व्यवहार को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकती हैं। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (19) जिसके द्वारा इच्छाओं, असहनीय स्मृतियों आदि को चेतना से अलग कर दिया जाता है। कहलाता है।1. उदात्तीकरण
2. विस्थापन
3. दमन
4. आत्मीकरण
उत्तर – 3
इसका सही उत्तर है 3. दमन (Repression)। दमन की परिभाषादमन एक रक्षा तंत्र (defense mechanism) है जिसमें व्यक्ति अपनी असहनीय इच्छाओं, विचारों और दर्दनाक यादों को अचेतन मन में धकेल देता है ताकि वे चेतन मन में न रहें। यह प्रक्रिया अनजाने में होती है और इसका उद्देश्य व्यक्ति को मानसिक पीड़ा और चिंता से बचाना है। अन्य विकल्प
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प्रश्न – (20) पढाई में कमजोर छात्र खेलकूद में परिश्रम कर अपनी कमी को पूरा कर लेता है यह समायोजन है1. तादात्मीकरण
2. आक्रामकता
3. क्षतिपूर्ति
4. पलायन
उत्तर – 3
इसका सही उत्तर है 3. क्षतिपूर्ति (Compensation)। क्षतिपूर्ति क्या है?क्षतिपूर्ति एक रक्षा तंत्र (defense mechanism) है जिसमें एक व्यक्ति अपनी किसी कमजोरी या कमी को किसी दूसरे क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करके पूरा करने की कोशिश करता है। इस उदाहरण में, छात्र पढ़ाई में अपनी कमजोरी की भरपाई खेलकूद में अपनी कड़ी मेहनत और सफलता से कर रहा है। वह एक क्षेत्र में मिली निराशा को दूसरे क्षेत्र में मिली उपलब्धि से संतुलित कर रहा है। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (21) जब व्यक्ति कों बार बार प्रयास करने पर भी सफलता नही मिलती, तो वह शिकार हो जाता है।1. दबाव का
2. तनाव का
3. दुश्चिन्ता का
4. कुण्ठा का
उत्तर – 4
इसका सही उत्तर है 4. कुंठा का। जब कोई व्यक्ति बार-बार प्रयास करने के बावजूद अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रहता है, तो उसमें कुंठा (frustration) उत्पन्न होती है। यह एक ऐसी भावनात्मक स्थिति है जो तब पैदा होती है जब किसी व्यक्ति की इच्छाओं, आवश्यकताओं, या लक्ष्यों की पूर्ति में बाधा आती है। अन्य विकल्प:
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प्रश्न – (22) एक व्यक्ति अपना परिचय किसी बडे नेता से स्थापित करके देता है। यह समायोजन युक्ति है।1. प्रक्षेपण
2. तादात्मीकरण
3. कुण्ठा
4. प्रशंसा
उत्तर – 2
इसका सही उत्तर है 2. तादात्मीकरण। तादात्मीकरण क्या है?तादात्मीकरण (Identification) एक रक्षा तंत्र (defense mechanism) है जिसमें एक व्यक्ति अपनी हीन भावना या असुरक्षा को दूर करने के लिए किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति, समूह या संस्था के साथ अपनी पहचान स्थापित करता है। ऐसा करके, वह उस व्यक्ति या समूह की प्रतिष्ठा और सफलता को अपनी मानकर खुद को अधिक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली महसूस करता है। दिए गए उदाहरण में, व्यक्ति एक बड़े नेता से अपना संबंध बताकर अपनी स्वयं की कमी या हीन भावना को छुपाने की कोशिश कर रहा है। वह नेता की प्रतिष्ठा को अपनाकर सामाजिक स्वीकृति और सम्मान प्राप्त करना चाहता है, जो कि तादात्मीकरण का एक स्पष्ट उदाहरण है। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं?
