Hindi Mock Test – 01 (शब्द)
1. इन शब्दों में विदेशी शब्द है-
सही उत्तर है (D) औरत।
‘औरत’ शब्द विदेशी (अरबी) भाषा का शब्द है।
शब्दों का वर्गीकरण
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(A) स्त्री और (B) नारी: ये दोनों शब्द तत्सम (संस्कृत से सीधे हिंदी में आए) शब्द हैं।
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(C) महिला: यह शब्द भी संस्कृत मूल का है, हालाँकि इसका प्रयोग हिंदी में होता है। इसे भी तत्सम या संस्कृत मूल का माना जाता है।
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(D) औरत: यह शब्द अरबी भाषा से हिंदी में आया है, इसलिए यह विदेशी या आगत शब्द है।
2. ‘पंकज’ शब्द निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?
सही उत्तर है (C) योग रूढ़ शब्द।
योग रूढ़ शब्द
‘पंकज’ शब्द योग रूढ़ (Yog-Rudha) शब्द का उदाहरण है।
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उत्पत्ति (योग): ‘पंकज’ शब्द दो शब्दों के मेल से बना है:
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पंक (कीचड़) + ज (जन्म लेने वाला) = कीचड़ में जन्म लेने वाला।
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अर्थ (रूढ़): हालाँकि इसका शाब्दिक अर्थ ‘कीचड़ में जन्म लेने वाला’ है, लेकिन यह किसी भी कीड़े, मेंढक या वनस्पति के लिए प्रयोग नहीं होता है। इसका अर्थ एक विशेष वस्तु के लिए रूढ़ (निश्चित) हो गया है, जो है: कमल।
परिभाषा:
वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बने हों (योगिक हों), लेकिन उनका अर्थ किसी विशेष अर्थ के लिए निश्चित या रूढ़ हो गया हो, वे योग रूढ़ शब्द कहलाते हैं।
3. ‘कैंची’ किस भाषा का शब्द है-
सही उत्तर है (D) तुर्की।
‘कैंची’ शब्द तुर्की (Turkish) भाषा से हिंदी में आया है।
🇹🇷 तुर्की भाषा के अन्य प्रचलित शब्द:
‘कैंची’ के अलावा, हिंदी में इस्तेमाल होने वाले कुछ अन्य प्रसिद्ध तुर्की शब्द हैं:
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उर्दू
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कुली
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बेगम
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बारूद
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चकमक
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तोप
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दरोगा
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ताश
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चमचा
4. ‘दीदार’ शब्द किस भाषा का है?
‘दीदार’ शब्द (B) फारसी भाषा का है।
इसका अर्थ होता है ‘देखना’, ‘दर्शन’ या ‘झलक’। यह शब्द फारसी से हिंदी और उर्दू भाषाओं में आया है।
5. निम्नलिखित में से देशज शब्द नहीं है-
इनमें से (B) बूट शब्द देशज नहीं है।
‘बूट’ शब्द विदेशी (अंग्रेजी: Boot) भाषा का है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | उत्पत्ति का आधार | वर्गीकरण | स्पष्टीकरण |
(A) खिड़की | क्षेत्रीय बोलियाँ | देशज | यह शब्द स्थानीय/क्षेत्रीय प्रभाव से हिंदी में आया है। |
(B) बूट | अंग्रेजी | विदेशी | यह अंग्रेजी के ‘Boot’ (जूता) से लिया गया है। |
(C) पाग | क्षेत्रीय बोलियाँ | देशज | इसका अर्थ ‘पगड़ी’ या ‘पेंच’ होता है और यह स्थानीय शब्द है। |
(D) रींगड़ा | क्षेत्रीय बोलियाँ | देशज | यह राजस्थानी और कुछ अन्य बोलियों में बैंगन को कहा जाता है, जो एक स्थानीय शब्द है। |
देशज शब्द वे होते हैं जो संस्कृत या किसी विदेशी भाषा से न आकर, स्थानीय आवश्यकता या क्षेत्रीय लोगों द्वारा स्वयं गढ़ लिए जाते हैं।
7. ‘रिपोर्ताज’ किस भाषा का शब्द है?
‘रिपोर्ताज’ (Reportage) शब्द (A) फ्रांसीसी भाषा का है।
‘रिपोर्ताज’ का अर्थ और उत्पत्ति
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उत्पत्ति: यह शब्द मूल रूप से फ्रेंच (French) भाषा का है।
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अर्थ: हिंदी और अन्य भाषाओं में इसका प्रयोग एक साहित्यिक विधा के रूप में किया जाता है। ‘रिपोर्ताज’ गद्य की वह विधा है जिसमें किसी घटना का आँखों देखा हाल कलात्मक और भावनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। यह पत्रकारिता और साहित्य के बीच की विधा मानी जाती है।
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सटीक अंग्रेजी अनुवाद: The closest translation in English is “Reportage”.
