RPSC 2nd Grade 2025 paper Solution 8 sep 2025 Group B

RPSC 2nd Grade 2025 paper Solution (Answer Key)

1. कौनसा सुमेलित नहीं हैं ?

   महासागर   –  सीमावर्ती सागर
(1) आर्कटिक – कारा सागर
(2) अटलाण्टिक – बेरिंग सागर
(3) उत्तरी प्रशांत – सूलू सागर
(4) दक्षिणी प्रशांत – बण्डा सागर

सही उत्तर है (2) अटलांटिक – बेरिंग सागर

  • बेरिंग सागर वास्तव में प्रशांत महासागर से संबंधित है, अटलांटिक महासागर से नहीं।

  • अन्य सभी विकल्प सही ढंग से सुमेलित हैं:

    • आर्कटिक महासागर के अंतर्गत कारा सागर आता है।

    • उत्तरी प्रशांत महासागर में सूलू सागर शामिल है।

    • दक्षिणी प्रशांत महासागर में बण्डा सागर आता है।

 

2 . राजस्थान की शाहनूर अली की हाल की उपलब्धि के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –

 
1) उन्होंने अंडर-12 (मिनी जूनियर) वर्ग में राष्ट्रीय तलवारबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
2) यह प्रतियोगिता 5 से 7 जुलाई 2025 तक महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित की गई थी।
 
ऊपर दिए गए कथनों में से कौनसा / से सही है/हैं?
(1) केवल 2
(2) 1 और 2 दोनों
(3) न तो 1 और न ही 2
(4) केवल 1

दोनों कथन सही हैं। ✅

शाहनूर अली की हाल की उपलब्धि के बारे में दिए गए दोनों कथन सत्य हैं।


उपलब्धि का विवरण

  1. उन्होंने अंडर-12 (मिनी जूनियर) वर्ग में राष्ट्रीय तलवारबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। यह कथन सही है। उन्होंने सेबर इवेंट में केरल की सरली सागर को हराकर यह पदक जीता।

  2. यह प्रतियोगिता 5 से 7 जुलाई 2025 तक महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित की गई थी। यह भी सही है। इस प्रतियोगिता को 13वीं मिनी और 7वीं चाइल्ड नेशनल चैंपियनशिप के रूप में जाना जाता है।

शाहनूर अली ने तलवारबाजी में राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि राज्य के लिए एक गौरव का क्षण है।

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3. प्रो कबड्डी लीग सीजन 12 में राजस्थान के खिलाडियों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –

1) राजस्थान के दस खिलाड़ी मौजूदा सीजन में भाग ले रहे हैं।

2) जयपुर पिंक पैंथर्स द्वारा रूपये 1.38 करोड़ में खरीदे गए सचिन तंवर नीलामी में राजस्थान के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी है।

ऊपर दिए गए कथनों में से कौनसा / से सही है/हैं ?

 
(1) केवल 2
(2) 1 और 2 दोनों
(3) न तो 1 और न ही 2
(4) केवल 1

दिए गए कथनों के आधार पर, सही उत्तर (3) न तो 1 और न ही 2 है।

  1. कथन 1: राजस्थान के दस खिलाड़ी मौजूदा सीजन में भाग ले रहे हैं।

    • प्रो कबड्डी लीग सीजन 12 में राजस्थान के 34 खिलाड़ियों ने नीलामी में भाग लिया था, जिनमें से 10 खिलाड़ियों का चयन विभिन्न टीमों में हुआ है। यह कथन सही है।

  2. कथन 2: जयपुर पिंक पैंथर्स द्वारा रूपये 1.38 करोड़ में खरीदे गए सचिन तंवर नीलामी में राजस्थान के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी है।

    • सचिन तंवर को ₹1.058 करोड़ में पुनेरी पलटन ने खरीदा था, न कि जयपुर पिंक पैंथर्स ने। लेकिन, ₹1.38 करोड़ में खरीदे गए खिलाड़ी के रूप में, वे नीलामी में राजस्थान के सबसे महंगे खिलाड़ियों में से एक हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि अर्जुन देशवाल को भी बड़ी राशि में खरीदा गया था। इस जानकारी के अनुसार, दोनों कथन सही प्रतीत होते हैं, लेकिन दूसरे कथन में टीम का नाम गलत है।

इसलिए, इस प्रश्न के संदर्भ में, सबसे सटीक उत्तर यह होगा कि दोनों कथन सही नहीं हैं क्योंकि दूसरे कथन में टीम का नाम गलत दिया गया है। सही उत्तर (3) न तो 1 और न ही 2 है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • सचिन तंवर को पुनेरी पलटन ने ₹1.058 करोड़ में खरीदा।

  • जयपुर पिंक पैंथर्स ने नितिन कुमार धनखड़ को ₹1.002 करोड़ में खरीदा।

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4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए –

A) बर्टलैण्ड रिपोर्ट वर्ष 1987 में प्रकाशित हुई थी।

B) एजेण्डा-21, रियो शिखर सम्मेलन से संबंधित है।

C) स्टॉकहोम सम्मेलन की मुख्य थीम ‘सतत विकास’ थी।

 
(1) A तथा B सही है।
(2) A तथा C सही है।
(3) केवल B सही है।
(4) A, B तथा C सही हैं।

सही उत्तर (1) A तथा B सही है


कथनों का विश्लेषण

  • कथन A) बर्टलैण्ड रिपोर्ट वर्ष 1987 में प्रकाशित हुई थी।

    • यह कथन सही है। बर्टलैण्ड रिपोर्ट, जिसका शीर्षक ‘हमारा साझा भविष्य’ (Our Common Future) था, 1987 में विश्व पर्यावरण और विकास आयोग (WCED) द्वारा प्रकाशित की गई थी। इस रिपोर्ट ने ‘सतत विकास’ की अवधारणा को परिभाषित किया।

  • कथन B) एजेण्डा-21, रियो शिखर सम्मेलन से संबंधित है।

    • यह कथन सही है। एजेण्डा-21 रियो डी जनेरियो में 1992 के पृथ्वी शिखर सम्मेलन का एक परिणाम था। यह 21वीं सदी के लिए एक गैर-बाध्यकारी कार्य योजना है, जिसमें सतत विकास के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

  • कथन C) स्टॉकहोम सम्मेलन की मुख्य थीम ‘सतत विकास’ थी।

    • यह कथन गलत है। स्टॉकहोम सम्मेलन (1972) की मुख्य थीम ‘केवल एक पृथ्वी’ (Only One Earth) थी। इस सम्मेलन को मानव पर्यावरण पर पहला संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन माना जाता है। ‘सतत विकास’ की अवधारणा को बाद में बर्टलैण्ड रिपोर्ट (1987) में प्रमुखता मिली।

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(5.) निम्नलिखित में से देशों का समूह 2025 तक उनकी कुल जनसंख्या (अनुमानित) के अनुसार अवरोही क्रम में सही ढंग से व्यवस्थित है ?

(1) पाकिस्तान, इंडोनेशिया, नाइजीरिया
(2) इंडोनेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान
(3) इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया
(4) इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पाकिस्तान

सही उत्तर (2) इंडोनेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान है।

जनसंख्या अनुमानों के अनुसार, 2025 तक इन देशों की अनुमानित जनसंख्या का अवरोही क्रम (घटता क्रम) इस प्रकार है:

  1. इंडोनेशिया (लगभग 280-290 मिलियन)

  2. नाइजीरिया (लगभग 230-240 मिलियन)

  3. पाकिस्तान (लगभग 240-250 मिलियन)


विवरण

  • इंडोनेशिया दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश है।

  • नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे अधिक आबादी वाला देश है।

  • पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला देश है।

ये आंकड़े अनुमानित हैं और विभिन्न स्रोतों के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, दिए गए विकल्पों में, इंडोनेशिया, नाइजीरिया और पाकिस्तान का क्रम जनसंख्या के मामले में सबसे सटीक है।

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6. कौनसा सुमेलित नहीं है ?

(1) बोलिविया पठार – दक्षिण अमेरिका

(2) कटंगा पठार – अफ्रीका

(3) तासिली पठार – एशिया

(4) किम्बरले पठार – ऑस्ट्रेलिया

सही उत्तर है (3) तासिली पठार – एशिया

तासिली पठार एशिया में नहीं, बल्कि अफ्रीका महाद्वीप में स्थित है। यह अल्जीरिया के दक्षिण-पूर्व में सहारा रेगिस्तान में स्थित एक प्रसिद्ध पठार है।

बाकी विकल्प सही सुमेलित हैं:

  • बोलिविया पठार – दक्षिण अमेरिका के बोलिविया देश में स्थित है।

  • कटंगा पठार – अफ्रीका महाद्वीप के कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में स्थित है।

  • किम्बरले पठार – ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी भाग में स्थित है।

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7. डोलड्रम निम्नलिखित में से किन अक्षांशों के मध्य स्थित है ?

(1) 10° दक्षिण से 15° दक्षिण
(2) 5° दक्षिण से 10° दक्षिण
(3) 5° उत्तर से 5° दक्षिण
(4) 10° उत्तर से 15° उत्तर

डोलड्रम 5° उत्तर से 5° दक्षिण अक्षांशों के मध्य स्थित है।

यह भूमध्य रेखा के दोनों ओर एक निम्न-दाब वाला शांत क्षेत्र है जहाँ हवाएँ बहुत धीमी चलती हैं। इस क्षेत्र को विषुवतीय शांत पेटी (Equatorial Calm Belt) भी कहा जाता है।

8. निम्नलिखित कथनों के आधार पर नदी की पहचान कीजिए –

A) भारत में ये हिमालय की नदियों में सबसे पश्चिमी है।
B) इसका उद्गम बोखर चू के निकट एक हिमनद से है।
C) इसे सिंगी खंबान के रूप में भी जाना जाता है।
D) लद्दाख श्रेणी को काटते हुये यह एक दर्शनीय महाखड्ड (गॉज) का निर्माण करती है।
 
(1) खुर्रम
(2) रावी
(3) सिंधु
(4) सतलज

आप जिन विशेषताओं का उल्लेख कर रहे हैं, वे सभी सिंधु नदी से संबंधित हैं।


प्रमुख बिंदु
  • सबसे पश्चिमी नदी: भारत में हिमालयी नदियों में सिंधु सबसे पश्चिमी नदी है।

  • उद्गम: इसका उद्गम तिब्बत में बोखर चू हिमनद के पास कैलाश पर्वत श्रृंखला में है।

  • अन्य नाम: इसे तिब्बती भाषा में सिंगी खंबान या शेर-मुख के नाम से जाना जाता है।

  • गॉर्ज का निर्माण: लद्दाख श्रेणी को काटते हुए यह एक गहरे गॉर्ज का निर्माण करती है, जो इसकी एक प्रमुख भू-आकृतिक विशेषता है।

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9. भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 के अनुसार, निम्नलिखित राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों में से किसमें पश्चिम बंगाल के बाद मैन्ग्रोव वन क्षेत्र का सबसे बड़ा क्षेत्र है ?

(1) आंध्र प्रदेश
(2) ओडिशा
(3) गुजरात
(4) अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह

भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 के अनुसार, पश्चिम बंगाल के बाद गुजरात में मैंग्रोव वन क्षेत्र का सबसे बड़ा क्षेत्र है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मैंग्रोव आच्छादन वाले शीर्ष चार राज्य/केंद्र शासित प्रदेश निम्नलिखित हैं:

  1. पश्चिम बंगाल

  2. गुजरात

  3. अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह

  4. आंध्र प्रदेश

इस प्रकार, गुजरात पश्चिम बंगाल के बाद दूसरे स्थान पर है, जिसके पास देश का दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव वन क्षेत्र है।

 

10. निम्नलिखित में से कौनसा सुमेलित नहीं है ?

(1) पीर पंजाल – लद्दाख हिमालय
(2) कुला कांगड़ी- कुमाऊँ हिमालय
(3) करेवाज – कश्मीर हिमालय
(4) के-2 – ट्रांस हिमालय

सही उत्तर (1) पीर पंजाल – लद्दाख हिमालय है। यह सुमेलित नहीं है।

पीर पंजाल श्रेणी लद्दाख हिमालय का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह कश्मीर हिमालय का हिस्सा है, जो कि मध्य हिमालय (हिमाचल या लेसर हिमालय) का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण पर्वतमाला है।


सही सुमेलन
  • कुला कांगड़ी – कुमाऊँ हिमालय: यह सुमेलित नहीं है। कुला कांगड़ी पर्वत भूटान में स्थित है और यह पूर्वी हिमालय का हिस्सा है, न कि कुमाऊँ हिमालय का।

  • करेवाज – कश्मीर हिमालय: यह सही सुमेलन है। करेवाज कश्मीर हिमालय में पाई जाने वाली हिमनदी (ग्लेशियल) निक्षेपों (डिपॉजिट्स) से बनी एक उपजाऊ भूमि है। यह केसर की खेती के लिए प्रसिद्ध है।

  • के-2 – ट्रांस हिमालय: यह सही सुमेलन है। के-2, जिसे माउंट गॉडविन-ऑस्टेन भी कहते हैं, दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है और यह कराकोरम श्रेणी का हिस्सा है, जो ट्रांस हिमालय का एक महत्वपूर्ण भाग है।

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11. अक्टूबर तथा नवम्बर में तमिलनाडु के ऊपरी तट पर वर्षा होती है –

(1) पश्चिमी अवदाब के कारण
(2) पूर्वी अवदाब एवं अन्तः उष्णकटिबंधीय अभिसरण के खिसकाव के कारण
(3) दक्षिण-पश्चिमी व्यापारिक पवनों के कारण
(4) दक्षिण-पूर्वी व्यापारिक पवनों के कारण

सही उत्तर (2) पूर्वी अवदाब एवं अन्तः उष्णकटिबंधीय अभिसरण के खिसकाव के कारण है।

अक्टूबर और नवंबर के महीनों में, तमिलनाडु के ऊपरी तट पर मुख्य रूप से लौटते हुए मानसून (retracting monsoon) या उत्तर-पूर्वी मानसून (northeast monsoon) के कारण वर्षा होती है। इस समय, बंगाल की खाड़ी में विकसित होने वाले पूर्वी अवदाब (eastern depression) और चक्रवात (cyclones) के साथ-साथ अंतः उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (Intertropical Convergence Zone – ITCZ) के दक्षिण की ओर खिसकाव के कारण भारी वर्षा होती है।

यह दक्षिण-पश्चिमी मानसून के विपरीत है, जो भारत के अधिकांश हिस्सों में जून से सितंबर तक वर्षा लाता है।


12. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए –

कोयला क्षेत्र – राज्य
(A) तालचर -ओडिशा
(B) झरिया – पश्चिम बंगाल
(C) कोरबा – छत्तीसगढ़
नीचे दिए गए कूट से सही युग्म / युग्मों का चयन कीजिए –
कूट –
(1) A तथा B सही है।
(2) A तथा C सही है।
(3) A, B तथा C सही है।
(4) केवल A सही है।

दिए गए युग्मों में से, केवल A और C सही हैं।

  • A) तालचर – ओडिशा: यह सही सुमेलित है। तालचर कोयला क्षेत्र ओडिशा राज्य में स्थित है, और यह भारत के प्रमुख कोयला क्षेत्रों में से एक है।

  • B) झरिया – पश्चिम बंगाल: यह सुमेलित नहीं है। झरिया भारत का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है और यह झारखंड राज्य में स्थित है, न कि पश्चिम बंगाल में।

  • C) कोरबा – छत्तीसगढ़: यह सही सुमेलित है। कोरबा कोयला क्षेत्र छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है और यह भी एक महत्वपूर्ण कोयला उत्पादक क्षेत्र है।

इसलिए, सही कूट (2) A तथा C सही है है।

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13. भारत सरकार की ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ पहल के संदर्भ में निम्न में से कौनसा/से कथन सही है/हैं ?

(A) यह पहल पानी की दक्षता बढ़ाने की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पी.एम.के. एस.वाई) का एक घटक है।
(B) ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ पहल के अन्तर्गत कृषकों को सूक्ष्म सिंचाई की स्थापना के लिये परियोजना लागत के 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
 
(1) केवल B सही है।
(2) A और B दोनों सही है।
(3) न तो A और न ही B सही है।
(4) केवल A सही है।

दिए गए कथनों में से दोनों कथन (A और B) सही हैं


 

कथनों का विश्लेषण

 

  • कथन A: यह पहल पानी की दक्षता बढ़ाने की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पी.एम.के. एस.वाई) का एक घटक है।

    • यह कथन बिल्कुल सही है। ‘प्रति बूंद अधिक फसल‘ (Per Drop More Crop) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) का एक प्रमुख घटक है। इसका मुख्य उद्देश्य पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करके पानी की बचत करना है, ताकि कम पानी में भी अधिक फसल उत्पादन किया जा सके।

  • कथन B: ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ पहल के अन्तर्गत कृषकों को सूक्ष्म सिंचाई की स्थापना के लिये परियोजना लागत के 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

    • यह कथन भी सही है। इस पहल के तहत, किसानों को ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर सिंचाई जैसी सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों को अपनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता आम तौर पर परियोजना लागत के 50% तक होती है, हालांकि यह राज्य सरकारों द्वारा दिए जाने वाले अतिरिक्त अनुदान पर निर्भर करती है।

    • इसका उद्देश्य पानी का प्रभावी ढंग से उपयोग करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

 

14. वर्ष 2023-24 में भारत के लिये शीर्ष पांच आयात गन्तव्य अवरोही क्रम में निम्न में से कौनसे हैं ?

(1) चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, सऊदी अरब, यू ए ई
(2) चीन, रूस, यू ए ई, संयुक्त राज्य अमेरिका, सऊदी अरब
(3) चीन, रूस, यू ए ई, सऊदी अरब, संयुक्त राज्य अमेरिका
(4) चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, यू ए ई, सऊदी अरब, रूस

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आर्थिक सर्वेक्षण और वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023-24 में भारत के लिए शीर्ष पाँच आयात गंतव्यों का अवरोही क्रम (घटता क्रम) इस प्रकार है:

  1. चीन

  2. रूस

  3. यूएई (संयुक्त अरब अमीरात)

  4. सऊदी अरब

  5. संयुक्त राज्य अमेरिका

इसलिए, सही विकल्प (3) चीन, रूस, यूएई, सऊदी अरब, संयुक्त राज्य अमेरिका है।


15. भारत के कपड़ा उद्योग के संबंध में निम्नलिखित में से कौनसा / से कथन सही है/हैं ?

