Psychology Mock Test – 08 अधिगम

Psychology Mock Test – 08

1) अधिगम का सर्वाधिक उपयुक्त अर्थ है ?

(A) कौशल अर्जन 

(B) ज्ञानार्जन 

(C) व्यवहार परिमार्जन 

(D) समायोजन 

अधिगम का सर्वाधिक उपयुक्त अर्थ है:

(C) व्यवहार परिमार्जन

व्याख्या:

मनोविज्ञान में, अधिगम (Learning) को अनुभव या अभ्यास के परिणामस्वरूप व्यवहार में अपेक्षाकृत स्थायी परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया जाता है।

  • (A) कौशल अर्जन (Skill Acquisition) और (B) ज्ञानार्जन (Knowledge Acquisition) दोनों ही अधिगम के उदाहरण या परिणाम हैं।

  • (D) समायोजन (Adjustment) एक प्रक्रिया है जो अधिगम के माध्यम से प्राप्त होती है, लेकिन यह अधिगम की परिभाषा नहीं है।

अत: व्यवहार परिमार्जन (Modification of behavior) अधिगम की प्रक्रिया का सबसे व्यापक और सटीक वर्णन करता है।

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2) “अधिगम, अनुभव और प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप व्यवहार में परिवर्तन है |” यह कथन किसके द्वारा दिया गया ? 

(A) गेट्स व अन्य 

(B) मॉर्गन 

(C) स्किनर 

(D) क्रोनबैक 

“अधिगम, अनुभव और प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप व्यवहार में परिवर्तन है |” यह कथन (A) गेट्स व अन्य (Gates and Others) द्वारा दिया गया था।

यह परिभाषा अधिगम के व्यावहारिक (Behavioural) और प्रयोजनमूलक (Purposive) पहलुओं पर ज़ोर देती है, यह बताती है कि अधिगम केवल अभ्यास से नहीं, बल्कि अनुभव (Experience) और प्रशिक्षण (Training) के संगठित प्रयास से होता है।

अन्य विकल्प गलत क्यों हैं:
  • (B) मॉर्गन: मॉर्गन ने अधिगम की यह परिभाषा नहीं दी।
  • (C) स्किनर: बी.एफ. स्किनर के अनुसार, “अधिगम व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की एक प्रक्रिया है।”
  • (D) क्रोनबैक: क्रोनबैक ने अधिगम को अनुभव के परिणामस्वरूप व्यवहार में परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया है।

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3) अधिगम का शिक्षा में योगदान है ? 

(A) व्यवहार परिवर्तन में 

(B) नवीन अनुभव प्राप्त करने में 

(C) समायोजन में 

(D) उपर्युक्त सभी में 

अधिगम का शिक्षा में योगदान उपर्युक्त सभी में है।

(D) उपर्युक्त सभी में

व्याख्या:

अधिगम (Learning) शिक्षा की नींव है और इसका योगदान निम्नलिखित सभी पहलुओं में होता है:

  1. व्यवहार परिवर्तन में (In behavior modification): अधिगम का केंद्रीय उद्देश्य ही अनुभव या अभ्यास के परिणामस्वरूप व्यवहार में वांछित और अपेक्षाकृत स्थायी परिवर्तन (Modification) लाना है। शिक्षा इसी परिवर्तन को सुनिश्चित करती है।

  2. नवीन अनुभव प्राप्त करने में (In gaining new experiences): शिक्षा एक ऐसा मंच प्रदान करती है जहाँ शिक्षार्थी नए ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए नवीन अनुभव (New Experiences) प्राप्त करते हैं, जो अधिगम की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।

  3. समायोजन में (In adjustment): अधिगम व्यक्ति को अपने आंतरिक और बाहरी वातावरण के साथ सफलतापूर्वक समायोजित (Adjust) करने में मदद करता है। सीखी गई बातें जीवन की चुनौतियों, सामाजिक अपेक्षाओं और बदलती परिस्थितियों के अनुकूल बनने की क्षमता देती हैं।

अतः, अधिगम इन तीनों ही तरीकों से शिक्षा के लक्ष्यों को पूरा करता है।

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5) सीखना है ? 

