Rajasthan Police SI Hindi Mock Test – 01
1. किस शब्द में उपसर्ग और प्रत्यय दोनों प्रयुक्त हुए हैं?
सही उत्तर है (d) आधिपत्य।
इस शब्द में उपसर्ग और प्रत्यय दोनों प्रयुक्त हुए हैं।
🧐 शब्द संरचना
| शब्द | उपसर्ग (Prefix) | मूल शब्द (Root Word) | प्रत्यय (Suffix) |
| आधिपत्य | आधि- | पति | -य |
-
उपसर्ग: आधि-
-
मूल शब्द: पति (अर्थात स्वामी, मालिक)
-
प्रत्यय: -य
आधिपति शब्द का अर्थ होता है स्वामी या शासक, और जब इसमें -य प्रत्यय जुड़ता है तो यह भाववाचक संज्ञा बन जाता है: आधिपत्य (अर्थात स्वामित्व, शासन, प्रभुत्व)।
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| विकल्प | उपसर्ग/प्रत्यय | विश्लेषण |
| (a) विद्वता | प्रत्यय | विद्वत् (मूल शब्द) + -ता (प्रत्यय)। (उपसर्ग नहीं है)। |
| (b) कुसुमित | प्रत्यय | कुसुम (मूल शब्द) + -इत (प्रत्यय)। (उपसर्ग नहीं है)। |
| (c) आर्थिक | प्रत्यय | अर्थ (मूल शब्द) + -इक (प्रत्यय)। (उपसर्ग नहीं है)। |
केवल (d) आधिपत्य में ही उपसर्ग और प्रत्यय दोनों का प्रयोग हुआ है।
2. किस शब्द में दो प्रत्ययों का प्रयोग हुआ है?
सही उत्तर है (a) मानवता।
इस शब्द में दो प्रत्ययों का प्रयोग हुआ है।
🧐 शब्द विन्यास (Two Suffixes)
मानवता शब्द का विग्रह इस प्रकार है:
-
मूल शब्द: मनु (मूलतः संस्कृत शब्द जिसका अर्थ है ‘मनुष्य’ या ‘मानव’)
-
पहला प्रत्यय: -अ (मनु + अ → मानव): यहाँ ‘अ’ प्रत्यय जुड़कर संज्ञा ‘मानव’ बनाता है और साथ ही मूल शब्द ‘मनु’ के पहले स्वर ‘उ’ का दीर्घीकरण होकर ‘आ’ हो जाता है।
-
दूसरा प्रत्यय: -ता (मानव + ता → मानवता): यह भाववाचक संज्ञा बनाने वाला प्रत्यय है।
यानी: मनु (मूल) + अ (प्रत्यय 1) = मानव; और मानव + ता (प्रत्यय 2) = मानवता
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
अन्य विकल्पों में केवल एक ही प्रत्यय का प्रयोग हुआ है:
| विकल्प | मूल शब्द | प्रत्यय | संरचना |
| (b) विवशता | विवश (उपसर्ग रहित मूल शब्द वश) | -ता | विवश + ता |
| (c) सुन्दरता | सुन्दर | -ता | सुन्दर + ता |
| (d) मित्रता | मित्र | -ता | मित्र + ता |
निष्कर्ष: ‘मानवता’ एकमात्र ऐसा शब्द है जहाँ ‘मनु’ से ‘मानव’ बनने में एक प्रत्यय और फिर ‘मानव’ से ‘मानवता’ बनने में दूसरा प्रत्यय लगा है।
3. ‘ईय’ प्रत्यय से रहित शब्द है :
सही उत्तर है (c) माननीय।
‘माननीय’ शब्द में ‘ईय‘ प्रत्यय का प्रयोग नहीं हुआ है।
🧐 प्रत्यय विन्यास (Suffix Analysis)
| विकल्प | शब्द विच्छेद | प्रत्यय | संरचना |
| (a) राष्ट्रीय | राष्ट्र + ईय | ईय | (राष्ट्र के साथ ‘ईय’ जुड़कर ‘राष्ट्रिय’ बना, और फिर नियमानुसार ‘र’ या ‘ष’ के कारण ‘न’ का ‘ण’ हुआ।) |
| (b) भवदीय | भवत् (आप) + ईय | ईय | (भव के साथ ‘ईय’ जुड़कर बना) |
| (c) माननीय | मान + अनीय | अनीय | (मान (धातु) + अनीय प्रत्यय, जिसका अर्थ है ‘मानने योग्य’) |
| (d) भारतीय | भारत + ईय | ईय | (भारत के साथ ‘ईय’ जुड़कर बना) |
निष्कर्ष: ‘माननीय’ शब्द में ‘अनीय‘ प्रत्यय है (जो ‘योग्य’ अर्थ देता है), जबकि अन्य तीनों शब्दों में ‘ईय‘ प्रत्यय है।
4. किस शब्द में ‘दान’ प्रत्यय प्रयुक्त नहीं हुआ है?
सही उत्तर है (c) खानदान।
‘खानदान’ शब्द में ‘दान’ प्रत्यय के रूप में प्रयुक्त नहीं हुआ है। यह एक फ़ारसी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ वंश या कुल होता है।
🧐 शब्द संरचना का विश्लेषण
| शब्द | विच्छेद | ‘दान’ का अर्थ | प्रत्यय/मूल शब्द |
| (a) इत्रदान | इत्र + दान | पात्र या रखने का स्थान | प्रत्यय |
| (b) रक्तदान | रक्त + दान | देने का कार्य | प्रत्यय |
| (c) खानदान | खान + दान | कुल या वंश (फ़ारसी) | यह पूरा शब्द ही मूल है |
| (d) कलमदान | कलम + दान | पात्र या रखने का स्थान | प्रत्यय |
💡 मुख्य अंतर
-
‘इत्रदान’ और ‘कलमदान’ में ‘दान’ का अर्थ ‘पात्र’ या ‘धारक’ (container) होता है।
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‘रक्तदान’ में ‘दान’ का अर्थ ‘देना’ (giving) होता है।
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‘खानदान’ (फ़ारसी: khāndān) एक संयुक्त शब्द है जहाँ ‘दान’ किसी प्रत्यय की तरह जुड़ा हुआ नहीं है। इसका शाब्दिक अर्थ ‘घर’ या ‘कुल’ होता है, जो इसे प्रत्यय वाले शब्दों से अलग करता है।
5. किस शब्द में ‘प्र’ उपसर्ग प्रयुक्त नहीं हुआ है?
सही उत्तर है (b) प्रत्यूष।
‘प्रत्यूष’ शब्द में ‘प्रति’ उपसर्ग का प्रयोग हुआ है, ‘प्र’ का नहीं।
🧐 उपसर्ग का विश्लेषण
| विकल्प | शब्द विच्छेद | उपसर्ग | मूल शब्द | कारण |
| (a) प्रकृति | प्र + कृति | प्र | कृति | ‘प्र’ (विशेष, अधिक) उपसर्ग है। |
| (b) प्रत्यूष | प्रति + ऊष | प्रति | ऊष (सवेरा) | यहाँ यण संधि हुई है: ‘प्रति’ के इ + ‘ऊष’ के ऊ → यू। |
| (c) प्रज्वलित | प्र + ज्वलित | प्र | ज्वलित | ‘प्र’ (अधिकता, आगे) उपसर्ग है। |
| (d) प्रख्यात | प्र + ख्यात | प्र | ख्यात | ‘प्र’ (विशेष रूप से) उपसर्ग है। |
निष्कर्ष: ‘प्रत्यूष’ में प्रति उपसर्ग है, जिसका अर्थ सामने या प्रत्येक होता है।
6. किस विकल्प में सभी शब्द तत्सम हैं?
सही उत्तर है (d) मस्तक, श्वास।
इस विकल्प के दोनों शब्द तत्सम हैं (अर्थात वे संस्कृत के मूल शब्द हैं जिनका हिंदी में ज्यों का त्यों प्रयोग होता है)।
🧐 विकल्पों का विश्लेषण
| विकल्प | शब्द | शब्द प्रकार | तद्भव/तत्सम रूप |
| (a) | छिद्र | तत्सम | तद्भव: छेद |
| सौ | तद्भव | तत्सम: शत | |
| (b) | सच | तद्भव | तत्सम: सत्य |
| ग्राम | तत्सम | तद्भव: गाँव | |
| (c) | आधा | तद्भव | तत्सम: अर्ध |
| काम | तद्भव | तत्सम: कर्म | |
| (d) | मस्तक | तत्सम | तद्भव: माथा |
| श्वास | तत्सम | तद्भव: साँस |
निष्कर्ष: केवल विकल्प (d) में दिए गए दोनों शब्द (मस्तक और श्वास) तत्सम हैं।
7. निम्नलिखित में तद्भव शब्द है :
सही उत्तर है (a) माँ।
‘माँ’ शब्द तद्भव है।
🧐 शब्द विश्लेषण
| शब्द | शब्द का प्रकार | तत्सम रूप (संस्कृत मूल) |
| (a) माँ | तद्भव | मातृ (या माता) |
| (b) मुख्य | तत्सम | मुख्य |
| (c) मनुष्य | तत्सम | मनुष्य |
| (d) वानर | तत्सम | वानर |
तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से हिंदी में आते-आते रूप बदल लेते हैं। ‘माँ’ शब्द ‘मातृ’ या ‘माता’ का परिवर्तित रूप है।
8. कौन-सा शब्द तद्भव नहीं है?
सही उत्तर है (b) कुक्कुर।
‘कुक्कुर’ शब्द तत्सम है, तद्भव नहीं।
🐶 शब्द विश्लेषण
| शब्द | शब्द का प्रकार | मूल संस्कृत/परिवर्तित रूप |
| (a) भंडार | तद्भव | तत्सम रूप: भांडागार |
| (b) कुक्कुर | तत्सम | तद्भव रूप: कुत्ता |
| (c) घर | तद्भव | तत्सम रूप: गृह |
| (d) कंगन | तद्भव | तत्सम रूप: कंकण |
निष्कर्ष: ‘कुक्कुर’ सीधा संस्कृत से लिया गया शब्द है, इसलिए यह तत्सम है। बाकी तीनों शब्द संस्कृत से परिवर्तित होकर बने हैं, इसलिए वे तद्भव हैं।
9. निम्नलिखित में देशज शब्द है :
सही उत्तर है (d) चमगादड़।
‘चमगादड़’ शब्द एक देशज शब्द है।
🌎 शब्द विश्लेषण
देशज शब्द वे होते हैं जिनकी उत्पत्ति का स्रोत संस्कृत या किसी विदेशी भाषा में नहीं मिलता। ये शब्द भारत की स्थानीय बोलियों या भाषाओं से उत्पन्न हुए हैं और आवश्यकतानुसार हिंदी में शामिल हो गए हैं।
| शब्द | शब्द का प्रकार | टिप्पणी |
| (a) नुक्कड़ | विदेशी (फ़ारसी) | फ़ारसी शब्द nukkar (कोना, किनारा) से आया है। |
| (b) लंगोट | देशज | इसकी उत्पत्ति अज्ञात है, इसलिए इसे देशज माना जाता है। |
| (c) मखौल | विदेशी (अरबी) | अरबी शब्द makhūl (हँसी, ठट्ठा) से आया है। |
| (d) चमगादड़ | देशज | यह शब्द स्थानीय बोलियों में स्वयं बना है, इसलिए इसे देशज माना जाता है। |
नोट: ‘लंगोट’ और ‘चमगादड़’ दोनों को देशज माना जाता है। हालाँकि, इन विकल्पों में, चमगादड़ एक स्पष्ट और सामान्य रूप से स्वीकृत देशज शब्द है। चूंकि प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर एक से अधिक देशज शब्द वाले विकल्प भी सही हो सकते हैं, लेकिन यदि एक ही विकल्प चुनना हो, तो ‘चमगादड़’ और ‘लंगोट’ दोनों ही देशज की श्रेणी में आते हैं। परंपरागत रूप से, ‘चमगादड़’ एक बहुत ही विशिष्ट देशज शब्द का उदाहरण है, और ‘लंगोट’ को भी अक्सर इसी श्रेणी में रखा जाता है। यदि आपको एक ही उत्तर चुनना है और प्रश्न के संदर्भ में ‘चमगादड़’ दिया गया है, तो यह निश्चित रूप से देशज है।
परंपरागत रूप से, यदि एक से अधिक देशज शब्द दिए हों, तो सबसे अधिक ‘स्थानीय’ ध्वनि वाला शब्द चुना जाता है। यहाँ, (b) लंगोट भी एक देशज शब्द है। लेकिन, सबसे सुदृढ़ उदाहरण के रूप में (d) चमगादड़ को लेते हैं।
10. किस विकल्प में सभी शब्द विदेशी मूल के हैं?