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प्रश्न – (23) जब व्यक्ति समय की मॉग के अनुरूप कार्य नही कर पाता है, तो शिकार हो जाता है।1. तनाव का
2. दुश्चिन्ता का
3. कुण्ठा का
4. दबाव का
उत्तर – 1
इसका सही उत्तर है 1. तनाव का (Stress)। तनाव और समय की मांगजब कोई व्यक्ति समय की मांग (यानी समय सीमा) के अनुसार काम नहीं कर पाता, तो उसे तनाव महसूस होता है। यह एक ऐसी मानसिक और शारीरिक प्रतिक्रिया है जो किसी भी चुनौतीपूर्ण या कठिन परिस्थिति के कारण उत्पन्न होती है। समय की कमी और काम पूरा न कर पाने का डर व्यक्ति पर दबाव डालता है, जिससे वह तनावग्रस्त हो जाता है। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं?
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प्रश्न – (24) भय और आशंका की सामान्यीकृत अनुभूति ही दुश्चिन्ता है। यह कथन किसका है।1. कौलमैन
2. लेविन
3. सियर्स
4. मौरिस
उत्तर – 1
भय और आशंका की सामान्यीकृत अनुभूति ही दुश्चिंता है, यह कथन कौलमैन (Coleman) का है। कौलमैन ने दुश्चिंता को एक भावनात्मक प्रतिक्रिया के रूप में परिभाषित किया है जो भविष्य में आने वाली संभावित खतरे या अनिश्चितता के प्रति उत्पन्न होती है। यह किसी विशेष वस्तु या स्थिति के बजाय एक सामान्यीकृत भय है। |
प्रश्न – (25) मानसिक स्वास्थ विज्ञान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया।1. एडलर ने
2. ट्रेवर्स ने
3. क्लिफोर्ड बीयर्स ने
4. उपर्युक्त सभी
उत्तर – 3
इसका सही उत्तर है 3. क्लिफोर्ड बीयर्स ने (Clifford Beers)। क्लिफोर्ड बीयर्स एक अमेरिकी लेखक और कार्यकर्ता थे, जिन्होंने अपने मानसिक बीमारी के व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान (Mental Hygiene) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया। उन्होंने 1908 में अपनी आत्मकथा “ए माइंड दैट फाउंड इटसेल्फ” लिखी, जिसमें उन्होंने मानसिक संस्थानों की क्रूरता और दुर्व्यवहार के बारे में बताया। इस पुस्तक ने मानसिक स्वास्थ्य आंदोलन की नींव रखी और लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई। मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का उद्देश्यमानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का मुख्य उद्देश्य मानसिक बीमारी को रोकना, मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों का उचित उपचार सुनिश्चित करना है। बीयर्स के प्रयासों ने इस क्षेत्र को एक संगठित और वैज्ञानिक रूप दिया। |
प्रश्न – (26) निम्न में से किस अवस्था में बच्चे अपने समवयस्क समूह के सक्रिय सदस्य बन जाते है।1. प्रौढावस्था
2. किशोरावस्था
3. बाल्यावस्था
4. पूर्व बाल्यावस्था
उत्तर – 2
इसका सही उत्तर है 2. किशोरावस्था (Adolescence)। किशोरावस्था लगभग 12 से 18 वर्ष की आयु तक होती है। इस अवस्था में बच्चे अपने परिवार से अधिक अपने समवयस्क समूह (peer group) की ओर उन्मुख होते हैं। वे अपने दोस्तों के साथ अधिक समय बिताना, उनकी राय को महत्व देना और उनके समूह के मानदंडों को अपनाना पसंद करते हैं। इस दौरान, वे अपनी पहचान और सामाजिक स्थिति को स्थापित करने की कोशिश करते हैं। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (27) बच्चों के बौद्धिक विकास की चार विशिष्ट अवस्थाओं की पहचान की गई।1. एरिकसन द्वारा
