राजस्थान के प्रमुख धार्मिक एवं दर्शनीय स्थल

राजस्थान के प्रमुख धार्मिक एवं दर्शनीय स्थल

खंड 1: प्रमुख धार्मिक स्थल और मंदिर

  1. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह कहाँ स्थित है?

    (A) जयपुर

    (B) अजमेर

    (C) नागौर

    (D) जोधपुर

    हल: (B) अजमेर। यह दरगाह भारत में सूफी संप्रदाय (चिश्ती परंपरा) का प्रमुख केंद्र है, जहाँ प्रतिवर्ष उर्स का मेला लगता है।

  2. रणकपुर जैन मंदिर किस जिले में स्थित है?

    (A) उदयपुर

    (B) सिरोही

    (C) पाली

    (D) चित्तौड़गढ़

    रणकपुर जैन मंदिर पाली जिले में स्थित है।


    🗺️ मंदिर का स्थान

    रणकपुर जैन मंदिर राजस्थान के पाली जिले में सादड़ी शहर के पास अरावली पर्वतमाला की पश्चिमी ओर स्थित है।

    • सही विकल्प: (C) पाली


    🏛️ मंदिर के बारे में

    यह मंदिर, जिसे चतुर्मुख जैन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जैन धर्म के पाँच प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। इसकी मुख्य विशेषताएं हैं:

    • यह प्रथम जैन तीर्थंकर, भगवान ऋषभनाथ (आदिनाथ) को समर्पित है।

    • यह अपनी जटिल वास्तुकला और लगभग 1444 नक्काशीदार स्तंभों के लिए विश्व प्रसिद्ध है, जिनमें से कोई भी दो स्तंभ एक जैसे नहीं हैं।

    • इसका निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा के शासनकाल के दौरान धरण शाह नामक एक जैन व्यापारी ने करवाया था।

     

  3. एकलिंगजी का मंदिर (कैलाशपुरी) किस जिले में स्थित है और यह किस देवता को समर्पित है?

    (A) राजसमंद, विष्णु

    (B) उदयपुर, शिव

    (C) चित्तौड़गढ़, शक्ति

    (D) भीलवाड़ा, सूर्य

    एकलिंगजी का मंदिर उदयपुर जिले में स्थित है और यह शिव देवता को समर्पित है।


    🏛️ सही उत्तर और विवरण

    • सही विकल्प: (B) उदयपुर, शिव


     

    🕉️ मंदिर का महत्व

     

    • स्थान: एकलिंगजी का मंदिर राजस्थान के उदयपुर जिले में कैलाशपुरी नामक स्थान पर स्थित है।

    • समर्पित देवता: यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ चार मुखों वाली शिव की प्रतिमा स्थापित है।

    • इष्टदेव: एकलिंगजी मेवाड़ के गुहिल राजवंश (जिससे महाराणा प्रताप संबंधित थे) के इष्टदेव माने जाते थे। मेवाड़ के शासक स्वयं को एकलिंगजी का दीवान (प्रतिनिधि) मानकर ही शासन करते थे।

    • निर्माण: मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में मेवाड़ के संस्थापक बप्पा रावल ने करवाया था।

     

  4. देलवाड़ा के जैन मंदिर (माउंट आबू) किस काल के हैं और किस लिए प्रसिद्ध हैं?

    (A) 10वीं सदी, विशालता

    (B) 15वीं सदी, रंगीन काँच

    (C) 11वीं से 13वीं सदी, उत्कृष्ट नक्काशी

    (D) 17वीं सदी, भित्ति चित्र

    देलवाड़ा के जैन मंदिर मुख्य रूप से 11वीं से 13वीं सदी के बीच बने हैं और ये अपनी उत्कृष्ट संगमरमर की नक्काशी के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं।


     सही उत्तर और विवरण

    • सही विकल्प: (C) 11वीं से 13वीं सदी, उत्कृष्ट नक्काशी


     देलवाड़ा जैन मंदिरों की विशेषताएँ – 

    देलवाड़ा मंदिरों का समूह, जो राजस्थान के माउंट आबू में स्थित है, जैन स्थापत्य कला के बेजोड़ उदाहरण हैं।

    • निर्माण काल (Time Period):

      • इन पाँच मंदिरों में से सबसे प्राचीन, विमल वसाही (प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित) का निर्माण 1031 ईस्वी में गुजरात के सोलंकी शासक भीमदेव प्रथम के मंत्री विमल शाह ने करवाया था।

      • दूसरा प्रमुख मंदिर, लूण वसाही (22वें जैन तीर्थंकर नेमिनाथ को समर्पित), का निर्माण लगभग 1230 ईस्वी में दो भाइयों, वास्तुपाल और तेजपाल ने करवाया था।

      • इस प्रकार, मंदिरों के समूह का मुख्य निर्माण काल 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच माना जाता है।

    • प्रसिद्धि (Fame):

      • ये मंदिर सफेद संगमरमर से बने हैं।

      • इनकी प्रसिद्धि का मुख्य कारण इनकी अतुलनीय और बारीक नक्काशी है। मंदिरों की छत, खंभों, और मेहराबों पर देवी-देवताओं, जानवरों, और ज्यामितीय आकृतियों की इतनी सूक्ष्म और कलात्मक नक्काशी की गई है कि इसे मानव शिल्प कौशल का उत्कृष्टतम नमूना माना जाता है।

  5. करणी माता का मंदिर (चूहों का मंदिर) कहाँ स्थित है?

    (A) बीकानेर

    (B) देशनोक (बीकानेर)

    (C) कोलायत (बीकानेर)

    (D) जैसलमेर

    करणी माता का मंदिर (चूहों का मंदिर) देशनोक (बीकानेर) में स्थित है।


    🐀 मंदिर का स्थान और विशेषताएँ

    • सही विकल्प: (B) देशनोक (बीकानेर)

    • स्थान: यह मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले में देशनोक नामक कस्बे में स्थित है।

    • अन्य नाम: यह मंदिर दुनिया भर में “चूहों का मंदिर” के नाम से प्रसिद्ध है क्योंकि यहाँ हज़ारों की संख्या में चूहे (जिन्हें ‘काबा’ कहा जाता है) मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से घूमते हैं।

    • समर्पित: यह मंदिर करणी माता को समर्पित है, जिन्हें दुर्गा का अवतार माना जाता है और वे बीकानेर के राठौड़ राजवंश की कुलदेवी हैं।

    • शुभ ‘काबा’: इन चूहों को माता के वंशजों का पुनर्जन्म माना जाता है, और उनमें से कुछ सफेद चूहे अत्यंत दुर्लभ और शुभ माने जाते हैं।

  6. विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर कहाँ स्थित है?

    (A) पुष्कर 

    (B) ब्यावर

    (C) नाथद्वारा 

    (D) करौली

    • विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है।


      सही विकल्प है (A) पुष्कर

      • यह मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के अजमेर जिले में पुष्कर शहर में स्थित है।

      • यह मंदिर सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा को समर्पित है।

      • हिंदू धर्म में, यह ब्रह्मा जी को समर्पित बहुत कम मंदिरों में से एक है, और इसलिए इसका अत्यधिक महत्व है।

      स्थान: यह मंदिर राजस्थान के अजमेर जिले में पुष्कर झील के किनारे स्थित है |

    • विशेषता: यह मंदिर सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा को समर्पित है। यह भारत के उन बहुत कम मंदिरों में से एक है जहाँ ब्रह्मा जी की पूजा की जाती है, और सबसे प्रमुख है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, यह पूरे विश्व में ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर है जहाँ उनकी औपचारिक पूजा होती है।

    • वास्तुकला: मंदिर का निर्माण संगमरमर के पत्थरों से हुआ है और इसका लाल शिखर दूर से ही दिखाई देता है। गर्भगृह में ब्रह्मा जी की चतुर्मुखी (चार मुख वाली) प्रतिमा स्थापित है, जिसमें उनके साथ देवी गायत्री भी विराजमान हैं।

     

  7. खाटू श्याम जी का मंदिर कहाँ स्थित है?