सही उत्तर है (a) मसाला, नमक।
इस विकल्प के दोनों शब्द विदेशी मूल के हैं।
🌎 शब्दों का विश्लेषण
| विकल्प | शब्द | मूल भाषा | टिप्पणी |
| (a) | मसाला | अरबी | यह अरबी शब्द maṣāliḥ से आया है। |
| नमक | फ़ारसी | यह फ़ारसी शब्द namak से आया है। | |
| — | — | — | — |
| (b) | आज | तद्भव | तत्सम रूप: अद्य (संस्कृत) |
| चेहरा | फ़ारसी | यह फ़ारसी शब्द chihra से आया है। | |
| — | — | — | — |
| (c) | कबूतर | फ़ारसी | यह फ़ारसी शब्द kabūtar से आया है। |
| आसरा | तद्भव | तत्सम रूप: आश्रय (संस्कृत) | |
| — | — | — | — |
| (d) | लालच | तद्भव/देशज | इसकी उत्पत्ति विवादित है; इसे अक्सर तद्भव (तत्सम: लालसा) या देशज माना जाता है। |
| कमरा | पुर्तगाली | यह पुर्तगाली शब्द câmara से आया है। |
निष्कर्ष: केवल विकल्प (a) में दिए गए दोनों शब्द (मसाला और नमक) विदेशी भाषाओं (अरबी और फ़ारसी) से आए हैं।
11. निम्नलिखित में तत्सम शब्द है:
सही उत्तर है (d) कुटुंब।
‘कुटुंब’ शब्द तत्सम है (संस्कृत से सीधा आया हुआ शब्द)।
🧐 शब्द विश्लेषण
| शब्द | शब्द का प्रकार | मूल संस्कृत/परिवर्तित रूप |
| (a) संजोग | तद्भव | तत्सम रूप: संयोग |
| (b) महीना | तद्भव | तत्सम रूप: मास |
| (c) पड़ोसी | तद्भव | तत्सम रूप: प्रतिवेशी (या प्रतिवासी) |
| (d) कुटुंब | तत्सम | तद्भव रूप: कुटुम्ब/कुटुम (या कुनबा) |
निष्कर्ष: दिए गए विकल्पों में, केवल ‘कुटुंब’ ही अपने मूल तत्सम रूप में प्रयुक्त हुआ है।
12. किस वाक्य में व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयुक्त हुई है?
सही उत्तर है (d) देश को नटवरलालों ने तरह-तरह से ठगा है।
🧐 कारण और विश्लेषण
इस वाक्य में ‘नटवरलाल’ मूल रूप से एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है (किसी व्यक्ति का नाम)।
-
लेकिन जब इसका प्रयोग बहुवचन में ‘नटवरलालों’ के रूप में किया जाता है, तो यह किसी एक व्यक्ति का बोध न कराकर उस व्यक्ति के गुणों (धोखेबाज, ठग) को धारण करने वाले समूह या जाति का बोध कराती है।
-
यहां ‘नटवरलालों’ का अर्थ है: ‘धोखा देने वाले लोग’ (ठगों की जाति)।
यह नियम है कि जब कोई व्यक्तिवाचक संज्ञा किसी विशेष गुण का प्रतिनिधित्व करने लगती है और उसका प्रयोग बहुवचन में होता है, तो वह जातिवाचक संज्ञा बन जाती है।
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
-
(a) हमें बुराइयों से दूर रहना चाहिए।
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‘बुराइयाँ’ भाववाचक संज्ञा है, जो बहुवचन में प्रयुक्त होकर जातिवाचक (बुराई के प्रकार) बन गई है। यह व्यक्तिवाचक से जातिवाचक बनने का उदाहरण नहीं है।
-
-
(b) भाषा की भिन्नताओं के बावजूद देशवासी अभिन्न हैं।
-
‘देशवासी’ एक जातिवाचक संज्ञा है।
-
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(c) लौह पुरुष के दृढ़ संकल्प ने देश को एक सूत्र में बाँधा।
-
‘लौह पुरुष’ एक उपलब्धि/पदनाम है जो यहाँ व्यक्तिवाचक संज्ञा (सरदार पटेल) के लिए प्रयुक्त हुआ है। यह व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक के रूप में प्रयोग नहीं है।
-
13. अनिश्चयवाचक सर्वनाम से युक्त वाक्य है :
सही उत्तर है (b) वह कुछ खा रहा है।
🤔 अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)
अनिश्चयवाचक सर्वनाम वे होते हैं जो किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध नहीं कराते हैं। हिंदी में इसके मुख्य उदाहरण हैं: कोई (प्राणी के लिए) और कुछ (वस्तु के लिए)।
-
वाक्य (b): वह कुछ खा रहा है।
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यहां ‘कुछ’ सर्वनाम है। यह निश्चित नहीं कर रहा है कि वह क्या खा रहा है (रोटी, फल, बिस्किट, आदि)। अतः यह अनिश्चयवाचक सर्वनाम है।
-
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| विकल्प | सर्वनाम | सर्वनाम का प्रकार | कारण |
| (a) | यह | निश्चयवाचक (या संकेतवाचक) | ‘यह’ निश्चित रूप से पुस्तक की ओर संकेत कर रहा है। |
| (c) | कौन | प्रश्नवाचक | ‘कौन’ कर्ता के विषय में प्रश्न पूछ रहा है। |
| (d) | जो, सो | संबंधवाचक | ‘जो’ और ‘सो’ दो उपवाक्यों को जोड़कर संबंध स्थापित कर रहे हैं। |
14. किस वाक्य में पुरुषवाचक सर्वनाम नहीं है?
सही उत्तर है (a) सामान कौन लाएगा?
इस वाक्य में पुरुषवाचक सर्वनाम नहीं है, बल्कि प्रश्नवाचक सर्वनाम का प्रयोग हुआ है।
🧍 पुरुषवाचक सर्वनाम का विश्लेषण
पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronouns) वक्ता, श्रोता या किसी अन्य व्यक्ति के लिए प्रयोग किए जाते हैं। ये तीन प्रकार के होते हैं:
-
उत्तम पुरुष (First Person): वक्ता (मैं, हम)
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मध्यम पुरुष (Second Person): श्रोता (तू, तुम, आप)
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अन्य पुरुष (Third Person): कोई तीसरा व्यक्ति (वह, वे, यह, ये, उसमें)
| विकल्प | सर्वनाम | प्रकार | टिप्पणी |
| (a) | कौन | प्रश्नवाचक | यह किसी व्यक्ति के विषय में प्रश्न पूछ रहा है। |
| (b) | आप | पुरुषवाचक (मध्यम पुरुष) | यह श्रोता के लिए प्रयोग हुआ है। |
| (c) | उसमें | पुरुषवाचक (अन्य पुरुष) | यह किसी तीसरे व्यक्ति के लिए प्रयोग हुआ है (उस + में)। |
| (d) | हम | पुरुषवाचक (उत्तम पुरुष) | यह वक्ता और उसके समूह के लिए प्रयोग हुआ है। |
निष्कर्ष: केवल विकल्प (a) में ‘कौन’ शब्द है, जो एक प्रश्नवाचक सर्वनाम है।
15. विशेषण की उनमावस्था का प्रयोग किस वाक्य में किया गया है?
सही उत्तर है (c) उसे सर्वाधिक अंक प्राप्त हुए।
✨ विशेषण की अवस्थाएँ (Degrees of Adjectives)
विशेषण की तीन अवस्थाएँ होती हैं:
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मूलावस्था (Positive Degree): सामान्य कथन, किसी से तुलना नहीं।
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उदाहरण: वह सुंदर है।
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उत्तरावस्था (Comparative Degree): दो वस्तुओं या व्यक्तियों के बीच तुलना। इसमें ‘से’, ‘की अपेक्षा’ जैसे शब्दों का प्रयोग होता है, या प्रत्यय के रूप में ‘तर’ (संस्कृत में) का प्रयोग होता है।
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उदाहरण: राम श्याम से अधिक होशियार है।
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उत्तमावस्था (Superlative Degree): दो से अधिक वस्तुओं या व्यक्तियों में से किसी एक को सबसे अधिक या सबसे कम बताना। इसमें ‘सबसे’, ‘सर्वाधिक’, ‘अधिकतम’ जैसे शब्दों का प्रयोग होता है, या प्रत्यय के रूप में ‘तम’ (संस्कृत में) का प्रयोग होता है।
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उदाहरण: वह सबसे श्रेष्ठ विद्यार्थी है।
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🧐 वाक्यों का विश्लेषण
| विकल्प | अवस्था | कारण |
| (a) यह बहुत सुंदर चित्र है। | मूलावस्था | केवल ‘सुंदर’ गुण बताया गया है, कोई तुलना नहीं। ‘बहुत’ केवल तीव्रता बता रहा है। |
| (b) मेरा घर उसके घर से छोटा है। | उत्तरावस्था | दो घरों की तुलना की गई है (‘से छोटा’)। |
| (c) उसे सर्वाधिक अंक प्राप्त हुए। | उत्तमावस्था | ‘सर्वाधिक’ (सबसे अधिक) शब्द का प्रयोग हुआ है, जिसका अर्थ है कि उसे प्राप्त अंक बाकी सभी से श्रेष्ठतम हैं। |
| (d) मोहन की अपेक्षा सोहन होशियार है। | उत्तरावस्था | दो व्यक्तियों (मोहन और सोहन) की तुलना ‘की अपेक्षा’ शब्द द्वारा की गई है। |
इसलिए, उत्तमावस्था का प्रयोग केवल विकल्प (c) में किया गया है।
16. सर्वनाम से निर्मित भाववाचक संज्ञा कौन-सी है?
सही उत्तर है (c) अहंकार।
🧐 सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा का निर्माण
‘अहंकार’ शब्द की संरचना इस प्रकार है:
-
सर्वनाम मूल: अहम् (संस्कृत का प्रथम पुरुषवाचक सर्वनाम, जिसका हिंदी अर्थ ‘मैं’ होता है)।
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भाववाचक संज्ञा: अहम् + कार (कृत प्रत्यय) $\rightarrow$ अहंकार (अर्थात ‘मैं’ होने का भाव या घमंड)।
अतः, अहम् (सर्वनाम) से अहंकार (भाववाचक संज्ञा) का निर्माण हुआ है।
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| विकल्प | मूल शब्द | मूल शब्द का प्रकार |
| (a) कायरता | कायर | विशेषण (कायर + ता) |
| (b) ईर्ष्या | ईर्ष्या | भाववाचक संज्ञा (यह स्वयं मूल भाव है) |
| (d) औचित्य | उचित | विशेषण (उचित + य) |
निष्कर्ष: केवल ‘अहंकार’ का मूल शब्द ‘अहम्’ (मैं) है, जो एक सर्वनाम है।
17. प्रेरणार्थक क्रिया का प्रयोग किस वाक्य में किया गया है?
सही उत्तर है (b) अध्यापक छात्र से कहानी लिखवाता है।
✍️ प्रेरणार्थक क्रिया (Causative Verb)
प्रेरणार्थक क्रिया वह होती है जिसमें कर्ता स्वयं कार्य न करके किसी दूसरे को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है या करवाता है।
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मूल क्रिया: लिखना
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प्रेरणार्थक क्रिया: लिखवाना (प्रथम प्रेरणार्थक: लिखाना; द्वितीय प्रेरणार्थक: लिखवाना)
🧐 वाक्य विश्लेषण
| वाक्य | क्रिया | कर्ता | कार्य करने वाला | प्रकार |
| (b) | लिखवाता है | अध्यापक (प्रेरक) | छात्र (प्रेरित) | प्रेरणार्थक |
इस वाक्य में अध्यापक स्वयं कहानी नहीं लिखता, बल्कि छात्र को कहानी लिखने के लिए प्रेरित करता है या उससे कार्य करवाता है।
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| विकल्प | क्रिया | प्रकार | कारण |
| (a) | सोना | अकर्मक क्रिया | कर्ता (तुम्हें) स्वयं क्रिया कर रहा है। |
| (c) | बोलना | सकर्मक/अकर्मक क्रिया | कर्ता (हमें) स्वयं क्रिया कर रहा है। |
| (d) | खरीदा | सकर्मक क्रिया | कर्ता (उसने) स्वयं क्रिया कर रहा है। |
18. किस वाक्य में क्रिया सकर्मक रूप में प्रयुक्त हुई है?