2. पियाजे द्वारा
3. स्किनर द्वारा
4. इनमें से कोई नहीं
उत्तर – 2
इसका सही उत्तर है 2. पियाजे द्वारा (Jean Piaget)। जीन पियाजे का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांतस्विट्जरलैंड के मनोवैज्ञानिक जीन पियाजे ने बच्चों के बौद्धिक विकास का एक व्यापक सिद्धांत दिया, जिसे संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत (Theory of Cognitive Development) कहते हैं। इस सिद्धांत के अनुसार, बच्चों का बौद्धिक विकास चार विशिष्ट अवस्थाओं में होता है। ये चार अवस्थाएँ हैं:
अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (28) परिवार एक साधन है।1. अनौपचारिक शिक्षा का
2. दूरस्थ शिक्षा का
3. गैर औपचारिक शिक्षा का
4. औपचारिक शिक्षा का
उत्तर – 1
इसका सही उत्तर है 1. अनौपचारिक शिक्षा का (Informal Education)। अनौपचारिक शिक्षा क्या है?अनौपचारिक शिक्षा वह शिक्षा है जो बिना किसी निर्धारित पाठ्यक्रम, समय सारणी या औपचारिक संस्था के होती है। यह जीवन भर चलने वाली एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जहाँ व्यक्ति अपने दैनिक अनुभवों, परिवार, दोस्तों और समाज से सीखता है। परिवार और अनौपचारिक शिक्षापरिवार बच्चों की पहली पाठशाला होती है। यहाँ बच्चे अपने माता-पिता और बड़े सदस्यों से जीवन के मूलभूत कौशल, सामाजिक शिष्टाचार, नैतिक मूल्य, और भाषा सीखते हैं। इस प्रकार की शिक्षा सहज और स्वाभाविक होती है, जिसमें कोई औपचारिक नियम नहीं होते। इसलिए, परिवार को अनौपचारिक शिक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (29) एक शिक्षक विद्यार्थियों में सामाजिक मूल्यों को विकसित कर सकता है।1. महान व्यक्तियों के बारे में बोलकर
2. उन्हें अच्छी कहानियां सुनाकर
3. आदर्श रूप से बर्ताव कर
4. अनुशासन की अनुभूति को विकसित कर
उत्तर – 3
इसका सही उत्तर है 3. आदर्श रूप से बर्ताव कर (By behaving ideally)। सामाजिक मूल्यों का विकासएक शिक्षक विद्यार्थियों में सामाजिक मूल्यों को सबसे प्रभावी तरीके से विकसित कर सकता है, जब वह स्वयं आदर्श रूप से बर्ताव करता है। बच्चे अपने बड़ों, विशेषकर अपने शिक्षकों के व्यवहार का अनुकरण करते हैं। जब एक शिक्षक ईमानदारी, सम्मान, दया, और न्याय जैसे मूल्यों का अपने व्यवहार में प्रदर्शन करता है, तो विद्यार्थी इन मूल्यों को देखकर और अनुभव करके सीखते हैं। यह केवल उपदेश देने या कहानी सुनाने से कहीं अधिक शक्तिशाली होता है। अन्य विकल्प क्यों कम प्रभावी हैं:
संक्षेप में, “करनी कथनी से बेहतर है” का सिद्धांत यहाँ लागू होता है। |
प्रश्न – (30) असंगठित घर से आने बाला बच्चा सबसे अधिक कठिनाई का अनुभव करेगा।1. सुनिर्मित पाठों में
2. अभ्यास पुस्तिकाओं में
3. नियोजित निर्देश में
4. स्वतंत्र अध्ययन में
उत्तर – 4
इसका सही उत्तर है 4. स्वतंत्र अध्ययन में। असंगठित घर का अर्थ है, ऐसा घर जहाँ कोई निश्चित दिनचर्या, नियम या व्यवस्था न हो। ऐसे माहौल से आने वाले बच्चों को अक्सर आत्म-अनुशासन और स्वयं को व्यवस्थित करने में कठिनाई होती है। कारण
ये सभी कारक स्वतंत्र अध्ययन में बाधा डालते हैं, क्योंकि स्वतंत्र अध्ययन के लिए आत्म-अनुशासन, प्रेरणा और एकाग्रता की आवश्यकता होती है। जबकि अन्य विकल्प, जैसे सुनिर्मित पाठ या अभ्यास पुस्तिकाएँ, संरचित होते हैं और उन्हें करने के लिए अधिक बाहरी मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। |