    (A) जयपुर

    (B) सीकर

    (C) नागौर

    (D) चूरू

    खाटू श्याम जी का मंदिर सीकर जिले में स्थित है।


    🚩 मंदिर का स्थान और परिचय

     

    • सही विकल्प: (B) सीकर

    • विस्तृत स्थान: यह प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में खाटू नामक गाँव में स्थित है।

    • इष्टदेव: यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के कलियुग अवतार माने जाने वाले लोक देवता खाटू श्याम जी को समर्पित है।

      • पौराणिक कथाओं के अनुसार, खाटू श्याम जी का मूल नाम बर्बरीक था, जो भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे।

      • उन्हें ‘हारे का सहारा’, ‘लखदातार’ और ‘तीन बाण धारी’ जैसे नामों से भी जाना जाता है।

    • धार्मिक महत्व: यह उत्तर भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है, खासकर फाल्गुन मास में यहाँ विशाल मेला लगता है।

     

  8. त्रिनेत्र गणेश मंदिर किस दुर्ग में स्थित है?

    (A) चित्तौड़गढ़

    (B) कुम्भलगढ़

    (C) रणथंभौर

    (D) जैसलमेर

    त्रिनेत्र गणेश मंदिर रणथंभौर दुर्ग में स्थित है।


    🏰 मंदिर का स्थान

    • सही विकल्प: (C) रणथंभौर

    • स्थान: यह मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर दुर्ग (रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के अंदर) के भीतर स्थापित है।


    ✨ मंदिर की विशेषता

    • नाम का महत्व: यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें यहाँ त्रिनेत्र (तीन आँखों वाला) स्वरूप में पूजा जाता है। यह भारत का एकमात्र गणेश मंदिर है जहाँ भगवान अपनी पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ-साथ अपने पुत्र शुभ और लाभ के साथ विराजमान हैं।

    • ऐतिहासिक महत्व: इस मंदिर का निर्माण महाराजा हम्मीर देव चौहान द्वारा 1300 ईस्वी के आसपास करवाया गया था।

    • अनोखी परंपरा: इस मंदिर की एक अनूठी परंपरा यह है कि शुभ कार्यों (जैसे शादी-विवाह) का पहला निमंत्रण पत्र (कुकम-पत्रिका) भगवान गणेश को डाक द्वारा भेजा जाता है।

  9. मेवाड़ की ‘चारभुजा नाथ जी’ का मंदिर कहाँ स्थित है?

    (A) उदयपुर

    (B) गढ़बोर (राजसमंद)

    (C) नाथद्वारा

    (D) भीलवाड़ा

    मेवाड़ की ‘चारभुजा नाथ जी’ का मंदिर गढ़बोर (राजसमंद) में स्थित है।


     

    📍 सही उत्तर और विवरण

     

    • सही विकल्प: (B) गढ़बोर (राजसमंद)

     

    🏛️ मंदिर की पहचान

     

    • स्थान: यह मंदिर राजस्थान के राजसमंद जिले की कुम्भलगढ़ तहसील के गढ़बोर गाँव में स्थित है।

    • इष्टदेव: चारभुजा नाथ जी भगवान विष्णु (या कृष्ण) के चतुर्भुज (चार भुजाओं वाले) स्वरूप को समर्पित हैं।

    • मेवाड़ के चार धाम: चारभुजा नाथ मंदिर को मेवाड़ के चार प्रमुख वैष्णव तीर्थों (श्रीनाथ जी – नाथद्वारा, द्वारकाधीश जी – कांकरोली, एकलिंगजी – कैलाशपुरी के साथ) में से एक माना जाता है।

    • इतिहास: इस मंदिर का निर्माण 1444 ईस्वी के आसपास माना जाता है।

    यह मंदिर मेवाड़ और मारवाड़ की सीमा पर गोमती नदी के किनारे स्थित है और भक्तों के बीच अत्यधिक पूजनीय है।

  10. सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में किस माता का मंदिर स्थित है?

    (A) कैला देवी

    (B) चौथ माता

    (C) जीण माता

    (D) शीतला माता

    सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में चौथ माता का मंदिर स्थित है।


    👸 मंदिर का स्थान और परिचय

    • सही विकल्प: (B) चौथ माता

    📍 स्थान और महत्व

    • स्थान: यह मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा नामक कस्बे में एक पहाड़ी (अरावली पर्वत श्रृंखला) पर स्थित है।

    • इष्टदेवी: यह मंदिर देवी दुर्गा के रूप चौथ माता को समर्पित है।

    • विशेषता: यह मंदिर विशेष रूप से हिंदू त्योहार करवा चौथ के दौरान भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बन जाता है, जहाँ सुहागिन महिलाएँ अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।

    • इतिहास: इस मंदिर का निर्माण महाराजा भीमसिंह चौहान ने 1452 ईस्वी के आसपास करवाया था।

    चौथ माता को राजस्थान के कई राजघरानों, विशेष रूप से बूंदी राजघराने की कुलदेवी के रूप में भी पूजा जाता है।


 

खंड 2: प्रमुख दुर्ग और स्मारक

  1. किस दुर्ग को ‘राजस्थान का जिब्राल्टर’ कहा जाता है?

    (A) रणथंभौर

    (B) मेहरानगढ़

    (C) तारागढ़ (अजमेर)

    (D) चित्तौड़गढ़

    राजस्थान का जिब्राल्टर तारागढ़ दुर्ग (अजमेर) को कहा जाता है।


    🏰 तारागढ़ दुर्ग (अजमेर)

    • सही विकल्प: (C) तारागढ़ (अजमेर)

    • उपनाम: तारागढ़ दुर्ग को ‘राजस्थान का जिब्राल्टर’ (Gibraltar of Rajasthan) कहा जाता है।

    • यह नाम क्यों पड़ा? यह नाम इसे बिशप हेबर (Bishop Heber) नामक इतिहासकार ने दिया था। इस दुर्ग की भौगोलिक स्थिति, ऊँचाई और इसकी अभेद्यता (inaccessibility), जो इसे जिब्राल्टर की चट्टान (Rock of Gibraltar) के समान बनाती है, के कारण यह उपनाम प्रचलित हुआ।

    • अन्य नाम: इसे अजमेर का गढ़बिठली भी कहते हैं।

    • स्थान: यह राजस्थान के अजमेर शहर में अरावली पर्वतमाला की बिठली पहाड़ी पर स्थित है।

    • निर्माण: इसका निर्माण 7वीं शताब्दी ईस्वी में अजयराज चौहान (Ajayraj Chauhan) ने करवाया था।


    भ्रम निवारण:

    राजस्थान में तारागढ़ नाम के दो दुर्ग हैं:

    1. तारागढ़ दुर्ग, अजमेर (जिसे ‘राजस्थान का जिब्राल्टर’ कहा जाता है)

    2. तारागढ़ दुर्ग, बूँदी (जो अपनी भव्य चित्रकला और भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध है)

  2. ‘कटारगढ़’ किस दुर्ग का एक भाग है?