सही उत्तर है (a) माँ बच्चे को सुलाती है।
💡 सकर्मक क्रिया की पहचान
सकर्मक क्रिया (Transitive Verb) वह होती है जिसे अपना अर्थ स्पष्ट करने के लिए कर्म (Object) की आवश्यकता होती है। सकर्मक क्रिया की पहचान के लिए क्रिया से पहले ‘क्या’ या ‘किसको’ लगाकर प्रश्न करें। यदि उत्तर मिलता है, तो क्रिया सकर्मक है।
| वाक्य | क्रिया | प्रश्न | उत्तर | क्रिया का प्रकार |
| (a) माँ बच्चे को सुलाती है। | सुलाती है | माँ किसको सुलाती है? | बच्चे को | सकर्मक |
यहाँ ‘बच्चा’ कर्म है, इसलिए ‘सुलाना’ क्रिया सकर्मक है। यह क्रिया मूलतः प्रेरणार्थक (सोना $\rightarrow$ सुलाना) है, और प्रेरणार्थक क्रियाएँ हमेशा सकर्मक होती हैं।
❌ अन्य विकल्पों का विश्लेषण (अकर्मक क्रिया)
| वाक्य | क्रिया | प्रश्न | उत्तर | क्रिया का प्रकार |
| (b) चीता तेज़ दौड़ता है। | दौड़ता है | चीता क्या/किसको दौड़ता है? | कोई उत्तर नहीं। | अकर्मक |
| (c) वह बहुत समय से सो रहा है। | सो रहा है | वह क्या/किसको सो रहा है? | कोई उत्तर नहीं। | अकर्मक |
| (d) शोरगुल से बच्चा जाग गया। | जाग गया | बच्चा क्या/किसको जाग गया? | कोई उत्तर नहीं। | अकर्मक |
19. क्रिया विशेषण रहित वाक्य है
सही उत्तर है (c) नौकर मालिक से खुश रहता है।
🧐 क्रिया विशेषण का विश्लेषण (Adverb Analysis)
क्रिया विशेषण वे शब्द होते हैं जो क्रिया की विशेषता बताते हैं (जैसे क्रिया कब हुई, कहाँ हुई, कैसे हुई, या कितनी हुई)।
| विकल्प | क्रिया विशेषण | किस क्रिया की विशेषता | प्रकार |
| (a) | अचानक | ‘चला गया’ | रीतिवाचक (कैसे चला गया) |
| (b) | ध्यान से | ‘सुनो’ | रीतिवाचक (कैसे सुनो) |
| (c) | कोई नहीं | रहता है | इस वाक्य में क्रिया विशेषण नहीं है। ‘खुश’ शब्द क्रिया की नहीं, बल्कि कर्ता (नौकर) की अवस्था बता रहा है, इसलिए यह एक पूरक (Complement) है। |
| (d) | प्रायः | ‘आया करते थे’ | कालवाचक (कब आया करते थे) |
निष्कर्ष: वाक्य (c) में कोई भी शब्द क्रिया (‘रहता है’) की विशेषता नहीं बता रहा है, इसलिए यह क्रिया विशेषण रहित वाक्य है।
20. संबंधसूचक अव्यय का प्रयोग किस वाक्य में नहीं हुआ है?
सही उत्तर है (d) यह काम पहले करना चाहिए था।
इस वाक्य में संबंधसूचक अव्यय का प्रयोग नहीं हुआ है।
🧐 संबंधसूचक अव्यय (Postpositional Adverb/Relational Particle)
संबंधसूचक अव्यय वे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम के बाद आकर उनका संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों से जोड़ते हैं। ये अक्सर ‘के’, ‘की’, ‘से’ जैसे परसर्गों के साथ मिलकर आते हैं।
संबंधसूचक अव्यय वाले वाक्य
| वाक्य | संबंधसूचक अव्यय | संज्ञा/सर्वनाम से संबंध |
| (a) वह मेरे घर के पीछे रहता है। | के पीछे | ‘घर’ (संज्ञा) का संबंध ‘रहना’ क्रिया से बता रहा है। |
| (b) हमारे शहर के आसपास बहुत हरियाली है। | के आसपास | ‘शहर’ (संज्ञा) का संबंध ‘हरियाली’ से बता रहा है। |
| (c) माँ के बिना घर सूना सूना लगता है। | के बिना | ‘माँ’ (संज्ञा) का संबंध ‘घर सूना लगना’ क्रिया से बता रहा है। |
संबंधसूचक अव्यय रहित वाक्य
-
(d) यह काम पहले करना चाहिए था।
-
इस वाक्य में ‘पहले’ शब्द कालवाचक क्रिया विशेषण (Adverb of Time) है। यह ‘करना चाहिए था’ क्रिया के समय की विशेषता बता रहा है, न कि किसी संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से जोड़ रहा है।
-
21. किस वाक्य में सार्वनामिक विशेषण प्रयुक्त हुआ है?
सही उत्तर है (c) कोई आदमी आया था।
🧐 सार्वनामिक विशेषण (Demonstrative/Pronominal Adjective)
सार्वनामिक विशेषण (या संकेतवाचक विशेषण) तब होता है जब कोई सर्वनाम संज्ञा से ठीक पहले आकर उस संज्ञा की विशेषता बताता है या उसकी ओर संकेत करता है। इस स्थिति में वह सर्वनाम नहीं, बल्कि विशेषण का कार्य करता है।
-
वाक्य (c): कोई आदमी आया था।
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यहां ‘कोई’ (जो मूलतः अनिश्चयवाचक सर्वनाम है) ‘आदमी’ (संज्ञा) से ठीक पहले आकर उस संज्ञा की विशेषता बता रहा है।
-
कोई → सार्वनामिक विशेषण
-
आदमी → संज्ञा (जिसकी विशेषता बताई जा रही है)
-
❌ अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| विकल्प | सर्वनाम | प्रकार | कारण |
| (a) वे कल जा रहे हैं। | वे | पुरुषवाचक सर्वनाम (अन्य पुरुष) | ‘वे’ क्रिया (जा रहे हैं) का कर्ता है, संज्ञा से पहले आकर उसकी विशेषता नहीं बता रहा। |
| (b) आप तो महान हैं। | आप | पुरुषवाचक सर्वनाम (मध्यम पुरुष) | ‘आप’ क्रिया का कर्ता है। |
| (d) वह पुस्तक पढ़ रहा है। | वह | पुरुषवाचक सर्वनाम (अन्य पुरुष) | ‘वह’ क्रिया का कर्ता है। |
22. किस वाक्य में निपात का प्रयोग नहीं हुआ है?
सही उत्तर है (d) मैं घर जा रहा हूँ ताकि आराम कर सकूँ।
इस वाक्य में निपात का प्रयोग नहीं हुआ है।
🤔 निपात का विश्लेषण (Particle Analysis)
निपात (Particle) वे अव्यय शब्द होते हैं जो किसी बात पर अतिरिक्त बल (जोर) देने के लिए या निश्चितता प्रकट करने के लिए वाक्य में प्रयोग किए जाते हैं। जैसे: ही, भी, तो, तक, मात्र, भर, आदि।
| विकल्प | निपात | किस पर बल | टिप्पणी |
| (a) | भर | शहर | ‘पूरे शहर’ पर बल दे रहा है। |
| (b) | तो | वह (कर्ता) | ‘वह’ पर बल दे रहा है कि वह (किसी अन्य स्थान पर) नहीं है। |
| (c) | भी | मैं (कर्ता) | ‘मैं’ पर बल दे रहा है कि मैं भी शामिल हूँ। |
| (d) | कोई नहीं | — | इस वाक्य में ‘ताकि’ शब्द का प्रयोग हुआ है, जो एक समुच्चयबोधक अव्यय (Conjunction) है, और यह दो वाक्यों को जोड़ने का काम कर रहा है, न कि किसी शब्द पर बल देने का। |
निष्कर्ष: विकल्प (d) में बल देने वाला कोई शब्द (निपात) नहीं है।
23. निम्नलिखित में ‘पवन’ का पर्यायवाची नहीं है
सही उत्तर है (b) मारुति।
‘मारुति’ पवन का पर्यायवाची नहीं है।
🌬️ शब्दों का विश्लेषण
| शब्द | अर्थ/संदर्भ | टिप्पणी |
| (a) वात | हवा, वायु, पवन | यह ‘पवन’ का पर्यायवाची है। |
| (b) मारुति | हनुमान | ‘मारुति’ का अर्थ होता है मरुत (पवन) के पुत्र (इ) या मरुत्सुत। यह हनुमान का पर्यायवाची है। |
| (c) अनिल | हवा, वायु, पवन | यह ‘पवन’ का पर्यायवाची है। |
| (d) समीर | हवा, वायु, पवन | यह ‘पवन’ का पर्यायवाची है। |
नोट: पवन (अनिल) और अग्नि (अनल) के पर्यायवाची शब्दों में अक्सर भ्रम होता है, इन्हें ध्यान से याद रखना चाहिए।
24. किस विकल्प में सभी शब्द ‘घर’ के पर्यायवाची हैं?
सही उत्तर है (a) निकेत, निलय।
इस विकल्प में दिए गए दोनों शब्द ‘घर’ के पर्यायवाची हैं।
🏠 शब्दों का विश्लेषण
| विकल्प | शब्द | अर्थ | ‘घर’ का पर्यायवाची? |
| (a) | निकेत | घर, आवास, भवन | हाँ |
| निलय | घर, वासस्थान, आलय | हाँ | |
| (b) | सदन | घर | हाँ |
| साकेत | अयोध्या नगरी | नहीं | |
| (c) | आलय | घर, भवन | हाँ |
| निकुंज | लतादि से घिरा हुआ स्थान, बाग | नहीं | |
| (d) | गृह | घर | हाँ |
| भुवन | संसार, लोक, पृथ्वी | नहीं |
निष्कर्ष: केवल विकल्प (a) के शब्द निकेत और निलय ही ‘घर’ के पर्यायवाची हैं।
25. किस विकल्प में परस्पर पर्यायवाची शब्द नहीं है?
सही उत्तर है (d) भास्कर, निशाकर।
ये दोनों शब्द परस्पर पर्यायवाची नहीं हैं।
☀️ शब्दों का विश्लेषण
| विकल्प | पहला शब्द | अर्थ | दूसरा शब्द | अर्थ | पर्यायवाची संबंध? |
| (a) | समुद्र | सागर, जलधि | उदधि | सागर, जलधि | हाँ (उद = जल + धि = धारण करने वाला) |
| (b) | चपला | बिजली, दामिनी | बिजली | विद्युत, चपला | हाँ |
| (c) | चंद्रमा | शशि, इंदु | शशांक | चंद्रमा (शश=खरगोश + अंक=चिह्न) | हाँ |
| (d) | भास्कर | सूर्य (प्रकाश करने वाला) | निशाकर | चंद्रमा (निशा=रात + कर=करने वाला) | नहीं |
निष्कर्ष: भास्कर और निशाकर का अर्थ अलग-अलग है; भास्कर सूर्य का और निशाकर चंद्रमा का पर्यायवाची है।
26. विस्मयादिबोधक अव्ययों के संबंध में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
सही उत्तर है (c) एक ही विस्मयबोधक शब्द से सभी मनोभावों को सूचित किया जा सकता है।
यह तथ्य सही नहीं है।
🧐 विस्मयादिबोधक अव्ययों का विश्लेषण
| तथ्य | सही/गलत | स्पष्टीकरण |
| (a) ये वक्ता के हर्ष, शोक आदि मनोभावों को व्यक्त करते हैं। | सही | इनका मुख्य कार्य ही वक्ता की अचानक उत्पन्न भावनाओं (जैसे हर्ष, शोक, घृणा, विस्मय, भय, चेतावनी) को व्यक्त करना है। |
| (b) इनके आगे विस्मयबोधक चिह्न (!) लगाया जाता है। | सही | विस्मयादिबोधक शब्दों या अव्ययों के बाद अनिवार्य रूप से विस्मयबोधक चिह्न ($!$) का प्रयोग होता है। |
| (c) एक ही विस्मयबोधक शब्द से सभी मनोभावों को सूचित किया जा सकता है। | गलत | विभिन्न मनोभावों (जैसे हर्ष, शोक, घृणा) के लिए विभिन्न विस्मयादिबोधक शब्दों का प्रयोग होता है। उदाहरण: वाह! (हर्ष), हाय! (शोक), छिह! (घृणा), अरे! (विस्मय)। |
| (d) ये वाक्य से स्वतंत्र होते हैं। | सही | ये व्याकरणिक रूप से वाक्य के अन्य घटकों (क्रिया, कर्ता, कर्म) से स्वतंत्र होते हैं और वाक्य के अर्थ या संरचना को प्रभावित नहीं करते। इन्हें हटा देने पर भी वाक्य का मूल अर्थ बना रहता है। |
निष्कर्ष: यह कहना कि एक ही शब्द से सभी मनोभाव व्यक्त किए जा सकते हैं, गलत है।
27. किस विकल्प में परस्पर विलोम शब्द नहीं है?