प्रश्न – (31) चरित्र का विकास होता है।1. इच्छाशक्ति द्वारा
2. नैतिकता द्वारा
3. बर्ताव एवं व्यवहार द्वारा
4. ये सभी
उत्तर – 4
चरित्र का विकास इन सभी कारकों से होता है, इसलिए सही उत्तर है 4. ये सभी। चरित्र के विकास के कारकचरित्र एक जटिल और बहुआयामी अवधारणा है जो केवल एक कारक पर निर्भर नहीं करती। यह कई आंतरिक और बाहरी तत्वों के मेल से बनता है।
ये तीनों कारक एक-दूसरे के पूरक हैं और मिलकर एक व्यक्ति के चरित्र को विकसित करते हैं। |
प्रश्न – (32) शिक्षक का बर्ताव होना चाहिए।1. प्रशासनात्मक
2. निदेशात्मक
3. आदर्शवादी
4. शिक्षाप्रद
उत्तर – 3
शिक्षक का बर्ताव आदर्शवादी होना चाहिए। आदर्शवादी बर्ताव का महत्वएक शिक्षक का बर्ताव छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत होता है। जब एक शिक्षक स्वयं आदर्शवादी होता है, तो वह ईमानदारी, अनुशासन, सम्मान और नैतिक मूल्यों को अपने व्यवहार में दर्शाता है। छात्र अपने शिक्षक को देखकर इन गुणों को सीखते हैं और अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करते हैं। केवल उपदेश देने से कहीं अधिक प्रभावी, एक शिक्षक का आदर्श व्यवहार छात्रों के चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (33) यदि कोई विद्यार्थी आपका सम्मान नहीं करता है तो आप1. उसे डाटेगें
2. उसकी उपेक्षा करेगें
3. परीक्षा में कम अंक देगे
4. इनमें से कोई नहीं
उत्तर – 2
इसका सही उत्तर है 4. इनमें से कोई नहीं। एक शिक्षक के रूप में, यदि कोई विद्यार्थी आपका सम्मान नहीं करता है, तो उपर्युक्त विकल्पों में से कोई भी उचित प्रतिक्रिया नहीं है। एक प्रभावी और जिम्मेदार शिक्षक को ऐसी स्थिति में निम्नलिखित तरीकों से प्रतिक्रिया देनी चाहिए: सकारात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाएं
संक्षेप में, एक शिक्षक को छात्र के व्यवहार का समाधान उसकी जड़ों से करना चाहिए, न कि केवल सतही तौर पर दंडित करना चाहिए। |
प्रश्न – (34) किसी विद्यार्थी की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है।1. उत्तरदायित्व की अनुभूति
2. आज्ञाकारिता
3. सहभागिता
4. ईमानदारी
उत्तर – 2
किसी विद्यार्थी की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है 2. आज्ञाकारिता (Obedience)। आज्ञाकारिता का महत्वआज्ञाकारिता का अर्थ है शिक्षक और स्कूल के नियमों का पालन करना। एक विद्यार्थी के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है क्योंकि:
इस प्रकार, आज्ञाकारिता अन्य सभी विशेषताओं की नींव है, जिससे यह सबसे महत्वपूर्ण विशेषता बन जाती है। |
प्रश्न – (35) खिलौनो की आयु कहा जाता है।1. पूर्व बाल्यावस्था को
2. शैशवावस्था को
3. उत्तर बाल्यावस्था को
4. ये सभी
उत्तर – 1
खिलौनों की आयु पूर्व बाल्यावस्था को कहा जाता है। पूर्व बाल्यावस्था आमतौर पर 2 से 6 वर्ष तक की आयु को संदर्भित करती है। इस अवस्था में बच्चे मुख्य रूप से खिलौनों के माध्यम से खेलना और सीखना पसंद करते हैं। उनके लिए खिलौने केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि उनके संज्ञानात्मक और सामाजिक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (36) निम्न में से कौन सी पूर्व बाल्यावस्था की विशेषता नहीं है।1. समूह में रहने की अवस्था