    (A) चित्तौड़गढ़

    (B) कुम्भलगढ़

    (C) रणथंभौर

    (D) मेहरानगढ़

    ‘कटारगढ़’ कुम्भलगढ़ दुर्ग का एक भाग है।


    🏰 कटारगढ़: कुम्भलगढ़ दुर्ग का अभिन्न अंग

    • सही विकल्प: (B) कुम्भलगढ़

    🎯 कटारगढ़ की विशेषताएँ

    • स्थान और पहचान: कटारगढ़ कुम्भलगढ़ दुर्ग के सबसे ऊँचे भाग पर स्थित एक छोटा दुर्ग (लघु दुर्ग) है। यह दुर्ग के भीतर दुर्ग (Fort within a Fort) कहलाता है।

    • रणनीतिक महत्व: इसकी ऊँचाई के कारण, यहाँ से मेवाड़ के विशाल क्षेत्र का निगरानी करना संभव था।

      • कहा जाता है कि यह इतनी ऊँचाई पर स्थित है कि यहाँ से नीचे देखने पर सिर से पगड़ी गिर जाती है।

    • महाराणा कुम्भा का निवास: यह दुर्ग प्रमुख रूप से महाराणा कुम्भा का व्यक्तिगत निवास स्थान था, जहाँ उन्होंने अपना अधिकांश समय व्यतीत किया।

    • ऐतिहासिक घटना: महाराणा प्रताप का जन्म भी इसी कटारगढ़ दुर्ग के बादल महल में हुआ था।

  3. किस दुर्ग के लिए अबुल फजल ने कहा था कि ‘यह दुर्ग इतना ऊँचाई पर स्थित है कि नीचे से ऊपर देखने पर सिर से पगड़ी गिर जाती है’?

    (A) तारागढ़ (बूँदी)

    (B) कुम्भलगढ़

    (C) चित्तौड़गढ़

    (D) रणथंभौर

    यह कथन अबुल फजल ने कुम्भलगढ़ दुर्ग के लिए कहा था।


    🏰 कथन का संदर्भ

    • सही विकल्प: (B) कुम्भलगढ़

    • कथन: अबुल फजल ने कुम्भलगढ़ दुर्ग की अद्भुत ऊँचाई और अभेदता का वर्णन करते हुए लिखा था कि:

      “यह दुर्ग इतनी बुलन्दी (ऊँचाई) पर बना हुआ है कि नीचे से ऊपर की ओर देखने पर सिर पर रखी पगड़ी भी गिर जाती है।”

    • कारण: यह दुर्ग अरावली पर्वतमाला की एक ऊँची चोटी पर स्थित है। इसका सबसे ऊँचा भाग, जिसे कटारगढ़ कहते हैं, चारों ओर से मजबूत दीवारों से घिरा हुआ है, जो इसकी भव्यता और दुर्गमता (Inaccessibility) को दर्शाती है।

  4. मेहरानगढ़ दुर्ग कहाँ स्थित है?

    (A) जयपुर

    (B) जोधपुर

    (C) जैसलमेर

    (D) बीकानेर

    मेहरानगढ़ दुर्ग जोधपुर में स्थित है।


    🏰 मेहरानगढ़ दुर्ग (Mehrangarh Fort)

    • सही विकल्प: (B) जोधपुर

    • स्थान: यह राजस्थान के जोधपुर शहर में एक ऊँची पहाड़ी, जिसे भूर-चिड़िया टूंक (Bhur-Chidiya Toonk) कहा जाता है, पर स्थित है।

    • निर्माण: इसका निर्माण 15वीं शताब्दी में राव जोधा ने 1459 ईस्वी में करवाया था।

    • अन्य नाम: इसे ‘मयूर ध्वज गढ़’ (क्योंकि इसका आकार एक मयूर जैसा है) या ‘चिंतामणि’ के नाम से भी जाना जाता है।

  5. ‘सोनार किला’ या ‘स्वर्णगिरि’ दुर्ग कहाँ स्थित है, जो चूने का प्रयोग किए बिना बनाया गया है?

    (A) जोधपुर

    (B) बीकानेर

    (C) जैसलमेर

    (D) उदयपुर

    ‘सोनार किला’ या ‘स्वर्णगिरि’ दुर्ग जैसलमेर में स्थित है।


    🟡 सोनार किला (जैसलमेर दुर्ग)

    • सही विकल्प: (C) जैसलमेर

     

    🎯 नाम और विशेषताएँ

    • सोनार किला (Sonar Qila): इसे यह नाम इसलिए मिला क्योंकि यह दुर्ग पीले बलुआ पत्थरों से बना है। जब सूर्य की किरणें इस पर पड़ती हैं, तो यह सोने जैसा चमकता है।

    • स्वर्णगिरि (Swarnagiri): यह जैसलमेर दुर्ग का ही एक नाम है, जिसका अर्थ है ‘सोने की पहाड़ी’। (ध्यान दें: जालौर के किले को ‘सुवर्णगिरि’ कहा जाता है, जिसमें ‘सु’ आता है, जो भ्रम पैदा कर सकता है।)

    • निर्माण की अनूठी तकनीक: यह दुर्ग चूने (Lime) या गारे (Mortar) का प्रयोग किए बिना बनाया गया है। इसके निर्माण में पत्थरों को केवल आपस में फँसाकर (Interlocking) जोड़ा गया है, जो इसकी स्थापत्य कला की अनूठी विशेषता है।

    • निर्माणकर्ता: इसका निर्माण राव जैसल ने 1155 ईस्वी में शुरू करवाया था।

    • अन्य विशेषताएँ: यह भारत का एकमात्र किला है जहाँ आवासीय बस्ती आज भी मौजूद है, यानी यह आज भी एक सजीव किला (Living Fort) है।

  6. ‘हवामहल’ कहाँ स्थित है और इसका निर्माण किसने करवाया था?

    (A) उदयपुर, उदयसिंह

    (B) जयपुर, सवाई प्रताप सिंह

    (C) जोधपुर, जसवंत सिंह

    (D) बीकानेर, रायसिंह

    सही उत्तर है: (B) जयपुर, सवाई प्रताप सिंह


    🏰 हवा महल के बारे में मुख्य तथ्य

    • स्थान: हवा महल भारतीय राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है।

    • निर्माण: इसका निर्माण 1799 ईस्वी में जयपुर के महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था।

    • वास्तुकार: इसे वास्तुकार लाल चंद उस्ताद (Lal Chand Ustad) द्वारा डिज़ाइन किया गया था।

    • उद्देश्य: इस पाँच-मंजिला महल को इसलिए बनवाया गया था ताकि शाही परिवार की महिलाएँ परदे में रहकर गली में होने वाले उत्सवों और आयोजनों को देख सकें।

    • विशेषता: यह लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से बना है और इसमें 953 छोटी खिड़कियाँ (जिन्हें झरोखा कहते हैं) हैं, जिनके कारण इसे “पैलेस ऑफ विंड्स” या “हवाओं का महल” भी कहा जाता है।

  7. ‘सिटी पैलेस’ किस जिले में स्थित नहीं है?

    (A) जयपुर

    (B) उदयपुर

    (C) बीकानेर

    (D) कोटा

    हल: (C) बीकानेर। सिटी पैलेस जयपुर, उदयपुर और कोटा में स्थित हैं, लेकिन बीकानेर में नहीं।

  8. विश्व विरासत स्थल आमेर का किला कहाँ स्थित है?

    (A) उदयपुर

    (B) जयपुर

    (C) दौसा

    (D) अलवर

    विश्व विरासत स्थल आमेर का किला (जिसे आमेर दुर्ग या अंबर किला भी कहते हैं) जयपुर ज़िले में स्थित है।

    सही उत्तर है: (B) जयपुर


    ℹ️ आमेर किले के बारे में जानकारी

    • स्थान: आमेर का कस्बा जयपुर शहर के केंद्र से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

    • महत्व: यह राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध किलों में से एक है और इसे 2013 में “राजस्थान के पहाड़ी किले” समूह के तहत यूनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था।

    • वास्तुकला: यह अपनी शानदार राजपूत वास्तुकला, लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।

  9. किस दुर्ग को ‘जल दुर्ग’ की श्रेणी में रखा जाता है?

    (A) कुम्भलगढ़

    (B) चित्तौड़गढ़

    (C) गागरोन (झालावाड़)

    (D) रणथंभौर

    सही उत्तर है: (C) गागरोन (झालावाड़)


     

    💧 जल दुर्ग (Water Fort) क्या है?