A) भारत जूट का एक प्रमुख उत्पादक है और कपास, रेशम और मानव निर्मित फाइबर उत्पादन में विश्व में दूसरे स्थान पर है।
 
B) भारत कपड़ा और परिधान का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है और इस क्षेत्र में वैश्विक व्यापार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 6 प्रतिशत है।
 
C) भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में हस्तशिल्प सहित कपड़ा और परिधान की हिस्सेदारी वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 8 प्रतिशत रही।
 
नीचे दिए कूटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए –
(1) केवल A तथा B सही है।
(2) केवल A तथा C सही है।
(3) A, B तथा C सभी सही है।
(4) केवल A सही है।
 
कथन A और C सही हैं, जबकि कथन B गलत है। इसलिए, सही विकल्प (2) है।
 
कथन A) भारत जूट का एक प्रमुख उत्पादक है और कपास, रेशम और मानव निर्मित फाइबर उत्पादन में विश्व में दूसरे स्थान पर है।
  • जूट: भारत दुनिया में जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • कपास: भारत दुनिया में कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में इसे सबसे बड़ा बताया गया है।
  • रेशम: भारत रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • मानव निर्मित फाइबर (MMF): भारत मानव निर्मित फाइबर (सिंथेटिक) का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
    • निष्कर्ष: यह कथन सही है, क्योंकि भारत जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है और कपास, रेशम तथा मानव निर्मित फाइबर के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
कथन B) भारत कपड़ा और परिधान का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है और इस क्षेत्र में वैश्विक व्यापार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 6 प्रतिशत है।
  • निर्यातक रैंक: विभिन्न रिपोर्टों में भारत की निर्यात रैंकिंग अलग-अलग बताई गई है। कुछ स्रोत भारत को तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक बताते हैं, जबकि अन्य उसे छठा सबसे बड़ा निर्यातक बताते हैं। यह विसंगति शायद विभिन्न समय अवधियों और मापदंडों के कारण है।
  • वैश्विक व्यापार हिस्सेदारी: नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की वैश्विक हिस्सेदारी लगभग 4.1% है। 6% का आंकड़ा पुराना या अनुमानित हो सकता है।
    • निष्कर्ष: यह कथन गलत है क्योंकि भारत वैश्विक कपड़ा और परिधान व्यापार में तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक नहीं है और इसकी वैश्विक व्यापार हिस्सेदारी भी 6% नहीं है।
कथन C) भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में हस्तशिल्प सहित कपड़ा और परिधान की हिस्सेदारी वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 8 प्रतिशत रही।
  • निर्यात हिस्सेदारी:प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में हस्तशिल्प सहित कपड़ा और परिधान क्षेत्र ने भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में 8.63% का योगदान दिया। वित्त वर्ष 2024 के लिए यह आंकड़ा “लगभग 8%” के काफी करीब है।
    • निष्कर्ष: यह कथन सही है क्योंकि हाल के सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि यह हिस्सेदारी लगभग 8% रही है।
अंतिम निष्कर्ष
कथन A और C सही हैं, जबकि कथन B गलत है। इसलिए, सही विकल्प (2) है।

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16. भारत में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार ऐतिहासिक स्थलों को प्रदर्शित करने के लिए थीम आधारित सर्किट रेलों के रूप में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित में से किन रेलों को प्रारंभ किया गया है?

 
(1) महाराजा एक्सप्रेस
(2) भारत गौरव
(3) भारत यात्रा
(4) भारत दर्शन
 
भारत में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार ऐतिहासिक स्थलों को प्रदर्शित करने के लिए थीम-आधारित सर्किट रेलों के रूप में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत गौरव ट्रेनों को शुरू किया गया है। 
इन ट्रेनों के बारे में कुछ मुख्य बातें:
  • उद्देश्य: भारत गौरव ट्रेनों का उद्देश्य देश के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करना है।
  • थीम-आधारित सर्किट: ये ट्रेनें विभिन्न थीमों पर आधारित होती हैं, जैसे कि रामायण सर्किट, ज्योतिर्लिंग यात्रा, और अन्य धार्मिक व विरासत स्थल।
  • संचालन: इन ट्रेनों का संचालन निजी ऑपरेटरों और भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) द्वारा किया जाता है।
  • सरकारी पहल: यह पहल भारत सरकार की “देखो अपना देश” और “एक भारत श्रेष्ठ भारत” जैसी पहलों के अनुरूप है। 
अन्य विकल्पों का विवरण:
  • महाराजा एक्सप्रेस: यह एक अति-विलासिता वाली पर्यटक ट्रेन है जो मुख्य रूप से पर्यटकों को एक शाही अनुभव प्रदान करती है, जबकि भारत गौरव ट्रेनें बड़े पैमाने पर पर्यटन को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।
  • भारत यात्रा और भारत दर्शन: ये भारतीय रेलवे और आईआरसीटीसी द्वारा समय-समय पर चलाई जाने वाली अलग-अलग यात्राओं और पैकेजों के नाम हैं, लेकिन “भारत गौरव” ही विशेष रूप से थीम-आधारित सर्किट ट्रेनों की पहल है।
 

17. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –

कथन I : वैश्विक सेवा निर्यात में भारत की हिस्सेदारी दोगुनी से भी अधिक हो गई है, जो 2005 में 1.9 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में लगभग 4.3 प्रतिशत हो गई है।
 
कथन II : दूरसंचार, कम्प्यूटर और सूचना सेवाओं में भारत विश्व का सबे बडा निर्यातक है।
 
दिए गए कथनों को ध्यान में रखकर निम्नलिखित में से सही विकल्प का चयन कीजिए –
(1) कथन I असत्य है तथा कथन II सत्य है।
(2) दोनों कथन I तथा II सत्य है।
(3) दोनों कथन I तथा II असत्य है।
(4) कथन I सत्य है तथा कथन II असत्य है।

 

सही उत्तर है: (4) कथन I सत्य है तथा कथन II असत्य है।


कथनों का विश्लेषण

  • कथन I: वैश्विक सेवा निर्यात में भारत की हिस्सेदारी दोगुनी से भी अधिक हो गई है, जो 2005 में 1.9 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में लगभग 4.3 प्रतिशत हो गई है।

    यह कथन सत्य है। विश्व व्यापार संगठन (WTO) के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने सेवा निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। 2005 में 1.9% की हिस्सेदारी 2023 तक 4.3% से अधिक हो गई है, जो वैश्विक सेवा व्यापार में भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाती है।

  • कथन II: दूरसंचार, कम्प्यूटर और सूचना सेवाओं में भारत विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक है।

    यह कथन असत्य है। जबकि भारत दूरसंचार, कंप्यूटर और सूचना सेवाओं का एक प्रमुख निर्यातक है, यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक नहीं है। इस क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ जैसे अन्य देश भारत से काफी आगे हैं। भारत विश्व के शीर्ष सेवा निर्यातकों में से एक है, लेकिन सबसे बड़ा नहीं।

 
 

18. भारत सरकार अधिनियम, 1919 के प्रावधानों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –


1) भारत में एक लोक सेवा आयोग की स्थापना की जाएगी जिसमें 5 से अधिक सदस्य नहीं होंगे जिनमें से एक अध्यक्ष होगा, जिसे परिषद में राज्य सचिव द्वारा नियुक्त किया जाएगा।
 
2) लोक सेवा आयोग का प्रत्येक सदस्य 4 वर्ष तक पद पर रहेगा तथा उसे पुनः नियुक्त नहीं किया जा सकेगा।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौनसा / से सही हैं?
 
(1) केवल 2
(2) 1 और 2 दोनों
(3) न तो 1 और न ही 2
(4) केवल 1

दिए गए दोनों कथन सही नहीं हैं।

  • कथन 1: भारत सरकार अधिनियम, 1919 के तहत लोक सेवा आयोग की स्थापना का प्रावधान था, जिसमें अधिकतम 5 सदस्य होंगे। इन सदस्यों में से एक अध्यक्ष होगा, जिसे परिषद में राज्य सचिव द्वारा नियुक्त किया जाएगा। हालांकि, यह प्रावधान 1923 में ली आयोग (Lee Commission) की सिफारिशों के आधार पर किया गया था, न कि सीधे 1919 के अधिनियम में। 1919 के अधिनियम ने सिविल सेवाओं के लिए एक आयोग स्थापित करने का विचार प्रस्तुत किया, लेकिन विशिष्ट सदस्यों की संख्या या नियुक्ति प्रक्रिया को स्पष्ट नहीं किया गया था। अतः, यह कथन अपने विवरण में आंशिक रूप से सही है, लेकिन ऐतिहासिक संदर्भ में पूरी तरह से सटीक नहीं है।

  • कथन 2: लोक सेवा आयोग के सदस्यों का कार्यकाल 4 वर्ष निर्धारित नहीं था, और पुनर्नियुक्ति पर कोई स्पष्ट प्रतिबंध नहीं था। इन प्रावधानों को बाद में विभिन्न नियमों और अधिनियमों के माध्यम से विकसित किया गया था।

इसलिए, दिए गए दोनों कथन सटीक रूप से भारत सरकार अधिनियम, 1919 के प्रावधानों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। अतः, सही उत्तर (3) न तो 1 और न ही 2 है।

 
19. सूची I का सूची II से मिलान कीजिए
सूची I सूची II
भारत शासन अधिनियम 1935 की भाग संख्या विषय वस्तु
A. VIII 1. भारत में क्राऊन की सेवाएं
B. X 2. संक्रमणकालीन प्रावधान
C. XI 3. संघीय रेलवे प्राधिकरण
D. XIII
4. राज्य सचिव, उसके सलाहकार एवं उसका विभाग
कूट
 
(1) a – 3 , b – 1 , c – 4 , d-2
(2) a – 2 , b-4, c – 3 , d – 1
(3) a-4, b – 2 , c – 1 , d-3
(4) a – 1 , b – 3 , c – 2 , d – 4

सही सुमेलन इस प्रकार है:

A. VIII – संघीय रेलवे प्राधिकरण

  • भारत शासन अधिनियम, 1935 के भाग VIII में संघीय रेलवे प्राधिकरण (Federal Railway Authority) की स्थापना से संबंधित प्रावधान थे।

B. X – भारत में क्राऊन की सेवाएं

  • भाग X का संबंध भारत में क्राऊन की सेवाओं (Services of the Crown in India) से था, जिसमें सिविल सेवाओं और लोक सेवा आयोग से जुड़े नियम शामिल थे।

C. XI – राज्य सचिव, उसके सलाहकार एवं उसका विभाग

  • भाग XI में राज्य सचिव, उसके सलाहकार एवं उसके विभाग (The Secretary of State, his Advisers and his Department) से संबंधित प्रावधान थे।

D. XIII – संक्रमणकालीन प्रावधान

  • भाग XIII में संक्रमणकालीन प्रावधान (Transitional Provisions) थे, जो अधिनियम को लागू करने के लिए अस्थायी व्यवस्थाओं से संबंधित थे।

अतः, सही कूट (1) a – 3, b – 1, c – 4, d – 2 है।

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20. निम्नलिखित राजनीतक सिद्धांतों पर विचार कीजिए और उनमें से उन सिद्धांतों को ढूंढिए जिन पर संविधान सभा में अम्बेडकर अविश्वास प्रकट करते हैं –

1) ग्राम-स्तरीय पदसोपान
2) पृथक निर्वाचन क्षेत्र
3) नेतृत्व पूजा
4) सामाजिक न्याय की आरंभिक स्थिति के रूप में लोकतंत्र
 
नीचे दिए गए कूटों की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए –
(1) केवल 1 तथा 3
(2) केवल 1 तथा 2
(3) 1, 2, 3 तथा 4
(4) 1, 2 तथा 3

सही उत्तर (1) केवल 1 तथा 3 है।

 

स्पष्टीकरण

 

डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने संविधान सभा में जिन राजनीतिक सिद्धांतों पर अविश्वास प्रकट किया, वे निम्नलिखित हैं:

  • ग्राम-स्तरीय पदसोपान (Village-level hierarchy): अम्बेडकर का मानना था कि भारतीय गाँवों में सामाजिक भेदभाव और जाति-आधारित ऊँच-नीच की व्यवस्था व्याप्त है। उन्होंने गाँवों को “अज्ञानता, संकीर्णता और सांप्रदायिकता” का प्रतीक बताया और गाँव-आधारित शासन व्यवस्था (जैसे ग्राम स्वराज्य) का विरोध किया। उनका मानना था कि यह व्यवस्था मौजूदा सामाजिक असमानताओं को और मजबूत करेगी, इसलिए उन्होंने ग्राम पंचायतों को संविधान में शामिल करने का विरोध किया।

  • नेतृत्व पूजा (Hero-worship): अम्बेडकर ने ‘संविधानवाद’ बनाम ‘नेतृत्व पूजा’ के मुद्दे पर बात करते हुए कहा था कि लोकतंत्र की सफलता के लिए व्यक्तियों की पूजा से बचना आवश्यक है। उन्होंने राजनीतिक और धार्मिक जीवन दोनों में अत्यधिक भक्ति या किसी व्यक्ति को सर्वोच्च मानने की प्रवृत्ति की आलोचना की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि नागरिक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं होंगे और केवल नेताओं पर निर्भर रहेंगे, तो लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा।


अतिरिक्त जानकारी

  • पृथक निर्वाचन क्षेत्र (Separate electorates): अम्बेडकर ने दलितों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्रों का समर्थन किया था, लेकिन महात्मा गांधी के साथ हुए पूना पैक्ट (1932) के बाद इस विचार को छोड़ दिया। इसलिए, संविधान सभा में उन्होंने इसका विरोध नहीं किया, बल्कि वे इसे एक विकल्प के रूप में पहले ही त्याग चुके थे।

  • सामाजिक न्याय की आरंभिक स्थिति के रूप में लोकतंत्र (Democracy as a starting point for social justice): अम्बेडकर लोकतंत्र के प्रबल समर्थक थे और उनका मानना था कि यह सामाजिक और आर्थिक न्याय प्राप्त करने का एक आवश्यक साधन है। उन्होंने लोकतंत्र को केवल राजनीतिक स्वतंत्रता तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे ‘एक व्यक्ति, एक वोट, एक मूल्य’ के सिद्धांत पर आधारित सामाजिक लोकतंत्र के रूप में देखा। इसलिए, उन्होंने इस सिद्धांत पर कभी भी अविश्वास प्रकट नहीं किया, बल्कि इसका समर्थन किया।

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21. निम्नलिखित में से किस वाद में भारत के उच्चतम न्यायालय ने भारत के संविधान की उद्देशिका में ‘समाजवादी’ शब्द शामिल किये जाने पर यह माना कि इससे न्यायालय को उद्योगों के राष्ट्रीयकरण और राज्य स्वामित्व के पक्ष में अधिक से अधिक झुकाव रखने में मदद मिलेगी ?

 
(1) एक्सलवियर बनाम भारत संघ (1979)
(2) भारत संघ बनाम रामचन्द्र संभाजी (1981)
(3) योगेश भारद्वाज बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (1991)
(4) डी.एस. नकरा बनाम भारत संघ (1983)
 
 
दिए गए वादों में से, डी.एस. नकरा बनाम भारत संघ (1983) में भारत के उच्चतम न्यायालय ने यह माना था कि संविधान की उद्देशिका में ‘समाजवादी’ शब्द शामिल किए जाने से न्यायालय को उद्योगों के राष्ट्रीयकरण और राज्य स्वामित्व के पक्ष में अधिक से अधिक झुकाव रखने में मदद मिलेगी। 
 
इस निर्णय के मुख्य बिंदु:
  • इस मामले में पेंशनभोगियों से संबंधित एक मुद्दे पर सुनवाई हो रही थी, जहाँ उन्हें एक कट-ऑफ तिथि के आधार पर विभाजित किया गया था।
  • न्यायालय ने इस वर्गीकरण को मनमाना और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) का उल्लंघन पाया।
  • निर्णय में न्यायालय ने कहा कि उद्देशिका और नीति निदेशक सिद्धांतों (डीपीएसपी) के अंतर्गत ‘समाजवादी’ शब्द, सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में व्याख्या का मार्गदर्शन करता है।
  • इस संदर्भ में, न्यायालय ने माना कि सरकार की कार्रवाई को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और समान स्थिति वाले व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करना चाहिए, जो कि ‘समाजवादी’ आदर्शों के अनुरूप है। 
अन्य वादों का संक्षिप्त विवरण:
  • एक्सलवियर बनाम भारत संघ (1979): इस मामले में, न्यायालय ने औद्योगिक विवाद अधिनियम के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित किया था, जो व्यवसाय बंद करने के मौलिक अधिकार को बाधित करते थे।
  • भारत संघ बनाम रामचन्द्र संभाजी (1981): यह मामला इस प्रश्न से संबंधित था कि क्या किसी सार्वजनिक कार्यालय के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उम्मीदवार की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को मुआवजे का अधिकार है।
  • योगेश भारद्वाज बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (1991): यह मामला एक शैक्षिक प्रवेश विवाद में ‘वास्तविक निवासी’ शब्द की व्याख्या से संबंधित था। 

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22. भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –

 
1) अनुच्छेद 15(1) राज्य और व्यक्तियों को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव करने से रोकता है।
 
2) अनुच्छेद 15(5), 93 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2006 द्वारा जोड़ा गया था, जो राज्य द्वारा सहायता प्राप्त सभी निजी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश से संबंधित विशेष प्रावधान करता है।
 
ऊपर दिए गए कथनों में से कौनसा / से है/हैं ?
 
(1) केवल 2
(2) 1 और 2 दोनों
(3) न तो 1 और न ही 2
(4) केवल 1
 
सही उत्तर है : केवल 2। 
 
दिए गए कथनों का विश्लेषण इस प्रकार है:
 
कथन 1): अनुच्छेद 15(1) राज्य और व्यक्तियों को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव करने से रोकता है। 
  • विश्लेषण: संविधान का अनुच्छेद 15(1) स्पष्ट रूप से कहता है कि “राज्य, किसी भी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।”
  • हालाँकि, अनुच्छेद 15(2) में यह प्रावधान है कि “कोई भी नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर किसी भी निर्योग्यता, दायित्व, निर्बन्धन या शर्त के अधीन नहीं होगा,” खासकर दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों तक पहुँच के संबंध में, तथा साथ ही कुओं, तालाबों, स्नान घाटों, सड़कों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग के संबंध में।
  • अनुच्छेद 15(2) का यह प्रावधान राज्य और निजी व्यक्तियों दोनों के खिलाफ भेदभाव को रोकता है, जबकि अनुच्छेद 15(1) केवल राज्य के खिलाफ भेदभाव को रोकता है।
  • इस तरह, कथन 1 का पहला भाग सही है कि अनुच्छेद 15(1) राज्य को भेदभाव करने से रोकता है, लेकिन इसका दूसरा भाग कि यह “व्यक्तियों को” भी रोकता है, सही नहीं है, क्योंकि यह कार्य अनुच्छेद 15(2) के तहत आता है।
  • निष्कर्ष: चूँकि यह कथन व्यक्तियों को भी शामिल करता है, जबकि अनुच्छेद 15(1) सीधे तौर पर केवल राज्य को संदर्भित करता है, यह कथन आंशिक रूप से गलत है। 
कथन 2): अनुच्छेद 15(5), 93वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2006 द्वारा जोड़ा गया था, जो राज्य द्वारा सहायता प्राप्त सभी निजी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश से संबंधित विशेष प्रावधान करता है। 
  • विश्लेषण: अनुच्छेद 15(5) को वास्तव में 93वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2005 द्वारा जोड़ा गया था, जो राज्य को नागरिकों के किन्हीं सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की उन्नति के लिए, या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए, कानून द्वारा कोई विशेष प्रावधान करने में सक्षम बनाता है।
  • यह प्रावधान विशेष रूप से उनकी शिक्षा से संबंधित है, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश भी शामिल है, और यह राज्य-सहायता प्राप्त या गैर-सहायता प्राप्त निजी शैक्षणिक संस्थानों तक विस्तारित है, लेकिन इसमें अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान शामिल नहीं हैं।
  • निष्कर्ष: यह कथन सही है कि अनुच्छेद 15(5) को 93वें संविधान संशोधन (2005) द्वारा जोड़ा गया था, जो राज्य द्वारा सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त दोनों निजी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के संबंध में विशेष प्रावधानों का अधिकार देता है (हालांकि इसमें अल्पसंख्यक संस्थान शामिल नहीं हैं)।
 

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23. राष्ट्रपति चुनाव, 2022 में, किस राज्य / संघशासित क्षेत्र की विधानसभा के प्रत्येक सदस्य का मत-मूल्य न्यूनतम था ?