2. खेलने की अवस्था
3. प्रश्न करने की अवस्था
4. अनुकरण करने की अवस्था
उत्तर – 2
इसका सही उत्तर है 1. समूह में रहने की अवस्था (Group living stage)। पूर्व बाल्यावस्था की विशेषताएँ (2-6 वर्ष)पूर्व बाल्यावस्था में बच्चे मुख्य रूप से अपने परिवार और आसपास के सीमित लोगों के साथ ही रहना पसंद करते हैं। इस अवस्था में, वे भले ही अन्य बच्चों के साथ खेलते हों, लेकिन वे एक संगठित और स्थायी समूह (peer group) के सदस्य नहीं बनते। यह विशेषता आमतौर पर उत्तर बाल्यावस्था (6-12 वर्ष) में विकसित होती है, जब बच्चे स्कूल जाना शुरू करते हैं और दोस्तों के साथ अधिक समय बिताते हैं। अन्य विकल्प क्यों सही हैं:
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प्रश्न – (37) उत्तर बाल्यावस्था में बालक भौतिक वस्तुओं के किस आवश्यक तत्व में परिवर्तन समझने लगते है।1. द्रव्यमान
2. द्रव्यमान और संख्या
3. संख्या
4. द्रव्यमान, संख्या और क्षेत्र
उत्तर – 2
उत्तर बाल्यावस्था में बालक भौतिक वस्तुओं के द्रव्यमान, संख्या और क्षेत्र में परिवर्तन समझने लगते हैं। यह जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत के मूर्त-संक्रियात्मक अवस्था (Concrete Operational Stage) से संबंधित है, जो लगभग 7 से 11 वर्ष की आयु तक होती है। इस अवस्था में, बच्चों में संरक्षण (conservation) की क्षमता विकसित होती है। संरक्षण का सिद्धांत (Principle of Conservation)संरक्षण वह समझ है कि किसी वस्तु के बाहरी स्वरूप या आकार में बदलाव होने पर भी उसके मौलिक गुण (जैसे द्रव्यमान, संख्या या आयतन) नहीं बदलते।
इस प्रकार, उत्तर बाल्यावस्था में बच्चे तार्किक रूप से सोचने लगते हैं और भौतिक वस्तुओं के इन आवश्यक तत्वों में परिवर्तन को सही ढंग से समझने लगते हैं। |
प्रश्न – (38) निम्न में से कौन प्याजे के अनुसार बौद्धिक विकास का निर्धारक तत्व नहीं है।1. सामाजिक संचरण
2. अनुभव
3. सन्तुलनीकरण
4. इनमें से कोई नहीं
उत्तर – 1
इसका सही उत्तर है 1. सामाजिक संचरण। जीन पियाजे के अनुसार, बच्चों के बौद्धिक विकास के तीन मुख्य निर्धारक तत्व हैं:
सामाजिक संचरण (Social Transmission), पियाजे के सिद्धांत में एक महत्वपूर्ण कारक है, लेकिन इसे उन्होंने बौद्धिक विकास का मुख्य निर्धारक तत्व नहीं माना। उनके अनुसार, यह केवल ज्ञान के हस्तांतरण का एक साधन है, और बच्चा सामाजिक अंतःक्रिया से प्राप्त ज्ञान को तभी आत्मसात कर पाता है जब वह उसके संज्ञानात्मक विकास के स्तर के अनुरूप हो। इस प्रकार, पियाजे ने परिपक्वता, अनुभव और संतुलनीकरण को ही बौद्धिक विकास के तीन मुख्य निर्धारक तत्व माना। |
प्रश्न – (39) गिेलफोर्ड ने अभिसारी चिन्तन पद का प्रयोग किसके समान अर्थ में किया।1. बुद्धि
2. सृजनात्मकता
3. बुद्धि एवं सृजनात्मकता
4. इनमें से कोई नहीं
उत्तर – 1