     

    जिस दुर्ग के चारों ओर पानी की विशाल राशि हो और वह जल से घिरा हुआ हो, उसे जल दुर्ग (या ओदक दुर्ग) की श्रेणी में रखा जाता है।

    • गागरोन का किला इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह किला झालावाड़ ज़िले में स्थित है और काली सिंध और आहू नदियों के संगम पर बना हुआ है, जिसके कारण यह जल दुर्ग कहलाता है। इसे यूनेस्को विश्व विरासत स्थल (Hill Forts of Rajasthan) में भी शामिल किया गया है।

    🏰 अन्य दुर्गों की श्रेणियाँ

    अन्य विकल्प इन श्रेणियों में आते हैं:

    • (A) कुम्भलगढ़: गिरि दुर्ग (पहाड़ी किला) – अरावली पर्वतमाला पर स्थित।

    • (B) चित्तौड़गढ़: गिरि दुर्ग – यह भी पहाड़ी पर स्थित है, लेकिन इसे चित्तौड़गढ़ दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है।

    • (D) रणथंभौर: वन दुर्ग (जंगल किला) – यह घने जंगल के बीच एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है।

  10. जोधपुर में स्थित ‘जसवंत थड़ा’ क्या है?

    (A) एक जैन मंदिर

    (B) एक प्राचीन बावड़ी

    (C) महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की समाधि/स्मारक

    (D) एक महल

    जोधपुर में स्थित जसवंत थड़ा एक शाही स्मारक है।

    सही उत्तर है: (C) महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की समाधि/स्मारक


     

    🏛️ जसवंत थड़ा के बारे में मुख्य जानकारी

    • परिचय: जसवंत थड़ा महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की स्मृति में बनवाया गया एक स्मारक (Cenotaph) है।

    • निर्माण: इसका निर्माण 1899 ईस्वी में महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय के पुत्र महाराजा सरदार सिंह ने करवाया था।

    • वास्तुकला: यह सफेद संगमरमर से बना है, जिसमें जटिल नक्काशी की गई है। संगमरमर की पतली चादरों के कारण सूर्य की रोशनी अंदर आती है, जिससे यह बहुत आकर्षक लगता है।

    • अन्य नाम: इसकी भव्यता और सफेद संगमरमर की संरचना के कारण इसे अक्सर ‘मारवाड़ का ताजमहल’ कहा जाता है।

    • उपयोग: यह जोधपुर के शाही परिवार के सदस्यों के लिए श्मशान घाट (Cremation Ground) के रूप में भी कार्य करता है, जहाँ कई राठौड़ शासकों के अन्य स्मारक (छतरियाँ) भी मौजूद हैं।


 

खंड 3: प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थल

 

  1. अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर कहाँ स्थित है?

    (A) अजमेर

    (B) माउंट आबू (सिरोही)

    (C) उदयपुर

    (D) राजसमंद

    अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर माउंट आबू (सिरोही) में स्थित है।

    सही उत्तर है: (B) माउंट आबू (सिरोही)


    ⛰️ गुरु शिखर के बारे में मुख्य तथ्य

    • ऊंचाई: गुरु शिखर की ऊँचाई लगभग 1,722 मीटर (5,650 फीट) है।

    • महत्व: यह न केवल अरावली पर्वतमाला की, बल्कि राजस्थान राज्य की भी सबसे ऊँची चोटी है।

    • स्थान: यह राजस्थान के सिरोही ज़िले में स्थित लोकप्रिय हिल स्टेशन माउंट आबू से थोड़ी दूरी पर स्थित है।

    • नाम: इस चोटी का नाम गुरु दत्तात्रेय के नाम पर रखा गया है, जिनका मंदिर चोटी पर स्थित है।

  2. ‘आहड़ सभ्यता’ के अवशेष किस जिले में पाए गए हैं?

    (A) भीलवाड़ा

    (B) उदयपुर

    (C) चित्तौड़गढ़

    (D) राजसमंद

    ‘आहड़ सभ्यता’ (Ahar Civilization) के अवशेष मुख्य रूप से उदयपुर जिले में पाए गए हैं।

    सही उत्तर है: (B) उदयपुर


    🏛️ आहड़ सभ्यता (आहड़-बनास संस्कृति)

    • मुख्य स्थल: आहड़ नामक पुरातात्विक स्थल राजस्थान के उदयपुर शहर के पास आयड़ (बेड़च) नदी के तट पर स्थित है।

    • अन्य नाम: इसे ताम्रवती नगरी (तांबे की नगरी) या धूलकोट (मिट्टी का टीला) के नाम से भी जाना जाता है।

    • काल: यह एक ताम्रपाषाण युगीन (Chalcolithic) सभ्यता थी।

    • विस्तार: हालाँकि, आहड़ संस्कृति का विस्तार बनास नदी और उसकी सहायक नदियों के घाटों तक है, जिसके कारण इसे बनास संस्कृति भी कहा जाता है। इसके अन्य महत्वपूर्ण स्थल (जैसे बालाथल, गिलुण्ड, ओझियाना) अन्य जिलों (जैसे राजसमंद, भीलवाड़ा) में भी पाए गए हैं, लेकिन मुख्य स्थल आहड़ स्वयं उदयपुर में है।

  3. ‘कालीबंगा सभ्यता’ किस नदी के किनारे विकसित हुई थी?

    (A) लूनी

    (B) बनास

    (C) घग्गर

    (D) माही

    सही उत्तर है: (C) घग्गर


    🏜️ कालीबंगा सभ्यता के तथ्य

    • नदी का नाम: कालीबंगा स्थल वर्तमान में घग्गर नदी के तट पर स्थित है, जिसे प्राचीन काल में सरस्वती या दृषद्वती नदी के रूप में जाना जाता था।

    • स्थान: यह राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित है।

    • शाब्दिक अर्थ: ‘कालीबंगा’ शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘काले रंग की चूड़ियाँ’ है।

    • महत्व: यह सिंधु घाटी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) का एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है, जहाँ प्राक्-हड़प्पाकालीन (Pre-Harappan) और हड़प्पाकालीन दोनों तरह के अवशेष मिले हैं। यहाँ विश्व के सर्वप्रथम जोते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।

  4. हल्दीघाटी का ऐतिहासिक स्थल कहाँ स्थित है?

    (A) उदयपुर

    (B) चित्तौड़गढ़

    (C) राजसमंद

    (D) प्रतापगढ़

    हल्दीघाटी का ऐतिहासिक स्थल राजसमंद जिले में स्थित है।

    सही उत्तर है: (C) राजसमंद


    ⚔️ हल्दीघाटी के बारे में मुख्य जानकारी

    • स्थान: हल्दीघाटी, राजस्थान के राजसमंद जिले में खमनौर और बलीचा गाँवों के बीच अरावली पर्वतमाला में स्थित एक तंग पहाड़ी दर्रा है।

    • युद्ध: यह स्थान 18 जून, 1576 ई. को महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर की सेनाओं के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध के लिए प्रसिद्ध है।

    • निकटता: यह उदयपुर शहर से लगभग 40 किलोमीटर और नाथद्वारा से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

    • नामकरण: इस स्थान की मिट्टी का रंग हल्दी जैसा पीला होने के कारण इसका नाम ‘हल्दीघाटी’ पड़ा।

    • स्मारक: यहाँ महाराणा प्रताप के स्वामीभक्त घोड़े चेतक की समाधि (बलीचा गाँव में) और युद्ध स्थल रक्त तलाई जैसे महत्वपूर्ण स्थल मौजूद हैं।

  5. ‘फतेह सागर झील’ कहाँ स्थित है?