(A) नये अनुभव ग्रहण करना 

(B) व्यक्तिगत व सामाजिक दोनों 

(C) सम्पूर्ण जीवन चलता है 

(D) उपर्युक्त सभी |

सीखना (अधिगम) है:

(D) उपर्युक्त सभी

व्याख्या:

अधिगम एक बहुआयामी और व्यापक प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत तीनों विकल्प शामिल हैं:

  1. (A) नये अनुभव ग्रहण करना: सीखना अनिवार्य रूप से नए अनुभवों को आत्मसात करने की प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से हम ज्ञान और कौशल प्राप्त करते हैं।

  2. (B) व्यक्तिगत व सामाजिक दोनों: सीखना व्यक्तिगत (जैसे कोई निजी कौशल सीखना) भी होता है और सामाजिक (जैसे समूह में सहयोग या सांस्कृतिक नियम सीखना) भी, क्योंकि हम समाज और दूसरों के साथ अंतःक्रिया से भी सीखते हैं।

  3. (C) सम्पूर्ण जीवन चलता है: अधिगम एक जीवन पर्यंत चलने वाली (Lifelong) प्रक्रिया है। यह जन्म से लेकर मृत्यु तक चलता रहता है, जिसे ‘आजीवन सीखना’ (Lifelong Learning) भी कहा जाता है।

इसलिए, अधिगम की प्रकृति इन सभी विशेषताओं को समाहित करती है।

6) “नवीन ज्ञान तथा नवीन प्रतिक्रियाओं को अर्जन करने की प्रक्रिया अधिगम प्रक्रिया है |” यह कथन है –

(A) थार्नडाइक का 

(B) वुडवर्थ का 

(C) गैने का 

(D) हल का 

“नवीन ज्ञान तथा नवीन प्रतिक्रियाओं को अर्जन करने की प्रक्रिया अधिगम प्रक्रिया है |” यह कथन (B) वुडवर्थ का है।

व्याख्या:

मनोवैज्ञानिक आर. एस. वुडवर्थ (R. S. Woodworth) ने अधिगम (Learning) को ज्ञान और प्रतिक्रियाओं (Responses) के अर्जन (Acquisition) पर जोर देते हुए परिभाषित किया। यह परिभाषा इस बात को उजागर करती है कि अधिगम एक सक्रिय प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने व्यवहार repertoire में नई चीजें जोड़ता है।

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7) निम्नलिखित में से सिखने से सम्बन्धित कौन सा तथ्य सही नही है – 

(A) सीखना व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में सहायक है |

(B) सीखना व्यवहार में परिवर्तन है |

(C) सीखना केवल विद्यालय में होता है |

(D) एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है | 

सीखने से सम्बन्धित जो तथ्य सही नहीं है, वह है:

(C) सीखना केवल विद्यालय में होता है |


व्याख्या
  • (A) सीखना व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में सहायक है: यह सही है। अधिगम (सीखना) संज्ञानात्मक, भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक सभी पहलुओं के विकास में मदद करता है।

  • (B) सीखना व्यवहार में परिवर्तन है: यह सही है और अधिगम की सबसे सामान्य और स्वीकृत मनोवैज्ञानिक परिभाषा है (अनुभव और अभ्यास के परिणामस्वरूप व्यवहार में अपेक्षाकृत स्थायी परिवर्तन)।

  • (C) सीखना केवल विद्यालय में होता है: यह गलत है। सीखना एक जीवन-पर्यन्त (Lifelong) चलने वाली प्रक्रिया है। यह घर, समाज, खेल के मैदान, कार्यस्थल और जीवन की हर परिस्थिति में होती है। विद्यालय सीखने का एक औपचारिक स्थान है, एकमात्र स्थान नहीं।

  • (D) एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है: यह सही है। सीखना सभी जीवों (मानव और पशु) और सभी स्थानों पर समान रूप से होता है।

8) सीखने की वह अवधि, जब सीखने की प्रक्रिया में कोई उन्नति नहीं होती, कहलाती है ?