गिलफोर्ड (Guilford) ने अभिसारी चिंतन (Convergent Thinking) पद का प्रयोग बुद्धि के समान अर्थ में किया। अभिसारी चिंतन क्या है?अभिसारी चिंतन वह प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति किसी समस्या का एक ही सही और सर्वोत्तम समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित करता है। इसमें तर्क और ज्ञान का उपयोग करके कई विचारों को एक बिंदु पर लाया जाता है। गिलफोर्ड का मानना था कि इस प्रकार का चिंतन पारंपरिक बुद्धि परीक्षणों द्वारा मापी गई बुद्धि से संबंधित है। अपसारी चिंतन और सृजनात्मकताइसके विपरीत, गिलफोर्ड ने अपसारी चिंतन (Divergent Thinking) का प्रयोग सृजनात्मकता (Creativity) के लिए किया था। अपसारी चिंतन में व्यक्ति किसी समस्या के अनेक संभावित और नए समाधानों के बारे में सोचता है। |
प्रश्न – (40) मानव विकास किन दोनों के योगदान का परिणाम है।1. अभिभावक एवं अध्यापक का
2. वंशक्रम एवं वातावरण का
3. सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारको का
4. इनमें से कोई नहीं
उत्तर – 2
मानव विकास वंशक्रम एवं वातावरण दोनों के योगदान का परिणाम है। वंशक्रम (Heredity)वंशक्रम से तात्पर्य उन आनुवंशिक विशेषताओं से है जो बच्चे को उसके माता-पिता से मिलती हैं। इसमें शारीरिक और मानसिक गुण शामिल होते हैं, जैसे आँखों का रंग, शरीर की बनावट, और बुद्धिमत्ता की क्षमता। वंशक्रम विकास की सीमाएँ निर्धारित करता है। वातावरण (Environment)वातावरण में वे सभी कारक शामिल हैं जो व्यक्ति को जन्म से लेकर मृत्यु तक प्रभावित करते हैं। इसमें परिवार, समाज, स्कूल, पोषण, और संस्कृति शामिल हैं। वातावरण व्यक्ति के विकास को दिशा देता है और वंशक्रम से प्राप्त क्षमताओं को विकसित होने का अवसर प्रदान करता है। मनोविज्ञान में, इस सिद्धांत को अक्सर एक सूत्र से समझा जाता है: विकास (Development) = वंशक्रम (Heredity) × वातावरण (Environment) यह सूत्र दर्शाता है कि दोनों कारक एक-दूसरे से स्वतंत्र नहीं हैं, बल्कि वे एक साथ मिलकर व्यक्ति के विकास को प्रभावित करते हैं। |
प्रश्न – (41) समायोंजन से तात्पर्य स्वयं का विभिन्न परिस्थितियों में अनुकूलन करना है ताकि संतुष्ट किया जा सके।1. दूसरों को
2. आवश्यकताओं को
3. उद्देश्यों को
4. प्रेरको को
उत्तर – 2
समायोजन से तात्पर्य स्वयं का विभिन्न परिस्थितियों में अनुकूलन करना है ताकि आवश्यकताओं को संतुष्ट किया जा सके। मनोविज्ञान में, समायोजन (Adjustment) एक प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति अपनी आंतरिक और बाहरी मांगों के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करता है। इसका मुख्य उद्देश्य अपनी जैविक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक आवश्यकताओं (Needs) को पूरा करना है, जिससे मानसिक शांति और संतोष प्राप्त हो सके। जब कोई व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने व्यवहार या वातावरण में परिवर्तन करता है, तो वह समायोजित होता है। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (42) 6 से 10 वर्ष की अवस्था में बालक रूचि लेना प्रारम्भ करते है।1. धर्म में
2. विद्यालय में
3. मानव में
4. इनमें से कोई नहीं
उत्तर – 2
6 से 10 वर्ष की अवस्था में बालक मुख्य रूप से 2. विद्यालय में रुचि लेना प्रारंभ करते हैं। इस आयु वर्ग को उत्तर बाल्यावस्था (Late Childhood) कहा जाता है। इस दौरान बच्चे अपने परिवार से बाहर निकलकर सामाजिक दुनिया में प्रवेश करते हैं। विद्यालय वह स्थान है जहाँ उन्हें नए दोस्त मिलते हैं, वे नए खेल सीखते हैं, और उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा मिलता है। वे पढ़ने, लिखने और अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानने में अधिक रुचि लेने लगते हैं। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (43) शिक्षक का वह गुण जो उसे अन्य व्यवसायियों से अलग करता है वह है उसकी1. कर्मठता