    (A) जयपुर

    (B) उदयपुर

    (C) अजमेर

    (D) जोधपुर

    ‘फतेह सागर झील’ उदयपुर जिले में स्थित है।

    सही उत्तर है: (B) उदयपुर


    💧 फतेह सागर झील की मुख्य बातें

    • शहर का गौरव: फतेह सागर झील उदयपुर की चार प्रमुख झीलों में से एक है और इसे शहर का गौरव माना जाता है।

    • निर्माण: मूल रूप से इसका निर्माण महाराणा जय सिंह ने 1678 ई. में करवाया था। बाद में बाढ़ से नष्ट होने पर महाराणा फतेह सिंह द्वारा 1888 में इसका पुनर्निर्माण किया गया और उन्हीं के नाम पर इसका नामकरण हुआ।

    • विशेषताएँ:

      • यह एक कृत्रिम (Artificial) झील है।

      • झील के बीच में एक टापू पर प्रसिद्ध नेहरू उद्यान स्थित है।

      • दूसरे टापू पर उदयपुर सौर वेधशाला (Udaipur Solar Observatory) भी स्थित है।

    • निकटता: यह पिछोला झील से एक नहर द्वारा जुड़ी हुई है।

  6. राजस्थान की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर झील किन जिलों की सीमा पर स्थित है?

    (A) जोधपुर, नागौर

    (B) जयपुर, नागौर, अजमेर

    (C) बीकानेर, चूरू

    (D) उदयपुर, राजसमंद

    राजस्थान की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर झील मुख्य रूप से जयपुर, नागौर और अजमेर जिलों की सीमा पर स्थित है।

    सही उत्तर है: (B) जयपुर, नागौर, अजमेर


    🧂 सांभर झील के बारे में मुख्य तथ्य

    • स्थिति: सांभर झील एक विशाल प्राकृतिक झील है जो राजस्थान के मध्य भाग में स्थित है। यह तीन जिलों—जयपुर (सबसे बड़ा भाग), नागौर, और अजमेर—के साथ अपनी सीमा साझा करती है।

    • महत्व: यह भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय (Inland) खारे पानी की झील है और भारत के कुल नमक उत्पादन का लगभग 8.7% उत्पादित करती है।

    • संरक्षण: यह एक रामसर साइट (Ramnsar Site) है, जो इसके पारिस्थितिक महत्व को दर्शाती है, खासकर प्रवासी पक्षियों के लिए।

    • नदियाँ: इसमें मुख्य रूप से मेंथा, रूपनगढ़, खारी और खंडेला नदियाँ अपना पानी लाती हैं।

  7. जोधपुर के पास स्थित ओसियाँ किस लिए प्रसिद्ध है?

    (A) जैन मंदिर

    (B) बौद्ध गुफाएँ

    (C) प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर समूह

    (D) सूर्य मंदिर

    जोधपुर के पास स्थित ओसियाँ प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर समूह के लिए प्रसिद्ध है।

    सही उत्तर है: (C) प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर समूह


    🏛️ ओसियाँ का महत्व

    • मंदिरों की नगरी: ओसियाँ को ‘राजस्थान का खजुराहो’ और ‘मंदिरों की नगरी’ भी कहा जाता है। यह अपने भव्य और प्राचीन मंदिरों के समूह के लिए विख्यात है।

    • स्थापत्य कला: यहाँ के मंदिर मुख्यतः 8वीं से 12वीं शताब्दी के बीच गुर्जर-प्रतिहार शैली (विशेष रूप से महामारू शैली) में निर्मित हैं, जो इनकी जटिल नक्काशी और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं।

    • प्रमुख मंदिर: इस समूह में कई महत्वपूर्ण मंदिर शामिल हैं:

      • जैन मंदिर: भगवान महावीर को समर्पित एक प्रमुख जैन मंदिर

      • हिन्दू मंदिर: सचियाय माता का मंदिर (ओसवालों की कुलदेवी), सूर्य मंदिर, हरिहर मंदिर, शिव मंदिर और विष्णु मंदिर समूह प्रमुख हैं।

    • अन्य आकर्षण: ओसियाँ रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित होने के कारण डेजर्ट सफारी (ऊँट और जीप सफारी) के लिए भी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।

  8. ‘केवलादेव घना पक्षी विहार’ कहाँ स्थित है?

    (A) सवाई माधोपुर

    (B) भरतपुर

    (C) धौलपुर

    (D) अलवर

    ‘केवलादेव घना पक्षी विहार’ (Keoladeo Ghana National Park) भरतपुर जिले में स्थित है।

    सही उत्तर है: (B) भरतपुर


    🐦 केवलादेव घना पक्षी विहार की मुख्य बातें

    • स्थान: यह राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित एक विश्व-प्रसिद्ध आर्द्रभूमि (Wetland) और पक्षी अभयारण्य है।

    • अन्य नाम: इसे पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था।

    • अंतर्राष्ट्रीय महत्व:

      • यह एक UNESCO विश्व धरोहर स्थल है (1985 में घोषित)।

      • यह एक रामसर साइट भी है (1981 में घोषित)।

    • पक्षी प्रजातियाँ: यह हज़ारों प्रवासी और निवासी पक्षियों का घर है, जिनमें साइबेरियाई क्रेन जैसी दुर्लभ प्रजातियाँ भी शामिल थीं (हालांकि अब वे यहाँ कम ही दिखाई देती हैं)।

  9. रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान किस जानवर के लिए प्रसिद्ध है?

    (A) हाथी

    (B) बाघ (टाइगर)

    (C) शेर

    (D) हिरण

    रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान मुख्य रूप से बाघ (टाइगर) के लिए प्रसिद्ध है।

    सही उत्तर है: (B) बाघ (टाइगर)


    🐅 रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान की पहचान

    • टाइगर रिजर्व: रणथंभौर भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व में से एक है।

    • बाघों का ठिकाना: यह रॉयल बंगाल टाइगर्स को उनके प्राकृतिक आवास में देखने के लिए दुनिया के सर्वोत्तम स्थानों में से एक माना जाता है। यहाँ बाघों की संख्या काफी अधिक है और वे दिन के समय भी आसानी से देखे जा सकते हैं।

    • स्थिति: यह राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित है।

    • अन्य वन्यजीव: बाघ के अलावा, यह तेंदुआ, स्लॉथ बीयर, सांभर हिरण, चीतल, नीलगाय और मगरमच्छ जैसे कई अन्य वन्यजीवों का भी घर है।

  10. ‘सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य’ कहाँ स्थित है?

    (A) भरतपुर

    (B) सवाई माधोपुर

    (C) अलवर

    (D) दौसा

    ‘सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य’ अलवर जिले में स्थित है।

    सही उत्तर है: (C) अलवर


    🐯 सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य की मुख्य जानकारी

    • स्थान: यह राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है।

    • महत्व: यह भारत के सबसे पुराने और प्रमुख टाइगर रिजर्व (बाघ आरक्षित क्षेत्र) में से एक है, जहाँ रॉयल बंगाल टाइगर पाए जाते हैं।

    • स्थिति: सरिस्का को 1955 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था, और बाद में 1978 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर योजना के तहत टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया।

    • इतिहास: यह पहले अलवर के महाराजाओं का शाही शिकारगाह हुआ करता था।


 

खंड 4: महल और छतरियाँ

 

  1. जोधपुर का ‘उम्मेद भवन पैलेस’ किस नाम से प्रसिद्ध है?

    (A) थार का ताजमहल

    (B) छित्तर पैलेस

    (C) सिटी पैलेस

    (D) मोती महल

    जोधपुर का ‘उम्मेद भवन पैलेस’ छित्तर पैलेस नाम से प्रसिद्ध है।

    सही उत्तर है: (B) छित्तर पैलेस


    🏰 उम्मेद भवन पैलेस (छित्तर पैलेस) का परिचय

    • छित्तर पैलेस (Chhittar Palace): उम्मेद भवन पैलेस का निर्माण छित्तर पहाड़ी पर किया गया था, जिसके कारण इसे स्थानीय रूप से “छित्तर पैलेस” के नाम से भी जाना जाता है।

    • उद्देश्य: इस महल का निर्माण महाराजा उम्मेद सिंह ने 1929 में जोधपुर में पड़े अकाल के दौरान स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू करवाया था।

    • वास्तुकला: यह इंडो-डेको (Indo-Deco) शैली की वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है और दुनिया के सबसे बड़े निजी आवासों में से एक है।

    • वर्तमान उपयोग: इस पैलेस को तीन कार्यात्मक भागों में विभाजित किया गया है: एक शाही परिवार का निवास, एक लक्जरी होटल (ताज होटल द्वारा संचालित), और एक संग्रहालय।

  2. जयपुर में स्थित ईसरलाट (सोरगासूली) का निर्माण किसने करवाया था?