8. निम्नलिखित में से तत्सम शब्द है-
दिए गए विकल्पों में से (D) तीर्थ शब्द तत्सम है।
तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत भाषा से बिना किसी बदलाव के सीधे हिंदी में आ गए हैं।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | संस्कृत मूल (तत्सम) | हिंदी रूप (तद्भव) |
(A) गरम | विदेशी/तद्भव | (यह फारसी का शब्द है) | (तद्भव/विदेशी) |
(B) नरक | तत्सम | नरक | नरक/नरग (तद्भव रूप यही है) |
(C) नरम | विदेशी | (यह फारसी का शब्द है) | (विदेशी) |
(D) तीर्थ | तत्सम | तीर्थ | तीरथ |
सबसे उपयुक्त तत्सम शब्द:
यद्यपि ‘नरक’ भी तत्सम शब्द है, लेकिन जब ‘तीर्थ’ का तद्भव रूप ‘तीरथ’ मौजूद है, तो यह संस्कृत से सीधे आया हुआ तत्सम रूप (Tatsam form) का सबसे स्पष्ट उदाहरण है। प्रतियोगी परीक्षाओं में, जब दो विकल्प तत्सम होते हैं, तो अक्सर तीर्थ को ‘तीरथ’ की उपस्थिति के कारण अधिक प्राथमिकता दी जाती है।
9. निम्नलिखित में से तत्सम शब्द है-
दिए गए विकल्पों में से (A) मेघ शब्द तत्सम है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | स्पष्टीकरण | तद्भव/तत्सम रूप |
(A) मेघ | तत्सम | यह संस्कृत से सीधे हिंदी में आया है। | तद्भव रूप: मेह (या बादल) |
(B) ठेस | देशज | यह शब्द स्थानीय या क्षेत्रीय बोलियों से हिंदी में आया है। | – |
(C) भौंरा | तद्भव | यह संस्कृत शब्द का बदला हुआ रूप है। | तत्सम रूप: भ्रमर |
(D) जेठ | तद्भव | यह ज्येष्ठ महीने के लिए इस्तेमाल होता है और संस्कृत से बदलकर आया है। | तत्सम रूप: ज्येष्ठ |
परिभाषा:
तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत भाषा से बिना किसी बदलाव के (या थोड़े से बदलाव के साथ) हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं।
तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत शब्दों से विकसित होकर हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं।
देशज शब्द वे होते हैं जो क्षेत्रीय बोलियों से उत्पन्न हुए हैं।
10. ‘कन्धा’ का तत्सम है-
‘कन्धा’ शब्द का तत्सम रूप (B) स्कन्ध है।
तत्सम-तद्भव संबंध
तद्भव (हिंदी रूप) | तत्सम (संस्कृत मूल) |
कन्धा | स्कन्ध |
अतिरिक्त जानकारी:
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इस्कन्ध (A) और कन्धु (D) हिंदी या संस्कृत व्याकरण में मानक रूप नहीं हैं।
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कक्षु (C) का अर्थ संस्कृत में खुजली होता है, जो ‘कन्धा’ से संबंधित नहीं है।
11. निम्न में से तत्सम शब्द नहीं हैं-
दिए गए विकल्पों में से (C) हासिल तत्सम शब्द नहीं है।
यह शब्द विदेशी भाषा का है।
शब्दों का वर्गीकरण
शब्द | वर्गीकरण | उत्पत्ति / स्पष्टीकरण |
(A) सभ्यता | तत्सम | यह संस्कृत मूल का शब्द है (सभ्य + ता)। |
(B) अवलोकन | तत्सम | यह संस्कृत मूल का शब्द है (अव + लोकन)। |
(C) हासिल | विदेशी | यह मूल रूप से अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है ‘प्राप्त करना’ या ‘लब्धि’। |
(D) आवश्यकता | तत्सम | यह संस्कृत मूल का शब्द है (आवश्यक + ता)। |
तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए हैं, जबकि विदेशी शब्द वे होते हैं जो अन्य भाषाओं (जैसे अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी आदि) से हिंदी में आए हैं।
12. कर्म का तद्भव है-
‘कर्म’ का तद्भव शब्द है – काम।
स्पष्टीकरण
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तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से बिना बदलाव के हिंदी में आये हैं, जैसे ‘कर्म’।
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तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत शब्दों से कुछ परिवर्तन होकर हिंदी में प्रचलित हुए हैं, जैसे ‘काम’।
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अतः ‘कर्म’ (तत्सम) का तद्भव शब्द ‘काम’ है, न कि कारज, कार्य या क्रिया।
13. ‘आग’ का तत्सम है-
‘आग’ का तत्सम रूप (C) अग्नि है। 🔥
तत्सम-तद्भव संबंध
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तद्भव शब्द: आग (हिंदी में प्रयुक्त, संस्कृत से विकसित)
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तत्सम शब्द: अग्नि (संस्कृत का मूल शब्द, बिना बदलाव के हिंदी में प्रयुक्त)
तत्सम वे शब्द होते हैं जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए हैं, जबकि तद्भव वे होते हैं जो संस्कृत के मूल शब्दों से विकसित या बदलकर बने हैं।
14. ‘तय’ शब्द है-
‘तय’ शब्द (D) विदेशी है।
यह शब्द मूल रूप से अरबी (Arabic) या फारसी (Persian) भाषाओं से हिंदी में आया है। इसका अर्थ होता है ‘निश्चित करना’ या ‘समाप्त करना’।
शब्दों का वर्गीकरण
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तत्सम: संस्कृत से सीधे आए शब्द (जैसे: अग्नि, कार्य)।
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तद्भव: संस्कृत से बदलकर बने शब्द (जैसे: आग, काम)।
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देशज: स्थानीय/क्षेत्रीय बोलियों से बने शब्द (जैसे: खिड़की, लोटा)।
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विदेशी: अन्य भाषाओं से आए शब्द (जैसे: तय, आदमी, कुर्सी)।
15. कौनसा शब्द विदेशी है-
दिए गए शब्दों में (C) अंदाज विदेशी शब्द है।
‘अंदाज’ शब्द मूल रूप से फ़ारसी (Persian) भाषा का है, जिसका अर्थ होता है ‘तरीका’ (Style/Manner), ‘अनुमान’ (Estimation) या ‘कयास’।
शब्दों का वर्गीकरण
शब्द | उत्पत्ति | वर्गीकरण |
(A) शब्द | संस्कृत | तत्सम |
(B) धर्म | संस्कृत | तत्सम |
(C) अंदाज | फारसी | विदेशी |
(D) प्रकृति | संस्कृत | तत्सम |
16. ‘पंगा’ शब्द है-
‘पंगा’ शब्द (A) देशज है।
‘पंगा’ शब्द का विश्लेषण
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देशज शब्द वे होते हैं जो संस्कृत या किसी विदेशी भाषा से नहीं आए हैं, बल्कि स्थानीय बोलियों या क्षेत्रीय प्रभाव से हिंदी में प्रचलित हो गए हैं।
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‘पंगा’ का अर्थ होता है ‘झगड़ा’, ‘झंझट’, या ‘मुसीबत मोल लेना’। यह एक अनौपचारिक और स्थानीय शब्द है जिसका प्रयोग अक्सर बोलचाल की भाषा में किया जाता है, इसलिए इसे देशज (Regional/Indigenous) माना जाता है।
17. ‘पुलिस’ किस वर्ग का शब्द है ?