सही उत्तर है (c) श्रांत- क्लांत।
यह विकल्प परस्पर विलोम शब्द नहीं हैं। ये दोनों शब्द समानार्थी हैं।
🔄 विलोम शब्दों का विश्लेषण
| विकल्प | पहला शब्द | अर्थ | दूसरा शब्द | अर्थ | विलोम संबंध? |
| (a) | निषिद्ध | जिसका निषेध किया गया हो, मना किया गया | विहित | जिसे करने की आज्ञा दी गई हो, विधान किया गया | हाँ |
| (b) | मसृण | चिकना, कोमल | रूक्ष | खुरदरा, कठोर | हाँ |
| (c) | श्रांत | थका हुआ | क्लांत | थका हुआ, थका-माँदा | नहीं (ये पर्यायवाची हैं) |
| (d) | वैमनस्य | मन में शत्रुता का भाव, वैर | सौमनस्य | मन में मित्रता का भाव, सद्भाव | हाँ |
निष्कर्ष: ‘श्रांत’ और ‘क्लांत’ दोनों का अर्थ ‘थका हुआ’ होता है, इसलिए ये समानार्थी हैं, विलोम नहीं। ‘श्रांत’ का विलोम अश्रांत या विश्रांत होगा।
28. ‘इति-इति’ का सही अर्थ भेद है-
सही अर्थ भेद है (d) समाप्ति- दुःख।
📖 शब्द युग्म का अर्थ भेद
यह शब्द युग्म श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द का उदाहरण है, जो सुनने में समान लगते हैं लेकिन उनका अर्थ भिन्न होता है:
-
इति (छोटी ‘इ’ की मात्रा) $\rightarrow$ समाप्ति, अंत, पूर्णता।
-
(जैसे: इति श्री, किसी अध्याय की समाप्ति)
-
-
ईति (बड़ी ‘ई’ की मात्रा) $\rightarrow$ विपदा, दुःख, कष्ट, प्राकृतिक आपदाएँ (अतिवृष्टि, अनावृष्टि आदि)।
अतः, सही क्रम है समाप्ति- दुःख।
29. किन समश्रुत भिन्नार्थक शब्दों का अर्थ भेद सुसंगत नहीं है?
सही उत्तर है (a) आसन-आसन्न = समीपस्थ-बैठने की विधि।
इस विकल्प में शब्दों का अर्थ भेद सुसंगत नहीं है।
🧐 समश्रुत भिन्नार्थक शब्दों का विश्लेषण
| विकल्प | शब्द | सही अर्थ | दिए गए अर्थ | सुसंगत? |
| (a) | आसन | बैठने की विधि (या चौकी/गद्दी) | समीपस्थ | ❌ नहीं |
| आसन्न | समीपस्थ, निकट आया हुआ | बैठने की विधि | ❌ नहीं | |
| (b) | पट | वस्त्र, दरवाजा | वस्त्र | ✅ हाँ |
| पटु | निपुण, चतुर, दक्ष | निपुण | ✅ हाँ | |
| (c) | पृष्ट | पूछा हुआ | पूछा हुआ | ✅ हाँ |
| पृष्ठ | पीठ, पन्ना | पीठ | ✅ हाँ | |
| (d) | गौड़ | ब्राह्मणों की एक जाति (या बंगाल क्षेत्र) | ब्राह्मणों की एक जाति | ✅ हाँ |
| गौण | जो प्रधान न हो, सहायक, अप्रधान | जो प्रधान न हो | ✅ हाँ |
निष्कर्ष: विकल्प (a) में ‘आसन’ और ‘आसन्न’ के अर्थों का मिलान उल्टा किया गया है, इसलिए वह सुसंगत नहीं है।
30. किस विकल्प में समश्रुत भिन्नार्थक शब्दों का अर्थ भेद सुसंगत है?
सही उत्तर है (d) परुष-पुरुष = कठोर-नर।
इस विकल्प में समश्रुत भिन्नार्थक शब्दों का अर्थ भेद सुसंगत है।
🧐 समश्रुत भिन्नार्थक शब्दों का विश्लेषण
| विकल्प | शब्द | सही अर्थ | दिए गए अर्थ | सुसंगत? |
| (a) | कोर | किनारा, छोर | ग्रास | ❌ नहीं |
| कौर | ग्रास, भोजन का एक निवाला | किनारा | ❌ नहीं | |
| (b) | निश्चल | स्थिर, अडिग (निः + चल) | सीधा | ❌ नहीं |
| निश्छल | सीधा, कपटरहित (निः + छल) | स्थिर | ❌ नहीं | |
| (c) | सुधि | चेतना, याद, स्मरण | विद्वान | ❌ नहीं |
| सुधी | विद्वान, बुद्धिमान | चेतना | ❌ नहीं | |
| (d) | परुष | कठोर, सख्त, क्रूर | कठोर | ✅ हाँ |
| पुरुष | नर, आदमी | नर | ✅ हाँ |
निष्कर्ष: केवल विकल्प (d) में दिए गए दोनों शब्दों के अर्थ उनके क्रम के अनुसार सही मिले हुए हैं।
31. ‘भ्रांत’ का विलोम शब्द है-
सही उत्तर है (b) निर्भात।
🔄 विलोम शब्द का विश्लेषण
-
भ्रांत का अर्थ होता है: भ्रम में पड़ा हुआ, भटका हुआ, भ्रमित।
-
निर्भात का अर्थ होता है: भ्रम रहित, भ्रम से मुक्त।
💡 अन्य विकल्पों का अर्थ
-
(a) विभ्रांत: इसका अर्थ भी भ्रमित या बहुत भटका हुआ होता है, अतः यह पर्यायवाची के निकट है।
-
(c) संभ्रांत: इसका अर्थ होता है: प्रतिष्ठित, आदरणीय, सभ्य। यह ‘भ्रांत’ का विलोम नहीं है।
-
(d) उद्घांत: यह कोई मानक हिंदी शब्द नहीं है।
32. ‘जिसको वश में करना कठिन हो’ वाक्यांश के लिए सार्थक शब्द कौन-सा है?
सही उत्तर है (c) दुर्दात।
🧐 वाक्यांश के लिए एक शब्द
दुर्दात शब्द का अर्थ होता है जिसे वश में करना कठिन हो, या जो कठिनाई से दबाया जा सके (दुर् + दाँत)।
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| शब्द | अर्थ |
| (a) दुस्तर | जिसे पार करना या जिससे गुजरना कठिन हो (जैसे: दुस्तर नदी)। |
| (b) दुर्वह | जिसे वहन करना या उठाना कठिन हो (जैसे: दुर्वह भार)। |
| (d) दुरूह | जिसे समझना या जानना कठिन हो, क्लिष्ट (जैसे: दुरूह विषय)। |
33. किस विकल्प में वाक्यांश के लिए प्रयुक्त शब्द सार्थक नहीं है?
सही उत्तर है (a) जो आप से आप उत्पन्न हुआ हो- सहजात।
इस विकल्प में वाक्यांश के लिए प्रयुक्त शब्द सार्थक नहीं है।
🧐 वाक्यांश और शब्द विश्लेषण
| विकल्प | वाक्यांश | दिया गया शब्द | शब्द का वास्तविक अर्थ | सार्थकता |
| (a) | जो आप से आप (स्वयं) उत्पन्न हुआ हो। | सहजात | साथ में जन्मा हुआ (सह = साथ, जात = जन्मा)। | ❌ सार्थक नहीं |
| सही शब्द | स्वयंभू (स्वयं उत्पन्न होने वाला) या स्वयंजन्मा। | |||
| (b) | जिसकी विवेक बुद्धि स्थिर हो। | स्थितप्रज्ञ | जिसकी प्रज्ञा (बुद्धि) स्थिर हो गई हो। | ✅ सार्थक है |
| (c) | समय पर जिसकी बुद्धि ठीक कार्य करे। | प्रत्युत्पन्नमति | जिसकी मति (बुद्धि) तुरंत (प्रति + उत्पन्न) उत्तर/हल ढूंढ ले। | ✅ सार्थक है |
| (d) | जो रोका हुआ न हो। | अनिरूद्ध | जो अवरुद्ध/रोका हुआ न हो (अन् + निरुद्ध)। | ✅ सार्थक है |
34. ‘दीर्घसूत्री’ शब्द किस वाक्यांश के लिए सार्थक है?
सही उत्तर है (c) हर एक काम में जरूरत से ज्यादा देर लगाने वाला।
⏳ ‘दीर्घसूत्री’ का अर्थ
‘दीर्घसूत्री’ शब्द दो शब्दों के मेल से बना है:
-
दीर्घ (लंबा) + सूत्र (धागा, कार्यप्रणाली) + ई (वाला)
-
इसका शाब्दिक अर्थ होता है लंबी कार्यप्रणाली वाला।
-
यह मुहावरे के रूप में ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो किसी भी काम को करने में अनावश्यक रूप से देरी लगाता है या टाल-मटोल करता है, अर्थात जो विलंब करने की प्रवृत्ति रखता है।
35. ‘मुक्ति पाने का इच्छुक’ वाक्यांश के लिए सार्थक शब्द है-
सही उत्तर है (b) मुमुक्षु।
🧘 वाक्यांश के लिए एक शब्द
-
मुमुक्षु का अर्थ होता है: मुक्ति (मोक्ष) पाने का इच्छुक।
-
यह शब्द ‘मुमुक्षा’ (मुक्ति की इच्छा) से बना है।
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| शब्द | अर्थ |
| (a) जिजीविषा | जीने की इच्छा। |
| (c) तितिक्षा | सहन करने की इच्छा या क्षमता। |
| (d) मुमूर्ष | मरने का इच्छुक। (संबंधित भाववाचक संज्ञा: मुमूर्षा – मरने की इच्छा)। |
36. कौन-सा शब्द अशुद्ध है?
सही उत्तर है (d) आद्रता।
यह शब्द अशुद्ध है। इसका शुद्ध रूप आर्द्रता होता है।
📝 शुद्ध वर्तनी का विश्लेषण
| अशुद्ध शब्द | शुद्ध वर्तनी | अर्थ |
| (a) शृंखला | शृंखला | ज़ंजीर, क्रम, कड़ी (यह शुद्ध है) |
| (b) भर्त्सना | भर्त्सना | निंदा, बुरा-भला कहना (यह शुद्ध है) |
| (c) पुनर्निर्माण | पुनर्निर्माण | दोबारा बनाना (यह शुद्ध है) |
| (d) आद्रता | आर्द्रता | नमी, गीलापन (अशुद्ध) |
37. किस विकल्प में कोई भी शब्द शुद्ध नहीं है?
सही उत्तर है (b) अध्यात्मिक, रात्री।
इस विकल्प में दिए गए दोनों ही शब्द अशुद्ध हैं।
📝 शुद्ध वर्तनी का विश्लेषण
| अशुद्ध शब्द | शुद्ध वर्तनी | शब्द का प्रकार |
| अध्यात्मिक | आध्यात्मिक | मूल शब्द: अध्यात्म + इक (उपसर्ग ‘आ’ में परिवर्तित होता है) |
| रात्री | रात्रि | ‘त्रि’ में छोटी ‘इ’ की मात्रा होती है। |
✅ अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| विकल्प | शब्द | वर्तनी | शुद्ध/अशुद्ध |
| (a) | आनुषंगिक | शुद्ध | ✅ |
| पदौन्नति | पदोन्नति | ❌ (अशुद्ध) | |
| (c) | हितेषी | हितैषी | ❌ (अशुद्ध) |
| सर्वोपरि | शुद्ध | ✅ | |
| (d) | अतिथि | शुद्ध | ✅ |
| ऊर्जावान | शुद्ध | ✅ |
निष्कर्ष: केवल विकल्प (b) में दोनों शब्द (आध्यात्मिक और रात्रि) अशुद्ध रूप में लिखे गए हैं।
38. निम्नलिखित शब्दों की शुद्धता पर विचार कीजिए :
सही उत्तर है (a) अ और ब।
विकल्प (अ) आद्योपांत और (ब) पश्चात्ताप दोनों शुद्ध हैं।
📝 शब्दों की शुद्धता पर विचार
| क्रमांक | शब्द | वर्तनी | शुद्धता |
| अ. | आद्योपांत | आद्य + उपांत (आदि से अंत तक) $\rightarrow$ आद्योपांत (गुण संधि) | शुद्ध |
| ब. | पश्चात्ताप | पश्चात् + ताप (बाद में पछतावा) $\rightarrow$ पश्चात्ताप | शुद्ध |
| स. | सहधर्मणी | सहधर्मिणी | अशुद्ध (‘णी’ के स्थान पर ‘णि’ होगा) |
| द. | उच्छवास | उच्छ्वास | अशुद्ध (‘च्छ्वास’ में ‘छ’ के साथ ‘श’ का ह्रास हो गया है, सही संधि: उत् + श्वास) |
निष्कर्ष: केवल अ (आद्योपांत) और ब (पश्चात्ताप) ही शुद्ध हैं।
39. किस विकल्प में सभी शब्द शुद्ध हैं?