    (A) सवाई जयसिंह

    (B) सवाई प्रताप सिंह

    (C) सवाई ईश्वरी सिंह

    (D) महाराजा मानसिंह

    जयपुर में स्थित ईसरलाट (Sargasuli) का निर्माण सवाई ईश्वरी सिंह ने करवाया था।

    सही उत्तर है: (C) सवाई ईश्वरी सिंह


    🏰 ईसरलाट के बारे में मुख्य तथ्य :-

    • निर्माणकर्ता: जयपुर के महाराजा सवाई ईश्वरी सिंह (Sawai Ishwari Singh)।

    • उद्देश्य: उन्होंने यह मीनार राजमहल युद्ध (Battle of Rajmahal, 1747 ई.) में अपने भाइयों पर मिली विजय की खुशी में बनवाई थी।

    • नाम: इसे ईसरलाट इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे सवाई ईश्वरी सिंह ने बनवाया था। इसे सोरगासूली (स्वर्ग को छूने वाला/स्वर्गभेदी) भी कहा जाता है क्योंकि यह जयपुर शहर में काफी ऊँची और प्रमुखता से दिखाई देती है।

    • वास्तुकला: यह सात मंजिला मीनार है, जो राजपूत और मुगल वास्तुकला शैली के मिश्रण को दर्शाती है। यह त्रिपोलिया बाजार के पास स्थित है।

  3. जयपुर के किस महल को ‘जल महल’ कहते हैं?

    (A) आमेर महल

    (B) चन्द्र महल

    (C) मानसागर झील के मध्य स्थित महल

    (D) रामबाग महल

    जयपुर में मानसागर झील के मध्य स्थित महल को ‘जल महल’ कहते हैं।

    सही उत्तर है: (C) मानसागर झील के मध्य स्थित महल


    🌊 जल महल के बारे में मुख्य जानकारी

    • नाम और स्थान: ‘जल महल’ नाम से प्रसिद्ध यह खूबसूरत महल मानसागर झील के शांत जल के बीच स्थित है।

    • निर्माण: इसका निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 18वीं शताब्दी में करवाया था।

    • वास्तुकला: यह राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली का अद्भुत मिश्रण है।

    • विशेषता: यह पाँच मंजिला इमारत है, जिसमें से चार मंजिलें अक्सर जलमग्न रहती हैं और केवल ऊपरी मंजिल ही झील के बाहर दिखाई देती है।

  4. बूंदी में स्थित 84 खंभों की छतरी का निर्माण किसने करवाया था?

    (A) राव अनिरुद्ध सिंह

    (B) राजा अनिरुद्ध सिंह

    (C) राजा बुद्ध सिंह

    (D) राव भाव सिंह

    बूंदी में स्थित 84 खंभों की छतरी का निर्माण राव अनिरुद्ध सिंह ने करवाया था।

    सही उत्तर है: (A) राव अनिरुद्ध सिंह


    🏛️ 84 खंभों की छतरी: महत्वपूर्ण तथ्य

    • निर्माणकर्ता: बूंदी के राव अनिरुद्ध सिंह (महाराजा)।

    • समय: इसका निर्माण 1683 या 1684 ईस्वी में करवाया गया था।

    • उद्देश्य: राव अनिरुद्ध सिंह ने इस छतरी का निर्माण अपने पालक भाई देवा (धाय मां के पुत्र) की याद में करवाया था, जिसे वह बहुत प्रिय मानते थे।

    • विशेषता: यह स्मारक दो मंजिला है और अपनी जटिल नक्काशी तथा 84 भव्य खंभों के लिए प्रसिद्ध है, जो राजपूत स्थापत्य कला का एक बेहतरीन नमूना है।

  5. महाराणा प्रताप की छतरी कहाँ स्थित है?

    (A) गोगुन्दा

    (B) हल्दीघाटी

    (C) बांडोली (उदयपुर)

    (D) चावंड

    महाराणा प्रताप की छतरी बांडोली (उदयपुर) में स्थित है।

    सही उत्तर है: (C) बांडोली (उदयपुर)


    महाराणा प्रताप की छतरी के तथ्य :- 

    • स्थान: महाराणा प्रताप का अंतिम संस्कार चावंड (उनकी अंतिम राजधानी) से लगभग 3 किमी दूर बांडोली गाँव में किया गया था।

    • समाधि स्थल: उनकी समाधि स्थल पर केजड़ बाँध की पाल के पास आठ खंभों की छतरी का निर्माण किया गया है।

    • निर्माणकर्ता: इस छतरी का निर्माण उनके पुत्र महाराणा अमर सिंह ने करवाया था।

    • निधन: महाराणा प्रताप का निधन 19 जनवरी 1597 को चावंड में हुआ था।


 

खंड 5: अन्य दर्शनीय एवं धार्मिक स्थल

 

  1. राजसमंद जिले में स्थित द्वारकाधीश मंदिर किस संप्रदाय से संबंधित है?

    (A) रामानुज

    (B) वल्लभ

    (C) नाथ

    (D) दादू

    राजसमंद जिले के कांकरोली में स्थित द्वारकाधीश मंदिर वल्लभ संप्रदाय से संबंधित है।

    सही उत्तर है: (B) वल्लभ


    🙏 द्वारकाधीश मंदिर, कांकरोली :- 

    • संप्रदाय: यह मंदिर पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की तृतीय पीठ (Third Seat) के रूप में जाना जाता है।

    • अवस्थिति: यह राजसमंद झील के किनारे, कांकरोली, राजसमंद में स्थित है।

    • इतिहास: इस मंदिर में स्थापित भगवान श्री कृष्ण (द्वारकाधीश जी) की मूर्ति को महाराणा राज सिंह द्वारा मुग़ल शासकों के आक्रमण से बचाने के लिए मथुरा से लाया गया था और 1676 ई. में यहाँ स्थापित किया गया था।

    • वास्तुकला: यह मंदिर पारंपरिक हवेली शैली में निर्मित है, जो पुष्टिमार्गीय मंदिरों की एक विशिष्ट शैली है।

    • अन्य पीठ: वल्लभ संप्रदाय की मुख्य पीठ श्री नाथद्वारा में श्रीनाथजी मंदिर है, जो राजसमंद में ही स्थित है।

  2. राजस्थान के किस जिले में ‘सिटी ऑफ बेल्स’ (घंटियों का शहर) कहलाता है?

    (A) बूँदी

    (B) कोटा

    (C) झालरापाटन (झालावाड़)

    (D) अजमेर

    राजस्थान के झालरापाटन (झालावाड़) जिले को ‘सिटी ऑफ बेल्स’ (घंटियों का शहर) कहलाता है।

    सही उत्तर है: (C) झालरापाटन (झालावाड़)


    🔔 सिटी ऑफ बेल्स क्यों?

    • नाम का कारण: झालरापाटन में प्रसिद्ध सूर्य मंदिर (Sun Temple) सहित कई प्राचीन और भव्य मंदिर हैं, जहाँ विभिन्न आकार की घंटियाँ (Bells) बड़ी संख्या में मौजूद हैं।

    • स्थापना: इस शहर की स्थापना झालावाड़ के राजा झाला जालिम सिंह ने 1796 ई. में की थी।

    • अन्य नाम: इसे घंटियों का शहर या सिटी ऑफ बेल्स के नाम से जाना जाता है।

    • मुख्य आकर्षण: यहाँ का सूर्य मंदिर (पद्मनाभ मंदिर), जिसे सात सहेलियों का मंदिर भी कहा जाता है, एक प्रमुख वास्तुशिल्प केंद्र है।

  3. ‘भंड देवरा शिव मंदिर’ (बारां) को क्या कहा जाता है?