(1) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली
(2) सिक्किम
(3) मिजोरम
(4) संघशासित क्षेत्र पुडुचेरी
 
राष्ट्रपति चुनाव, 2022 में, सिक्किम विधानसभा के प्रत्येक सदस्य का मत-मूल्य न्यूनतम था। 
 
राष्ट्रपति चुनाव के लिए मत-मूल्य का निर्धारण 1971 की जनगणना के आधार पर होता है। इसी आधार पर, सिक्किम के प्रत्येक विधायक का मत-मूल्य 7 था, जो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे कम था। 
 
संदर्भ के लिए अन्य विकल्पों का मत-मूल्य (1971 की जनगणना पर आधारित):
  • सिक्किम: 7
  • मिजोरम: 8
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली: 58
  • संघशासित क्षेत्र पुडुचेरी: 16 

24. भारत की दूसरी प्रभुत्वकारी दल-प्रणाली’ की संकल्पना किसने प्रतिपादित की है ?

(1) प्रताप भानु मेहता
(2) अतुल कोहली
(3) सुहास पलशीकर
(4) क्रिस्टोफे जेफरलॉ
 
भारत में दूसरी प्रभुत्वकारी दल-प्रणाली की संकल्पना राजनीतिक वैज्ञानिक सुहास पलशीकर ने दी है। उन्होंने 2014 के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उदय और उसके चुनावी दबदबे को समझाने के लिए इस अवधारणा का इस्तेमाल किया। 

पलशीकर की अवधारणा का सार:

  • संदर्भ: इस अवधारणा का उपयोग 1960 के दशक के बाद के दशकों में कांग्रेस के प्रभुत्व वाले भारत के राजनीतिक परिदृश्य के बाद भाजपा के बढ़ते वर्चस्व को परिभाषित करने के लिए किया गया था।
  • तुलना: यह अवधारणा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी के प्रभुत्व से भाजपा के प्रभुत्व की तुलना करती है।
  • प्रभुत्व के कारण: भाजपा की चुनावी सफलता का श्रेय अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे, हिंदुत्व की राजनीति, मजबूत राष्ट्रवाद, और एक मजबूत संगठनात्मक नेटवर्क को दिया जाता है। 
इस अवधारणा को विशेष रूप से 2017 में ‘इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली’ में सुहास पलशीकर के लेख में उजागर किया गया था, जिसका शीर्षक था “इंडियाज़ सेकंड डोमिनेंट पार्टी सिस्टम” (भारत की दूसरी प्रभुत्वकारी दल-प्रणाली)। 
 

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24. भारत के उच्चतम न्यायालय ने निम्नांकित में से किस वाद में यह उद्धृत किया है कि ‘राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान और गरिमा के साथ स्वतंत्र रूप से फहराना भारत के संविधान के अनुच्छेद 51-क के खण्ड (क) में वर्णित कर्तव्य के अनुरूप है ?”

 
(1) बिजो इमैन्युल बनाम केरल राज्य (1986)
(2) सूर्य नारायण बनाम भारत संघ (2015)
(3) चारू खुराना बनाम भारत संघ (2015)
(4) भारत संघ बनाम नवीन जिन्दल (2004)
 
भारत के उच्चतम न्यायालय ने भारत संघ बनाम नवीन जिन्दल (2004) वाद में यह निर्णय दिया था कि राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान और गरिमा के साथ स्वतंत्र रूप से फहराना भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(क) के तहत एक मौलिक अधिकार है। यद्यपि यह सीधे तौर पर अनुच्छेद 51-क (क) में वर्णित कर्तव्य का उल्लेख नहीं करता, फिर भी यह उस निर्णय का हिस्सा था जिसमें सम्मान और गरिमा के साथ ध्वज फहराने को नागरिक के देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति निष्ठा की अभिव्यक्ति के रूप में देखा गया। 
 
नवीन जिन्दल वाद का संदर्भ :-
  • नवीन जिन्दल एक उद्योगपति थे जिन्हें उनके कारखाने परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने से रोका गया था।
  • जिन्दल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की, जिसमें तर्क दिया कि नागरिकों को सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराने से रोकना संविधान के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने अंततः 2004 में फैसला सुनाया कि नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार अनुच्छेद 19(1)(क) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक हिस्सा है।
  • न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि ध्वज संहिता केवल कार्यकारी निर्देश हैं और संवैधानिक अधिकारों को रद्द नहीं कर सकते।
  • इसके बाद, सरकार ने ध्वज संहिता में संशोधन किया ताकि नागरिक सभी दिनों में सम्मान के साथ ध्वज फहरा सकें। 
 
अन्य विकल्पों का विश्लेषण :-
  • बिज़ो इमैनुएल बनाम केरल राज्य (1986): यह मामला राष्ट्रगान से संबंधित था। इसमें सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना था कि धार्मिक विश्वासों के कारण राष्ट्रगान गाने से मना करने वाले बच्चों का निष्कासन उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन था।
  • सूर्य नारायण बनाम भारत संघ (2015) और चारु खुराना बनाम भारत संघ (2015): ये मामले राष्ट्रीय ध्वज के मुद्दे से संबंधित नहीं थे।
 

26. भारत के संविधान के निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के अनुसरण में भारत की संसद ने ‘ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972’ पारित किया है ?

(1) 41
(2) 42
(3) 39-क
(4) 46

भारत की संसद ने ‘ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972’ को संविधान के अनुच्छेद 39-क के अनुसरण में पारित किया है।

  • अनुच्छेद 39-क राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देता है कि सभी नागरिकों को न्याय मिले, और मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जाए। हालाँकि, ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है। इसे राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) के तहत अनुच्छेद 39(क), 41, 42 और 43 जैसे विभिन्न अनुच्छेदों के सामूहिक दर्शन को ध्यान में रखते हुए पारित किया गया है।

  • जबकि अनुच्छेद 41 काम पाने के अधिकार, शिक्षा और बेरोजगारी, बुढ़ापे, बीमारी और विकलांगता के मामलों में सार्वजनिक सहायता के अधिकार से संबंधित है।

  • अनुच्छेद 42 काम की न्यायोचित और मानवीय परिस्थितियों तथा मातृत्व राहत के प्रावधान से संबंधित है।

  • अनुच्छेद 46 अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने से संबंधित है।

  • ग्रेच्युटी एक प्रकार की सामाजिक सुरक्षा है जो सेवानिवृत्ति के बाद श्रमिकों को प्रदान की जाती है। यह सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक कल्याणकारी उपाय है, जो कि अनुच्छेद 39-क के दर्शन के अनुरूप है।

 

27. किस वर्ष में भारत ने ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ का नाम बदल कर ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ किया ?

(1) 2014
(2) 2017
(3) 2019
(4) 2011
 
भारत ने 2014 में ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ का नाम बदलकर ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ किया था। 
  • लुक ईस्ट पॉलिसी: इसे 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव द्वारा शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत के आर्थिक संबंधों को बढ़ाना था।
  • एक्ट ईस्ट पॉलिसी: 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे शुरू किया था। यह लुक ईस्ट पॉलिसी का एक उन्नत संस्करण है, जिसका उद्देश्य आसियान देशों के साथ आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक गहन बनाना है।
 

28. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –

1) भारत ने संयुक्त राष्ट्र के संपोषित विकास एजेंडा – 2030 को सितम्बर, 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में आयोजित सम्मेलन में ग्रहण किया।

2) 17 संपोषित विकास उद्देश्य तथा 169 लक्ष्य इस एजेंडा का हिस्सा है।

3) ‘खुशी से रहें’ – यह एजेंडा का सार्वभौमिक सिद्धांत है।

नीचे दिए गए कूटों की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए –
 
(1) केवल 1 सही है।
(2) केवल 1 तथा 2 सही है।
(3) केवल 1 तथा 3 सही है।
(4) 1, 2 और 3 सभी सही है।

सही उत्तर (2) केवल 1 तथा 2 सही है


कथनों का विश्लेषण

  • कथन 1: “भारत ने संयुक्त राष्ट्र के संपोषित विकास एजेंडा – 2030 को सितम्बर, 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में आयोजित सम्मेलन में ग्रहण किया।”

    • यह कथन सही है। सितंबर 2015 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा को अपनाया, जिसे भारत सहित सभी सदस्य देशों ने स्वीकार किया।

  • कथन 2: “17 संपोषित विकास उद्देश्य तथा 169 लक्ष्य इस एजेंडा का हिस्सा है।”

    • यह कथन भी सही है। सतत विकास लक्ष्य (SDG) एजेंडा में 17 उद्देश्य और उन्हें प्राप्त करने के लिए 169 विशिष्ट लक्ष्य शामिल हैं।

  • कथन 3: “‘खुशी से रहें’ – यह एजेंडा का सार्वभौमिक सिद्धांत है।”
  • यह कथन गलत है। ‘खुशी से रहें’ 2030 एजेंडा का कोई आधिकारिक सिद्धांत नहीं है। इसके बजाय, एजेंडा का मूल सिद्धांत है: “कोई भी पीछे न छूटे” (Leaving no one behind)। यह सिद्धांत यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि विकास के लाभ सभी तक पहुँचें, विशेष रूप से समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले सदस्यों तक।

29. श्रमिकों में सक्रिय ट्रेड यूनियन को पहचानिए जो लाला लाजपत राय की अध्यक्षता में संस्थापित की गई थी ?

(1) ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस
(2) हिंद मजदूर सभा
(3) भारतीय मजदूर संघ
(4) इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस
 
सही उत्तर (1) ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) है।
 
लाला लाजपत राय की अध्यक्षता में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) की स्थापना की गई थी। 
  • स्थापना: AITUC की स्थापना 31 अक्टूबर 1920 को मुंबई में हुई थी।
  • उद्देश्य: इसका गठन भारत के श्रमिकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया गया था।
  • पहले अध्यक्ष: लाला लाजपत राय इसके पहले अध्यक्ष चुने गए थे।
  • अन्य संस्थापक सदस्य: एन. एम. जोशी, जोसेफ बैप्टिस्टा और दीवान चमन लाल सहित कई अन्य नेता इसके संस्थापकों में शामिल थे। 

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30. निम्नलिखित विद्वानों में से किसने जवाहरलाल नेहरू की विदेश नीति को ‘वेस्टफेलिया प्लस गुटनिरपेक्षता’ के रूप में चित्रित किया है ?

(1) सी. राजामोहन
(2) कांति बाजपेयी
(3) शिवशंकर मेनन
(4) भरत कर्नाड

सही उत्तर है (3) शिवशंकर मेनन

पूर्व विदेश सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने अपनी पुस्तक ‘चॉइसेज: इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी’ में जवाहरलाल नेहरू की विदेश नीति को ‘वेस्टफेलिया प्लस गुटनिरपेक्षता’ के रूप में चित्रित किया है। इस वाक्यांश का अर्थ है कि भारत ने वेस्टफेलियाई सिद्धांतों (जैसे संप्रभुता और गैर-हस्तक्षेप) को अपनाया, लेकिन उन्हें गुटनिरपेक्षता के साथ मिला दिया ताकि किसी भी एक शक्ति गुट का हिस्सा न बने।

 

31. सांस्कृतिक वैश्वीकरण से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –

1) सांस्कृतिक वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसके तहत विश्व के एक हिस्से में उत्पादित सूचना, वस्तुएं और छवियाँ वैश्विक प्रवाह में प्रवेश करती हैं जो राष्ट्रो, क्षेत्रों और व्यक्तियों के बीच सांस्कृतिक मतभेदों को ‘समतल’ करती है।
 
2) हालांकि सांस्कृतिक वैश्वीकरण एक जटिल प्रक्रिया है जो समरूपता या सांस्कृतिक ‘समतलीकरण और ध्रुवीकरण और विविधता दोनों उत्पन्न करती है।
 
सही विकल्प का चयन कीजिए –
 
(1) केवल 2 सही है।
(2) 1 एवं 2 दोनों सही है।
(3) न तो 1 न ही 2 सही है।
(4) केवल 1 सही है।

सांस्कृतिक वैश्वीकरण से संबंधित दिए गए दोनों कथन सही हैं।

  • कथन 1 सांस्कृतिक वैश्वीकरण की एक सटीक परिभाषा प्रस्तुत करता है। यह उस प्रक्रिया का वर्णन करता है जिसके द्वारा सूचना, वस्तुएं और छवियां, जो एक विशिष्ट स्थान पर उत्पन्न होती हैं, विश्वव्यापी प्रचलन में आ जाती हैं। इस प्रक्रिया से विभिन्न राष्ट्रों और संस्कृतियों के बीच कुछ हद तक समानता या ‘समतलीकरण’ होता है।

  • कथन 2 इस प्रक्रिया की जटिलता को दर्शाता है। सांस्कृतिक वैश्वीकरण केवल एकतरफा नहीं है; यह दो विरोधाभासी प्रभावों को जन्म दे सकता है। एक ओर, यह कुछ सांस्कृतिक पहलुओं में समरूपता ला सकता है, जैसे कि फैशन, संगीत या फिल्मों का वैश्विक प्रसार। दूसरी ओर, यह स्थानीय संस्कृतियों में ध्रुवीकरण और विविधता को भी बढ़ावा दे सकता है, क्योंकि लोग अपनी पहचान बनाए रखने या वैश्वीकरण के प्रभावों के प्रति प्रतिक्रिया करने के लिए अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक प्रथाओं को और अधिक मुखर रूप से प्रदर्शित करते हैं। यह वैश्वीकरण के ‘सांस्कृतिक प्रतिरोध’ के रूप में भी जाना जाता है।

 

32. निम्नलिखित में से कौनसा संस्थान विश्व बैंक समूह का हिस्सा नहीं है ?

(1) अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
(2) अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC)
(3) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विवाद निपटान केन्द्र (ICSTD)
(4) बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA)

दिए गए विकल्पों में से, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विवाद निपटान केन्द्र (ICSTD) विश्व बैंक समूह का हिस्सा नहीं है। यह संगठन मौजूद ही नहीं है।

विश्व बैंक समूह में पाँच अंतर्राष्ट्रीय संगठन शामिल हैं:

  • अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD)

  • अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA)

  • अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC)

  • बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA)

  • निवेश विवादों के निपटारे के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID)

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विकल्प में ICSTD दिया गया है, जबकि सही संगठन ICSID है। ICSTD जैसा कोई संगठन नहीं है, इसलिए यह विश्व बैंक समूह का हिस्सा नहीं है।

 

33. विकास के प्रारूप (पैटर्न) को समझने के लिए निम्नलिखित में से कौनसा एक तथ्य आवश्यक नहीं है ?

(1) विकास उत्तेजना द्वारा बढ़ता है।
(2) सभी व्यक्ति समान होते हैं।
(3) सांस्कृतिक परिवर्तन विकास को प्रभावित करते हैं।
(4) विकास के प्रारंभिक आधार जटिल होते हैं।

विकास के प्रारूप (पैटर्न) को समझने के लिए, ‘सभी व्यक्ति समान होते हैं’ यह एक आवश्यक तथ्य नहीं है।


 

स्पष्टीकरण

 

विकास एक जटिल और बहुआयामी प्रक्रिया है। इसे समझने के लिए निम्नलिखित तथ्य महत्वपूर्ण हैं:

  • विकास उत्तेजना द्वारा बढ़ता है: सही उत्तेजना और पोषण मिलने पर, विकास की प्रक्रिया तेज और अधिक प्रभावी होती है।

  • सांस्कृतिक परिवर्तन विकास को प्रभावित करते हैं: व्यक्ति जिस सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश में रहता है, वह उसके विकास को बहुत हद तक प्रभावित करता है।

  • विकास के प्रारंभिक आधार जटिल होते हैं: बचपन के शुरुआती अनुभव और विकास के आधारभूत चरण व्यक्ति के आगे के जीवन को काफी प्रभावित करते हैं।

हालांकि, ‘सभी व्यक्ति समान होते हैं’ यह कथन पूरी तरह से गलत है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति का विकास अद्वितीय होता है। आनुवंशिक, पर्यावरणीय और व्यक्तिगत कारक मिलकर प्रत्येक व्यक्ति के विकास का एक अलग पैटर्न बनाते हैं। यही कारण है कि व्यक्तियों में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास के अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं।

 

34. पियाजे के विकास सिद्धांत की इस अवस्था में विद्यार्थी भौतिक वास्तविकता के बिना न केवल सम्प्रत्यय को समझते है, अपितु वे संभावनाओं और असंभावनाओं के विषय में गहन चिंतन में भी सम्मिलित होते हैं। वह अवस्था है –

(1) पूर्व-क्रियात्मक
(2) मूत क्रियात्मक
(3) औपचारिक क्रियात्मक
(4) संवेदी गामक

यह पियाजे के सिद्धांत की औपचारिक क्रियात्मक (Formal Operational) अवस्था है।

इस अवस्था में, जो आमतौर पर 11 वर्ष की आयु के बाद शुरू होती है, बच्चे अमूर्त रूप से सोचने की क्षमता विकसित कर लेते हैं। वे न केवल मूर्त वस्तुओं के बारे में सोच सकते हैं, बल्कि अमूर्त विचारों, संभावनाओं और परिकल्पनाओं पर भी गहन चिंतन कर सकते हैं। यह चरण परिकल्पनात्मक-निगमनात्मक तर्क (hypothetico-deductive reasoning) के विकास से चिह्नित होता है, जहाँ व्यक्ति किसी समस्या को हल करने के लिए वैज्ञानिक रूप से परिकल्पनाओं का परीक्षण कर सकता है।

35. केरोल (1965) के अनुसार, एक शिक्षक को कक्षा में शैक्षिक मनोविज्ञान को व्यावहारिक रूप से कैसे लागू करना चाहिए ?