2. भाषण देने में निपुणता
3. अध्ययनशीलता
4. ये सभी
उत्तर – 3
शिक्षक का वह गुण जो उसे अन्य व्यवसायियों से अलग करता है, वह उसकी अध्ययनशीलता है। अध्ययनशीलता (Studiousness) का महत्वशिक्षण एक ऐसा पेशा है जहाँ सीखने की प्रक्रिया कभी समाप्त नहीं होती। एक शिक्षक को न केवल अपने विषय का गहन ज्ञान होना चाहिए, बल्कि उसे बदलते पाठ्यक्रम, नई शिक्षण विधियों और छात्रों की बदलती जरूरतों के अनुसार खुद को लगातार अपडेट भी रखना पड़ता है। यही अध्ययनशीलता उसे अन्य पेशेवरों से अलग करती है।
इस प्रकार, जहाँ कर्मठता और भाषण कौशल अन्य व्यवसायों में भी पाए जाते हैं, वहीं अध्ययनशीलता एक ऐसा विशिष्ट गुण है जो एक शिक्षक को अपने छात्रों को प्रभावी ढंग से शिक्षित करने के लिए लगातार विकसित होना सिखाता है, और यही उसे अद्वितीय बनाता है। |
प्रश्न – (44) प्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला स्थापित की थी।1. कैटल ने
2. वुन्ट ने
3. गाल्टन ने
4. वाटसन ने
उत्तर – 2
प्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना वुंट ने की थी। जर्मन मनोवैज्ञानिक विलियम वुंट (Wilhelm Wundt) ने 1879 में जर्मनी के लिपजिग विश्वविद्यालय में दुनिया की पहली मनोविज्ञान प्रयोगशाला स्थापित की। इस घटना को मनोविज्ञान के एक स्वतंत्र विज्ञान के रूप में स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (45) अधिगम की उपलब्धि है।1. ज्ञान
2. अभिवृति
3. कौशल
4. उपरोक्त सभी
उत्तर – 4
अधिगम की उपलब्धि 4. उपरोक्त सभी है। अधिगम और उसकी उपलब्धियाँअधिगम (Learning) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने अनुभव के माध्यम से अपने व्यवहार, ज्ञान, और दृष्टिकोण में परिवर्तन लाता है। यह परिवर्तन स्थायी होता है और यह दर्शाता है कि व्यक्ति ने कुछ सीखा है। अधिगम की तीन मुख्य उपलब्धियाँ होती हैं:
ये तीनों उपलब्धियाँ एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और मिलकर अधिगम की प्रक्रिया को पूर्ण बनाती हैं। |
प्रश्न – (46) बुद्धिमापन का स्टेनफोर्ड बिने परीक्षण है।1. सामूहिक परीक्षण
2. शाब्दिक परीक्षण
3. निष्पादन परीक्षण
4. अशाब्दिक परीक्षण
उत्तर – 2
बुद्धिमापन का स्टैनफोर्ड-बिने परीक्षण एक शाब्दिक परीक्षण है। शाब्दिक परीक्षण क्या है?शाब्दिक परीक्षण (Verbal Test) वह परीक्षण होता है जिसमें भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसमें प्रश्नों को शब्दों के माध्यम से पूछा जाता है और उत्तर भी शब्दों या वाक्यों में ही दिए जाते हैं। स्टैनफोर्ड-बिने परीक्षणस्टैनफोर्ड-बिने इंटेलिजेंस स्केल का विकास लुईस टरमन (Lewis Terman) ने अल्फ्रेड बिने (Alfred Binet) के मूल परीक्षण में संशोधन करके किया था। यह परीक्षण बच्चों की मानसिक आयु और बुद्धिमत्ता (IQ) का आकलन करने के लिए बनाया गया था। इस परीक्षण में शब्दावली, तर्क, स्मृति और संख्यात्मक तर्क से संबंधित प्रश्न होते हैं, जिन्हें मौखिक रूप से पूछा जाता है, इसलिए इसे शाब्दिक परीक्षण कहा जाता है। |