‘पुलिस’ शब्द (D) विदेशी वर्ग का है।
शब्द विश्लेषण
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‘पुलिस’ (Police) शब्द मूल रूप से अंग्रेजी भाषा का है, जो बाद में हिंदी में व्यापक रूप से प्रचलित हो गया। इसलिए यह विदेशी (Foreign/Aagat) शब्द कहलाता है।
वर्ग | विवरण | ‘पुलिस’ का संबंध |
तत्सम | संस्कृत से ज्यों-का-त्यों हिंदी में आए शब्द। | नहीं |
तद्भव | संस्कृत से बदलकर हिंदी में आए शब्द। | नहीं |
देशज | स्थानीय बोलियों या क्षेत्रीय प्रभाव से बने शब्द। | नहीं |
विदेशी | अन्य भाषाओं (जैसे अंग्रेजी, अरबी, फारसी) से हिंदी में आए शब्द। | हाँ |
18. ‘व्युत्पत्ति के अनुसार शब्दों का वर्गीकरण है-
- रूढ़ शब्द: वे शब्द जो किसी अन्य शब्द के योग से नहीं बने होते और जिनका कोई विशेष अर्थ होता है। इन्हें खंडित करने पर इनके खंडों का कोई सार्थक अर्थ नहीं निकलता।
- उदाहरण: कल, दिन, रात।
- यौगिक शब्द: ये वे शब्द होते हैं जो दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों या शब्दांशों के मेल से बनते हैं। इनका अर्थ इनके घटक शब्दों के अर्थ से निर्धारित होता है।
- उदाहरण: पाठशाला (पाठ + शाला), रसोईघर (रसोई + घर)।
- योगरूढ़ शब्द: ये शब्द यौगिक होते हैं, लेकिन इनका अर्थ रूढ़ हो जाता है, अर्थात यह सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ का बोध कराते हैं।
- उदाहरण: पंकज (पंक + ज), जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘कीचड़ में जन्म लेने वाला’, लेकिन इसका रूढ़ अर्थ ‘कमल’ है।
19. ‘चोर’ शब्द का तत्सम रूप है-
‘चोर’ शब्द का तत्सम रूप (B) चौर है।
तत्सम-तद्भव संबंध
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तद्भव शब्द (हिंदी रूप): चोर
-
तत्सम शब्द (संस्कृत मूल): चौर
अन्य विकल्पों का स्पष्टीकरण:
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(A) चर्वण: यह तत्सम शब्द है जिसका अर्थ होता है चबाना।
-
(C) चर: यह तत्सम शब्द है जिसका अर्थ जासूस, सेवक, या चलने वाला होता है।
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(D) चकमक: यह शब्द मूल रूप से तुर्की भाषा का है, जिसका अर्थ है आग पैदा करने वाला पत्थर। यह विदेशी शब्द है, तत्सम नहीं।
20. निम्न में से तत्सम शब्द है-
दिए गए विकल्पों में से (A) अमावस्या शब्द तत्सम है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | स्पष्टीकरण |
(A) अमावस्या | तत्सम | यह संस्कृत का मूल शब्द है, जिसे हिंदी में ज्यों-का-त्यों प्रयोग किया जाता है। |
(B) माता | तत्सम | यह शब्द भी संस्कृत का है (मातृ के स्थान पर प्रयुक्त)। इसका तद्भव रूप ‘माँ’ है। |
(C) झिलमिल | देशज | यह क्षेत्रीय या स्थानीय प्रभाव से बना शब्द है। |
(D) चौका | तद्भव | यह संस्कृत के शब्द ‘चतुष्क’ (Chatushka – चार का समूह/चौकोर जगह) से विकसित हुआ है। |
नोट: ‘माता’ भी तकनीकी रूप से तत्सम है, लेकिन ‘अमावस्या’ का हिंदी में कोई प्रचलित तद्भव रूप नहीं है, जबकि ‘माता’ का तद्भव रूप ‘माँ’ है। चूँकि ‘अमावस्या’ संस्कृत से बिना किसी बदलाव के लिया गया है, यह एक स्पष्ट तत्सम उदाहरण है। यदि प्रश्न में बहुविकल्पीय उत्तर की अपेक्षा हो, तो दोनों (अमावस्या और माता) तत्सम हैं। हालाँकि, यदि एक ही उत्तर चुनना हो, तो ‘अमावस्या’ को संस्कृत के अपरिवर्तित रूप के रूप में अधिक मजबूत तत्सम माना जाता है।
21. निम्न में से तत्सम शब्द नहीं है-
दिए गए विकल्पों में से (D) भँवरा तत्सम शब्द नहीं है। यह एक तद्भव शब्द है।
शब्दों का वर्गीकरण
शब्द | वर्गीकरण | स्पष्टीकरण | तत्सम/तद्भव रूप |
(A) कृतित्व | तत्सम | संस्कृत मूल का शब्द, जिसका अर्थ ‘कार्य’ या ‘रचना’ होता है। | – |
(B) यशस्वी | तत्सम | संस्कृत मूल का शब्द, जिसका अर्थ ‘यश वाला’ या ‘प्रसिद्ध’ होता है। | – |
(C) आम्र | तत्सम | यह संस्कृत का मूल शब्द है। | तद्भव रूप: आम |
(D) भँवरा | तद्भव | यह संस्कृत शब्द से विकसित हुआ है। | तत्सम रूप: भ्रमर |
तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए हैं, जबकि तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से बदलकर/विकसित होकर बने हैं।