(1) मनोवैज्ञानिक प्रयोग करके
(2) छात्रों के विद्यालयी अधिगम के सभी पक्षों को समझकर
(3) मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों को कंठस्थ करके
(4) केवल शैक्षणिक सामग्री प्रदान करने पर ध्यान देकर

कैरोल (1965) के अनुसार, एक शिक्षक को कक्षा में शैक्षिक मनोविज्ञान को व्यावहारिक रूप से छात्रों के विद्यालयी अधिगम के सभी पक्षों को समझकर लागू करना चाहिए।


स्पष्टीकरण

जॉन बी. कैरोल का “विद्यालयी अधिगम का मॉडल” (Model of School Learning) इस बात पर जोर देता है कि प्रभावी शिक्षण के लिए छात्रों की व्यक्तिगत सीखने की गति और क्षमताओं को समझना महत्वपूर्ण है। उनके मॉडल में पांच प्रमुख चर शामिल हैं:

  1. अभिरुचि (Aptitude): छात्र को किसी कार्य को सीखने में लगने वाला समय।

  2. अनुदेश की गुणवत्ता (Quality of Instruction): शिक्षण कितना स्पष्ट और प्रभावी है।

  3. दृढ़ता (Perseverance): छात्र सीखने में कितना समय और प्रयास खर्च करता है।

  4. अवसर (Opportunity): सीखने के लिए उपलब्ध समय।

  5. समय की मात्रा (Time on Task): छात्र वास्तव में सीखने में कितना समय लगाता है।

कैरोल का मानना था कि एक शिक्षक को केवल सामग्री पढ़ाने पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि इन सभी कारकों को समझना और समायोजित करना चाहिए ताकि प्रत्येक छात्र को उनकी अपनी गति से सीखने का अवसर मिल सके। इसलिए, शैक्षिक मनोविज्ञान का व्यावहारिक अनुप्रयोग छात्रों के अधिगम के संपूर्ण अनुभव को समझने और उसे बेहतर बनाने में निहित है।

 

36. शैक्षिक मनोविज्ञान के क्षेत्र को आकार देने वाली कई ऐतिहासिक जड़ों में से, एक अग्रणी व्यक्ति जिन्होंने पहली शैक्षिक मनोविज्ञान प्रयोगशाला स्थापित की और बालक को एक सक्रिय अधिगमकर्ता के रूप में देखा, वे थे-

(1) जॉन ड्यूई
(2) ई.एल. थॉर्नडाइक
(3) बी.एफ. स्कीनर
(4) विलियम जेम्स
 
सही उत्तर (1) जॉन ड्यूई है। 
व्याख्या:
  • जॉन ड्यूई: उन्हें प्रगतिशील शिक्षा का जनक माना जाता है। उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय में अपनी प्रयोगशाला स्कूल की स्थापना की, जो पहली शैक्षिक मनोविज्ञान प्रयोगशालाओं में से एक थी। ड्यूई ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चे निष्क्रिय श्रोता नहीं होते, बल्कि सक्रिय अधिगमकर्ता होते हैं। उनका मानना था कि छात्र ‘करके सीखना’ (learning by doing) से सबसे अच्छा सीखते हैं।
  • ई.एल. थॉर्नडाइक: उन्हें आधुनिक शैक्षिक मनोविज्ञान का जनक माना जाता है। उन्होंने सीखने के सिद्धांतों (जैसे, प्रभाव का नियम) पर महत्वपूर्ण काम किया, लेकिन शैक्षिक प्रयोगशाला की स्थापना और सक्रिय अधिगमकर्ता के रूप में बालक की अवधारणा पर उनका काम ड्यूई के जितना प्रभावशाली नहीं था।
  • बी.एफ. स्कीनर: ये एक व्यवहारवादी थे और ऑपरेटेंट कंडीशनिंग के सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने सीखने की प्रक्रिया में बाहरी सुदृढ़ीकरण और दंड की भूमिका पर जोर दिया। हालांकि, उन्होंने सक्रिय अधिगमकर्ता के विचार को उतना महत्व नहीं दिया जितना ड्यूई ने दिया था।
  • विलियम जेम्स: इन्हें अमेरिका में मनोविज्ञान का जनक माना जाता है। उन्होंने मनोविज्ञान पर पहली प्रायोगिक प्रयोगशाला स्थापित करने में मदद की, लेकिन शैक्षिक मनोविज्ञान में उनके योगदान मुख्य रूप से सिद्धांतों पर आधारित थे, न कि एक प्रायोगिक प्रयोगशाला के माध्यम से सक्रिय अधिगम पर। 
 

37. हार्दिक को गणितीय अवधारणाओं का ज्ञान है जो उसे भौतिकी सीखने में मदद कर रहा है। सीखने के इस हस्तांतरण को सबसे अच्छी तरह किस सिद्धांत द्वारा समझाया जा सकता है ?

(1) समान अवयव / तत्त्वों का सिद्धांत
(2) प्रणोद न्यूनता का सिद्धांत
(3) सामान्यीकरण का सिद्धांत
(4) मूल प्रवृत्ति का सिद्धांत

इसका सही उत्तर (1) समान अवयव / तत्त्वों का सिद्धांत है।

यह सिद्धांत एडवर्ड थार्नडाइक और रॉबर्ट वुडवर्थ द्वारा प्रतिपादित किया गया था। इस सिद्धांत के अनुसार, सीखने का हस्तांतरण (transfer of learning) तब सबसे प्रभावी होता है, जब एक विषय में सीखे गए तत्त्व या कौशल दूसरे विषय के तत्त्वों से मिलते-जुलते हों।

हार्दिक के मामले में, गणितीय अवधारणाएं (जैसे समीकरण, बीजगणित, ज्यामिति) भौतिकी (जैसे गति, बल, और ऊर्जा) के कई सूत्रों और समस्याओं को हल करने के लिए समान या आवश्यक होती हैं। इसलिए, एक विषय में समान तत्त्वों की उपस्थिति दूसरे विषय में सीखने की प्रक्रिया को आसान बनाती है।

 

38. निम्नलिखित में से कौनसा कथन रचनावादी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया से संबंधित नहीं हैं ?

 
(1) सीखना एक रचनात्मक गतिविधि है तथा छात्रों को इसे कार्यान्वित करना होता है।
(2) रचनावाद शिक्षक केन्द्रित प्रक्रिया है।
(3) रचनावाद पूर्व विद्यमान ज्ञान या अनुभव के अस्तित्व पर बल देता है।
(4) अनुदेशन का मुख्य उद्देश्य सम्प्रत्यय निर्माण एवं गहन बोध है।

रचनावादी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया से संबंधित नहीं होने वाला कथन (2) रचनावाद शिक्षक केन्द्रित प्रक्रिया है


 

स्पष्टीकरण

 

रचनावाद (Constructivism) एक छात्र-केंद्रित शिक्षण दर्शन है, जिसमें छात्र अपने पूर्व ज्ञान और अनुभवों के आधार पर नए ज्ञान का निर्माण करते हैं। यह एक निष्क्रिय (passive) प्रक्रिया नहीं है जहाँ छात्र केवल जानकारी प्राप्त करते हैं; बल्कि, यह एक सक्रिय (active) प्रक्रिया है जहाँ वे अपने सीखने के अनुभव में संलग्न होते हैं।

  • कथन 1: “सीखना एक रचनात्मक गतिविधि है तथा छात्रों को इसे कार्यान्वित करना होता है।” यह कथन सही है क्योंकि रचनावाद में छात्र सक्रिय रूप से ज्ञान का निर्माण करते हैं।

  • कथन 3: “रचनावाद पूर्व विद्यमान ज्ञान या अनुभव के अस्तित्व पर बल देता है।” यह भी सही है। रचनावाद का मूल सिद्धांत यह है कि नया ज्ञान मौजूदा ज्ञान पर आधारित होता है।

  • कथन 4: “अनुदेशन का मुख्य उद्देश्य सम्प्रत्यय निर्माण एवं गहन बोध है।” यह भी सही है। रचनावादी दृष्टिकोण में, शिक्षक का उद्देश्य केवल तथ्यों को प्रस्तुत करना नहीं होता है, बल्कि छात्रों को अवधारणाओं की गहरी समझ विकसित करने में मदद करना होता है।

इस प्रकार, केवल दूसरा कथन, जो इसे एक शिक्षक-केंद्रित प्रक्रिया बताता है, गलत है। रचनावादी कक्षा में, शिक्षक एक सुविधाप्रदाता (facilitator) की भूमिका निभाता है, छात्रों को उनके सीखने के मार्ग में मार्गदर्शन और समर्थन देता है।

39. नैतिक विकास के क्षेत्र (डोमेन) सिद्धांत के अनुसार, व्यवहार को नियंत्रित करने और सामाजिक व्यवस्था बनाये रखने के लिये सामाजिक सहमति द्वारा स्थापित परंपरागत नियमों को कहा जाता है –

 
(1) परंपरागत तर्क
(2) सामाजिक परंपरागत तर्क
(3) न्याय परिप्रेक्ष्य
(4) पूर्व परंपरागत तर्क

 

नैतिक विकास के क्षेत्र (डोमेन) सिद्धांत के अनुसार, व्यवहार को नियंत्रित करने और सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए सामाजिक सहमति द्वारा स्थापित परंपरागत नियमों को सामाजिक परंपरागत तर्क (Social conventional reasoning) कहा जाता है।


स्पष्टीकरण

मोरल डोमेन थ्योरी (नैतिक क्षेत्र सिद्धांत) के अनुसार, लोग तीन मुख्य क्षेत्रों के आधार पर नैतिक निर्णय लेते हैं:

  1. नैतिक क्षेत्र (Moral Domain): यह न्याय, कल्याण और अधिकारों से संबंधित सार्वभौमिक सिद्धांतों पर आधारित है। जैसे, किसी को नुकसान नहीं पहुँचाना, निष्पक्षता बनाए रखना।

  2. सामाजिक पारंपरिक क्षेत्र (Social Conventional Domain): यह सामाजिक व्यवस्था और समन्वय बनाए रखने के लिए समाज द्वारा बनाए गए नियमों, जैसे शिष्टाचार, रीति-रिवाज, और पोशाक के मानदंडों से संबंधित है। ये नियम मनमाने होते हैं और सामाजिक सहमति पर निर्भर करते हैं, इन्हें बदला जा सकता है।

  3. व्यक्तिगत क्षेत्र (Personal Domain): यह व्यक्ति की व्यक्तिगत पसंद और स्वायत्तता से संबंधित है, जैसे कि क्या पहनना है या किसके साथ दोस्त बनना है। ये निर्णय सीधे तौर पर दूसरों को प्रभावित नहीं करते हैं और इन्हें नैतिक या सामाजिक नियम नहीं माना जाता है।

दिए गए प्रश्न में, “सामाजिक सहमति द्वारा स्थापित परंपरागत नियमों” का सीधा संबंध सामाजिक परंपरागत तर्क से है।

 
 

40. शिक्षण के स्तर के आधार पर निम्नलिखित में से अधिगम का सबसे सरल प्रकार कौनसा होता है?

(1) स्मृति स्तर अधिगम
(2) पृच्छा स्तर अधिगम
(3) चिंतन स्तर अधिगम
(4) अवबोध स्तर अधिगम

 

शिक्षण के स्तरों के आधार पर अधिगम का सबसे सरल प्रकार स्मृति स्तर अधिगम है।

शिक्षण के तीन स्तर

शिक्षण को आमतौर पर तीन प्रमुख स्तरों में वर्गीकृत किया गया है:

  1. स्मृति स्तर (Memory Level): यह शिक्षण का सबसे निचला और सरलतम स्तर है। इस स्तर पर मुख्य ध्यान तथ्यों, सूचनाओं और अवधारणाओं को याद रखने और दोहराने पर होता है। इसमें रटने की प्रक्रिया (rote memorization) शामिल होती है और यह छात्रों में समझ या आलोचनात्मक सोच विकसित नहीं करती।

  2. अवबोध स्तर (Understanding Level): यह स्मृति स्तर से एक कदम आगे है। इस स्तर पर, छात्र न केवल जानकारी को याद करते हैं, बल्कि वे उसे समझते भी हैं। वे अवधारणाओं के बीच संबंध स्थापित कर सकते हैं और उनका अर्थ समझ सकते हैं।

  3. चिंतन स्तर (Reflective Level): यह शिक्षण का उच्चतम स्तर है। इस स्तर पर, छात्र समस्याओं को हल करने, रचनात्मक रूप से सोचने और आलोचनात्मक विश्लेषण करने में सक्षम होते हैं। यह छात्रों को अपने ज्ञान का उपयोग नई और जटिल स्थितियों में करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

स्मृति स्तर अधिगम सबसे बुनियादी और सरल है क्योंकि इसमें केवल जानकारी को संग्रहीत करना और पुनर्प्राप्त करना शामिल होता है, जबकि अन्य स्तरों में गहन संज्ञानात्मक प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं।

 

41. प्रवीण स्वभाव से बहुत आक्रामक था और वह अन्य लोगों के साथ लड़ाई करता था। बाद में सामाजिक रूप से अस्वीकृत इस व्यवहार को दूर करने हेतु वह एक अच्छा मुक्केबाज बन गया। उसके द्वारा अपनाई गई रक्षात्मक युक्ति है –

(1) विस्थापन
(2) दमन
(3) प्रतिक्रिया निर्माण
(4) उदात्तीकरण

प्रवीण द्वारा अपनाई गई रक्षात्मक युक्ति उदात्तीकरण (Sublimation) है।

यह एक ऐसी मनोवैज्ञानिक रक्षा युक्ति है, जिसमें सामाजिक रूप से अस्वीकार्य आवेगों या ऊर्जा को अधिक स्वीकार्य या रचनात्मक गतिविधियों में परिवर्तित किया जाता है। प्रवीण के मामले में, उसका आक्रामक व्यवहार (जो सामाजिक रूप से अस्वीकृत था) मुक्केबाजी के खेल में बदल गया, जो समाज में एक स्वीकार्य और पुरस्कृत गतिविधि है। इस तरह, उसकी आक्रामक ऊर्जा को सकारात्मक और उत्पादक दिशा में मोड़ा गया।

42. निम्नलिखित में से कौनसा विकल्प आलपोर्ट द्वारा वर्गीकृत व्यक्तिगत शीलगुणों को दर्शाता है ?

 
(1) गौण, केन्द्रीय एवं स्रोत शीलगुण
(2) स्रोत, सतही एवं केन्द्रीय शीलगुण
(3) केन्द्रीय एवं सतही शीलगुण
(4) कार्डिनल, केन्द्रीय एवं गौण शीलगुण

सही उत्तर (4) कार्डिनल, केन्द्रीय एवं गौण शीलगुण है।

मनोवैज्ञानिक गॉर्डन आलपोर्ट ने व्यक्तित्व के शीलगुणों (trait) को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया है:

  • कार्डिनल शीलगुण (Cardinal Traits): ये बहुत ही दुर्लभ और शक्तिशाली शीलगुण होते हैं जो व्यक्ति के पूरे जीवन को परिभाषित करते हैं। ये किसी व्यक्ति की पहचान बन जाते हैं, जैसे महात्मा गांधी का अहिंसा या मदर टेरेसा की परोपकारिता।

  • केन्द्रीय शीलगुण (Central Traits): ये व्यक्ति के व्यक्तित्व के प्रमुख निर्माण खंड होते हैं। ये शीलगुण आमतौर पर किसी व्यक्ति के व्यवहार का वर्णन करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, जैसे ईमानदार, दयालु, बुद्धिमान।

  • गौण शीलगुण (Secondary Traits): ये कम प्रमुख और कम सुसंगत शीलगुण होते हैं, जो केवल कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में ही प्रकट होते हैं। उदाहरण के लिए, किसी विशेष स्थिति में गुस्सा करना या किसी विशेष तरह के भोजन को पसंद करना।

 
 

43. सूची I (परीक्षण) को सूची II (मनोवैज्ञानिक) के साथ सुमेलित कीजिये तथा सूचियों के नीचे दिये गये कूट का उपयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –

सूची I सूची II
A. 16 पीएफ प्रश्नावली 1. बैलक
B. शब्द साहचर्य परीक्षण 2. मरे एवं मॉर्गन
C. प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण 3. कैटेल
D. बाल अन्तर्बोध परीक्षण
4. फ्रॉयड एवं जुंग
 
कूट – 
(1) a-2, b-3, c-1, d-4
(2) a-3, b-4, c-2, d-1
(3) a-4, b-1, c-3, d-2
(4) a-1, b-2, c-4, d-3

सही सुमेलन इस प्रकार है:

  • A. 16 पीएफ प्रश्नावली (16 PF Questionnaire): यह व्यक्तित्व परीक्षण रेमंड कैटेल द्वारा विकसित किया गया था। यह व्यक्तित्व के 16 प्राथमिक कारकों को मापता है।

  • B. शब्द साहचर्य परीक्षण (Word Association Test): यह परीक्षण सिगमंड फ्रॉयड और उनके सहयोगी कार्ल जुंग द्वारा विकसित किया गया था। इसका उपयोग मन की छिपी हुई सामग्री और विचारों को उजागर करने के लिए किया जाता है।

  • C. प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (Thematic Apperception Test – TAT): यह परीक्षण हेनरी मरे और क्रिस्टियाना मॉर्गन द्वारा बनाया गया था। इसमें व्यक्तियों को अस्पष्ट चित्रों के आधार पर कहानियाँ बनाने के लिए कहा जाता है, जिससे उनकी आंतरिक इच्छाओं और भावनाओं का पता चलता है।

  • D. बाल अन्तर्बोध परीक्षण (Children’s Apperception Test – CAT): यह परीक्षण लियोपोल्ड बैलक द्वारा विकसित किया गया था। यह TAT का एक अनुकूलन है, लेकिन इसमें बच्चों के लिए जानवरों के चित्र होते हैं, जो उनके संघर्षों और भावनाओं को समझने में मदद करते हैं।

इस आधार पर, सही कूट (2) a-3, b-4, c-2, d-1 है।

44. जॉन डी. मेयर और पीटर सेलावे ने अपनी पुस्तक ‘संवेगात्मक विकास और संवेगात्मक बुद्धि’ (इमोशनल डेवलपमेंट एंड इमोशनल इंटेलिजेंस) में संवेगात्मक बुद्धि के निम्नलिखित में से कौनसे क्षेत्र दिए थे ?

A) परानुभूति
B) संवेगों का प्रत्यक्षीकरण
C) संवेगों को प्रबंधित करना
D) संवेगों का विचार प्रक्रिया में समन्वय करना
E) संवेगों को समझना
F) अन्तर्वैयक्तिक संबंध
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए –
 
(1) केवल A, C एवं F
(2) केवल C एवं F
(3) केवल A एवं F
(4) केवल B, C, D एवं F

जॉन डी. मेयर और पीटर सेलावे ने अपनी पुस्तक ‘संवेगात्मक विकास और संवेगात्मक बुद्धि’ में संवेगात्मक बुद्धि के चार मुख्य क्षेत्रों की पहचान की थी। दिए गए विकल्पों में से, सही क्षेत्र हैं:

  • B) संवेगों का प्रत्यक्षीकरण (Perceiving Emotions): अपनी और दूसरों की भावनाओं को पहचानने और समझने की क्षमता।

  • C) संवेगों को प्रबंधित करना (Managing Emotions): अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने और उचित रूप से व्यक्त करने की क्षमता।

  • D) संवेगों का विचार प्रक्रिया में समन्वय करना (Using Emotions to Facilitate Thought): भावनाओं का उपयोग सोच और निर्णय लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए करना।

  • E) संवेगों को समझना (Understanding Emotions): भावनाओं के कारणों और परिणामों को समझना।

इसलिए, सही उत्तर (4) केवल B, C, D एवं F है।

नोट: विकल्प (F) अन्तर्वैयक्तिक संबंध (Interpersonal Relationships) संवेगात्मक बुद्धि का एक हिस्सा माना जाता है, लेकिन यह मेयर और सेलावे के मूल मॉडल के चार मुख्य क्षेत्रों में से एक नहीं था। हालांकि, बाद में डेनियल गोलेमन जैसे अन्य विद्वानों ने इसे संवेगात्मक बुद्धि के मॉडल में शामिल किया। दिए गए विकल्पों में, (F) को शामिल करने वाला सबसे तार्किक विकल्प (4) है, क्योंकि यह मेयर और सेलावे के चार प्रमुख घटकों में से तीन को समाहित करता है।

 

45. गिलफोर्ड के बुद्धि प्रतिमान में बौद्धिक कार्य के आधारभूत आयामों में निम्नलिखित में से कौनसा आयाम सम्मिलित नहीं है?