सही उत्तर है (c) तदुपरांत, प्रत्यावर्तन।
इस विकल्प में दिए गए दोनों शब्द शुद्ध हैं।
📝 शुद्ध वर्तनी का विश्लेषण
| क्रमांक | शुद्ध शब्द | विच्छेद/नियम | टिप्पणी |
| (c) तदुपरांत | तद् + उपरांत | व्यंजन संधि: ‘त्’ का ‘द्’ हो जाता है। | शुद्ध |
| प्रत्यावर्तन | प्रति + आवर्तन | शुद्ध | |
| — | — | — | — |
| (a) | अभ्यारण्य | अभयारण्य | ‘भ्य’ नहीं, ‘भया’ आता है (अभय + आरण्य)। |
| निरवलंब | निरवलंब | मूल रूप से शुद्ध है। | |
| (b) | पर्यवसान | पर्यवसान | मूल रूप से शुद्ध है। |
| विपन्नवस्था | विपन्नावस्था | विपन्न + अवस्था $\rightarrow$ विपन्नावस्था (दीर्घ संधि)। | |
| (d) | दुरावस्था | दुरवस्था | दुः + अवस्था $\rightarrow$ दुरवस्था (विसर्ग संधि)। |
| पुनरावलोकन | पुनर्वालोकन | पुनः + अवलोकन $\rightarrow$ पुनरवलोकन/पुनर्वालोकन। |
निष्कर्ष: विकल्प (c) में दोनों शब्द ‘तदुपरांत’ और ‘प्रत्यावर्तन’ वर्तनी की दृष्टि से शुद्ध हैं।
40. निम्नलिखित में शुद्ध शब्द है :
सही उत्तर है (a) अट्टहास।
📝 शुद्ध वर्तनी का विश्लेषण
| शुद्ध शब्द | विच्छेद/नियम | अर्थ |
| (a) अट्टहास | अट्ट + हास | ज़ोर की हँसी, कहकहा। यह वर्तनी शुद्ध है। |
| — | — | — |
| (b) धनाड्य | धनाढ्य | धनी, अमीर। ‘ढ’ के स्थान पर ‘ढ्य’ होना चाहिए। |
| (c) इकठ्ठा | इकट्ठा | एक जगह जमा करना। इसमें ‘ट’ के बाद ‘ठ्ठ’ होना चाहिए। |
| (d) मुटभेड़ | मुठभेड़ | आमने-सामने की लड़ाई या टक्कर। ‘ट’ के स्थान पर ‘ठ’ होना चाहिए। |
निष्कर्ष: दिए गए विकल्पों में केवल ‘अट्टहास’ की वर्तनी शुद्ध है।
41. कौन-सा शब्द अशुद्ध है?
सही उत्तर है (a) उत्तरोतर।
यह शब्द अशुद्ध है। इसका शुद्ध रूप उत्तरोत्तर होता है।
📝 शुद्ध वर्तनी का विश्लेषण
| अशुद्ध शब्द | शुद्ध वर्तनी | विच्छेद/नियम | अर्थ |
| (a) उत्तरोतर | उत्तरोत्तर | उत्तर + उत्तर (गुण संधि) | एक के बाद एक, क्रम से। |
| (b) बेहतर | बेहतर | बे + हतर (फ़ारसी) | बहुत अच्छा, श्रेष्ठतर। |
| (c) विवाहेतर | विवाहेतर | विवाह + इतर (गुण संधि) | विवाह से अलग या अतिरिक्त। |
| (d) इतरेतर | इतरेतर | इतर + इतर (गुण संधि) | एक-दूसरे से, परस्पर। |
निष्कर्ष: ‘उत्तरोतर’ शब्द में गुण संधि के कारण ‘र’ का दोहराव होता है, इसलिए इसका शुद्ध रूप ‘उत्तरोत्तर’ है।
42. किस वाक्य में संप्रदान कारक का परसर्ग (विभक्ति चिह्न) प्रयुक्त हुआ है?
सही उत्तर है (b) मालिक ने सेवक को धन दिया।
🎁 संप्रदान कारक का प्रयोग
संप्रदान कारक का अर्थ होता है ‘जिसके लिए कुछ किया जाए या जिसे कुछ दिया जाए’। इसका मुख्य परसर्ग (विभक्ति चिह्न) ‘के लिए’ है, लेकिन जब क्रिया देने के अर्थ में होती है, तो ‘को’ परसर्ग का प्रयोग होता है। इस स्थिति में ‘को’ का अर्थ ‘के लिए’ होता है।
-
वाक्य (b): मालिक ने सेवक को धन दिया।
-
यहां ‘को’ का अर्थ है: मालिक ने सेवक के लिए धन दिया।
-
जिसको कोई चीज़ स्थायी रूप से दी जाती है (सेवक), वहाँ संप्रदान कारक होता है।
-
❌ अन्य विकल्पों का विश्लेषण (कर्म कारक)
अन्य तीनों विकल्पों में ‘को’ परसर्ग का प्रयोग कर्म कारक के रूप में हुआ है, क्योंकि यहाँ किसी को कुछ दिया नहीं जा रहा है, बल्कि उस पर क्रिया का सीधा प्रभाव पड़ रहा है:
| विकल्प | वाक्य | कारक | कारण |
| (a) | माँ ने बच्चे को बुलाया। | कर्म कारक | बुलाने की क्रिया का प्रभाव बच्चे पर पड़ा। |
| (c) | मोहन ने सोहन को पीटा। | कर्म कारक | पीटने की क्रिया का प्रभाव सोहन पर पड़ा। |
| (d) | न्यायालय ने अपराधी को दंडित किया। | कर्म कारक | दंडित करने की क्रिया का प्रभाव अपराधी पर पड़ा। |
43. निम्नलिखित में से किस वाक्य में ‘से’ परसर्ग अपादान कारक के लिए प्रयुक्त नहीं हुआ है?
सही उत्तर है (d) लड़के ने हाथ से फल तोड़ा।
इस वाक्य में ‘से’ परसर्ग करण कारक के लिए प्रयुक्त हुआ है, न कि अपादान कारक के लिए।
🧐 कारक का विश्लेषण
‘से’ परसर्ग का प्रयोग हिंदी में मुख्य रूप से दो कारकों के लिए होता है:
-
अपादान कारक (Separation/Source): जब ‘से’ का अर्थ अलग होने (पृथकता), स्रोत, तुलना, डर, या शुरुआत को व्यक्त करता है।
-
करण कारक (Instrument/Means): जब ‘से’ का अर्थ साधन या माध्यम को व्यक्त करता है।
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| विकल्प | वाक्य | कारक | कारण |
| (a) | नदियाँ पहाड़ों से निकलती हैं। | अपादान | नदियाँ पहाड़ों से अलग हो रही हैं (स्रोत)। |
| (b) | आकाश से पानी बरसा। | अपादान | पानी आकाश से अलग होकर नीचे गिर रहा है (पृथकता)। |
| (c) | वह विद्यालय से आ रहा है। | अपादान | वह विद्यालय से अलग हो रहा है (पृथकता)। |
| (d) | लड़के ने हाथ से फल तोड़ा। | करण | ‘हाथ’ फल तोड़ने का साधन या माध्यम है। |
निष्कर्ष: विकल्प (d) में ‘हाथ’ क्रिया का माध्यम है, इसलिए वहाँ करण कारक है।
44. किस विकल्प में सभी शब्द स्त्रीलिंग हैं?
सही उत्तर है (a) चमक, आहट।
इस विकल्प के दोनों शब्द स्त्रीलिंग हैं।
🧐 शब्दों का लिंग निर्धारण
संज्ञा शब्दों का लिंग निर्धारण करने के लिए उनके साथ क्रिया या विशेषण लगाकर जाँच की जाती है।
| विकल्प | शब्द | जाँच (क्रिया/विशेषण) | लिंग |
| (a) | चमक | चमक होती है। | स्त्रीलिंग |
| आहट | आहट आई। | स्त्रीलिंग | |
| — | — | — | — |
| (b) | बात | बात होती है। | स्त्रीलिंग |
| खेत | खेत बड़ा है। | पुल्लिंग | |
| — | — | — | — |
| (c) | चालचलन | चालचलन अच्छा है। | पुल्लिंग |
| मिठास | मिठास होती है। | स्त्रीलिंग | |
| — | — | — | — |
| (d) | भूख | भूख लगी है। | स्त्रीलिंग |
| नाग | नाग रेंग रहा है। | पुल्लिंग |
निष्कर्ष: केवल विकल्प (a) में दिए गए दोनों शब्द (चमक और आहट) स्त्रीलिंग हैं।
45. निम्नलिखित में अशुद्ध शब्द है :
सही उत्तर है (b) आल्हाद।
यह शब्द अशुद्ध है। इसका शुद्ध रूप आह्लाद होता है।
📝 शुद्ध वर्तनी का विश्लेषण
| अशुद्ध शब्द | शुद्ध वर्तनी | विच्छेद/नियम | अर्थ |
| (a) अंत्याक्षरी | अंत्याक्षरी | अंत्य + अक्षरी | शुद्ध |
| (b) आल्हाद | आह्लाद | आह्लाद में ‘ह’ आधा होता है और ‘ल’ से संयुक्त होता है। | अशुद्ध |
| (c) किंवदंती | किंवदंती | किम + वदंती | शुद्ध |
| (d) ज्योत्स्ना | ज्योत्स्ना | इसमें ‘त’ और ‘स’ दोनों आधे होते हैं। | शुद्ध |
निष्कर्ष: ‘आल्हाद’ की जगह ‘आह्लाद’ (खुशी, प्रसन्नता) शुद्ध वर्तनी है।
46. निम्नलिखित में बहुवचन के लिए प्रयुक्त होने वाला शब्द कौन-सा है?
सही उत्तर है (b) लोग।
👥 बहुवचन में प्रयुक्त शब्द
‘लोग’ शब्द का प्रयोग सदैव बहुवचन के रूप में होता है। इसका एकवचन रूप हिंदी में नहीं होता।
💡 अन्य शब्दों का विश्लेषण
-
हमेशा एकवचन में प्रयुक्त होने वाले शब्द:
-
प्रेम (भाववाचक संज्ञा)
-
घी (द्रव्यवाचक संज्ञा)
-
पानी (द्रव्यवाचक संज्ञा)
-
ये शब्द (प्रेम, घी, पानी) हिंदी में प्रायः एकवचन में ही प्रयुक्त होते हैं, भले ही उनकी मात्रा अधिक हो।
उदाहरण:
-
लोग आ रहे हैं। (बहुवचन क्रिया)
-
पानी बह रहा है। (एकवचन क्रिया)
47. एकवचन में प्रयुक्त होने वाला शब्द है-
सही उत्तर है (d) भीड़।
🧐 वचन का विश्लेषण
-
भीड़ (Crowd): यह शब्द सदैव एकवचन में प्रयुक्त होता है, भले ही समूह में कई लोग हों। यह एक समूहवाचक संज्ञा है जिसका बहुवचन रूप नहीं बनता।
-
उदाहरण: भीड़ जमा हो गई है।
-
-
सदैव बहुवचन में प्रयुक्त होने वाले शब्द:
-
हस्ताक्षर: (हस्ताक्षर किए जाते हैं)
-
दर्शन: (दर्शन हो गए)
-
प्राण: (प्राण निकल गए)
-
ये तीनों शब्द (हस्ताक्षर, दर्शन, प्राण) हिंदी व्याकरण में सदैव बहुवचन के रूप में माने जाते हैं।
48. किस वाक्य में मध्यम पुरुष का प्रयोग हुआ है?
सही उत्तर है (b) ऐसे समय में आप साथ न दोगे तो और कौन देगा?
🧍 पुरुषवाचक सर्वनाम का प्रयोग
पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं:
-
उत्तम पुरुष (First Person): बोलने वाला (मैं, हम)।
-
मध्यम पुरुष (Second Person): सुनने वाला (तू, तुम, आप)।
-
अन्य पुरुष (Third Person): जिसके बारे में बात की जा रही हो (वह, वे)।
वाक्य (b) में ‘आप’ शब्द का प्रयोग सीधे सुनने वाले (श्रोता) के लिए किया गया है, जिसका अर्थ तुम या आप (You) है। इसलिए यह मध्यम पुरुष का उदाहरण है।
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| विकल्प | ‘आप’ का प्रयोग | सर्वनाम का प्रकार | कारण |
| (a) | अपने से बड़ों | निजवाचक | यह कर्ता का स्वयं का बोध करा रहा है। |
| (c) | मैं आप ही कर लूंगा। | निजवाचक | ‘आप ही’ का अर्थ स्वयं (myself) है। |
| (d) | आप भला तो जग भला। | निजवाचक | ‘आप’ का अर्थ स्वयं (if you yourself are good) है। |
नोट: विकल्प (c) और (d) में ‘आप’ का प्रयोग निजवाचक सर्वनाम के रूप में हुआ है, जिसका अर्थ स्वयं या खुद होता है, न कि मध्यम पुरुष (Second Person) के रूप में।
49. अपूर्ण वर्तमान काल का उदाहरण है
सही उत्तर है (c) रेलगाड़ी तेजी से आ रही है।
⏳ काल का विश्लेषण
अपूर्ण वर्तमान काल (Present Continuous Tense) वह होता है जिसमें यह ज्ञात होता है कि क्रिया वर्तमान समय में शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी समाप्त नहीं हुई है अर्थात् क्रिया जारी है।
-
इस काल के वाक्यों के अंत में सामान्यतः रहा है, रही है, रहे हैं आता है।
🧐 वाक्यों का विश्लेषण
| विकल्प | क्रिया का रूप | काल | कारण |
| (a) प्रातःकाल ठंडी हवा चलती है। | चलती है | सामान्य वर्तमान काल | क्रिया का सामान्य रूप से होना पाया जाता है। |
| (b) मैंने यह पुस्तक पढ़ी है। | पढ़ी है | आसन्न भूतकाल (पूर्ण वर्तमान) | क्रिया अभी-अभी समाप्त हुई है (भूतकाल की क्रिया का वर्तमान से संबंध)। |
| (c) रेलगाड़ी तेजी से आ रही है। | आ रही है | अपूर्ण वर्तमान काल | क्रिया वर्तमान में जारी है और पूरी नहीं हुई है। |
| (d) वह आता तो हम खेलने जाते। | आता तो… जाते | हेतुहेतुमद् भूतकाल | एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर करता है, और दोनों भूतकाल में हैं। |
निष्कर्ष: ‘रेलगाड़ी तेजी से आ रही है’ में क्रिया जारी है, इसलिए यह अपूर्ण वर्तमान काल का उदाहरण है।
50. कौन-सा शब्द पुल्लिंग है?