22. निम्न में से तत्सम् शब्द है-
दिए गए विकल्पों में से (D) पानीय शब्द तत्सम है।
यह शब्द संस्कृत से सीधे हिंदी में आया है और इसका अर्थ ‘पीने योग्य’ (Potable) होता है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | तत्सम/तद्भव रूप और स्पष्टीकरण |
(A) लछमी | तद्भव | यह संस्कृत शब्द ‘लक्ष्मी’ (तत्सम) का परिवर्तित/अपभ्रंश रूप है। |
(B) साँप | तद्भव | यह संस्कृत शब्द ‘सर्प’ (तत्सम) से बदलकर बना है। |
(C) पतोहू | तद्भव | यह संस्कृत शब्द ‘पुत्रवधू’ (तत्सम) से विकसित हुआ है। |
(D) पानीय | तत्सम | यह संस्कृत का मूल शब्द है जिसका अर्थ है ‘जल’ या ‘पीने योग्य’। इसका तद्भव रूप ‘पानी’ है। |
23. निम्न में से तत्सम शब्द नहीं है-
दिए गए विकल्पों में से (B) नींद तत्सम शब्द नहीं है। यह एक तद्भव शब्द है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | स्पष्टीकरण | तत्सम/तद्भव रूप |
(A) संकीर्ण | तत्सम | यह संस्कृत मूल का शब्द है जिसका अर्थ है ‘संकरा’ या ‘तंग’। | – |
(B) नींद | तद्भव | यह संस्कृत शब्द से विकसित हुआ है। | तत्सम रूप: निद्रा |
(C) उदयाचल | तत्सम | यह संस्कृत मूल का शब्द है (उदय + अचल), जिसका अर्थ है वह पर्वत जहाँ से सूर्योदय होता है। | – |
(D) दुःख | तत्सम | यह संस्कृत का मूल शब्द है (हालाँकि हिंदी में इसे प्रायः दुख लिखा जाता है)। | – |
तत्सम वे शब्द हैं जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए हैं।
तद्भव वे शब्द हैं जो संस्कृत शब्दों से बदलकर बने हैं।
24. निम्न में से किस विकल्प में सभी शब्द तत्सम् शब्द हैं-
दिए गए विकल्पों में से (C) पक्षी, दृष्टि, अश्रु, कोकिल में सभी शब्द तत्सम हैं।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | विकल्प (C) में | अर्थ | तत्सम/तद्भव |
पक्षी | ✔️ | चिड़िया | तत्सम (तद्भव: पंछी) |
दृष्टि | ✔️ | देखना, नजर | तत्सम (तद्भव: दीठि/दीठ) |
अश्रु | ✔️ | आँसू | तत्सम (तद्भव: आँसू) |
कोकिल | ✔️ | कोयल | तत्सम (तद्भव: कोयल) |
अन्य विकल्पों में अशुद्धियाँ
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(A) पक्षी, दृष्टि, आंसू, कोयल: इसमें आंसू (अश्रु का तद्भव) और कोयल (कोकिल का तद्भव) तद्भव शब्द हैं।
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(B) पक्षी, दृष्टि, अश्रु, कोयल: इसमें कोयल (कोकिल का तद्भव) तद्भव शब्द है।
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(D) पक्षी, दीठि, अश्रु, कोकिल: इसमें दीठि (दृष्टि का तद्भव) तद्भव शब्द है।
25. निम्न में से तद्भव शब्द है-
दिए गए विकल्पों में से (D) गाँव शब्द तद्भव है।
यह शब्द संस्कृत के तत्सम शब्द ‘ग्राम’ से विकसित होकर बना है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | तत्सम रूप (संस्कृत मूल) |
(A) सत्य | तत्सम | सत्य |
(B) मृत्यु | तत्सम | मृत्यु |
(C) अंधकार | तत्सम | अंधकार |
(D) गाँव | तद्भव | ग्राम |
तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत के मूल शब्दों से विकसित होकर हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं।
तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से बिना किसी बदलाव के सीधे हिंदी में लिए जाते हैं।
26. निम्न में से विकारी शब्द नहीं है-
दिए गए विकल्पों में से (D) यदि विकारी शब्द नहीं है। यह एक अविकारी शब्द है।
शब्दों का वर्गीकरण (प्रयोग के आधार पर)
शब्दों को प्रयोग या रूप परिवर्तन के आधार पर दो मुख्य वर्गों में बाँटा जाता है:
1. विकारी शब्द (Variable Words)
वे शब्द जिनका रूप लिंग, वचन, कारक या काल के अनुसार बदल जाता है।
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उदाहरण: संज्ञा (भारत, लखपति, कम्पनियाँ), सर्वनाम, विशेषण और क्रिया।
2. अविकारी शब्द (Invariable Words)
वे शब्द जिनका रूप लिंग, वचन, कारक या काल के अनुसार नहीं बदलता। इन्हें अव्यय भी कहा जाता है।
-
उदाहरण:
-
क्रिया-विशेषण (जैसे: धीरे-धीरे, आज)
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संबंधबोधक (जैसे: के ऊपर, के नीचे)
-
समुच्चयबोधक (जैसे: यदि, और, किन्तु)
-
विस्मयादिबोधक (जैसे: अरे! वाह!)