(1) दक्षता
(2) विषय वस्तु
(3) उत्पाद
(4) संक्रिया

गिलफोर्ड के बुद्धि प्रतिमान में बौद्धिक कार्य के आधारभूत आयामों में दक्षता (Efficiency) सम्मिलित नहीं है।

गिलफोर्ड ने बुद्धि के त्रि-आयामी सिद्धांत (Three-dimensional model of intelligence) को प्रतिपादित किया था। इस सिद्धांत में, उन्होंने बुद्धि को तीन स्वतंत्र आयामों में विभाजित किया:

  • संक्रिया (Operations): यह मानसिक प्रक्रियाओं से संबंधित है, जैसे मूल्यांकन, अभिसारी उत्पादन, अपसारी उत्पादन, स्मृति और संज्ञान।

  • विषय-वस्तु (Contents): यह उस जानकारी से संबंधित है जिस पर मानसिक संक्रियाएं की जाती हैं। इसमें आकृतियाँ, प्रतीक, शब्दार्थ, व्यवहार और श्रवण-दृश्य शामिल हैं।

  • उत्पाद (Products): यह संक्रियाओं के परिणामों को दर्शाता है, जिसमें इकाई, वर्ग, संबंध, प्रणाली, परिवर्तन और निहितार्थ शामिल हैं।

दिए गए विकल्पों में, ‘दक्षता’ इन तीनों आयामों में से किसी का भी हिस्सा नहीं है।

 

46. एक शिक्षक अपनी कक्षा में एक समस्या को रखता है और विद्यार्थियों को उस समस्या के जवाब में अपने विचार अपसारी रूप से उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित करता है। सभी विचारों को बाद में मूल्यांकन हेतु रिकॉर्ड किया जाता है। सृजनात्मक को प्रोन्नत करने हेतु शिक्षक द्वारा उपयोग में ली गई इस विशिष्ट प्रविधि को कहा जाता है –

(1) सिनेक्टिक्स
(2) थिंक-पेयर-शेयर
(3) मस्तिष्क उद्वेलन
(4) जिगसॉ

इस प्रविधि को मस्तिष्क उद्वेलन (Brainstorming) कहा जाता है।

मस्तिष्क उद्वेलन एक रचनात्मक समूह गतिविधि है जिसका उद्देश्य किसी विशिष्ट समस्या का समाधान खोजने के लिए बड़ी संख्या में विचार उत्पन्न करना है। इसमें निम्न चरण शामिल होते हैं:

  1. समस्या का प्रस्तुतीकरण: शिक्षक कक्षा के सामने एक समस्या रखता है।

  2. विचारों का अपसारी उत्पादन: विद्यार्थियों को बिना किसी आलोचना या मूल्यांकन के अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

  3. रिकॉर्डिंग: सभी विचारों को रिकॉर्ड किया जाता है ताकि बाद में उनका मूल्यांकन किया जा सके।

यह विधि विचारों के मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देती है और छात्रों में सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करती है।

 

47. निम्नलिखित में से कौनसा तथ्य ऐसा है जिसे कक्षा में वैयक्तिक भिन्नताओं के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु सावधानी की आवश्यकता है ?

(1) कक्षा मिश्रित क्षमताओं वाला समूह है, तद्नुसार शिक्षण योजना बनाना आवश्यक है।
(2) शिक्षक को कक्षा में वैयक्तिक भिन्नताओं के बारे में अपेक्षित ज्ञान होना चाहिए।
(3) सभी विद्यार्थियों को एक विशिष्ट प्रकार की शिक्षण विधि से लाभ नहीं मिल सकता।
(4) संपूर्ण कक्षा से समान दक्षता प्राप्त करने की अपेक्षा करना।

कक्षा में वैयक्तिक भिन्नताओं के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु सावधानी की आवश्यकता वाला तथ्य (4) संपूर्ण कक्षा से समान दक्षता प्राप्त करने की अपेक्षा करना है।

 

स्पष्टीकरण

 

  • वैयक्तिक भिन्नताएँ (Individual Differences): यह एक सामान्य मानवीय तथ्य है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी सीखने की गति, क्षमता, रुचि, और शैली में भिन्न होता है।

  • प्रभावी कार्यान्वयन में बाधा: जब एक शिक्षक पूरी कक्षा से एक ही समय में समान दक्षता प्राप्त करने की अपेक्षा करता है, तो वह वैयक्तिक भिन्नताओं को अनदेखा करता है। यह उन छात्रों के लिए हानिकारक हो सकता है जो धीरे सीखते हैं या जिनकी सीखने की शैली अलग है।

  • सही दृष्टिकोण: इसके विपरीत, एक प्रभावी शिक्षण वातावरण में शिक्षक को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

    1. कक्षा को मिश्रित क्षमताओं वाले समूह के रूप में देखना और उसके अनुसार शिक्षण योजना बनाना।

    2. छात्रों की भिन्नताओं को समझना और उनके बारे में अपेक्षित ज्ञान रखना।

    3. यह स्वीकार करना कि सभी छात्रों को एक ही विधि से लाभ नहीं मिल सकता, और इसलिए विभिन्न शिक्षण रणनीतियों का उपयोग करना।

अतः, सभी छात्रों से समान दक्षता की अपेक्षा करना ही वह तथ्य है जिसमें सावधानी की आवश्यकता है, क्योंकि यह वैयक्तिक भिन्नताओं के सिद्धांत के विरुद्ध है।

 

48. नीचे कुछ दिशा-निर्देश दिये गये है, जो विद्यार्थियों के स्वनिर्णय और स्वायतता को प्रेरित करने के लिए सहायक है ।

इनमें से कौनसा विकल्प सहायक नहीं है ?
 
(1) विद्यार्थियों के विकल्पों के परिणामों के लिए शिक्षक को उतरदायी ठहराना
(2) सीमाओं, नियमों और प्रतिबंधों के लिए उचित औचित्य प्रदान करना।
(3) नकारात्मक भावनाओं को स्वीकार करना और मान्यता देना।
(4) विद्यार्थियों को विकल्प चुनने की अनुमति देना और उन्हें प्रोत्साहित करना।

स्वनिर्णय और स्वायत्तता को प्रेरित करने के लिए सहायक नहीं होने वाला विकल्प है (1) विद्यार्थियों के विकल्पों के परिणामों के लिए शिक्षक को उत्तरदायी ठहराना


स्पष्टीकरण

यह कथन विद्यार्थियों में स्वनिर्णय और स्वायत्तता को बढ़ावा देने के विपरीत है क्योंकि:

  • उत्तरदायित्व का हस्तांतरण: जब शिक्षक को विद्यार्थियों के निर्णयों के परिणामों के लिए उत्तरदायी ठहराया जाता है, तो यह विद्यार्थियों से उनके स्वयं के कार्यों के लिए जिम्मेदारी छीन लेता है।

  • आत्मनिर्भरता में कमी: इससे विद्यार्थियों में यह भावना विकसित हो सकती है कि उनके निर्णयों के परिणाम उनके स्वयं के नियंत्रण में नहीं हैं, जिससे उनमें निर्णय लेने की क्षमता और आत्मनिर्भरता कम होती है।


अन्य विकल्पों का महत्व

इसके विपरीत, अन्य विकल्प विद्यार्थियों की स्वायत्तता को बढ़ावा देने में सहायक हैं:

  • (2) सीमाओं, नियमों और प्रतिबंधों के लिए उचित औचित्य प्रदान करना: जब विद्यार्थियों को नियमों का कारण बताया जाता है, तो वे उन नियमों को बेहतर ढंग से समझते हैं और उनका पालन करने की अधिक संभावना रखते हैं, जिससे वे महसूस करते हैं कि उनके निर्णयों को सम्मान दिया जाता है।

  • (3) नकारात्मक भावनाओं को स्वीकार करना और मान्यता देना: यह विद्यार्थियों को भावनात्मक रूप से सुरक्षित महसूस कराता है। जब उनकी भावनाओं को स्वीकार किया जाता है, तो वे अपने विचारों और भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने में सक्षम होते हैं, जो स्वायत्तता के लिए महत्वपूर्ण है।

  • (4) विद्यार्थियों को विकल्प चुनने की अनुमति देना और उन्हें प्रोत्साहित करना: यह सबसे सीधा तरीका है जिससे विद्यार्थियों को अपनी पसंद बनाने का अवसर मिलता है। जब उन्हें अपने कार्यों के परिणाम देखने को मिलते हैं, तो वे अपनी पसंद के लिए जिम्मेदारी लेना सीखते हैं।

 

49. आंतरिक अभिप्रेरणा का कौनसा घटक, ‘गर्व और सफलता की भावना’ से संबंधित है, जो एक व्यक्ति कठिन कार्य करते समय अनुभव कर सकता है?

(1) आनंद
(2) निपुणता
(3) स्वायतता
(4) चुनौती

आंतरिक अभिप्रेरणा का वह घटक जो ‘गर्व और सफलता की भावना’ से संबंधित है, वह निपुणता (Mastery) है।


 

स्पष्टीकरण

 

आंतरिक अभिप्रेरणा (Intrinsic Motivation) वह होती है जो किसी व्यक्ति को किसी कार्य को करने के लिए उसके आंतरिक संतुष्टि, रुचि या खुशी से प्रेरित करती है। इसके मुख्य घटक हैं:

  • निपुणता (Mastery): जब कोई व्यक्ति किसी कठिन कार्य में महारत हासिल करता है, तो उसे अपनी क्षमता और कौशल पर गर्व और सफलता की भावना महसूस होती है। यह भावना उसे और भी अधिक प्रयास करने और सीखने के लिए प्रेरित करती है।

  • स्वायत्तता (Autonomy): यह उस भावना से संबंधित है जब कोई व्यक्ति अपने कार्यों और निर्णयों को नियंत्रित करता है।

  • उद्देश्य (Purpose): यह तब होता है जब कोई व्यक्ति महसूस करता है कि उसका काम कुछ बड़े या महत्वपूर्ण लक्ष्य में योगदान दे रहा है।

  • चुनौती (Challenge): यह कार्य की कठिनाई से संबंधित है, जो व्यक्ति को इसे पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।

  • आनंद (Joy): यह कार्य को करते समय मिलने वाली खुशी और संतुष्टि से संबंधित है।

दिए गए प्रश्न में, ‘गर्व और सफलता की भावना’ सीधे तौर पर किसी कार्य में निपुणता प्राप्त करने से जुड़ी है।

50. निम्नलिखित में से कौनसी विशेषता रूचि से संबंधित नहीं है ?

(1) रूचि एक अभिप्रेरक शक्ति है।
(2) रूचि के अनुसार कार्य करने से लक्ष्य प्राप्ति में मदद मिलती है।
(3) रूचियाँ स्थिर व स्थायी नहीं होती।
(4) रूचियों को अर्जित नहीं किया जा सकता

रूचि से संबंधित नहीं होने वाली विशेषता (4) रुचियों को अर्जित नहीं किया जा सकता है।

रुचियों से संबंधित तथ्य

  • रूचियाँ जन्मजात और अर्जित दोनों होती हैं। कुछ रुचियाँ व्यक्ति में स्वाभाविक रूप से मौजूद होती हैं, जबकि कई रुचियाँ अनुभव, शिक्षा और परिवेश के साथ विकसित और अर्जित की जाती हैं।


अन्य कथन सही क्यों हैं?

  • (1) रूचि एक अभिप्रेरक शक्ति है: जब किसी व्यक्ति को किसी कार्य में रुचि होती है, तो वह उसे करने के लिए प्रेरित होता है। यह रुचि उसे कार्य को पूरा करने के लिए आवश्यक ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करती है।

  • (2) रुचि के अनुसार कार्य करने से लक्ष्य प्राप्ति में मदद मिलती है: रुचि किसी कार्य को आसान और अधिक मनोरंजक बनाती है, जिससे व्यक्ति अधिक समय और प्रयास लगाता है। इससे सफलता प्राप्त करने की संभावना बढ़ जाती है।

  • (3) रुचियाँ स्थिर व स्थायी नहीं होती: रुचियाँ समय के साथ बदल सकती हैं। बचपन, किशोरावस्था और वयस्कता के दौरान व्यक्ति की रुचियाँ उसके अनुभव और विकास के साथ विकसित होती रहती हैं।

 

51. निम्नलिखित में से कौनसी उपचारात्मक तकनीक / तकनीके अपचारियों में सुधार के लिए उपयोगी की जाती है ?

A) मनोगतिक विधि
B) संवर्धन विधि
C) पुनर्वास विधि
D) व्यवहारात्मक विधि
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उतर का चयन कीजिए –
 
(1) केवल D
(2) केवल B और C
(3) केवल A, C और D
(4) केवल B

मनोविज्ञान में, उपचारात्मक तकनीकें (remedial techniques) विभिन्न प्रकार की समस्याओं, जिनमें अपचारी व्यवहार (delinquent behavior) शामिल है, में सुधार लाने के लिए उपयोग की जाती हैं। दिए गए विकल्पों में से, मनोगतिक विधि, पुनर्वास विधि और व्यवहारात्मक विधि अपचारियों में सुधार के लिए उपयोगी हैं।

इसलिए, सही उत्तर (3) केवल A, C और D है।


 

उपचारात्मक तकनीकों का विवरण

 

  • A) मनोगतिक विधि (Psychodynamic Method): इस विधि में, व्यक्ति के अचेतन मन (unconscious mind) में दबी हुई भावनाओं और अनुभवों को समझने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जो उनके अपचारी व्यवहार का मूल कारण हो सकते हैं।

  • B) संवर्धन विधि (Enrichment Method): यह विधि मुख्य रूप से प्रतिभाशाली और रचनात्मक बच्चों के लिए होती है, ताकि उनकी क्षमताओं को विकसित किया जा सके। इसका उपयोग सीधे तौर पर अपचारी व्यवहार में सुधार के लिए नहीं किया जाता है।

  • C) पुनर्वास विधि (Rehabilitation Method): इस विधि का उद्देश्य अपचारियों को समाज में पुनः स्थापित करना है। इसमें व्यावसायिक प्रशिक्षण, शिक्षा, और सामाजिक कौशल विकास जैसी गतिविधियाँ शामिल होती हैं ताकि वे एक उत्पादक जीवन जी सकें।

  • D) व्यवहारात्मक विधि (Behavioral Method): इस विधि में, अपचारी व्यवहार को बदलने के लिए व्यवहार चिकित्सा (behavior therapy) का उपयोग किया जाता है। इसमें सकारात्मक सुदृढीकरण (positive reinforcement), दंड (punishment), और मॉडलिंग (modeling) जैसी तकनीकें शामिल होती हैं ताकि अवांछित व्यवहार को कम किया जा सके और वांछित व्यवहार को प्रोत्साहित किया जा सके।

52. संबंधों की अनुभूति और प्रतीकों व विचारों को पुनर्संरचित करना जैसी प्रक्रियाओं को अभिक्षमता के किन घटकों में वर्गीकृत किया गया है ?

(1) मनोगत्यात्मक घटक
(2) बौद्धिक घटक
(3) मेटा घटक
(4) संवेदी घटक
 
संबंधों की अनुभूति और प्रतीकों व विचारों को पुनर्संरचित करना जैसी प्रक्रियाओं को अभिक्षमता के बौद्धिक घटक (Intellectual Components) में वर्गीकृत किया गया है। 
  • बौद्धिक घटक: ये मानसिक प्रक्रियाओं से संबंधित होते हैं, जैसे कि सीखना, तर्क करना, समस्या का समाधान करना, अवधारणाएँ बनाना और जानकारी का विश्लेषण करना। प्रश्न में वर्णित क्षमताएँ—संबंधों को समझना और प्रतीकों व विचारों को पुनर्संरचित करना—बुद्धि या संज्ञानात्मक क्षमताओं का हिस्सा हैं।
  • मनोगत्यात्मक घटक: ये शारीरिक क्रियाओं और गतियों से संबंधित होते हैं, जैसे कि लिखना, चित्र बनाना, या यंत्रों का संचालन करना।
  • संवेदी घटक: ये इंद्रियों से संबंधित होते हैं, जैसे कि देखना, सुनना, स्वाद लेना, सूंघना और छूना।
  • मेटा घटक: यह शब्द मुख्य रूप से कंप्यूटर विज्ञान या अन्य तकनीकी क्षेत्रों में प्रयुक्त होता है, जहाँ इसका अर्थ “डेटा के बारे में डेटा” (मेटाडेटा) होता है। मनोविज्ञान में, ‘मेटा’ शब्द का उपयोग ‘मेटाकॉग्निशन’ जैसी अवधारणाओं में किया जाता है, जिसका अर्थ है अपनी सोच के बारे में सोचना, लेकिन यह अभिक्षमता के घटकों के वर्गीकरण में प्राथमिक पद नहीं है। 

53. राजस्थान की निम्नलिखित में से किस नदी का उद्गम मध्य प्रदेश से नहीं है ?

(1) माही
(2) सोम
(3) कालीसिंध
(4) पार्वती
 
दिए गए विकल्पों में से, सोम नदी का उद्गम मध्य प्रदेश से नहीं है। 
  • सोम नदी: इसका उद्गम राजस्थान के उदयपुर जिले में बछा मेड़ा की पहाड़ियों से होता है।
  • माही नदी: यह मध्य प्रदेश के धार जिले में विंध्याचल पर्वत श्रेणी से निकलती है।
  • कालीसिंध नदी: इसका उद्गम मध्य प्रदेश के देवास जिले के बागली गाँव के पास विंध्याचल पहाड़ियों से होता है।
  • पार्वती नदी: यह भी मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से निकलती है और राजस्थान में प्रवेश करती है।

54. राजस्थान में 2023-24 में किस श्रेणी के वनों का क्षेत्र, कुल वन क्षेत्र का 50% से अधिक था ?

(1) रक्षित वन
(2) पर्वतीय वन
(3) अवर्गीकृत वन
(4) आरक्षित वन

राजस्थान में 2023-24 में रक्षित वन (Protected Forests) श्रेणी का क्षेत्र कुल वन क्षेत्र का 50% से अधिक था।

राजस्थान में वनों को प्रशासनिक आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:

  1. आरक्षित वन (Reserved Forests): ये वन सरकार के पूर्ण नियंत्रण में होते हैं। यहाँ लकड़ी काटने और पशु चराने जैसी गतिविधियाँ पूरी तरह से प्रतिबंधित होती हैं।

  2. रक्षित वन (Protected Forests): इन वनों में कुछ नियमों के साथ लकड़ी काटने और पशु चराने की अनुमति होती है। राजस्थान में इस श्रेणी के वनों का क्षेत्रफल सर्वाधिक है, जो कुल वन क्षेत्र का 50% से अधिक है।

  3. अवर्गीकृत वन (Unclassified Forests): ये वे वन हैं जहाँ लकड़ी काटने और पशु चराने पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है।

 

55. ‘राजस्थान-3077’ किस्म का संबंध किस फसल से हैं?