सही उत्तर है (c) मोती।
🧐 लिंग निर्धारण (Gender Determination)
शब्दों का लिंग पहचानने के लिए उनके साथ क्रिया या विशेषण का प्रयोग किया जाता है:
| शब्द | जाँच (क्रिया/विशेषण) | लिंग |
| (a) रोटी | रोटी गोल है (या रोटी खा ली)। | स्त्रीलिंग |
| (b) टोपी | टोपी नई है (या टोपी पहन ली)। | स्त्रीलिंग |
| (c) मोती | मोती चमकदार है (या मोती बड़ा है)। | पुल्लिंग |
| (d) नदी | नदी बहती है (या नदी गहरी है)। | स्त्रीलिंग |
💡 अपवाद (Exception)
यद्यपि हिंदी में ‘ई’कारांत संज्ञाएँ (जिनका अंत ‘ई’ से होता है) प्रायः स्त्रीलिंग होती हैं (जैसे नदी, रोटी, टोपी), ‘मोती’ इसका एक अपवाद है और यह पुल्लिंग माना जाता है।
51. ‘अगर वर्षा हुई तो वह नहीं आएगा।’ इस वाक्य में कौन-सी ‘वृत्ति’ है?
सही उत्तर है (a) संकेतार्थ।
🧐 वाक्य में वृत्ति (Mood in Sentence)
क्रिया की वृत्ति (Mood) से वक्ता का मनोभाव या उद्देश्य ज्ञात होता है कि वह क्रिया को किस ढंग से (निश्चितता, संभावना, इच्छा, शर्त आदि) व्यक्त कर रहा है।
-
संकेतार्थ (Conditional Mood):
-
यह वृत्ति शर्त (Condition) या संकेत व्यक्त करती है, जिसमें एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर करता है।
-
वाक्य: “अगर वर्षा हुई तो वह नहीं आएगा।”
-
यहाँ ‘वह नहीं आएगा’ क्रिया का होना ‘वर्षा होने’ की शर्त पर संकेतित है।
-
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| वृत्ति | मनोभाव | उदाहरण |
| (b) निश्चयार्थ | क्रिया के होने की निश्चितता या सामान्य सूचना। | “वर्षा हो रही है।” |
| (c) संभावनार्थ | क्रिया के होने की संभावना या संदेह। | “शायद वर्षा हो।” |
| (d) इच्छार्थ | इच्छा, कामना, या आशीर्वाद। | “वर्षा हो जाए।” |
52. ‘छात्र पढ़ रहे हैं।’ यह वाक्य किस ‘पक्ष’ से संबंधित है?
सही उत्तर है (b) सातत्यबोधक।
⏳ क्रिया का पक्ष (Aspect of Verb)
क्रिया का पक्ष (Aspect) यह बताता है कि कार्य (क्रिया) कितना हो चुका है या वह किस अवस्था में है—अधूरा है, शुरू होने वाला है, या बार-बार होता है।
-
सातत्यबोधक पक्ष (Continuative Aspect):
-
यह बताता है कि क्रिया जारी है या अपूर्ण है।
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इसमें क्रिया के साथ प्रायः ‘रहा है/रही है/रहे हैं’ या ‘ता है/ती है’ (आदत बताने के लिए) जैसे रूप जुड़े होते हैं।
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वाक्य: “छात्र पढ़ रहे हैं।“
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यहां ‘पढ़ना’ क्रिया वर्तमान में जारी है (अपूर्ण है), इसलिए यह सातत्यबोधक पक्ष का उदाहरण है।
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💡 अन्य पक्षों का विश्लेषण
| पक्ष | अर्थ | उदाहरण |
| (a) नित्यताबोधक | क्रिया नियमित रूप से या हमेशा होती है। | सूर्य पूर्व से निकलता है। |
| (c) आवृत्तिमूलक | क्रिया बार-बार या पुनरावृत्ति के साथ होती है। | रमेश प्रतिदिन स्कूल जाता है। |
| (d) पूर्णकालिक | क्रिया पूरी हो चुकी है (पूर्णता का भाव)। | छात्र पढ़ चुके हैं। |
53. ‘कर्मवाच्य’ से संबंधित वाक्य है-
सही उत्तर है (d) आपका कार्य कर दिया है।
🎭 वाच्य विश्लेषण (Voice Analysis)
वाच्य क्रिया का वह रूप होता है जिससे यह पता चलता है कि वाक्य में क्रिया का मुख्य संबंध कर्ता से है, कर्म से है, या भाव से है।
-
कर्तृवाच्य (Active Voice): क्रिया का संबंध कर्ता से होता है।
-
(a) वह पुस्तक पढ़ रहा है। (क्रिया ‘पढ़ रहा है’ का संबंध कर्ता ‘वह’ से है।)
-
(b) सैनिक दिनरात सीमाओं की रक्षा करते हैं। (क्रिया ‘करते हैं’ का संबंध कर्ता ‘सैनिक’ से है।)
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(c) बच्चा सो चुका है। (क्रिया ‘सो चुका है’ का संबंध कर्ता ‘बच्चा’ से है।)
-
-
कर्मवाच्य (Passive Voice): क्रिया का संबंध कर्म से होता है। इसमें कर्ता या तो अनुपस्थित होता है या उसके साथ ‘द्वारा’/’से’ परसर्ग लगा होता है, और क्रिया सकर्मक होती है।
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(d) आपका कार्य कर दिया है।
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इस वाक्य में कर्ता अनुपस्थित है (जैसे: मेरे द्वारा/किसी के द्वारा)।
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क्रिया ‘कर दिया है’ का सीधा संबंध कर्म (‘कार्य’) से है। यदि हम लिंग बदलें तो: ‘आपकी मेहनत कर दी गई है।’ (क्रिया कर्म के अनुसार बदल रही है)।
-
यह वाक्य निष्क्रिय (Passive) शैली में है, जो कर्मवाच्य की पहचान है।
-
-
54. किस वाक्य में ‘भाववाच्य’ का प्रयोग हुआ है?
सही उत्तर है (c) बुढ़ापे में ठीक से चला नहीं जाता।
🎭 भाववाच्य का विश्लेषण
भाववाच्य (Impersonal Voice) वह होता है जिसमें क्रिया का संबंध न तो कर्ता से होता है और न ही कर्म से। इसमें क्रिया का सीधा संबंध भाव (Feeling/Action) से होता है।
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भाववाच्य में क्रिया हमेशा अकर्मक होती है।
-
क्रिया सदैव पुल्लिंग, एकवचन और अन्य पुरुष में रहती है।
-
वाक्य में प्रायः असमर्थता या नकारात्मकता का भाव होता है।
| विकल्प | क्रिया का प्रकार | वाच्य | कारण |
| (c) बुढ़ापे में ठीक से चला नहीं जाता। | अकर्मक (‘चलना’) | भाववाच्य | क्रिया (‘चला नहीं जाता’) का संबंध केवल भाव से है। यह असमर्थता व्यक्त कर रहा है। |
| (a) पुलिस से अपराधी नहीं पकड़े गए। | सकर्मक (‘पकड़ना’) | कर्मवाच्य | क्रिया (‘पकड़े गए’) कर्म (‘अपराधी’) के अनुसार बहुवचन में है। |
| (b) लड़के से कविता नहीं लिखी गई। | सकर्मक (‘लिखना’) | कर्मवाच्य | क्रिया (‘लिखी गई’) कर्म (‘कविता’) के अनुसार स्त्रीलिंग में है। |
| (d) उससे पुस्तक नहीं पढ़ी गई। | सकर्मक (‘पढ़ना’) | कर्मवाच्य | क्रिया (‘पढ़ी गई’) कर्म (‘पुस्तक’) के अनुसार स्त्रीलिंग में है। |
निष्कर्ष: विकल्प (c) में ‘चलना’ अकर्मक क्रिया है और असमर्थता व्यक्त कर रही है, इसलिए यह भाववाच्य है।
55. ‘वह चला होगा।’ यह वाक्य किस काल से संबंधित है?
सही उत्तर है (d) संदिग्ध भूत।
⏳ काल विश्लेषण
इस वाक्य में क्रिया का संदिग्ध भूतकाल से संबंध है।
-
चला होगा → यह क्रिया का ऐसा रूप है जिससे यह पता चलता है कि क्रिया भूतकाल में पूरी हो चुकी है, लेकिन उस क्रिया के होने में संदेह है।
💡 अन्य विकल्पों के साथ तुलना
| काल | पहचान (क्रिया रूप) | उदाहरण |
| संदिग्ध भूत | क्रिया (भूतकाल का) + होगा/होगी/होंगे | वह चला होगा। (भूतकाल में जाने की क्रिया पर संदेह) |
| संभाव्य वर्तमान | क्रिया + रहा हो/रही हो/रहे हों (या हो अंत में) | शायद वह जा रहा हो। |
| संभाव्य भविष्यत् | क्रिया + ए/एँ/ओ अंत में | शायद वह कल जाए। |
| संदिग्ध वर्तमान | क्रिया + ता होगा/ती होगी/ते होंगे | वह जाता होगा। (वर्तमान में क्रिया के जारी रहने पर संदेह) |
56. निम्नलिखित में ‘सरल वाक्य’ कौन-सा है?
सही उत्तर है (d) गंगा हिमालय से निकलती है।
📝 सरल वाक्य की पहचान
सरल वाक्य (Simple Sentence) वह होता है जिसमें एक ही मुख्य क्रिया और एक ही कर्ता होता है, और कोई उपवाक्य (Subordinate Clause) नहीं होता है।
-
वाक्य (d): गंगा हिमालय से निकलती है।
-
कर्ता: गंगा
-
मुख्य क्रिया: निकलती है
-
यह वाक्य केवल एक उद्देश्य और एक विधेय से बना है, इसलिए यह सरल वाक्य है।
-
❌ अन्य वाक्यों का विश्लेषण
| विकल्प | वाक्य का प्रकार | कारण |
| (a) उसके पास जो कुछ था, सब नष्ट हो गया। | मिश्र वाक्य (Complex) | यह एक मुख्य उपवाक्य (‘सब नष्ट हो गया’) और एक आश्रित उपवाक्य (‘जो कुछ था’) से जुड़ा है। |
| (b) जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं। | मिश्र वाक्य (Complex) | यह एक मुख्य उपवाक्य (‘वे बरसते नहीं’) और एक आश्रित उपवाक्य (‘जो गरजते हैं’) से जुड़ा है। |
| (c) उसने खाना खाया और सो गया। | संयुक्त वाक्य (Compound) | यह दो स्वतंत्र उपवाक्यों (उसने खाना खाया; वह सो गया) को समुच्चयबोधक अव्यय ‘और’ से जोड़कर बना है। |
57. ‘संयुक्त वाक्य’ का उदाहरण है-
सही उत्तर है (c) मैं अस्वस्थ था इसलिए मन लगाकर नहीं पढ़ सका।
🔗 संयुक्त वाक्य की पहचान
संयुक्त वाक्य (Compound Sentence) वह होता है जिसमें दो या दो से अधिक स्वतंत्र (प्रधान) उपवाक्य किसी समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय (जैसे: और, तथा, या, किंतु, परंतु, इसलिए, अतः, अन्यथा) से जुड़े होते हैं।
-
वाक्य (c): मैं अस्वस्थ था इसलिए मन लगाकर नहीं पढ़ सका।
-
पहला स्वतंत्र उपवाक्य: मैं अस्वस्थ था।
-
दूसरा स्वतंत्र उपवाक्य: मैं मन लगाकर नहीं पढ़ सका।
-
ये दोनों उपवाक्य ‘इसलिए’ (परिणामबोधक समुच्चयबोधक अव्यय) से जुड़े हैं, और दोनों ही अपने आप में पूर्ण अर्थ रखते हैं।
-
❌ अन्य वाक्यों का विश्लेषण
| विकल्प | वाक्य का प्रकार | कारण |
| (a) जहाँ खेत थे, वहाँ शहर बस गया। | मिश्र वाक्य (Complex) | यह एक मुख्य उपवाक्य (‘वहाँ शहर बस गया’) और एक आश्रित क्रियाविशेषण उपवाक्य (‘जहाँ खेत थे’) से जुड़ा है। |
| (b) बस छूट जाने के कारण मैं गाँव नहीं गया। | सरल वाक्य (Simple) | इसमें केवल एक ही मुख्य क्रिया है (‘नहीं गया’) और यह वाक्यांशों से मिलकर बना है। |
| (d) वह धन के अभिमान में अकड़कर चलता है। | सरल वाक्य (Simple) | इसमें एक ही मुख्य क्रिया है (‘चलता है’)। |
58. ‘क्रिया-विशेषण उपवाक्य’ का उदाहरण है-
सही उत्तर है (b) यदि तुम चलते तो, मैं भी अवश्य चलता।
🧐 क्रिया-विशेषण उपवाक्य (Adverbial Subordinate Clause)
क्रिया-विशेषण उपवाक्य वह आश्रित उपवाक्य होता है जो मुख्य उपवाक्य की क्रिया की विशेषता (समय, स्थान, रीति, परिणाम, उद्देश्य, कारण, या शर्त) बताता है। यह प्रायः समुच्चयबोधक अव्ययों जैसे जब, जहाँ, जैसे, यदि, क्योंकि, चूँकि, इसलिए, ताकि आदि से शुरू होता है।
-
वाक्य (b): यदि तुम चलते (आश्रित उपवाक्य) तो, मैं भी अवश्य चलता (मुख्य उपवाक्य)।
-
यहां आश्रित उपवाक्य (‘यदि तुम चलते’) मुख्य उपवाक्य की क्रिया (‘चलता’) के होने की शर्त (Condition) बता रहा है।
-
शर्तबोधक उपवाक्य क्रिया-विशेषण उपवाक्य के अंतर्गत आते हैं।
-
❌ अन्य वाक्यों का विश्लेषण
| विकल्प | उपवाक्य का प्रकार | कारण |
| (a) जो लोग साहसी होते हैं, वे सफल होते हैं। | विशेषण उपवाक्य | ‘जो लोग साहसी होते हैं’ आश्रित उपवाक्य, मुख्य उपवाक्य के कर्ता (‘वे’) की विशेषता बता रहा है। |
| (c) वह धनवान है परंतु बहुत दुखी है। | संयुक्त वाक्य | यह दो स्वतंत्र उपवाक्यों को समानाधिकरण समुच्चयबोधक ‘परंतु’ से जोड़ता है। इसमें कोई आश्रित उपवाक्य नहीं है। |
| (d) वह ईमानदार है, इसलिए सबका विश्वस्त है। | संयुक्त वाक्य | यह दो स्वतंत्र उपवाक्यों को समानाधिकरण समुच्चयबोधक ‘इसलिए’ से जोड़ता है। इसमें कोई आश्रित उपवाक्य नहीं है। |
59. निम्नलिखित में ‘संज्ञा उपवाक्य’ कौन-सा है?