-
‘यदि’ शब्द एक समुच्चयबोधक अव्यय है, जिसका प्रयोग दो वाक्यों या वाक्यांशों को जोड़ने के लिए किया जाता है (जैसे: यदि तुम आओगे, तो मैं चलूँगा)। इसका रूप कभी नहीं बदलता, इसलिए यह अविकारी शब्द है।
27. गाँधीजी ने कहा था कि भारत के गाँव मरते है तो भारत मरता है । रेखांकित शब्द है। …….. |
गाँधीजी के कथन में रेखांकित शब्द ‘गाँव’ (B) तद्भव है।
शब्द का विश्लेषण
-
गाँव शब्द संस्कृत के तत्सम शब्द ‘ग्राम’ से विकसित होकर बना है।
-
विकसित (बदले हुए) रूप होने के कारण ‘गाँव’ एक तद्भव शब्द है।
शब्द | उत्पत्ति | वर्गीकरण |
ग्राम | संस्कृत (मूल) | तत्सम |
गाँव | ग्राम से विकसित | तद्भव |
28. ‘मानुष’ शब्द का तत्सम रूप होगा-
‘मानुष’ शब्द का तत्सम रूप (A) मनुष्य होगा।
तत्सम-तद्भव संबंध
-
तद्भव शब्द (हिंदी में प्रयुक्त): मानुष
-
तत्सम शब्द (संस्कृत मूल): मनुष्य
(B) मानव और (C) मनुज भी संस्कृत मूल के ही शब्द हैं (जो ‘मनु’ से संबंधित हैं) और तत्सम माने जाते हैं, लेकिन ‘मानुष’ का सीधा और सबसे करीबी तत्सम रूप ‘मनुष्य’ है।
(D) आदमी एक विदेशी (फारसी) शब्द है, इसलिए यह तत्सम नहीं है।
29. तत्सम व तद्भव शब्दों का असंगत युग्म है-
दिए गए विकल्पों में (D) अक्ष-आँख तत्सम व तद्भव शब्दों का असंगत युग्म है।
सही तत्सम-तद्भव युग्म इस प्रकार होना चाहिए:
-
अक्ष (तत्सम) → आँख
-
यह युग्म असंगत है क्योंकि ‘आँख’ का सही तत्सम रूप अक्षि होता है, न कि ‘अक्ष’।
-
युग्मों का विश्लेषण
विकल्प | तत्सम शब्द (संस्कृत) | तद्भव शब्द (हिंदी) | शुद्धता |
(A) उच्च | उच्च | ऊँचा | संगत |
(B) हस्त | हस्त | हाथ | संगत |
(C) नव्य | नव्य | नया | संगत |
(D) अक्ष | अक्ष | आँख | असंगत |
सही युग्म
‘आँख’ का सही तत्सम रूप ‘अक्षि’ होता है।
-
अक्षि (तत्सम) → आँख (तद्भव)
-
अक्ष शब्द का अर्थ धुरी या पहिए का धुरा होता है, जिसका तद्भव रूप ‘आँस’ या ‘आँसा’ होता है।
30. निम्न में से अरबी-फारसी शब्द हैं-
दिए गए विकल्पों में से (A) जरा शब्द अरबी-फारसी मूल का है।
शब्दों का विश्लेषण
-
(A) जरा (Zarā): यह मूल रूप से फारसी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘थोड़ा’ या ‘कम’। (जैसे: जरा रुको)।
-
ध्यान दें: हिंदी का तत्सम शब्द ‘जरा’ (जरा) होता है, जिसका अर्थ है ‘बुढ़ापा’ (संस्कृत मूल: जरा), पर यह उच्चारण में भिन्न है।
-
-
(B) भाषा: यह तत्सम (संस्कृत) शब्द है।
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(C) लेकिन: यह मूल रूप से हिंदी का समुच्चयबोधक अव्यय है, जो ‘लगना’ क्रिया से विकसित हुआ है, और तद्भव/देशज की श्रेणी में आता है (विदेशी नहीं)।
-
(D) टेढ़ी: यह तद्भव/देशज शब्द है।
31. हिन्दी में अपनाये गये तत्सम शब्दों की स्रोत भाषा है-
हिन्दी में अपनाये गये तत्सम शब्दों की स्रोत भाषा (C) संस्कृत है।
तत्सम शब्द की परिभाषा
तत्सम शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है:
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तत् (उसके)
-
सम (समान)
अर्थात् ‘उसके समान’। यहाँ ‘उसके’ का तात्पर्य संस्कृत भाषा से है।