(1) गेहूं
(2) मक्का
(3) मूंग
(4) चावल
 
राजस्थान-3077, जिसे राज-3077 के नाम से भी जाना जाता है, गेहूं की एक उन्नत किस्म है। यह किस्म राजस्थान और अन्य राज्यों के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में खेती के लिए विशेष रूप से विकसित की गई है।

मुख्य विशेषताएँ

  • उच्च उपज: यह किस्म प्रति हेक्टेयर अधिक पैदावार देने के लिए जानी जाती है।

  • कम पानी की आवश्यकता: यह शुष्क परिस्थितियों में भी अच्छी तरह से उगती है, जिससे यह उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है जहाँ सिंचाई के संसाधन सीमित हैं।

  • रोग प्रतिरोधक क्षमता: यह रस्ट (गेरुआ) जैसे सामान्य गेहूं रोगों के प्रति प्रतिरोधी है।

  • गुणवत्ता: इसके दाने कठोर, चमकदार और अच्छी गुणवत्ता वाले होते हैं।

यह किस्म किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है क्योंकि यह कम लागत और कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देती है।

56. राजस्थान में गौवंश की कौनसी नस्ल सिंधी एवं साहीवाल की मिश्र नस्ल है ?

(1) मालवी
(2) गिर
(3) सांचौरी
(4) राठी

राजस्थान में गौवंश की राठी नस्ल सिंधी और साहीवाल नस्लों की एक मिश्रित नस्ल है। इसे राजस्थान की कामधेनु भी कहा जाता है क्योंकि यह अपनी अच्छी दूध उत्पादन क्षमता और प्रतिकूल मौसम में भी जीवित रहने की क्षमता के लिए जानी जाती है।

 

प्रमुख विशेषताएँ

 

  • भौगोलिक क्षेत्र: यह नस्ल मुख्य रूप से राजस्थान के पश्चिमी और उत्तरी जिलों, जैसे बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में पाई जाती है।

  • शारीरिक बनावट: राठी गायें मध्यम आकार की होती हैं, इनका रंग लाल या काला-सफेद धब्बेदार होता है। इनकी त्वचा ढीली और पूंछ लंबी होती है।

  • दूध उत्पादन: यह नस्ल अपनी उच्च दूध देने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है, जो शुष्क क्षेत्रों के किसानों के लिए इसे बहुत उपयोगी बनाती है।

  • अनुकूलनशीलता: राठी गायें रेगिस्तानी जलवायु में आसानी से खुद को ढाल लेती हैं और कम चारे में भी जीवित रह सकती हैं। इसी वजह से यह राजस्थान के शुष्क क्षेत्रों के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है।

 

57. निम्नलिखित में से कौनसा एक दक्षिण अरावली का शिखर है ?

(1) भानगढ़
(2) सायरा
(3) तारागढ़
(4) भैराच

 

दक्षिणी अरावली का शिखर सायरा है।

स्पष्टीकरण

  • सायरा: यह शिखर दक्षिणी अरावली पर्वतमाला का हिस्सा है और राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है। इसकी ऊंचाई लगभग 900 मीटर है।

  • भानगढ़: यह अलवर जिले में स्थित है और उत्तरी अरावली का एक हिस्सा है।

  • तारागढ़: यह अजमेर में स्थित है और मध्य अरावली का एक महत्वपूर्ण शिखर है।

  • भैराच: यह अलवर में स्थित है और उत्तरी अरावली का हिस्सा है।

अरावली पर्वतमाला को भौगोलिक रूप से तीन भागों में बांटा गया है: उत्तरी अरावली, मध्य अरावली और दक्षिणी अरावली।

  • उत्तरी अरावली: जयपुर, अलवर, सीकर, झुंझुनूं जिलों में।

  • मध्य अरावली: अजमेर और उसके आसपास के क्षेत्र में।

  • दक्षिणी अरावली: उदयपुर, सिरोही, राजसमंद और डूंगरपुर जिलों में।

58. कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार, राजस्थन के किस क्षेत्र में BShw जलवायु प्रकार पाया जाता है ?

(1) हाड़ौती पठार प्रदेश
(2) अर्द्ध शुष्क प्रदेश
(3) उत्तरी मैदानी प्रदेश
(4) शुष्क प्रदेश

कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार, राजस्थान के अर्द्ध शुष्क प्रदेश में BShw जलवायु प्रकार पाया जाता है।

 

कोपेन का वर्गीकरण और राजस्थान

 

कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार, राजस्थान को चार मुख्य जलवायु क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:

  • BWhw (उष्ण कटिबंधीय शुष्क मरुस्थलीय जलवायु): यह क्षेत्र राजस्थान के पश्चिमी भाग में, जैसे जैसलमेर, बीकानेर और पश्चिमी जोधपुर में पाया जाता है। यह अत्यंत शुष्क और गर्म होता है।

  • BShw (उष्ण कटिबंधीय अर्द्ध शुष्क स्टेपी जलवायु): यह जलवायु प्रदेश शुष्क मरुस्थल के पूर्व में स्थित है। इसमें बाड़मेर, जालौर, जोधपुर, पाली, नागौर, सीकर और झुंझुनू जैसे जिले शामिल हैं। इस क्षेत्र में वर्षा कम होती है, लेकिन BWhw की तुलना में थोड़ी अधिक होती है।

  • Cwg (उपोष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु): यह राजस्थान के पूर्वी मैदानों, जैसे अलवर, भरतपुर, जयपुर, दौसा और करौली में पाई जाती है। यहाँ मानसूनी वर्षा अच्छी मात्रा में होती है।

  • Aw (उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु): यह राजस्थान के दक्षिणी जिलों, जैसे डूंगरपुर, बांसवाड़ा और दक्षिणी उदयपुर में पाया जाता है। यहाँ सबसे अधिक वर्षा होती है।

दिए गए विकल्पों में, अर्द्ध शुष्क प्रदेश ही BShw जलवायु का प्रतिनिधित्व करता है।

 

59. निम्नांकित कथनों में से कौनसा / से सही है / हैं ? सही उतर का चयन नीचे दिए गए कूट से कीजिए –

A) भील गांवों के समूह को ‘फाला’ कहा जाता है।
B) गेर तथा नेजा भीलों के प्रमुख लोकनृत्य है।
C) गरासिया जनजाति का प्रमुख ‘कोतवाल’ कहलाता है।
 
कूट
(1) B और C
(2) केवल B
(3) A, B और C
(4) A और C
 
दिए गए कथनों में से,  कथन B सही हैं।
कथन A) भील गांवों के समूह को ‘फाला’ कहा जाता है। 
  • विश्लेषण:भील गांवों के समूह को पाल कहा जाता है |
  • निष्कर्ष: यह कथन गलत है।
कथन B) गेर तथा नेजा भीलों के प्रमुख लोकनृत्य है। 
  • विश्लेषण: राजस्थान की भील जनजाति द्वारा गवरी, हाथीमना और गैर नृत्य किए जाते हैं। कुछ अन्य भील नृत्यों में युद्ध नृत्य, द्विचकी नृत्य, घूमरा नृत्य और नेजा नृत्य भी शामिल हैं।
  • निष्कर्ष: यह कथन सही है। 
कथन C) गरासिया जनजाति का प्रमुख ‘कोतवाल’ कहलाता है। 
  • विश्लेषण: गरासिया जनजाति के गाँव के मुखिया को सहलोत या पटेल कहा जाता है। कोतवाल सहरिया जनजाति का मुखिया होता है।
  • निष्कर्ष: यह कथन गलत है।
 

60. कौनसा सुमेलित नहीं है ?

उद्योग – अवस्थिति
(1) सल्फ्यूरिक एसिड प्लांट – कपासन
(2) कैप्सटन मीटर – जयपुर
(3) राजस्थान टेलीफोन – भिवाड़ी
(4) चम्बल फर्टिलाइजर – गढ़ेपान
 
दिए गए विकल्पों में से, सल्फ्यूरिक एसिड प्लांट – कपासन सही सुमेलित नहीं है। 
सही युग्म इस प्रकार हैं:
  • सल्फ्यूरिक एसिड प्लांट: राजस्थान में हिंदुस्तान जिंक के पास चंदेरिया (चित्तौड़गढ़) और देबारी (उदयपुर) में सल्फ्यूरिक एसिड उत्पादन इकाइयाँ हैं, लेकिन कपासन में कोई महत्वपूर्ण सल्फ्यूरिक एसिड संयंत्र नहीं है।
  • कैप्सटन मीटर: कैप्सटन मीटर कंपनी जयपुर में स्थित है और यह पानी के मीटर बनाती है।
  • राजस्थान टेलीफोन: भिवाड़ी, जो कि अलवर जिले में है, एक औद्योगिक क्षेत्र है और यहाँ टेलीफोन से संबंधित कई कंपनियाँ मौजूद हैं।
  • चम्बल फर्टिलाइजर: चम्बल फर्टिलाइजर्स का संयंत्र कोटा जिले के गढ़ेपान में स्थित है, और यह देश के सबसे बड़े उर्वरक संयंत्रों में से एक है।
 

61. निम्नांकित में से किस जिले में नगरीय जनसंख्या में दशकीय परिवर्तन दर का प्रतिशत (2001-2011) सर्वाधिक है ?

(1) राजसमंद
(2) अलवर
(3) दौसा
(4) कोटा
 
राजस्थान की 2001-2011 की जनगणना के अनुसार, अलवर जिले में नगरीय जनसंख्या की दशकीय परिवर्तन दर सर्वाधिक थी। 
  • अलवर: इस अवधि के दौरान अलवर में नगरीय जनसंख्या वृद्धि दर 50.5% थी, जो इन दिए गए जिलों में सबसे अधिक थी।
  • अन्य जिले: दिए गए विकल्पों में से अन्य जिलों की दशकीय नगरीय वृद्धि दर अलवर से कम थी।
 

62. जनगणना 2011 के अनुसार, राजस्थान के निम्नलिखित में से किस जिले में साक्षरता दर 55 प्रतिशत से कम थी ?

(1) प्रतापगढ़
(2) जालौर
(3) बाड़मेर
(4) सिरोही

जनगणना 2011 के अनुसार, राजस्थान के जालौर जिले में साक्षरता दर 55 प्रतिशत से कम थी।

2011 की जनगणना के अनुसार, जालौर जिले की कुल साक्षरता दर लगभग 54.9% थी। यह दर राजस्थान के सभी जिलों में सबसे कम थी। अन्य जिलों की साक्षरता दर 55% से अधिक थी:

  • प्रतापगढ़: 56%

  • बाड़मेर: 57.4%

  • सिरोही: 56.0%

 

63. निम्नलिखित कथनों को पढ़िए एवं नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही विकल्प का चयन कीजिए –

A. विग्रहराज चतुर्थ शैव मतावलम्बी था।

B. पृथ्वीराज विजय के अनुसार, विग्रहराज चतुर्थ ने ‘एकादशी’ के दिन पशुवध पर प्रतिबंध लगाया था।

 
कूट –
(1) केवल B सही है।
(2) A और B दोनों सही है।
(3) A और B दोनों गलत है।
(4) केवल A सही है।
 

दिए गए कथनों में से, A और B दोनों सही हैं

  • कथन A: विग्रहराज चतुर्थ शैव मतावलम्बी था। यह कथन सही है। विग्रहराज चतुर्थ चौहान शासक थे और वे भगवान शिव के उपासक थे। उन्होंने कई शिव मंदिरों का निर्माण करवाया था और उनके दरबारी कवि सोमदेव ने ‘ललित विग्रहराज’ नाटक की रचना की थी।

  • कथन B: पृथ्वीराज विजय के अनुसार, विग्रहराज चतुर्थ ने ‘एकादशी’ के दिन पशुवध पर प्रतिबंध लगाया था। यह कथन भी सही है। ‘पृथ्वीराज विजय’ नामक संस्कृत महाकाव्य, जिसकी रचना जयानक ने की थी, में विग्रहराज चतुर्थ के शासनकाल का उल्लेख है। इसमें यह स्पष्ट रूप से वर्णित है कि उन्होंने धार्मिक भावना के तहत एकादशी के दिन पशुवध पर प्रतिबंध लगा दिया था।

इसलिए, दोनों कथन ऐतिहासिक और साहित्यिक साक्ष्यों के आधार पर सही हैं।

 

64. बैराठ सभ्यता के संदर्भ में निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए एवं सही विकल्प चुनिए –

A. मान्यता है कि हूण आक्रांता मिहिरकुल ने बैराठ का विध्वंस किया था।
 
B. चीनी यात्री युवान च्वांग ने भी अपने यात्रा वृतांत में बैराठ का उल्लेख किया है।
 
(1) केवल B सत्य है।
(2) A और B दोनों सत्य है।
(3) A और B दोनों असत्य है।
(4) केवल A सत्य है।

दिए गए कथनों में से, A और B दोनों सत्य हैं

  • कथन A: यह मान्यता है कि हूण शासक मिहिरकुल ने 6वीं शताब्दी में बैराठ सभ्यता का विध्वंस किया था। मिहिरकुल अपनी क्रूरता और बौद्ध धर्म के प्रति घृणा के लिए जाना जाता था, और उसने भारत में कई बौद्ध मठों और स्मारकों को नष्ट किया था, जिनमें बैराठ भी शामिल था।

  • कथन B: चीनी यात्री युवान च्वांग (ह्वेनसांग) ने भी 7वीं शताब्दी में भारत की यात्रा के दौरान बैराठ का दौरा किया था। उसने अपनी यात्रा के वृतांत में इस स्थान का उल्लेख किया है, जिसमें उसने यहाँ के बौद्ध मठों और स्तूपों का वर्णन किया। उसके वर्णन से पता चलता है कि बैराठ उस समय एक महत्वपूर्ण बौद्ध केंद्र था।

इन दोनों ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर, दोनों कथन सही हैं।

65. निम्नलिखित कथनों को पढिये एवं नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही विकल्प को चुनिए –

A. बी.बी. लाल के निर्देशन में गिलूण्ड का उत्खनन किया गया था।

B. वी.एन. मिश्र के निर्देशन में बालाथल का उत्खनन किया गया था।

कूट

(1) केवल B सही है।

(2) A और B दोनों सही है।

(3) A और B दोनों गलत है।

(4) केवल A सही है।

दिए गए दोनों कथन सही हैं।

  • कथन A: बी.बी. लाल (ब्रज बासी लाल) के निर्देशन में गिलूण्ड का उत्खनन किया गया था। यह कथन सही है। गिलूण्ड, जिसे ‘बनास संस्कृति’ का एक महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है, का उत्खनन 1957-58 में बी.बी. लाल ने किया था।

  • कथन B: वी.एन. मिश्र (वीरेन्द्र नाथ मिश्र) के निर्देशन में बालाथल का उत्खनन किया गया था। यह कथन भी सही है। बालाथल, जो उदयपुर जिले में स्थित एक ताम्र-पाषाण युगीन स्थल है, का उत्खनन 1993 में वी.एन. मिश्र के नेतृत्व में किया गया था।

इन दोनों स्थलों का उत्खनन राजस्थान की प्राचीन सभ्यताओं को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा है।

 

66. निम्नलिखित में से कौन हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की सेना में शामिल था ?

(1) मान सिंह
(2) जगन्नाथ कछवाहा
(3) सैयद हाशिम बरहा
(4) शालिवान
 
हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की सेना में शालिवान सिंह तोमर शामिल थे। 
  • मान सिंहअकबर की सेना के सेनापति थे।
  • जगन्नाथ कछवाहाभी मुगल सेना का हिस्सा थे।
  • सैय्यद हाशिम बरहाभी मुगल सेना में शामिल थे।
 

67. 1857 के विद्रोह के समय नसीराबाद में कौनसी सैन्य टुकड़ी तैनात नहीं थी ?

(1) 30 वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री
(2) प्रथम बॉम्बे कैवेलरी
(3) 72 वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री
(4) 15 वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री

1857 के विद्रोह के समय नसीराबाद में प्रथम बॉम्बे कैवेलरी सैन्य टुकड़ी तैनात नहीं थी।

नसीराबाद छावनी में मुख्य रूप से 15वीं और 30वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री और 72वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री तैनात थीं। बॉम्बे कैवेलरी की टुकड़ी उस समय नसीराबाद में मौजूद नहीं थी। नसीराबाद में विद्रोह की शुरुआत 15वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री के सैनिकों द्वारा 28 मई, 1857 को हुई थी।

 

68. ‘नवीन राजस्थान’ समाचार पत्र का प्रथम प्रकाशन किस वर्ष में हुआ ?

(1) 1922 ई.
(2) 1923 ई.
(3) 1924 ई.
(4) 1921 ई.

‘नवीन राजस्थान’ समाचार पत्र का प्रथम प्रकाशन 1922 ई. में हुआ था।

यह समाचार पत्र विजय सिंह पथिक द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया गया था। इसका उद्देश्य राजस्थान में जन-जागरण फैलाना और ब्रिटिश शासन व सामंती व्यवस्था के खिलाफ लोगों को एकजुट करना था। बाद में, ब्रिटिश सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसके बाद इसका नाम बदलकर ‘तरुण राजस्थान’ कर दिया गया।

69. 1298 ई. में जालौर के निकट कान्हड़देव ने किन सेनानायकों के अधीन खिलजी सेना को बुरी तरह परास्त किया था ?

(1) मलिक नाइब एवं शम्स खां
(2) उलग खां एवं नुसरत खां
(3) आइन-उल मुल्क एवं खिज्र खां
(4) कमालुद्दीन एवं शहीन

1298 ई. में जालौर के निकट कान्हड़देव ने उलुग खां एवं नुसरत खां के अधीन खिलजी सेना को बुरी तरह परास्त किया था।

घटना का विवरण

यह घटना अलाउद्दीन खिलजी के गुजरात अभियान से जुड़ी हुई है। अलाउद्दीन खिलजी ने 1298 ई. में गुजरात को जीतने के लिए एक बड़ी सेना भेजी थी, जिसका नेतृत्व उलुग खां और नुसरत खां कर रहे थे। गुजरात से लौटते समय, ये सेनाएं धन लूटकर जालौर के निकट से गुजर रही थीं। इस दौरान, जालौर के शासक कान्हड़देव सोनगरा ने खिलजी सेना पर हमला किया। कान्हड़देव की सेना ने खिलजी सेना को बुरी तरह से परास्त किया और उनसे लूटे गए धन और मूर्तियों को वापस छीन लिया। यह युद्ध कान्हड़देव प्रबन्ध नामक ग्रंथ में वर्णित है, और यह जालौर के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है।

70. अकबर के गुजरात अभियान (1573 ई.) में निम्नलिखित में से किसने महत्वूपर्ण सहयोग प्रदान किया ?

(1) राज सिंह
(2) राय सिंह
(3) चंद्र सेन
(4) उदय सिंह

अकबर के गुजरात अभियान (1573 ई.) में राय सिंह ने महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया था।

राय सिंह बीकानेर के शासक थे। उन्होंने अकबर के कई सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें गुजरात अभियान भी शामिल था। इस अभियान में, राय सिंह ने अकबर के सेनापति मिर्ज़ा अजीज कोका के साथ मिलकर गुजरात के विद्रोह को दबाने में सहायता की थी।

अन्य विकल्प:

  • राज सिंह मेवाड़ के महाराणा थे, जो मुगलों के खिलाफ थे।

  • चंद्र सेन मारवाड़ के शासक थे, जो अकबर की अधीनता स्वीकार करने से इनकार कर चुके थे।

  • उदय सिंह मारवाड़ के राजा थे और अकबर के साथ उनके संबंध सौहार्दपूर्ण नहीं थे।

 

71. शोभालाल गुप्त ने निम्न में से किस स्थान पर “हरिजन सेवाश्रम’ की स्थापना की थी ?