सही उत्तर है (a) पड़ोसी ने कहा कि मुझे दवाई की जरूरत नहीं।
🧐 संज्ञा उपवाक्य की पहचान
संज्ञा उपवाक्य (Noun Subordinate Clause) वह आश्रित उपवाक्य होता है जो मुख्य उपवाक्य की संज्ञा या कर्म का कार्य करता है।
-
यह प्रायः ‘कि’ (That) समुच्चयबोधक अव्यय से शुरू होता है।
-
वाक्य (a): पड़ोसी ने कहा कि मुझे दवाई की जरूरत नहीं।
-
मुख्य उपवाक्य: पड़ोसी ने कहा।
-
आश्रित उपवाक्य: मुझे दवाई की जरूरत नहीं।
-
यह आश्रित उपवाक्य मुख्य क्रिया ‘कहा’ के कर्म का कार्य कर रहा है (पड़ोसी ने क्या कहा?), इसलिए यह संज्ञा उपवाक्य है।
-
❌ अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| विकल्प | वाक्य का प्रकार | कारण |
| (b) साधारण होते हुए भी वह बहुत व्यवहारकुशल है। | सरल वाक्य | इसमें एक ही मुख्य क्रिया (‘है’) है और यह वाक्यांशों का प्रयोग कर रहा है। |
| (c) जैसा तुमने कहा, उसने वैसा ही किया। | क्रिया-विशेषण उपवाक्य | आश्रित उपवाक्य (‘जैसा तुमने कहा’) मुख्य क्रिया (‘किया’) की रीति (ढंग) बता रहा है। |
| (d) साँझ होते ही पक्षी घोसलों में लौट आते हैं। | सरल वाक्य | इसमें एक ही मुख्य क्रिया (‘लौट आते हैं’) है। |
60. ‘बीमार व्यक्ति खाना धीरे-धीरे खाता है।’ इस वाक्य का ‘उद्देश्य’ है-
सही उत्तर है (a) बीमार व्यक्ति।
🎯 उद्देश्य (Subject) का विश्लेषण
वाक्य के दो मुख्य अंग होते हैं:
-
उद्देश्य (Subject): वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाता है—अर्थात् कर्ता या कर्ता-विस्तार।
-
विधेय (Predicate): उद्देश्य (कर्ता) के बारे में जो कुछ कहा जाता है—अर्थात् क्रिया और उसके विस्तार (कर्म, विशेषण, क्रिया विशेषण आदि)।
| वाक्य खंड | कार्य |
| बीमार व्यक्ति | कर्ता (और कर्ता विस्तार)। इसी के बारे में बात हो रही है। $\rightarrow$ उद्देश्य |
| खाना धीरे-धीरे खाता है। | उद्देश्य के बारे में बताई गई बात। $\rightarrow$ विधेय |
निष्कर्ष: इस वाक्य में ‘बीमार व्यक्ति’ ही उद्देश्य है।
61. निम्नलिखित में ‘संदेहार्थक’ वाक्य कौन-सा है?
सही उत्तर है (c) आज शाम को शायद वर्षा हो।
🤔 संदेहार्थक वाक्य (Doubtful/Probable Sentence)
संदेहार्थक वाक्य वह होता है जिसमें क्रिया के होने या न होने के संबंध में संदेह या अनिश्चितता का भाव प्रकट होता है। इन वाक्यों में अक्सर ‘शायद’, ‘संभवतः’, ‘हो सकता है’ आदि शब्दों का प्रयोग होता है।
-
वाक्य (c): आज शाम को शायद वर्षा हो।
-
यहाँ वक्ता वर्षा होने के बारे में निश्चित नहीं है और संदेह प्रकट कर रहा है।
-
💡 अन्य वाक्यों का विश्लेषण
| विकल्प | वाक्य का प्रकार | मनोभाव/उद्देश्य |
| (a) वह नहीं आया इसलिए हम नहीं गए। | निश्चयार्थ (संयुक्त वाक्य) | कार्य के होने का निश्चित कारण बता रहा है। |
| (b) जो काम तुम्हें दिया गया है, उसे देखो। | आज्ञार्थक/विध्यार्थक | आज्ञा या निर्देश दिया जा रहा है। |
| (d) वह जहाँ रहे, सुख से रहे। | इच्छार्थक | वक्ता द्वारा शुभकामना या इच्छा व्यक्त की जा रही है। |
62. निम्नलिखित में अशुद्ध वाक्य है-
सही उत्तर है (a) यह कैसे संभव हो सकता है?
यह वाक्य अशुद्ध है।
❌ अशुद्धि का कारण
वाक्य (a) में पुनरुक्ति दोष है (एक ही अर्थ वाले शब्दों का बार-बार प्रयोग):
-
‘संभव’ शब्द का अर्थ ही होता है: हो सकने वाला।
-
जब ‘संभव’ का प्रयोग किया गया है, तो उसके साथ ‘हो सकता है’ का प्रयोग अनावश्यक है।
शुद्ध वाक्य
-
शुद्ध रूप 1: यह कैसे संभव है?
-
शुद्ध रूप 2: यह कैसे हो सकता है? (बिना ‘संभव’ शब्द के)
✅ अन्य शुद्ध वाक्य
| विकल्प | शुद्धता |
| (b) शायद वह उत्तीर्ण हो जाए। | शुद्ध (संभावना व्यक्त कर रहा है)। |
| (c) किसी और से सलाह लीजिए। | शुद्ध। |
| (d) सप्रमाण उत्तर दीजिए। | शुद्ध (सप्रमाण = प्रमाण के साथ)। |
63. कौन-सा वाक्य शुद्ध है?
सही उत्तर है (c) संसद में कानून व्यवस्था पर बहस हुई।
यह वाक्य पूरी तरह से शुद्ध है।
❌ अशुद्ध वाक्यों का विश्लेषण
| विकल्प | वाक्य | अशुद्धि का कारण | शुद्ध रूप |
| (a) | वह घर को जा रहा है। | अनावश्यक परसर्ग (‘को’)। ‘जाना’ क्रिया के साथ ‘घर’ के बाद ‘को’ नहीं आता। | वह घर जा रहा है। |
| (b) | उसे रस्सी बांधकर ले गए। | क्रिया का अशुद्ध प्रयोग। व्यक्ति को बांधा नहीं जाता, बल्कि रस्सी से बांधा जाता है या रस्सी से कसकर ले जाया जाता है। | उसे रस्सी से बांधकर ले गए। |
| (d) | यह दवा रोग को समूल से नष्ट करती है। | पुनरुक्ति दोष। ‘समूल’ का अर्थ ही ‘मूल सहित’ (जड़ से) होता है, इसलिए ‘से’ परसर्ग अनावश्यक है। | यह दवा रोग को समूल नष्ट करती है। |
64. निम्नलिखित में शुद्ध वाक्य है :
सही उत्तर है (b) मैंने यह घड़ी मात्र सौ रुपए में खरीदी।
यह वाक्य पूरी तरह से शुद्ध है।
❌ अशुद्ध वाक्यों का विश्लेषण
| विकल्प | वाक्य | अशुद्धि का कारण | शुद्ध रूप |
| (a) | दोनों भाई परस्पर आपस में लड़ पड़े। | पुनरुक्ति दोष। ‘परस्पर’ का अर्थ ही ‘आपस में’ होता है। | दोनों भाई आपस में लड़ पड़े। (या दोनों भाई परस्पर लड़ पड़े।) |
| (c) | वहाँ बहुत से लोग बेहाल दशा में पड़े थे। | पुनरुक्ति दोष। ‘बेहाल’ का अर्थ ही ‘बुरी दशा’ होता है, इसलिए ‘दशा में’ अनावश्यक है। | वहाँ बहुत से लोग बेहाल पड़े थे। |
| (d) | वह क्रोध में भरकर बोला। | अनावश्यक शब्द का प्रयोग। ‘क्रोध में’ बोलना ही पर्याप्त है, या ‘भरकर’ के स्थान पर ‘से’ का प्रयोग होगा। | वह क्रोध में बोला। (या वह क्रोध से भरकर बोला।) |
65. ‘यदि परिश्रम किया होता, तो सफलता अवश्य मिलती।’ ‘वाक्य प्रकार’ की दृष्टि से उक्त वाक्य है-
सही उत्तर है (d) संकेतार्थक।
🧐 वाक्य प्रकार और वृत्ति (Mood and Sentence Type)
यह वाक्य संकेतार्थक प्रकार का है, क्योंकि इसमें एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर या संकेतित है।
-
संकेतार्थक (Conditional/Indicative): इस प्रकार के वाक्य में एक शर्त (Condition) रखी जाती है, जिसके पूरा होने पर ही दूसरी क्रिया का परिणाम मिलता है। यह क्रिया के होने के लिए संकेत करता है।
-
वाक्य: “यदि परिश्रम किया होता (शर्त), तो सफलता अवश्य मिलती (परिणाम/संकेत)।”
-
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
-
(a) इच्छार्थक: इसमें वक्ता की इच्छा, आशीर्वाद, या शुभकामना प्रकट होती है। (जैसे: भगवान तुम्हारा भला करे।)
-
(b) विधानार्थक: यह एक सामान्य कथन या निश्चित जानकारी देता है। (जैसे: सूर्य पूरब में उगता है।)
-
(c) आज्ञार्थक: इसमें आज्ञा, निर्देश, या अनुरोध दिया जाता है। (जैसे: तुम यहाँ बैठो।)
66. निम्नलिखित में कौन-सा वाक्य शुद्ध है?