तत्सम शब्द: वे शब्द जो संस्कृत भाषा से बिना किसी परिवर्तन के ज्यों-के-त्यों हिन्दी में ले लिए गए हैं।
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उदाहरण: अग्नि, वायु, माता, पिता, कार्य, दुग्ध, सूर्य आदि।
-
तुलना: हिन्दी में तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से विकसित होकर (बदलकर) हिन्दी में आए हैं (जैसे: आग, काम, दूध)।
32. बच्चा शब्द का भाववाचक संज्ञा रूप है-
बच्चा शब्द का भाववाचक संज्ञा रूप (D) बचपन है।
भाववाचक संज्ञा का निर्माण
-
भाववाचक संज्ञाएँ वे होती हैं जो किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण, दशा, अवस्था, भाव या क्रिया का बोध कराती हैं। इनका निर्माण जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया या अव्यय में प्रत्यय (जैसे: पन, त्व, ता, ई, आहट आदि) जोड़कर किया जाता है।
-
जातिवाचक संज्ञा: बच्चा
-
भाववाचक संज्ञा: बच्चा + पन = बचपन (जो अवस्था को दर्शाता है)।
अन्य विकल्पों का स्पष्टीकरण:
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(A) बचकानापन: यह ‘बचकाना’ (विशेषण) में ‘पन’ प्रत्यय जोड़कर बना है और गुण या स्वभाव को दर्शाता है (जैसे: उसकी हरकतें बचकानापन दर्शाती हैं)।
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(B) लड़कपन: यह ‘लड़का’ (जातिवाचक संज्ञा) का भाववाचक रूप है।
-
(C) बालकपन: यह ‘बालक’ (जातिवाचक संज्ञा) का भाववाचक रूप है।
33. इनमें तद्भव शब्द है –
दिए गए शब्दों में (C) धीरज तद्भव शब्द है।
शब्दों का विश्लेषण (तत्सम → तद्भव)
शब्द | वर्गीकरण | तत्सम रूप (संस्कृत मूल) |
(A) कलंक | तत्सम | कलंक (तद्भव: कलंक, हिंदी में रूप नहीं बदलता) |
(B) बधिर | तत्सम | बधिर (तद्भव: बहरा) |
(C) धीरज | तद्भव | धैर्य |
(D) तिमिर | तत्सम | तिमिर (तद्भव: **तीमर/तिम) |
तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत के मूल शब्दों से विकसित होकर हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं। ‘धीरज’ शब्द संस्कृत के ‘धैर्य’ शब्द का परिवर्तित रूप है।
34. इनमें विदेशज शब्द है –
दिए गए शब्दों में (A) प्रोफेसर विदेशज शब्द है।
शब्दों का विश्लेषण
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विदेशज (विदेशी) शब्द वे होते हैं जो विदेशी भाषाओं से हिंदी में आए हैं।
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(A) प्रोफेसर (Professor): यह मूल रूप से अंग्रेजी (English) भाषा का शब्द है। इसलिए यह विदेशज है।
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तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए हैं।
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(B) वैद्य: यह संस्कृत मूल का शब्द है (वैद्य – डॉक्टर/चिकित्सक)।
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(C) शिक्षक: यह संस्कृत मूल का शब्द है (शिक्षक – पढ़ाने वाला)।
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(D) चालक: यह संस्कृत मूल का शब्द है (चालक – चलाने वाला)।
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35. किस शब्द समूह में एक भी तद्भव शब्द नहीं है?