    (A) राजस्थान का जिब्राल्टर

    (B) राजस्थान का कोणार्क

    (C) राजस्थान का खजुराहो

    (D) मेवाड़ का खजुराहो

    ‘भंड देवरा शिव मंदिर’ (बारां) को राजस्थान का खजुराहो कहा जाता है।

    सही उत्तर है: (C) राजस्थान का खजुराहो


    🏛️ भंड देवरा मंदिर: उपनाम और विशेषता :-

    • उपनाम: भंड देवरा मंदिर को उसकी कामुक मूर्तियों और विस्तृत नक्काशी के कारण ‘राजस्थान का खजुराहो’ या ‘मिनी खजुराहो’ कहा जाता है। इसकी मूर्तिकला मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध खजुराहो मंदिर समूह से मिलती-जुलती है।

    • स्थान: यह मंदिर राजस्थान के बारां जिले के रामगढ़ में स्थित है।

    • स्थापत्य शैली: यह 10वीं शताब्दी का मंदिर है और नागर शैली की स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

    • देवता: यह भगवान शिव को समर्पित है।

    (टिप्पणी: ‘मेवाड़ का खजुराहो’ उदयपुर के जगत अम्बिका माता मंदिर को कहा जाता है, जबकि ‘राजस्थान का खजुराहो’ भंड देवरा (बारां) को कहा जाता है।)

  4. किराडू के मंदिर कहाँ स्थित हैं, जिन्हें ‘राजस्थान का खजुराहो’ कहते हैं?

    (A) जैसलमेर

    (B) बाड़मेर

    (C) पाली

    (D) जालौर

    किराडू के मंदिर बाड़मेर जिले में स्थित हैं, जिन्हें ‘राजस्थान का खजुराहो’ कहा जाता है।

    सही उत्तर है: (B) बाड़मेर


    🏛️ किराडू मंदिर की मुख्य जानकारी

    • स्थान: किराडू गाँव, बाड़मेर (Barmer) जिला, राजस्थान।

    • उपनाम: इन मंदिरों को उनकी कामुक और कलात्मक मूर्तियों के कारण ‘राजस्थान का खजुराहो’ कहा जाता है।

      • (ध्यान दें: ‘मिनी खजुराहो’ या ‘हाड़ौती का खजुराहो’ भंड देवरा शिव मंदिर (बारां) को कहा जाता है।)

    • निर्माण शैली: ये मंदिर 11वीं और 12वीं शताब्दी के बीच बने थे और गुर्जर-प्रतिहार शैली (Solanki/Maru-Gurjara style) की वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

    • देवता: यहाँ पाँच प्रमुख मंदिरों का समूह है, जिनमें सबसे बड़ा मंदिर सोमेश्वर महादेव (भगवान शिव) को समर्पित है।

  5. जोधपुर में स्थित ‘मंडोर’ किस लिए प्रसिद्ध है?

    (A) राव जोधा की राजधानी

    (B) मारवाड़ शासकों का प्राचीन श्मशान घाट और उद्यान

    (C) प्राचीन जैन मंदिर

    (D) उम्मेद भवन

    जोधपुर में स्थित ‘मंडोर’ मुख्य रूप से मारवाड़ शासकों का प्राचीन श्मशान घाट और उद्यान के लिए प्रसिद्ध है।

    सही उत्तर है: (B) मारवाड़ शासकों का प्राचीन श्मशान घाट और उद्यान


    🏞️ मंडोर की ऐतिहासिक महत्ता

    • प्राचीन राजधानी: मंडोर पहले मारवाड़ की प्राचीन राजधानी हुआ करता था, इससे पहले कि राव जोधा ने जोधपुर शहर की स्थापना की और मेहरानगढ़ किले को अपनी नई राजधानी बनाया।

    • मारवाड़ शासकों का श्मशान घाट (देवल): मंडोर में जोधपुर के महाराजाओं के देवल (छतरियाँ/स्मारक) स्थित हैं। यह सदियों तक राठौड़ शासकों का शाही श्मशान घाट रहा था।

    • मंडोर उद्यान: यहाँ का मंडोर उद्यान (Mandore Garden) एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसमें मारवाड़ के शासकों की भव्य छतरियाँ (Devals), तीस करोड़ देवी-देवताओं की साल, और अजीत पोल जैसे ऐतिहासिक स्थल हैं।

  6. रणथंभौर के दुर्ग में स्थित पीर सदरुद्दीन की दरगाह किस धर्म के लिए आस्था का केंद्र है?

    (A) हिन्दू

    (B) जैन

    (C) मुस्लिम

    (D) सिख

    रणथंभौर के दुर्ग में स्थित पीर सदरुद्दीन की दरगाह मुस्लिम धर्म के लिए आस्था का केंद्र है।

    सही उत्तर है: (C) मुस्लिम


    🕌 पीर सदरुद्दीन की दरगाह की महत्ता :-

    • धर्म: यह दरगाह इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है।

    • अवस्थिति: यह दरगाह सवाई माधोपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध रणथंभौर दुर्ग के अंदर स्थित है।

    • विशेषता: रणथंभौर दुर्ग अपनी सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाना जाता है, जहाँ एक ही परिसर में त्रिनेत्र गणेश मंदिर (हिन्दू) और पीर सदरुद्दीन की दरगाह (मुस्लिम) स्थित है। यह दोनों समुदायों की आस्था का केंद्र है।

  7. बूंदी में स्थित रानीजी की बावड़ी का निर्माण किसने करवाया था?

    (A) रानी पद्मिनी

    (B) रानी नाथावत जी

    (C) रानी कर्मेती

    (D) रानी हंसा बाई

    बूंदी में स्थित रानीजी की बावड़ी का निर्माण रानी नाथावत जी ने करवाया था।

    सही उत्तर है: (B) रानी नाथावत जी


    👑 रानीजी की बावड़ी के तथ्य

    • निर्माणकर्ता: बूंदी के शासक राव राजा अनिरुद्ध सिंह की छोटी रानी, रानी नाथावत जी

    • समय: इसका निर्माण 1699 ईस्वी में करवाया गया था।

    • विशेषता: यह बावड़ी अपनी सुंदर वास्तुकला, बारीक नक्काशी और जटिल भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध है। इसे भारत की बेहतरीन बावड़ियों (Stepwells) में से एक माना जाता है।

    • उपनाम: इसे “बावड़ियों का सिरमौर” भी कहा जाता है।

  8. जोधपुर के मंडोर में 33 करोड़ देवी-देवताओं की साल कहाँ स्थित है?

    (A) मेहरानगढ़

    (B) उम्मेद भवन

    (C) मंडोर गार्डन

    (D) कायलाना झील

    जोधपुर के मंडोर में 33 करोड़ देवी-देवताओं की साल मंडोर गार्डन में स्थित है।

    सही उत्तर है: (C) मंडोर गार्डन


    🙏 33 करोड़ देवी-देवताओं की साल

    यह एक बड़ी और सुंदर इमारत है जिसमें देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं। इसे मंडोर उद्यान (Mandore Garden) के अंदर एक प्रमुख आकर्षण के रूप में देखा जाता है। यह साल मारवाड़ की समृद्ध धार्मिक और कलात्मक विरासत को दर्शाती है।

  9. पुष्कर झील में कितने घाट हैं, जो हिंदुओं के लिए पवित्र माने जाते हैं?