(A) कमजोरी 

(B) सीखने का पठार 

(C) स्मृति 

(D) अवधान 

सीखने की वह अवधि, जब सीखने की प्रक्रिया में कोई उन्नति नहीं होती, सीखने का पठार कहलाती है।

(B) सीखने का पठार (Plateau of Learning)


व्याख्या

सीखने का पठार (Plateau of Learning) सीखने की प्रक्रिया में बनने वाले वक्र (Learning Curve) का वह हिस्सा है जहाँ सीखने की गति लगभग शून्य हो जाती है। दूसरे शब्दों में, व्यक्ति प्रयास तो करता रहता है, लेकिन उसके प्रदर्शन में कोई स्पष्ट उन्नति या सुधार दिखाई नहीं देता है।

यह आमतौर पर निम्न कारणों से होता है:

  • अभ्यास में नीरसता (Monotony of practice)

  • सीखने की गलत विधि (Wrong method of learning)

  • शारीरिक थकान या बीमारी (Physical fatigue or illness)

  • सीखने की सीमा तक पहुँचना (Reaching the limit of the ability)

यह एक अस्थायी अवस्था होती है और उचित प्रेरणा या विधि में बदलाव से इस पर काबू पाया जा सकता है।

9) अधिगम वक्र के पठार बनते है – 

(A) परिपक्वता के कारण 

(B) अभिप्रेरणा के कारण 

(C) थकान के कारण 

(D) अभिरुचि के कारण 

अधिगम वक्र के पठार बनने का एक मुख्य कारण (C) थकान के कारण है।


 

अधिगम पठार के मुख्य कारण

 

सीखने का पठार (Plateau of Learning) अधिगम वक्र में वह अवस्था है जहाँ प्रगति रुक जाती है या बहुत धीमी हो जाती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक विकल्प में दिया गया है:

  1. थकान (Fatigue): शारीरिक या मानसिक थकान होने पर व्यक्ति का ध्यान और ऊर्जा कम हो जाती है, जिससे सीखने की प्रक्रिया में कोई सुधार नहीं हो पाता और पठार बन जाता है।

  2. अभ्यास में नीरसता (Monotony of Practice): यदि सीखने की सामग्री या विधि बहुत उबाऊ या नीरस हो जाती है, तो भी रुचि खत्म हो जाती है और प्रगति रुक जाती है।

  3. प्रेरणा की कमी (Lack of Motivation): यदि शिक्षार्थी में सीखने की इच्छा या अभिप्रेरणा कम हो जाए, तो वह प्रयास करना बंद कर देता है।

  4. सीखने की गलत विधि (Wrong Method of Learning): यदि कोई व्यक्ति किसी कौशल को सीखने के लिए त्रुटिपूर्ण विधि का उपयोग कर रहा है, तो एक निश्चित सीमा के बाद वह आगे नहीं बढ़ पाता।

  5. क्षमता की सीमा (Limit of Capacity): किसी कौशल या ज्ञान के एक विशेष स्तर तक पहुँच जाने पर भी पठार बन सकता है, जब तक कि उच्च स्तर पर जाने के लिए नई विधियाँ न अपनाई जाएँ।

जबकि परिपक्वता (A), अभिप्रेरणा (B), और अभिरुचि (D) आम तौर पर अधिगम को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं और पठार को तोड़ने में मदद करते हैं, थकान (C) सीधे तौर पर प्रगति को अवरुद्ध करके पठार का निर्माण करती है।

10) सीखने के वक्र किसके सूचक है |

(A) सीखने की प्रगति के सूचक है |

(B) सीखने की मौलिकता का सूचक है |

(C) सीखने के गत्यात्मक स्वरूप के सूचक है |

(D) सीखने की रचनात्मकता के सूचक है |

सीखने के वक्र (A) सीखने की प्रगति के सूचक है


व्याख्या

सीखने का वक्र (Learning Curve) एक ग्राफिकल निरूपण (Graphical Representation) है जो अभ्यास की मात्रा (क्षैतिज अक्ष/X-axis) के साथ सीखने की मात्रा या दर (Progress) (ऊर्ध्वाधर अक्ष/Y-axis) में हुए परिवर्तनों को दर्शाता है।

संक्षेप में:

  • यह बताता है कि समय के साथ या अधिक प्रयास करने पर प्रगति (Progress) कितनी तेजी से हो रही है, कितनी धीमी हो रही है, या कहाँ रुक गई है।

  • विकल्प (B), (C), और (D) (मौलिकता, गत्यात्मक स्वरूप, रचनात्मकता) सीखने की प्रक्रिया के पहलू हैं, लेकिन वक्र का मुख्य और प्रत्यक्ष कार्य प्रदर्शन या प्रगति को मापना है।

इसलिए, सबसे सटीक उत्तर सीखने की प्रगति के सूचक हैं।

11) अधिगम का पठार बनने का कारण है ? 

(A) विषयवस्तु की जटिलता 

(B) थकान 

(C) सीखने की इच्छा 

(D) उपर्युक्त सभी 

अधिगम का पठार बनने का कारण उपर्युक्त सभी है।

(D) उपर्युक्त सभी


व्याख्या

अधिगम का पठार (Plateau of Learning) वह अवस्था है जहाँ सीखने की प्रक्रिया में प्रगति अस्थायी रूप से रुक जाती है या बहुत धीमी हो जाती है। इसके बनने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  1. (A) विषयवस्तु की जटिलता (Complexity of Subject Matter): जब सीखने की सामग्री एक विशेष स्तर पर बहुत अधिक कठिन या जटिल हो जाती है, तो शिक्षार्थी को उसे समझने और आत्मसात करने में कठिनाई होती है, जिससे प्रगति रुक जाती है।

  2. (B) थकान (Fatigue): शारीरिक या मानसिक थकान के कारण ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और प्रेरणा कम हो जाती है, जिससे आगे सीखने के प्रयास व्यर्थ जाते हैं और पठार बन जाता है।

  3. (C) सीखने की इच्छा (Will to Learn): यदि शिक्षार्थी की अभिप्रेरणा (Motivation) या इच्छा कम हो जाती है, या उसे सीखने की विधि नीरस लगने लगती है, तो वह प्रयास करना बंद कर देता है, और प्रगति रुकने से पठार बन जाता है।

ये सभी कारक अधिगम की गति को धीमा या अवरुद्ध कर सकते हैं, जिससे सीखने के वक्र में पठार का निर्माण होता है।

12) जब एक बालक प्रारम्भ में तेजी के साथ सीखता है फिर उसका सीखना मंद हो जाता है, इससे कौन – सा अधिगम वक्र बनता है – 

(A) धनात्मक अधिगम वक्र 

(B) नकारात्मक अधिगम वक्र 

(C) सरल रेखीय अधिगम वक्र 

(D) S या U आकार अधिगम वक्र

जब एक बालक प्रारम्भ में तेजी के साथ सीखता है फिर उसका सीखना मंद हो जाता है, इससे (B) नकारात्मक अधिगम वक्र बनता है।


व्याख्या

सीखने के वक्र (Learning Curves) प्रगति को दर्शाते हैं:

  • नकारात्मक अधिगम वक्र (Negative/Concave Curve): इस वक्र में, शुरुआत में सीखने की गति तेज (उन्नतोदर/Concave) होती है, लेकिन जैसे-जैसे अभ्यास बढ़ता है, प्रगति की दर धीरे-धीरे कम होती जाती है। इसे ह्रासमान प्रतिफल वक्र (Curve of Diminishing Returns) भी कहते हैं।

  • धनात्मक अधिगम वक्र (Positive/Convex Curve): इसमें शुरुआत में सीखने की गति धीमी होती है, और फिर तेजी से बढ़ती है।

  • सरल रेखीय अधिगम वक्र (Straight Line Curve): इसमें सीखने की गति स्थिर रहती है।

  • S या U आकार अधिगम वक्र (S-shaped/Sigmoid Curve): इसमें सीखने की गति धीमी शुरू होती है, फिर बढ़ती है, और अंत में फिर से धीमी हो जाती है (वास्तविक जीवन में सबसे सामान्य वक्र)।

दिए गए विवरण (“प्रारम्भ में तेजी, फिर मंद”) के अनुसार, यह नकारात्मक अधिगम वक्र की विशेषता है।

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