दिए गए विकल्पों में से (D) हस्त, श्रांत, शुद्ध शब्द समूह में एक भी तद्भव शब्द नहीं है। इस समूह के सभी शब्द तत्सम हैं।
विकल्पों का विश्लेषण
विकल्प | शब्द | वर्गीकरण | तद्भव रूप (यदि है) |
(A) | दाँत | तद्भव | तत्सम: दंत |
प्रांत | तत्सम | – | |
शांत | तत्सम | – | |
(B) | कांत | तत्सम | – |
बुद्ध | तत्सम | – | |
पीठ | तद्भव | तत्सम: पृष्ठ | |
(C) | अखिल | तत्सम | – |
मीठा | तद्भव | तत्सम: मिष्ट | |
पीपल | तद्भव | तत्सम: पिप्पल | |
(D) | हस्त | तत्सम | तद्भव: हाथ |
श्रांत | तत्सम | तद्भव: श्रांत (थका हुआ) का कोई सामान्य तद्भव रूप नहीं है, यह स्वयं तत्सम है। | |
शुद्ध | तत्सम | – |
विकल्प (D) में, तीनों शब्द (हस्त, श्रांत, शुद्ध) संस्कृत से सीधे आए हैं और तत्सम हैं, अतः इसमें कोई तद्भव शब्द नहीं है।
36 कारतूस शब्द है-
‘कारतूस’ शब्द (C) विदेशी है।
शब्द का स्रोत
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‘कारतूस’ (Cartridge) शब्द मूल रूप से फ्रांसीसी (French) भाषा का शब्द है, जो फ्रेंच में ‘Cartouche’ से आया है।
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चूँकि यह शब्द किसी अन्य देश की भाषा से हिंदी में अपनाया गया है, इसलिए इसे विदेशी या आगत शब्द कहते हैं।
37. निम्न में से तत्सम् शब्द है-
दिए गए विकल्पों में से (D) पानीय शब्द तत्सम है।
यह शब्द संस्कृत से सीधे हिंदी में आया है और इसका अर्थ ‘पीने योग्य’ (Potable) होता है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | तत्सम रूप (स्रोत) |
(A) लछमी | तद्भव | तत्सम: लक्ष्मी |
(B) साँप | तद्भव | तत्सम: सर्प |
(C) पतोहू | तद्भव | तत्सम: पुत्रवधू |
(D) पानीय | तत्सम | संस्कृत मूल का शब्द (तद्भव: पानी) |
38. निम्न में तत्सम शब्द नहीं है-
दिए गए विकल्पों में से (D) भँवरा तत्सम शब्द नहीं है। यह एक तद्भव शब्द है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | स्पष्टीकरण | तत्सम/तद्भव रूप |
(A) कृतित्व | तत्सम | यह संस्कृत मूल का शब्द है। | – |
(B) यशस्वी | तत्सम | यह संस्कृत मूल का शब्द है। | – |
(C) आम्र | तत्सम | यह संस्कृत का मूल शब्द है। | तद्भव रूप: आम |
(D) भँवरा | तद्भव | यह संस्कृत शब्द से विकसित हुआ है। | तत्सम रूप: भ्रमर |
तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए हैं, जबकि तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत शब्दों से बदलकर/विकसित होकर बने हैं।
39. ‘तद्भव’ शब्द निर्दिष्ट कीजिए-
दिए गए विकल्पों में (A) आधा तद्भव शब्द है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | तत्सम रूप (संस्कृत मूल) |
(A) आधा | तद्भव | अर्ध |
(B) कूप | तत्सम | – (तद्भव: कुआँ) |
(C) विद्या | तत्सम | – |
(D) व्योम | तत्सम | – (अर्थ: आकाश) |
तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत के मूल शब्दों से बदलकर या विकसित होकर हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं। ‘आधा’ शब्द संस्कृत के ‘अर्ध’ शब्द का परिवर्तित रूप है।
40. ‘चूरन’ का तत्सम शब्द है-
‘चूरन’ का तत्सम शब्द (B) चूर्ण है।
शब्दों का विश्लेषण
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तद्भव शब्द (हिंदी रूप): चूरन
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तत्सम शब्द (संस्कृत मूल): चूर्ण (जिसका अर्थ है बारीक पिसा हुआ पाउडर)
अन्य विकल्पों का स्पष्टीकरण
विकल्प | शब्द | तत्सम रूप | तद्भव रूप | अर्थ |
(A) | चौर | चौर | चोर | चोर |
(C) | चर्म | चर्म | चमड़ा/चाम | त्वचा (Skin) |
(D) | चक्षु | चक्षु | आँख | आँख (Eye) |
41. कौनसा तत्सम शब्द नहीं है?
दिए गए विकल्पों में (D) रात तत्सम शब्द नहीं है। यह एक तद्भव शब्द है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | तत्सम रूप (संस्कृत मूल) | स्पष्टीकरण |
(A) इन्दु | तत्सम | – | चन्द्रमा का संस्कृत नाम। |
(B) दिनेश | तत्सम | – | दिन (का) ईश (मालिक) → सूर्य (संस्कृत मूल)। |
(C) मनोज | तत्सम | – | मन (में) ज (जन्म लेने वाला) → कामदेव (संस्कृत मूल)। |
(D) रात | तद्भव | रात्रि | यह संस्कृत शब्द ‘रात्रि’ से विकसित होकर बना है। |
परिभाषा:
तत्सम शब्द संस्कृत से सीधे हिंदी में लिए गए हैं, जबकि तद्भव शब्द संस्कृत से बदलकर/विकसित होकर बने हैं।
42. ‘तिक्त’ शब्द का तद्भव है-
‘तिक्त’ शब्द का तद्भव रूप (A) तीता है।
तत्सम-तद्भव संबंध
तत्सम शब्द (संस्कृत) | तद्भव शब्द (हिंदी) | अर्थ |
तिक्त | तीता | कड़वा, चरपरा (Bitter) |