    (A) 42

    (B) 48

    (C) 52

    (D) 60

    पुष्कर झील में 52 घाट हैं, जो हिंदुओं के लिए पवित्र माने जाते हैं।

    सही उत्तर है: (C) 52


    🌊 पुष्कर झील और इसके घाट

    • संख्या: पुष्कर झील (अजमेर, राजस्थान) के चारों ओर कुल 52 घाट हैं।

    • महत्व: ये सभी घाट हिंदुओं के लिए पवित्र माने जाते हैं, जहाँ श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

    • प्रमुख घाट: इनमें से कुछ घाट ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, जैसे गऊ घाट (जहाँ महात्मा गांधी की अस्थियाँ विसर्जित की गईं थीं) और ब्रह्मा घाट

    • मान्यता: पुष्कर झील को एक पवित्र झील माना जाता है और इसे हिंदुओं के पाँच पवित्र तीर्थों में से एक माना जाता है, इसलिए यहाँ हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर एक विशाल मेला आयोजित होता है।

  10. कोटा में स्थित ‘चंबल गार्डन’ किस लिए प्रसिद्ध है?

    (A) गुलाब के फूल

    (B) घड़ियाल और मगरमच्छ

    (C) प्राचीन स्थापत्य कला

    (D) भित्ति चित्र

    कोटा में स्थित ‘चंबल गार्डन’ मुख्य रूप से घड़ियाल और मगरमच्छ के लिए प्रसिद्ध है।

    सही उत्तर है: (B) घड़ियाल और मगरमच्छ


     चंबल गार्डन की विशेषता :-

    • मुख्य आकर्षण: चंबल गार्डन, चंबल नदी के किनारे स्थित है। यह अपने सुंदर और शांत वातावरण के अलावा, एक मगरमच्छ (या घड़ियाल) पूल के लिए जाना जाता है, जहाँ इन जलीय जीवों को पास से देखा जा सकता है।

    • उद्देश्य: यह गार्डन कोटा शहर के निवासियों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख पिकनिक और घूमने का स्थल है, और यहाँ चंबल नदी के वन्यजीवों को देखने का अवसर मिलता है।

  11. राजस्थान की किस बावड़ी को ‘बावड़ियों का सिरमौर’ कहा जाता है?

    (A) पन्ना मीणा की बावड़ी

    (B) रानीजी की बावड़ी (बूंदी)

    (C) चाँद बावड़ी (आभानेरी)

    (D) नौलखा बावड़ी

    राजस्थान की रानीजी की बावड़ी (बूंदी) को ‘बावड़ियों का सिरमौर’ कहा जाता है।

    सही उत्तर है: (B) रानीजी की बावड़ी (बूंदी)


    👑 बावड़ियों का सिरमौर

    • स्थान: यह बावड़ी राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित है।

    • उपनाम: इसे इसकी उत्कृष्ट वास्तुकला, जटिल नक्काशी और सुंदरता के कारण ‘बावड़ियों का सिरमौर’ (The Head Jewel of Stepwells) कहा जाता है।

    • निर्माण: इसका निर्माण बूंदी के शासक राव राजा अनिरुद्ध सिंह की छोटी रानी, रानी नाथावत जी ने 1699 ईस्वी में करवाया था।

    • महत्व: यह भारत की सबसे बेहतरीन और सबसे कलात्मक बावड़ियों में से एक है, जो जल संरक्षण के साथ-साथ अद्भुत स्थापत्य कला का भी उदाहरण है।

  12. अजमेर में स्थित ‘ढाई दिन का झोंपड़ा’ मूल रूप से क्या था?

    (A) एक मस्जिद

    (B) एक संस्कृत पाठशाला

    (C) एक मकबरा

    (D) एक महल

    अजमेर में स्थित ‘ढाई दिन का झोंपड़ा’ मूल रूप से एक संस्कृत पाठशाला था।

    सही उत्तर है: (B) एक संस्कृत पाठशाला


    🕌 ‘ढाई दिन का झोंपड़ा’ का इतिहास

    • मूल संरचना: ‘ढाई दिन का झोंपड़ा’ मूल रूप से विग्रहराज चतुर्थ (बिसलदेव) नामक चौहान शासक द्वारा बनवाया गया एक विशाल संस्कृत महाविद्यालय (या पाठशाला) था।

    • परिवर्तन: इसे वर्ष 1194 ईस्वी में मुहम्मद गोरी के आदेश पर उसके सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने एक मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था।

    • वर्तमान स्वरूप: वर्तमान में, यह एक मस्जिद के रूप में जाना जाता है, जो भारतीय और इस्लामिक वास्तुकला के मिश्रण को दर्शाता है।

    • नामकरण: ऐसा माना जाता है कि इसका नाम ‘ढाई दिन का झोंपड़ा’ इसलिए पड़ा क्योंकि या तो इसका निर्माण केवल ढाई दिन में किया गया था, या इस स्थान पर ढाई दिन का उर्स (मेला) लगता था।

  13. रणथंभौर दुर्ग के पास स्थित ‘न्याय की छतरी’ किस शासक से संबंधित है?

    (A) महाराणा प्रताप

    (B) राव हमीर

    (C) हम्मीर देव चौहान

    (D) राव माधोसिंह

    रणथंभौर दुर्ग के पास स्थित ‘न्याय की छतरी’ हम्मीर देव चौहान से संबंधित है।

    सही उत्तर है: (C) हम्मीर देव चौहान


    ⚖️ न्याय की छतरी की महत्ता

    • नाम: इसे 32 खंभों की छतरी भी कहा जाता है, जो चौहान वंश के प्रतापी शासक हम्मीर देव चौहान से जुड़ी हुई है।

    • उद्देश्य: इस छतरी का निर्माण हम्मीर देव चौहान ने अपने पिता जैत्र सिंह (जैत्रसिंह) के 32 वर्षों के शासनकाल की याद में करवाया था।

    • स्थान: यह छतरी रणथंभौर किले के पास स्थित है।

    • न्याय का केंद्र: ऐसा माना जाता है कि हम्मीर देव चौहान इस छतरी में बैठकर न्याय करते थे, इसलिए इसे ‘न्याय की छतरी’ के नाम से जाना जाता है।

  14. जयपुर के किस स्थान पर गैलजी की बावड़ी  स्थित है?

    (A) आमेर

    (B) गैलजी

    (C) सांगानेर

    (D) जमवारामगढ़

    जयपुर में ‘गैलजी की बावड़ी’ आमेर क्षेत्र में स्थित है।

    सही उत्तर है: (A) आमेर


    ⛲ गैलजी की बावड़ी (पन्ना मीणा की बावड़ी)

    • सही नाम: ‘गैलजी की बावड़ी’ को आमतौर पर पन्ना मीणा की बावड़ी के नाम से जाना जाता है।

    • स्थान: यह बावड़ी जयपुर शहर से लगभग 10-11 किमी दूर, आमेर (Amer) किले के पास स्थित है।

    • विशेषता: यह अपनी अनूठी सममितीय सीढ़ियों, जटिल डिजाइन और प्राचीन वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जो इसे फोटोग्राफी और ऐतिहासिक रुचि का एक लोकप्रिय स्थान बनाती है।

     

  15. चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित ‘कीर्ति स्तंभ’ किस जैन तीर्थंकर को समर्पित है?

    (A) महावीर

    (B) पार्श्वनाथ

    (C) आदिनाथ

    (D) नेमिनाथ

    चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित ‘कीर्ति स्तंभ’ जैन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है।

    सही उत्तर है: (C) आदिनाथ


    🗼 कीर्ति स्तंभ की मुख्य जानकारी

    • समर्पित: यह स्तंभ जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ (ऋषभदेव) को समर्पित है।

    • निर्माण: इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में जीजा (या जीजाशाह) बघेरवाल नामक जैन व्यापारी ने करवाया था।

    • ऊँचाई और मंज़िलें: यह लगभग 75 फीट ऊँचा है और सात मंज़िला है।

    • विशेषता: यह जैन धर्म से संबंधित होने के कारण इसमें जैन मूर्तियों और वास्तुकला का सुंदर अंकन है। इसे आदिनाथ कीर्ति स्तंभ के नाम से भी जाना जाता है, ताकि इसे प्रसिद्ध विजय स्तंभ से अलग किया जा सके, जो महाराणा कुंभा द्वारा बनवाया गया था।


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