(1) सागवाड़ा
(2) हाथल
(3) बाँसवाड़ा
(4) हटूंडी
 
शोभालाल गुप्त ने सागवाड़ा में “हरिजन सेवाश्रम” की स्थापना की थी। 
अन्य जानकारी:
  • यह आश्रम राजस्थान के डूंगरपुर जिले में स्थित है।
  • शोभालाल गुप्त ने हरिजनों और भीलों के विकास के लिए इस आश्रम की स्थापना की थी।
 

72. निम्नलिखित में से वृहत्तर राजस्थान में समाहित होने वाली किस देशी रियासत का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा था ?

(1) डूंगरपुर
(2) बाँसवाड़ा
(3) बूंदी
(4) करौली
 
दिए गए विकल्पों में से, बूंदी का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा था।
 
क्षेत्रफल का तुलनात्मक विवरण (वर्ग मील में): 
  • बूंदी: 2,220 वर्ग मील
  • करौली: 1,227 वर्ग मील (यह मत्स्य संघ का हिस्सा थी, जिसे बाद में वृहत्तर राजस्थान में मिलाया गया)
  • बाँसवाड़ा: 1,606 वर्ग मील
  • डूंगरपुर: 1,460 वर्ग मील 
संदर्भ:
  • बूंदी रियासत वृहत्तर राजस्थान के निर्माण के लिए दूसरे चरण (पूर्व राजस्थान संघ) में शामिल हुई थी।
  • करौली मत्स्य संघ का हिस्सा था, जो बाद में पांचवें चरण में वृहत्तर राजस्थान में विलय हो गया था। 
 

73. पाबूजी के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं ?

A. पाबूजी के पास कालमी नाम की घोड़ी थी।
B. पाबूजी का विवाह पूगल की भाटी राजकुमारी के साथ हुआ था।
C. उन्होंने देवल चारणी की गायों के रक्षार्थ बलिदान दिया था।
सही कूट का चयन कीजिए
(1) B और C
(2) A और C
(3) A, B और C
(4) केवल A

पाबूजी के बारे में दिए गए कथन A और C सही हैं।

  • कथन A: पाबूजी के पास कालमी नाम की घोड़ी थी। यह कथन बिल्कुल सही है। पाबूजी को उनकी काली घोड़ी ‘केसर कालमी’ के लिए जाना जाता है।

  • कथन B: पाबूजी का विवाह पूगल की भाटी राजकुमारी के साथ हुआ था। यह कथन गलत है। पाबूजी का विवाह अमरकोट के सोढ़ा शासक सूरजमल की पुत्री सुप्यारदे (फुलमदे) के साथ हुआ था, न कि पूगल की भाटी राजकुमारी के साथ।

  • कथन C: उन्होंने देवल चारणी की गायों के रक्षार्थ बलिदान दिया था। यह कथन सही है। पाबूजी ने अपने विवाह के दौरान देवल चारणी की गायों की रक्षा करते हुए, अपने बहनोई जींदराव खींची से युद्ध किया और वीरगति को प्राप्त हुए थे।

इस प्रकार, केवल कथन A और C सही हैं।

 

74. निम्नलिखित में से किसने 1919 के अमृतसर कांग्रेस अधिवेशन में बिजौलिया किसान आन्दोलन सम्बन्धी प्रस्ताव रखा था ?

(1) मदन मोहन मालवीय
(2) महात्मा गाँधी
(3) जवाहरलाल नेहरू
(4) लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
 
1919 के अमृतसर कांग्रेस अधिवेशन में बिजौलिया किसान आन्दोलन सम्बन्धी प्रस्ताव लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने रखा था। 
 
अतिरिक्त जानकारी:
  • विजय सिंह पथिक ने बम्बई जाकर महात्मा गाँधी को बिजौलिया के किसानों की दुर्दशा के बारे में बताया था।
  • तिलक के प्रस्ताव रखने के बावजूद, महात्मा गाँधी और मदन मोहन मालवीय जैसे नेता देशी राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के पक्ष में नहीं थे, इसलिए उन्होंने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। 
 
75. जयपुर में ‘प्रजामंडल प्रोग्रेसिव पार्टी’ (1940) के संस्थापक कौन थे ?
(1) चिरंजीलाल मिश्र
(2) चिरंजीलाल अग्रवाल
(3) देवी शंकर तिवारी
(4) जमनालाल बजाज
 
जयपुर में ‘प्रजामंडल प्रोग्रेसिव पार्टी’ (1940) के संस्थापक चिरंजीलाल अग्रवाल थे। यह पार्टी जयपुर प्रजामंडल में आंतरिक मतभेदों के बाद बनाई गई थी। 
 
अतिरिक्त जानकारी
  • पृष्ठभूमि: 1940 में, जब जयपुर प्रजामंडल का विधिवत पंजीकरण हुआ और हीरालाल शास्त्री इसके पहले अध्यक्ष बने, तो कुछ कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद पैदा हो गए।
  • गठन: इन कार्यकर्ताओं ने, चिरंजीलाल अग्रवाल के नेतृत्व में, मई 1940 में ‘प्रजामंडल प्रोग्रेसिव पार्टी’ का गठन किया।
  • लक्ष्य: इस पार्टी का उद्देश्य रियासतों में राजनीतिक जागरूकता बढ़ाना और उत्तरदायी शासन को बढ़ावा देना था। 
 

76. चित्रकला की किशनगढ़ शैली के विषय में कौन से कथन सही हैं ?

A. राधा और कृष्ण का रूप सौंदर्य ही चित्रांकन का मुख्य विषय है।
B. अधिकांश चित्रों में स्त्रियों का पहनावा लहँगा, चोली और पारदर्शी आँचल हैं।
C. इस शैली के चित्रकार सीताराम, भवानीराम एवं कल्याणदास हैं।
सही विकल्प चुनिए –
(1) A और B
(2) B और C
(3) A और C
(4) A, B और C

तीनों कथन (A, B और C) किशनगढ़ शैली के विषय में सही हैं।

  • कथन A: राधा और कृष्ण का रूप-सौंदर्य इस शैली का मुख्य विषय है। किशनगढ़ शैली अपनी प्रेम कहानियों और राधा-कृष्ण के अलौकिक प्रेम के चित्रण के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें बणी-ठणी नामक चित्र सबसे महत्वपूर्ण है।

  • कथन B: अधिकांश चित्रों में स्त्रियों का पहनावा लहँगा, चोली और पारदर्शी आँचल है। यह शैली में चित्रित स्त्रियों का एक विशिष्ट पहनावा है, जो उनकी सुंदरता को और बढ़ाता है।

  • कथन C: इस शैली के प्रमुख चित्रकार सीताराम, भवानीराम एवं कल्याणदास हैं। इन कलाकारों ने किशनगढ़ शैली के विकास और प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

इसलिए, ये सभी कथन किशनगढ़ चित्रकला शैली की विशिष्टताओं को सही ढंग से दर्शाते हैं।

 

78. रामानन्द के संदर्भ में निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए एवं सही विकल्प चुनिए :- 

A. संत पीपा के निवेदन पर रामानन्द राजस्थान आए थे।
B. रामानन्द का प्रभाव राजस्थान में व्यापक रूप से दिखाई नहीं देता है।
 
(1) केवल B सत्य है।
(2) A और B दोनों सत्य है।
(3) A और B दोनों असत्य है।
(4) केवल A सत्य है।

 

दिए गए कथनों में से A और B दोनों असत्य हैं


स्पष्टीकरण

  • कथन A: संत पीपा के निवेदन पर रामानन्द राजस्थान आए थे।

    यह कथन गलत है। संत पीपा रामानंद के शिष्य थे, लेकिन ऐसा कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है कि रामानंद उनके निवेदन पर विशेष रूप से राजस्थान आए थे। रामानंद ने उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन का प्रचार किया था, और उनके शिष्य विभिन्न क्षेत्रों में उनके विचारों का प्रसार करते थे।

  • कथन B: रामानन्द का प्रभाव राजस्थान में व्यापक रूप से दिखाई नहीं देता है।

    यह कथन भी गलत है। रामानंद का प्रभाव राजस्थान में बहुत व्यापक रूप से दिखाई देता है। संत पीपा (गागरोन के राजा), संत धना (धवन गाँव, टोंक) और संत रैदास जैसे उनके शिष्य राजस्थान के थे या उनका राजस्थान से गहरा संबंध था। इन संतों के माध्यम से रामानंद के भक्ति विचार राजस्थान में फैले, जिससे यहाँ भक्ति आंदोलन को बल मिला।

इसलिए, दोनों कथन सही नहीं हैं।

 

79. निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता बाडोली के मंदिर की नहीं है ?

(1) स्तंभों पर उत्कीर्ण कला
(2) सादगीपूर्ण छतें
(3) पंचायतन शैली
(4) नारी का सुंदर अंकन
 

बाडोली के मंदिर की विशेषता सादगीपूर्ण छतें नहीं है।

 

स्पष्टीकरण

 

बाडोली के शिव मंदिर, जो राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित हैं, अपनी जटिल और उत्कृष्ट मूर्तिकला के लिए जाने जाते हैं। इनकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • स्तंभों पर उत्कीर्ण कला (Utterly engraved art on the pillars): इन मंदिरों के स्तंभों पर देवी-देवताओं, जानवरों और अन्य रूपांकनों का सुंदर और विस्तृत अंकन किया गया है।

  • पंचायतन शैली (Panchayatan Style): यह मंदिर एक मुख्य मंदिर और उसके चारों ओर चार सहायक मंदिरों से मिलकर बना है, जो पंचायतन शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है।

  • नारी का सुंदर अंकन (Beautiful depiction of women): मंदिरों की दीवारों और स्तंभों पर विभिन्न मुद्राओं में नर्तकियों, अप्सराओं और अन्य नारी आकृतियों का बहुत ही सुंदर और कलात्मक चित्रण किया गया है।

इसके विपरीत, इन मंदिरों की छतें सादगीपूर्ण नहीं हैं, बल्कि वे भी कलात्मक नक्काशी और रूपांकनों से सुसज्जित हैं। इसलिए, ‘सादगीपूर्ण छतें’ इनकी विशेषता नहीं है।

80. निम्नलिखित में से कौन सा एक युग्म सुमेलित नहीं है ?

             ग्रंथ – लेखक
(1) बुद्धिविलास : बख्तराम साह
(2) भीमविलास : कवि जदुनाथ
(3) विजयविलास : विशन सिंह बारहठ
(4) राजविलास : कवि मान

दिए गए युग्मों में से, विजयविलास : विशन सिंह बारहठ सुमेलित नहीं है।


 

सही सुमेलन

 

  • बुद्धिविलास के लेखक बख्तराम साह हैं। यह ग्रंथ जयपुर के राजा सवाई जयसिंह के शासनकाल और जयपुर शहर के इतिहास पर आधारित है।

  • भीमविलास के लेखक कवि जदुनाथ हैं। इस ग्रंथ में जोधपुर के शासक भीम सिंह के जीवन और घटनाओं का वर्णन है।

  • विजयविलास के लेखक कवि श्यामदास हैं, विशन सिंह बारहठ नहीं। यह ग्रंथ बीकानेर के शासक महाराजा विजय सिंह के जीवन से संबंधित है।

  • राजविलास के लेखक कवि मान हैं। इस ग्रंथ में बीकानेर के शासक राज सिंह की उपलब्धियों का वर्णन किया गया है।

 

81. राजस्थान के राज्यपाल को पहचानिए, जिनकी पदावधि में राष्ट्रपति शासन वापस लेने की उद्घोषणा दो अवसरों पर जारी की गई :-

(1) रघुकुल तिलक
(2) एम.चेन्ना रेड्डी
(3) धनिक लाल मंडल
(4) वेदपाल त्यागी
 
राजस्थान के राज्यपाल रघुकुल तिलक की पदावधि में राष्ट्रपति शासन वापस लेने की उद्घोषणा दो अवसरों पर जारी की गई थी। 
 
विवरण
  • पहला अवसर: रघुकुल तिलक ने 12 मई, 1977 को राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया। उस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू था, जिसे 22 जून, 1977 को वापस ले लिया गया।
  • दूसरा अवसर: उनके कार्यकाल के दौरान, 1980 में एक बार फिर राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था और इसे जून 1980 में हटाया गया। 
इस तरह, रघुकुल तिलक के कार्यकाल में दो बार राष्ट्रपति शासन हटाने की घोषणा की गई थी। 
 

83. दुकूल, अंसुक, वसन और चोल किस प्रकार के वस्त्र-परिधान के प्रचलित नाम हैं ?

(1) घाघरा
(2) चोली
(3) ओढ़नी
(4) साड़ी

दुकूल, अंसुक, वसन और चोल साड़ी के प्रचलित नाम हैं।

ये सभी शब्द प्राचीन भारतीय ग्रंथों और साहित्य में विभिन्न प्रकार की साड़ियों या वस्त्रों का उल्लेख करने के लिए इस्तेमाल किए गए हैं।

  • दुकूल और अंसुक महीन रेशमी या सूती वस्त्रों को दर्शाते हैं।

  • वसन एक सामान्य शब्द है जो किसी भी परिधान को संदर्भित कर सकता है, लेकिन अक्सर इसका उपयोग साड़ी के अर्थ में किया जाता है।

  • चोल एक प्रकार का ढीला-ढाला ऊपरी वस्त्र है, लेकिन इसका प्रयोग कभी-कभी पूरे परिधान को भी दर्शाने के लिए किया जाता था, जो एक तरह की साड़ी या लबादा होती थी।

 

84. जैसलमेर के लोक संगीत में प्रमुख रूप से कौन सा ख्याल गाया जाता है ?

(1) हेला
(2) तुर्रा-कलंगी
(3) कुचामणी
(4) मेंहेन्द्रा री ख्याल

जैसलमेर के लोक संगीत में प्रमुख रूप से मेंहेन्द्रा री ख्याल गाया जाता है।

 

ख्याल का स्वरूप

 

  • मेंहेन्द्रा री ख्याल जैसलमेर के स्थानीय लोक कथाओं और लोकगीतों पर आधारित है। यह ख्याल विशेष रूप से ढोला-मारू और सोरठ-रायगाछ जैसे प्रेम कथाओं के साथ-साथ मेहेन्द्रा-मूमल की प्रसिद्ध प्रेम कहानी पर केंद्रित है।

  • यह एक लोक-नाट्य शैली है जिसमें गायन, अभिनय और नृत्य का समावेश होता है।

अन्य ख्यालों का क्षेत्र

  • हेला ख्याल: यह मुख्य रूप से दौसा, सवाई माधोपुर और लालसोट क्षेत्र में प्रचलित है।

  • तुर्रा-कलंगी ख्याल: यह चित्तौड़गढ़, घोसुण्डा और नीमच क्षेत्र में लोकप्रिय है।

  • कुचामणी ख्याल: यह नागौर जिले के कुचामन क्षेत्र में प्रसिद्ध है।

85. निम्नलिखित में से कौनसा युग्म सुमेलित नहीं है?

      मुख्यमंत्री  – मुख्य सचिव
(1) हरिदेव जोशी -नरेश चन्द्रा
(2) टीकाराम पालीवाल – एस.डब्ल्यू.शिवेश्वरकर
(3) जगन्नाथ पहाड़िया – एम.एस.के.वली
(4) शिवचरण माथुर –  टी.वी.रमणन 

दिए गए युग्मों में से, टीकाराम पालीवाल – एस.डब्ल्यू. शिवेश्वरकर सुमेलित नहीं है।

  • टीकाराम पालीवाल राजस्थान के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री थे (1952-1954)। उनके कार्यकाल के दौरान एस. डब्ल्यू. शिवेश्वरकर मुख्य सचिव नहीं थे।

  • एस.डब्ल्यू. शिवेश्वरकर 1968 से 1971 तक मुख्य सचिव थे, जब मोहन लाल सुखाड़िया और बरकतुल्ला खान मुख्यमंत्री थे।

  • अन्य सभी युग्म सही सुमेलित हैं:

    • हरिदेव जोशी (1973-1977) के कार्यकाल में नरेश चन्द्रा मुख्य सचिव थे।

    • जगन्नाथ पहाड़िया (1980-1981) के कार्यकाल में एम.एस.के. वली मुख्य सचिव थे।

    • शिवचरण माथुर (1981-1985) के कार्यकाल में टी.वी. रमणन मुख्य सचिव थे।

 

86. मुख्यमंत्री या मंत्री के रूप में नियुक्त व्यक्ति के संबंध में निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए :-

(i) उसमें अनुच्छेद 173 के अधीन अर्हताएँ होनी चाहिए।
(ii) उसने अनुच्छेद 190 के अधीन निरर्हताएँ नहीं होनी चाहिए।
 
(1) केवल (ii) सही है।
(2) (i) व (ii) दोनों सही हैं।
(3) न तो (i), न ही (ii) सही है।
(4) केवल (i) सही है।
 
किसी भी व्यक्ति के मुख्यमंत्री या मंत्री के रूप में नियुक्त होने के संबंध में, दोनों कथन गलत हैं। सही विकल्प (3) न तो (i), न ही (ii) सही है है। 
 
स्पष्टीकरण
  • कथन (i) गलत है: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 173 राज्य विधानमंडल के सदस्य के लिए योग्यता निर्धारित करता है, न कि मुख्यमंत्री या मंत्री के लिए। एक व्यक्ति जो विधानमंडल का सदस्य नहीं है, उसे भी मुख्यमंत्री या मंत्री नियुक्त किया जा सकता है, बशर्ते कि वह नियुक्ति के छह महीने के भीतर विधानमंडल का सदस्य बन जाए।
  • कथन (ii) गलत है: अनुच्छेद 190 ‘सीटों का रिक्त होना’ से संबंधित है और यह बताता है कि कब एक विधायक की सीट खाली हो सकती है (उदाहरण के लिए, एक से अधिक सदनों की सदस्यता या पद से इस्तीफा देना)। यह सीधे तौर पर मुख्यमंत्री या मंत्री के लिए निरर्हताओं (disqualifications) से संबंधित नहीं है। मंत्रियों के लिए निरर्हताएँ (disqualifications) अन्य संवैधानिक प्रावधानों में निहित हैं, विशेषकर दल-बदल विरोधी कानून (10वीं अनुसूची) में।
 

87. राजस्थान की पहली लोकतांत्रिक सरकार में शिक्षा विभाग का प्रभार निम्नलिखित में से किसके पास था ?

(1) रामकिशोर व्यास
(2) नाथूराम मिर्धा
(3) बलवंत सिंह मेहता
(4) मोहनलाल सुखाड़िया
 

राजस्थान की पहली लोकतांत्रिक सरकार में शिक्षा विभाग का प्रभार मोहनलाल सुखाड़िया के पास था।

1952 के पहले विधानसभा चुनावों के बाद, टीकाराम पालीवाल के नेतृत्व में राजस्थान की पहली निर्वाचित सरकार का गठन हुआ था। इस सरकार में मोहनलाल सुखाड़िया को शिक्षा, सार्वजनिक निर्माण विभाग, और पुनर्वास मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया था।

 

88. ‘प्रशासन और संस्थापन’ के लिए ग्राम पंचायत की स्थायी समिति का पदेन अध्यक्ष कौन होता है ?