नोट: विकल्प (B) तीखा भी इसी अर्थ समूह से संबंधित है और कुछ संदर्भों में स्वीकार्य हो सकता है, लेकिन ‘तिक्त’ का सर्वाधिक सीधा और मानक तद्भव रूपांतरण ‘तीता’ माना जाता है।
43. ‘ससुर’ का तत्सम शब्द है-
‘ससुर’ का तत्सम शब्द (C) श्वसुर है।
तत्सम-तद्भव संबंध
तद्भव (हिंदी रूप) | तत्सम (संस्कृत मूल) |
ससुर | श्वसुर |
(D) श्वश्रु शब्द का तत्सम रूप सास के लिए प्रयोग होता है।
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श्वश्रु → सास
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श्वसुर → ससुर
44. तद्भव शब्द है –
दिए गए विकल्पों में (B) मनई तद्भव शब्द है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | स्पष्टीकरण | तत्सम रूप |
(A) मानव | तत्सम | यह संस्कृत मूल का शब्द है। | – |
(B) मनई | तद्भव | यह संस्कृत शब्द ‘मनुष्य’ या ‘मानव’ से बदलकर बना है और क्षेत्रीय बोलियों में प्रचलित है। | मनुष्य |
(C) मनुष्य | तत्सम | यह संस्कृत मूल का शब्द है। | – |
(D) मानो | अविकारी | यह एक अव्यय (समुच्चयबोधक या क्रियाविशेषण) है, जिसका अर्थ है ‘ऐसा समझना’। | – |
तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत के मूल शब्दों से विकसित होकर (बदलकर) हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं।
45. तत्सम शब्द नही है –
दिए गए विकल्पों में (A) क्लिष्ठ तत्सम शब्द है।
शब्दों का विश्लेषण
- तत्सम शब्द वे शब्द हैं जो संस्कृत भाषा से बिना किसी परिवर्तन के हिंदी में अपना लिए गए हैं।
- ‘क्लिष्ठ’ शब्द सीधे संस्कृत से हिंदी में लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘कठिन’ या ‘जटिल’।
- B. कठोर: यह एक तद्भव शब्द हो सकता है, जिसका तत्सम रूप ‘कठोर’ भी है, परन्तु ‘कठोर’ सामान्यतः हिंदी में प्रयोग होता है और इसका मूल संस्कृत से रूपांतरित रूप हो सकता है।
- C. कठिन: यह भी हिंदी का एक सामान्य शब्द है, और इसका तत्सम रूप ‘कठिन’ नहीं है।
- D. मजबूत: यह एक अरबी मूल का शब्द है, इसलिए यह तत्सम नहीं है।
46. ‘ढीठ’ शब्द का तत्सम है-
‘ढीठ’ शब्द का तत्सम रूप (D) धृष्ट है।
तत्सम-तद्भव संबंध
तद्भव (हिंदी रूप) | तत्सम (संस्कृत मूल) | अर्थ |
ढीठ | धृष्ट | निर्लज्ज, हठी, ढीठ (Shameless, Impudent) |
अन्य विकल्पों का स्पष्टीकरण
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(A) दृष्ट: इसका अर्थ होता है देखा हुआ (Seen)।
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(B) पुष्ट: इसका अर्थ होता है मोटा, बलवान, या पोषित (Strong, Nourished)।
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(C) दृश्य: इसका अर्थ होता है देखने योग्य या नजारा (View, Visible)।
47. ‘तत्सम’ शब्द का चयन कीजिए-
दिए गए विकल्पों में (C) व्याघ्र तत्सम शब्द है।
शब्दों का विश्लेषण
शब्द | वर्गीकरण | तत्सम रूप | तद्भव रूप |
(A) शेर | विदेशी (फारसी) | – | – |
(B) बबर शेर | विदेशी/संकर (बबर: अरबी/फारसी; शेर: फारसी) | – | – |
(C) व्याघ्र | तत्सम (संस्कृत) | व्याघ्र | बाघ |
(D) बाघ | तद्भव | व्याघ्र | बाघ |
तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से सीधे हिंदी में लिए गए हैं। ‘व्याघ्र’ संस्कृत का मूल शब्द है, जिसका तद्भव रूप ‘बाघ’ है।
48. ‘माँ’ शब्द का तत्सम है-
‘माँ’ शब्द का तत्सम रूप (C) मातृ है।
तत्सम-तद्भव संबंध
‘माँ’ शब्द संस्कृत के ‘मातृ’ शब्द से विकसित होकर बना है।
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तत्सम शब्द (संस्कृत मूल): मातृ
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तद्भव शब्द (हिंदी रूप): माँ
(A) माता शब्द भी संस्कृत मूल का है, जो ‘मातृ’ का ही एक रूप है और इसे भी तत्सम माना जाता है, लेकिन ‘मातृ’ इसका मूल और सबसे सटीक तत्सम रूप है जिससे ‘माँ’ का विकास हुआ है।
(B) मातृका का अर्थ देवी या छोटी माँ होता है।
(D) अम्मा एक तद्भव/देशज शब्द है।
49. हिन्दी में यथावत प्रयुक्त संस्कृत शब्दों को कहते हैं-
हिन्दी में यथावत प्रयुक्त संस्कृत शब्दों को (A) तत्सम कहते हैं।
तत्सम शब्द की परिभाषा
तत्सम शब्द दो शब्दों के योग से बना है: तत् (उसके) + सम (समान)।
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अर्थ: जो शब्द संस्कृत भाषा से बिना किसी परिवर्तन के सीधे हिन्दी में ले लिए गए हैं।
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उदाहरण: अग्नि, वायु, सूर्य, दुग्ध, कार्य।
50. तत्सम शब्द हरिद्रा का तद्भव है-
तत्सम शब्द हरिद्रा का तद्भव रूप (D) हल्दी है।
तत्सम-तद्भव संबंध
तत्सम शब्द (संस्कृत) | तद्भव शब्द (हिंदी) |
हरिद्रा | हल्दी |
यह शब्द संस्कृत से हिंदी में विकसित होकर आया है।