प्रश्न – (47) प्रचलित योजनाओं में नई जानकारी जोडने को किस नाम से जाना जाता है।1. समायोजन
2. साम्यधारण
3. आत्मसात्करण
4. संगठन
उत्तर – 3
प्रचलित योजनाओं में नई जानकारी जोड़ने को आत्मसात्करण (Assimilation) के नाम से जाना जाता है। आत्मसात्करण (Assimilation) और समायोजन (Accommodation)यह अवधारणा जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत से संबंधित है।
इस प्रकार, जब हम केवल नई जानकारी को अपनी मौजूदा समझ में जोड़ते हैं, तो वह आत्मसात्करण कहलाता है। |
प्रश्न – (48) वंचित समूहो के विद्यार्थियों को सामान्य विद्यार्थियो के साथ साथ पढाना चाहिए इसका अभिप्राय है।1. समावेशी शिक्षा
2. विशेष शिक्षा
3. एकीकृत शिक्षा
4. अपवर्जक शिक्षा
उत्तर – 1
इसका सही उत्तर है 1. समावेशी शिक्षा (Inclusive Education)। समावेशी शिक्षा क्या है?समावेशी शिक्षा एक ऐसी शैक्षिक प्रणाली है जिसमें सभी बच्चे, चाहे वे किसी भी सामाजिक, आर्थिक, शारीरिक या मानसिक स्थिति से हों, एक ही कक्षा में एक साथ पढ़ते हैं। इसका उद्देश्य प्रत्येक बच्चे की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करना और उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल करना है। यह प्रणाली इस विश्वास पर आधारित है कि वंचित और हाशिए के समूहों के बच्चों को अलग से पढ़ाने के बजाय सामान्य बच्चों के साथ पढ़ने से उनका सामाजिक और भावनात्मक विकास बेहतर होता है। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (49) विकृत लिखावट से संबंधित लिखने की योग्यता में कमी किसका एक लक्षण है।1. डिस्ग्राफिया
2. डिस्प्रैक्सिया
3. डिस्कैल्कुलिया
4. डिस्लेक्सिया
उत्तर – 1
विकृत लिखावट से संबंधित लिखने की योग्यता में कमी डिस्ग्राफिया का एक लक्षण है। डिस्ग्राफिया क्या है?डिस्ग्राफिया एक सीखने की अक्षमता है जो लिखने की योग्यता को प्रभावित करती है। इसमें अक्षर और शब्द सही ढंग से नहीं बन पाते, जिससे लिखावट गंदी और अनियमित हो जाती है। यह अक्सर वर्तनी (spelling) और व्याकरण से जुड़ी समस्याओं से भी संबंधित होता है। अन्य विकल्प क्यों सही नहीं हैं:
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प्रश्न – (50) निम्न में से कौन सी समाजीकरण की निष्क्रिय एजेंसी है।1. स्वास्थ्य क्लब
2. परिवार
3. इको क्लव
4. सार्वजनिक पुस्तकालय
उत्तर – 4
निम्न में से सार्वजनिक पुस्तकालय समाजीकरण की निष्क्रिय एजेंसी है। समाजीकरण की निष्क्रिय एजेंसी क्या है?समाजीकरण की निष्क्रिय एजेंसी वह स्थान या संस्था है जहां व्यक्ति सीधे तौर पर सामाजिक अंतःक्रिया में भाग नहीं लेता, बल्कि केवल जानकारी प्राप्त करता है या नियमों का पालन करता है। यहाँ व्यक्ति और एजेंसी के बीच सीधा संवाद या पारस्परिक क्रिया नहीं होती है। सार्वजनिक पुस्तकालय (Public Library)एक सार्वजनिक पुस्तकालय में लोग किताबें पढ़ने या अध्ययन करने के लिए आते हैं। यहाँ का माहौल शांत और व्यक्तिगत होता है, और लोग एक-दूसरे से बात करने के बजाय अपने काम पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यद्यपि यह समाज का हिस्सा है, यहाँ पर व्यक्ति समाजीकरण की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग नहीं लेता, इसलिए इसे निष्क्रिय एजेंसी कहा जाता है। सक्रिय एजेंसियाँ
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