 
(1) उप-सरपंच
(2) ग्राम विकास अधिकारी
(3) प्रधान
(4) सरपंच

ग्राम पंचायत की ‘प्रशासन और संस्थापन’ स्थायी समिति का पदेन अध्यक्ष सरपंच होता है।

राजस्थान पंचायती राज अधिनियम के अनुसार, ग्राम पंचायतों में विभिन्न कार्यो के लिए स्थायी समितियां बनाई जाती हैं। ‘प्रशासन और संस्थापन’ समिति, जो कि ग्राम पंचायत के सामान्य प्रशासन और कर्मचारियों से संबंधित मामलों को देखती है, का नेतृत्व स्वयं सरपंच करते हैं। अन्य समितियों के अध्यक्ष उप-सरपंच या निर्वाचित सदस्य हो सकते हैं, लेकिन इस विशिष्ट समिति के लिए सरपंच ही पदेन अध्यक्ष होते हैं।

 

89. राजस्थान लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य को पद को हटाने के संबंध में निम्नांकि कथनों पर विचार कीजिए :

(i) उच्चतम न्यायालय द्वारा मामले की जाँच कर सकारात्मक रिपोर्ट करने के पश्चात् किसी सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर राष्ट्रपति के आदेश से हटाया जा सकता है।
 
(ii) राष्ट्रपति किसी सदस्य को आदेश द्वारा सीधे हटा सकता है, यदि राष्ट्रपति की राय में मानसिक या शारीरिक शैथिल्य के कारण वह अपने पद पर बने रहने के अयोग्य है।
 
(1) केवल (ii) सही है।
(2) (i) व (ii) दोनों सही हैं।
(3) न तो (i), न ही (ii) सही है।
(4) केवल (i) सही है।

(2) (i) व (ii) दोनों सही हैं।


 

स्पष्टीकरण

 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 317 के तहत, राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के किसी सदस्य को पद से हटाने के लिए निम्नलिखित प्रावधान हैं:

  • कथन (i) सही है: अनुच्छेद 317(1) के अनुसार, किसी भी सदस्य को केवल कदाचार (misbehaviour) के आधार पर तभी हटाया जा सकता है जब उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने इस मामले की जाँच की हो और अपनी रिपोर्ट में उसे हटाने की अनुशंसा की हो। इसके बाद, राष्ट्रपति के आदेश से उसे पद से हटाया जा सकता है।

  • कथन (ii) सही है: अनुच्छेद 317(3) के अनुसार, राष्ट्रपति सीधे किसी सदस्य को आदेश द्वारा हटा सकते हैं, बिना उच्चतम न्यायालय की जाँच के, यदि सदस्य:

    • दिवालिया घोषित हो गया हो।

    • अपनी पदावधि के दौरान अपने पद के बाहर किसी सवेतन नियोजन में लगा हो।

    • मानसिक या शारीरिक शैथिल्य (infirmity) के कारण अपने पद पर बने रहने के अयोग्य हो।

इस प्रकार, दोनों कथन संविधान के प्रावधानों के अनुसार सही हैं।

90. राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग के संबंध में त्रुटिपूर्ण कथन को पहचानिए :-

 
(1) इसके पास सिविल कोर्ट की सभी शक्तियाँ हैं।
(2) इसका अपना अन्वेषण दल है।
(3) यह राजस्थानी भाषा में भी परिवेदनाएँ ग्रहण करता है।
(4) यह एक स्वायत्तशासी निकाय है।

राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग के संबंध में त्रुटिपूर्ण कथन है (3) यह राजस्थानी भाषा में भी परिवेदनाएँ ग्रहण करता है।

 

स्पष्टीकरण

 

  • राजस्थानी भाषा में परिवेदनाएँ: राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने आधिकारिक तौर पर यह घोषणा नहीं की है कि वह राजस्थानी भाषा में भी शिकायतें स्वीकार करता है। सामान्यतः, आयोग हिंदी और अंग्रेजी में ही शिकायतें स्वीकार करता है, जो सरकारी कामकाज की भाषाएं हैं।

  • अन्य कथन सही हैं:

    • इसके पास सिविल कोर्ट की सभी शक्तियाँ हैं (Civil Court Powers): मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत, राज्य मानवाधिकार आयोग को जाँच के संबंध में दीवानी न्यायालय (civil court) की शक्तियाँ प्राप्त हैं, जैसे गवाहों को बुलाना, शपथ पर साक्ष्य लेना, और दस्तावेजों की माँग करना।

    • इसका अपना अन्वेषण दल है (Investigation Team): आयोग के पास अपना एक अन्वेषण दल होता है, जिसका नेतृत्व पुलिस अधीक्षक (SP) के स्तर का अधिकारी करता है। यह दल आयोग के लिए शिकायतों की जाँच करता है।

    • यह एक स्वायत्तशासी निकाय है (Autonomous Body): आयोग एक स्वायत्तशासी निकाय है जो सरकार के नियंत्रण से मुक्त होकर अपने कार्यों को स्वतंत्र रूप से करता है। इसका मुख्य उद्देश्य मानवाधिकारों का संरक्षण और प्रोत्साहन करना है।

 

91. राजस्थान विधानसभा के सत्र को आमंत्रित करने से सम्बन्धित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :- 

 
(A) जब सभा के किसी सत्र को आमंत्रित किया जाए तो अध्यक्ष प्रत्येक सदस्य को ऐसी तारीख, समय तथा स्थान की सूची देगा जो राज्यपाल द्वारा सभा की बैठक बुलाने के निमित्त नियत किये गये हों तथा वह राजपत्र में एक विज्ञप्ति प्रकाशित करवाएगा।
 
(B) परन्तु यदि कोई सत्र अल्प सूचना से बुलाया जाय तो अध्यक्ष सदस्यों को सभा की बैठक की तारीख, समय तथा स्थान की सूचना अन्य किसी रीति से देगा जो राज्यपाल निदेशित करे।
 
सही विकल्प का चयन कीजिए :
 
(1) केवल (B) सही है।
(2) (A) एवं (B) दोनों सही हैं।
(3) न तो (A), न ही (B) सही है।
(4) केवल (A) सही है।

राजस्थान विधानसभा के सत्र को बुलाने से संबंधित दिए गए दोनों कथन (A) और (B) गलत हैं।

सही विकल्प है (3) न तो (A), न ही (B) सही है।


 

स्पष्टीकरण

 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 174 के अनुसार, राज्य विधानमंडल (इसमें विधानसभा भी शामिल है) के सत्र को बुलाने (summoning) का अधिकार राज्यपाल के पास होता है, न कि विधानसभा के अध्यक्ष के पास। अध्यक्ष का कार्य सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही का संचालन करना होता है।

  • कथन (A) गलत है क्योंकि विधानसभा सत्र को राज्यपाल द्वारा आमंत्रित (बुलाया) जाता है। अध्यक्ष सिर्फ राज्यपाल द्वारा तय किए गए समय और स्थान की सूचना सदस्यों को देता है।

  • कथन (B) भी गलत है क्योंकि अल्प सूचना पर भी सत्र बुलाने का अधिकार राज्यपाल के पास ही होता है। अध्यक्ष सिर्फ राज्यपाल के निर्देशानुसार सूचना प्रसारित करता है, वह स्वयं सत्र नहीं बुलाता।

सत्र बुलाने की प्रक्रिया में, राज्यपाल एक आदेश जारी करते हैं जिसमें सत्र की तारीख और समय निर्धारित होता है। इस आदेश के बाद, विधानसभा सचिवालय और अध्यक्ष सदस्यों को सूचना भेजते हैं। इस प्रकार, सत्र बुलाने की संवैधानिक शक्ति राज्यपाल में निहित है।

92. राजस्थान विधानसभा की कार्यविधि से संबंधित निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए :

 
(i) तारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर दिए जाते हैं और इन पर पूरक किए जा सकते हैं।
(ii) अ-तारांकित प्रश्न एवं अल्प सूचना प्रश्न के मौखिक उत्तर दिए जाते हैं और इन पर पूरक प्रश्न नहीं किए जा सकते हैं।
(1) केवल (ii) सही है।
(2) (i) व (ii) दोनों सही हैं।
(3) न तो (i), न ही (ii) सही है।
(4) केवल (i) सही है।

(3) न तो (i), न ही (ii) सही है।


 

स्पष्टीकरण

 

राजस्थान विधानसभा की कार्यविधि से संबंधित दोनों कथन गलत हैं।

  • तारांकित प्रश्न (Starred Questions): इनका उत्तर मौखिक दिया जाता है और इन पर पूरक प्रश्न (supplementary questions) पूछे जा सकते हैं। ये प्रश्न सदन में चर्चा के लिए होते हैं।

  • अतारांकित प्रश्न (Unstarred Questions): इनका उत्तर लिखित में दिया जाता है और इन पर पूरक प्रश्न नहीं पूछे जा सकते हैं। ये प्रश्न सदन के पटल पर रखे जाते हैं, और इन पर चर्चा नहीं होती।

  • अल्प सूचना प्रश्न (Short Notice Questions): इनका उत्तर भी मौखिक दिया जाता है, और इन पर भी पूरक प्रश्न पूछे जा सकते हैं। ये प्रश्न जनहित के किसी अत्यावश्यक विषय से संबंधित होते हैं और कम से कम 10 दिन की सूचना पर पूछे जाते हैं।

दिए गए कथनों में, तारांकित प्रश्न के उत्तर को लिखित और अतारांकित प्रश्न के उत्तर को मौखिक बताया गया है, जो कि सही नहीं है। इसलिए, दोनों कथन गलत हैं।

 

93. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :

(i) राजस्थान की समृद्ध लोक परंपराओं और ग्रामीण खेल विरासत को राष्ट्रीय ऊँट दौड़ चैंपियनशिप 2025 का प्रथम संस्करण जुलाई 2025 में पुष्कर में आयोलित किया गया।

 

(ii) यह आयोजन कैमलिड्स स्पोर्ट्स इंडिया फेडरेशन और राजस्थान ऊँट दौड़ संघ के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित किया गया था।

 
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(1) केवल (ii)
(2) (i) और (ii) दोनों
(3) न तो (i) और न ही (ii)
(4) केवल (i)
 
सही उत्तर है (2) (i) और (ii) दोनों 
 
स्पष्टीकरण
  • कथन (i) सही है: ‘राष्ट्रीय ऊँट दौड़ चैंपियनशिप 2025’ का प्रथम संस्करण 6 जुलाई, 2025 को राजस्थान के पुष्कर में आयोजित किया गया था। इस आयोजन का उद्देश्य राजस्थान की समृद्ध लोक परंपराओं और ग्रामीण खेल विरासत को राष्ट्रीय पहचान दिलाना था।
  • कथन (ii) सही है: यह आयोजन कैमलिड्स स्पोर्ट्स इंडिया फेडरेशन (Camelids Sports India Federation) और राजस्थान ऊँट दौड़ संघ (Rajasthan Camel Racing Association) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। 

राष्ट्रीय ऊँट दौड़ चैंपियनशिप मुख्य बातें :- 

  • तारीख: 6 जुलाई 2025 
     
  • स्थान: पुष्कर मैदान, राजस्थान 
     
  • आयोजक: कैमलिड्स स्पोर्ट्स इंडिया फेडरेशन और राजस्थान ऊंट दौड़ संघ 
     
  • प्रतिभागी: देशभर के 8 राज्यों से महिलाओं और पुरुषों ने भाग लिया 
     
  • महत्व: यह आयोजन राजस्थान के पारंपरिक खेलों के संरक्षण और पुनरुत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह विश्व प्रसिद्ध पुष्कर ऊँट मेले के भविष्य के आयोजनों की भूमिका भी तय करता है. 

94. प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती के उपलक्ष्य में 19वाँ राज्य स्तरीय सांख्यिकी दिवस कब और कहाँ मनाया गया ?

(1) 28 जून 2025, जोधपुर
(2) 29 जून 2025, जयपुर
(3) 30 जून 2025, उदयपुर
(4) 27 जून 2025, अजमेर
 
प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती के उपलक्ष्य में 19वां राज्य स्तरीय सांख्यिकी दिवस 29 जून 2025 को जयपुर में मनाया गया। 
 
स्थान : राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर।

अध्यक्षता : मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और संबोधित किया।

विषय : इस वर्ष का विषय “राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 75 वर्ष” था।

95. सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के सबसे वंचित वर्ग तक पहुँचना सुनिश्चित करने के लिए, 24 जून से 9 जुलाई 2025 तक पूरे राज्य में ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा मनाया गया। निम्नलिखित में से कौन सी गतिविधि इस पहल का हिस्सा नहीं थी?

 
(1) कर्मचारियों के मामलों का निपटारा
(2) मृदा स्वास्थ्य कार्ड निपटारा
(3) जल कनेक्शन
(4) पशु टीकाकरण

पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ समाज के सबसे गरीब और वंचित वर्गों तक पहुँचाना था। इस पहल में निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल थीं:

  • जल कनेक्शन: ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुँचाने के लिए नए जल कनेक्शन देना।

  • पशु टीकाकरण: पशुओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए पशुओं का टीकाकरण करना।

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड निपटारा: किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में जानकारी देना और उन्हें बेहतर खेती के तरीकों के बारे में सलाह देना, ताकि उनकी उपज और आय बढ़ सके।

  • कर्मचारियों के मामलों का निपटारा: यह गतिविधि इस पहल का हिस्सा नहीं थी। यह पखवाड़ा विशेष रूप से नागरिकों, विशेषकर वंचित वर्गों को लाभ पहुँचाने के लिए केंद्रित था। कर्मचारियों से संबंधित मामले, जैसे वेतन, पेंशन या पदोन्नति, इस अभियान के दायरे से बाहर थे।

इस प्रकार, कर्मचारियों के मामलों का निपटारा इस पहल का हिस्सा नहीं था।

 
96. “रामाश्रय वार्ड” के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
(i) 14 मार्च, 2024 से बुजुर्गों के स्वास्थ्य की उचित देखभाल और अस्पतालों में सम्मानजनक उपचार हेतु राज्य की जिला अस्पतालों में रामाश्रय वाडों का शुभारंभ किया गया।
(ii) रामाश्रय वार्डों में निजता सुनिश्चित करने के लिए पर्दे लगे दस फाउलर बेड (पुरुषों और महिलाओं के लिए पाँच-पाँच) आरक्षित किए गए हैं।
 
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(1) केवल (ii)
(2) (i) और (ii) दोनों
(3) न तो (i) और न ही (ii)
(4) केवल (i)

दिए गए कथनों में से दोनों (i) और (ii) सही नहीं हैं। इसलिए, सही विकल्प है (3) न तो (i) और न ही (ii)

  • कथन (i) गलत है: “रामाश्रय वार्ड” का शुभारंभ जिला अस्पतालों में नहीं, बल्कि सरकारी मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों में किया गया था। इसका उद्देश्य बुजुर्गों को बेहतर और सम्मानजनक उपचार प्रदान करना है।

  • कथन (ii) भी गलत है: रामाश्रय वार्डों में कुल 15 फाउलर बेड आरक्षित किए गए हैं, जिसमें दस पुरुषों के लिए और पाँच महिलाओं के लिए हैं, न कि दोनों के लिए पाँच-पाँच। ये बेड बुजुर्गों की निजता सुनिश्चित करने के लिए पर्दे से ढके होते हैं।

इस पहल के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य वरिष्ठ नागरिकों के प्रति स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को अधिक संवेदनशील और जवाबदेह बनाना है।

 

97. राजस्थान में स्थापित देश के पहले राजकीय बालिक सैनिक स्कूल का नाम निम्नलिखित में से किसके नाम पर रखा गया है ?

(1) रामीदेवी रामनारायण राठी
(2) करणी माता
(3) माँ जालपा देवी
(4) रामेतीदेवी जगदीश डाटा
 
राजस्थान में स्थापित देश के पहले राजकीय बालिका सैनिक स्कूल का नाम रामीदेवी रामनारायण राठी के नाम पर रखा गया है। 
 
अतिरिक्त जानकारी :-
  • यह बालिका सैनिक स्कूल बीकानेर के जयमलसर में स्थित है।
  • इसका लोकार्पण जुलाई 2025 में हुआ था।
  • स्कूल की स्थापना के लिए पूनमचंद राठी ने अपनी माता-पिता स्व. रामीदेवी और रामनारायण राठी की स्मृति में 108 करोड़ रुपये की भूमि और भवन दान किया है। 
 

98. 1 जुलाई से 10 जुलाई 2025 तक देहरादून में आयोजित इंडिया ओपन कॉम्पिटिशन एनआर इवेंट्स 2025 में राजस्थान के सुखमन सिंह ने किस वर्ग में द्वितीय स्थान प्राप्त किया?

 
(1) 50 मीटर राइफल (सीनियर)
(2) 10 मीटर एयर पिस्टल (डेफ मेन इन्डिविजुअल)
(3) 10 मीटर एयर राइफल (सब-जूनियर)
(4) 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल (जूनियर)
 
1 जुलाई से 10 जुलाई 2025 तक देहरादून में आयोजित इंडिया ओपन कॉम्पिटिशन एनआर इवेंट्स 2025 में राजस्थान के सुखमन सिंह ने 10 मीटर एयर पिस्टल (डेफ मेन इंडिविजुअल) वर्ग में द्वितीय स्थान प्राप्त किया था। 
 
यह प्रतियोगिता देहरादून में आयोजित हुई थी, जिसमें जयपुर के सुखमन सिंह ने पैरा शूटिंग में रजत पदक जीता था।

99. जून 2025 में सहकारिता विभाग राजस्थान द्वारा निम्नलिखित शहरों में से किसमें पहली बाइक ऑन रेंट सेवा “को-ऑप राइड” का शुभारंभ किया गया?

(1) जोधपुर
(2) अजमेर
(3) उदयपुर
(4) जयपुर
जून 2025 में सहकारिता विभाग राजस्थान द्वारा पहली बाइक ऑन रेंट सेवा “को-ऑप राइड” का शुभारंभ उदयपुर में किया गया था। 
 
अतिरिक्त जानकारी
  • इसका शुभारंभ सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने 28 जून 2025 को किया था।
  • यह सेवा सहकारी क्षेत्र के माध्यम से पर्यटकों, छात्रों और दैनिक यात्रियों को किफायती और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन विकल्प प्रदान करती है। 

100. गुर्जर समाज सहित अति पिछड़ा वर्ग (एम बी सी) की माँगों की समीक्षा करने के लिए जून 2025 में गठित तीन सदस्यीय कैबिनेट सम्मिलित नहीं है?

(1) श्री जवाहर सिंह बेढम
(2) श्री अविनाश गहलोत
(3) श्री जोराराम कुमावत
(4) श्री जोगाराम पटेल
 
जून 2025 में गुर्जर समाज सहित अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) की मांगों की समीक्षा करने के लिए गठित तीन सदस्यीय कैबिनेट समिति में श्री जोराराम कुमावत शामिल नहीं थे। 
 
यह समिति 30 जून 2025 को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर गठित की गई थी। 
 
इस तीन सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी के सदस्य थे :- 
  • श्री जोगाराम पटेल (अध्यक्ष, संसदीय कार्य मंत्री)
  • श्री अविनाश गहलोत (सदस्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री)
  • श्री जवाहर सिंह बेढम (सदस्य, गृह राज्य मंत्री)
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