सही उत्तर है (a) दरअसल वह आया ही नहीं।
यह वाक्य पूरी तरह से शुद्ध है।
❌ अशुद्ध वाक्यों का विश्लेषण
| विकल्प | वाक्य | अशुद्धि का कारण | शुद्ध रूप |
| (b) | प्रायः बच्चे ऐसी शरारतें अकसर करते हैं। | पुनरुक्ति दोष। ‘प्रायः’ और ‘अकसर’ दोनों का अर्थ ‘अक्सर’ या ‘बार-बार’ होता है। | बच्चे ऐसी शरारतें अकसर करते हैं। (या प्रायः बच्चे ऐसी शरारतें करते हैं।) |
| (c) | यह मूर्ति संगमरमर पत्थर से निर्मित है। | पुनरुक्ति दोष। ‘संगमरमर’ का अर्थ ही ‘पत्थर’ (Marble Stone) होता है। | यह मूर्ति संगमरमर से निर्मित है। |
| (d) | वह सबके सामने खुलेआम गाली देता रहा। | पुनरुक्ति दोष। ‘खुलेआम’ का अर्थ ही ‘सबके सामने’ होता है। | वह खुलेआम गाली देता रहा। (या वह सबके सामने गाली देता रहा।) |
67. निम्नलिखित में अशुद्ध वाक्य है:
सही उत्तर है (c) सर्वत्र मानकीकरण करना होना चाहिए।
यह वाक्य अशुद्ध है।
❌ अशुद्धि का कारण
वाक्य (c) में अनावश्यक क्रिया का प्रयोग हुआ है, जिससे वाक्य का व्याकरणिक ढाँचा बिगड़ गया है:
-
‘मानकीकरण’ शब्द का अर्थ ही होता है ‘मानक बनाने की क्रिया’।
-
इसके साथ ‘करना’ और ‘होना चाहिए’ क्रियाओं का दोहराव हो रहा है।
शुद्ध वाक्य
शुद्ध रूप में, वाक्य इस प्रकार होगा:
-
सर्वत्र मानकीकरण होना चाहिए। (क्रिया: होना)
-
सर्वत्र मानकीकरण करना चाहिए। (क्रिया: करना)
✅ अन्य शुद्ध वाक्य
| विकल्प | शुद्धता |
| (a) हम सबकी स्थितियाँ एक जैसी हैं। | शुद्ध (बहुवचन ‘स्थितियाँ’ के साथ क्रिया ‘हैं’ का सही प्रयोग)। |
| (b) वह प्रतिदिन मुझसे मिलने आता था। | शुद्ध (सामान्य भूतकाल की क्रिया ‘आता था’ का सही प्रयोग)। |
| (d) उन्होंने मेरी बातें ध्यानपूर्वक सुनीं। | शुद्ध (क्रिया विशेषण ‘ध्यानपूर्वक’ का सही प्रयोग)। |
68. किस वाक्य में विराम चिह्नों का प्रयोग सही है?
सही उत्तर है (a) तुम कहाँ गए थे, कैसे आए और क्या चाहते हो?
🛑 विराम चिह्नों का विश्लेषण
वाक्य (a) में विराम चिह्नों का प्रयोग सही है क्योंकि यह एक ही प्रकार के तीन स्वतंत्र प्रश्न उपवाक्यों को अल्पविराम (Comma) से जोड़ रहा है, और अंत में एक ही प्रश्नवाचक चिह्न ($?$) का प्रयोग हुआ है।
❌ अशुद्ध वाक्यों का शुद्धिकरण
| विकल्प | अशुद्ध रूप | अशुद्धि का कारण | शुद्ध रूप |
| (b) | नहीं मैं, यह नहीं कर सकता। | ‘नहीं’ के बाद अल्पविराम आना चाहिए, न कि ‘मैं’ के बाद। | नहीं, मैं यह नहीं कर सकता। |
| (c) | रोको, मत जाने, दो। | अल्पविराम का गलत प्रयोग, जिससे अर्थ बदल जाता है। ‘रोको मत’ या ‘रोको’ पर बल देना है। | रोको मत, जाने दो। (या) रोको, मत जाने दो। |
| (d) | जो, दंगा कर रहे थे गिरफ्तार, कर लिए गए। | अनावश्यक अल्पविराम। ‘जो’ और ‘गिरफ्तार’ के बाद अल्पविराम की आवश्यकता नहीं है। | जो दंगा कर रहे थे, गिरफ्तार कर लिए गए। |
69. किस वाक्य में सही विराम चिह्न प्रयुक्त नहीं हुए हैं?
सही उत्तर है (d) दिशाएँ चार होती हैं पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण।
इस वाक्य में विराम चिह्नों का प्रयोग सही नहीं हुआ है।
🛑 विराम चिह्नों का विश्लेषण
| विकल्प | वाक्य | अशुद्धि/शुद्धता | सही विराम चिह्नों के साथ शुद्ध वाक्य |
| (a) | गाँधी जी ने कहा, “सत्य ही ईश्वर है।” | शुद्ध। उद्धरण चिह्न (” “) का सही प्रयोग और उसके पहले अल्पविराम (,) का प्रयोग। | गाँधी जी ने कहा, “सत्य ही ईश्वर है।“ |
| (b) | छिः! कैसी दुर्गंध आ रही है? | शुद्ध। घृणासूचक शब्द ‘छिः’ के बाद विस्मयादिबोधक चिह्न ($!$) और प्रश्नवाचक वाक्य होने के कारण अंत में प्रश्नवाचक चिह्न ($?$) का सही प्रयोग। | छिः! कैसी दुर्गंध आ रही है**?** |
| (c) | सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की ‘जूही की कली’ एक प्रसिद्ध रचना है। | शुद्ध। उपनाम (‘निराला’) और रचना के नाम (‘जूही की कली’) के लिए इकहरे उद्धरण चिह्न (‘ ‘) का सही प्रयोग। | सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की ‘जूही की कली’ एक प्रसिद्ध रचना है। |
| (d) | दिशाएँ चार होती हैं पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण। | अशुद्ध। ‘चार होती हैं’ के बाद विवरण देने के लिए उपविराम (Colon $:$ ) का प्रयोग होना चाहिए, और अलग-अलग दिशाओं को अलग करने के लिए अल्पविराम (,) का प्रयोग होना चाहिए। | दिशाएँ चार होती हैं**:** पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण। |
निष्कर्ष: विकल्प (d) में उपविराम ($:$) और उचित अल्पविराम का प्रयोग नहीं किया गया है।
70. कौन-सा वाक्य अशुद्ध है?
सही उत्तर है (a) मैं, तुम, और वह खेलेंगे।
यह वाक्य अशुद्ध है, क्योंकि इसमें पुरुषवाचक सर्वनामों के प्रयोग का क्रम गलत है।
🧐 अशुद्धि का कारण और शुद्धिकरण
हिंदी व्याकरण के अनुसार, सामान्य शिष्टाचार को ध्यान में रखते हुए, एक वाक्य में तीन पुरुषवाचक सर्वनामों (उत्तम, मध्यम, अन्य) का प्रयोग होने पर उनका क्रम इस प्रकार होना चाहिए:
-
मध्यम पुरुष (Second Person): तुम, आप
-
अन्य पुरुष (Third Person): वह, वे
-
उत्तम पुरुष (First Person): मैं, हम
यानी, सही क्रम है 2 – 3 – 1।
-
अशुद्ध वाक्य (a): मैं (1), तुम (2), और वह (3) खेलेंगे।
-
शुद्ध वाक्य: तुम (2), वह (3), और मैं (1) खेलेंगे। (या आप, वह, और मैं खेलेंगे।)
✅ अन्य शुद्ध वाक्यों का विश्लेषण
| विकल्प | शुद्धता | कारण |
| (b) | शुद्ध | ‘आप’ का प्रयोग आदरसूचक मध्यम पुरुष सर्वनाम के रूप में सही है, और ‘मुझपर’ (मुझ पर) का प्रयोग अधिकरण कारक में सही है। |
| (c) | शुद्ध | ‘वे’ (अन्य पुरुष) के साथ क्रिया ‘चाहते हैं’ का सही बहुवचन प्रयोग है। |
| (d) | शुद्ध | ‘आप और मैंने’ (कर्ता कारक) मिलकर क्रिया ‘सहायता की’ का प्रयोग सही है। यहाँ क्रम 2 – 1 (आप – मैं) का प्रयोग हो सकता है, हालाँकि शिष्टाचार की दृष्टि से आप और मैंने कहना उचित है। |
71. ‘सोने में सुगंध होना’ मुहावरे का उपयुक्त भावार्थ है-
सही उत्तर है (a) किसी बहुत बढ़िया चीज में और अधिक विशेषता होना।
🌟 मुहावरे का भावार्थ
-
मुहावरा: सोने में सुगंध होना।
-
भावार्थ: ‘सोना’ अपने आप में ही एक उत्कृष्ट और मूल्यवान वस्तु है, और उसमें ‘सुगंध’ (खुशबू) का मिल जाना उसे असाधारण बना देता है।
-
अतः, इसका अर्थ होता है: एक अच्छी वस्तु में दूसरी विशेषता का होना, या किसी बहुत गुणी व्यक्ति में अन्य विशेष गुणों का पाया जाना।
72. ‘अधिकार या अवसर पाकर मनमाना अंधेर करना’, भावार्थ व्यक्त करने वाला मुहावरा है-
सही उत्तर है (d) चाम के दाम चलना।
💡 मुहावरे का भावार्थ
-
मुहावरा: चाम के दाम चलना।
-
भावार्थ: अधिकार या अवसर पाकर मनमाना अंधेर करना, यानी अपनी सत्ता या प्रभाव का दुरुपयोग करके अनुचित और मनमानी करना। ‘चाम’ (चमड़े) जैसी मामूली वस्तु को भी ‘दाम’ (मूल्यवान) बनाकर बेचना, जो सत्ता के मद में अनर्गल मनमानी को दर्शाता है।
❌ अन्य मुहावरों का अर्थ
| मुहावरा | अर्थ |
| (a) आँखों में धूल झोंकना | धोखा देना, छलना। |
| (b) हवाई किले बनाना | केवल कल्पनाएँ करना, कोरी योजनाएँ बनाना (जो पूरी न हो)। |
| (c) हाथ कंगन को आरसी क्या | प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती। |
73. ‘अब तक पिता की कमाई पर ऐश करते रहे, जब खुद कमाना पड़ेगा तो…..।’
सही उत्तर है (c) आटे-दाल का भाव पता चलना।
💰 मुहावरे का प्रयोग
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मुहावरा: आटे-दाल का भाव पता चलना।
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भावार्थ: जीवन की वास्तविक कठिनाइयों का अनुभव होना, या कमाने में होने वाली मेहनत और खर्च का ज्ञान होना।
वाक्य का अर्थ है कि जब तक पिता की कमाई पर आराम करते रहे, तब तक जीवन आसान था; लेकिन जब खुद कमाना पड़ेगा, तो उन्हें कठिन जीवन का असली अनुभव होगा।
पूर्ण वाक्य: “अब तक पिता की कमाई पर ऐश करते रहे, जब खुद कमाना पड़ेगा तो आटे-दाल का भाव पता चलेगा।”
❌ अन्य मुहावरों का अर्थ
| मुहावरा | अर्थ |
| (a) हाथ पर हाथ रखकर बैठना | खाली बैठे रहना, कोई काम न करना। |
| (b) दाने-दाने को मोहताज होना | अत्यधिक गरीब हो जाना, खाने के लिए भी तरसना। |
| (d) हाथ धोकर पीछे पड़ जाना | किसी काम या व्यक्ति के पीछे पूरी तरह लग जाना। |
74. विराम चिह्नों के प्रयोग से संबंधित कौन-सा विवरण सही नहीं है?
सही विवरण नहीं है (d) लिखने में जब कोई छूट जाता है, तब उसके स्थान पर कोष्ठक चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
🛑 विराम चिह्नों का सही विवरण
| विकल्प | विवरण | सही/गलत | सही विवरण |
| (a) | किसी के महत्त्वपूर्ण वचन को उद्धृत करने के लिए अवतरण चिह्न (Quotation Mark) का प्रयोग किया जाता है। | सही | महत्त्वपूर्ण कथन या किसी के हू-ब-हू कहे गए वाक्य को दोहरे उद्धरण चिह्न (” “) में रखा जाता है। |
| (b) | किसी संज्ञा को संक्षेप में लिखने के लिए लाघव/संक्षेपक चिह्न (Abreviation Mark) का प्रयोग किया जाता है। | सही | जैसे: डॉक्टर $\rightarrow$ डॉ. (Dr.), प्रोफेसर $\rightarrow$ प्रो.। |
| (c) | द्वंद्व समास के पदों के मध्य प्रायः योजक चिह्न (Hyphen) लगाया जाता है। | सही | जैसे: माता**-पिता, दाल–रोटी, राम-**श्याम। |
| (d) | लिखने में जब कोई छूट जाता है, तब उसके स्थान पर कोष्ठक चिह्न का प्रयोग किया जाता है। | गलत | छूटे हुए अंश को लिखने के लिए हंसपद/काकपद (Insertion Mark) या त्रुटिबोधक चिह्न ($\wedge$) का प्रयोग किया जाता है। कोष्ठक चिह्न ($()$) का प्रयोग वाक्यांश के अर्थ को स्पष्ट करने या क्रम सूचक अंकों/अक्षरों को लिखने के लिए होता है। |
75. ‘न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी’ लोकोक्ति का भावार्थ है
सही उत्तर है (c) समस्या को जड़ से मिटाना।
🎋 लोकोक्ति का भावार्थ
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लोकोक्ति: न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी।
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भावार्थ: किसी समस्या या झगड़े के मूल कारण (बाँस) को ही समाप्त कर देना, जिससे वह समस्या या उसका परिणाम (बाँसुरी का बजना) उत्पन्न ही न हो।
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यह कहावत समस्या को जड़ से खत्म करने के भाव को व्यक्त करती है।
76. ‘घर के योग्य व्यक्ति की उपेक्षा कर अन्य को सम्मान देना’ भावार्थ से संबंधित लोकोक्ति है
सही उत्तर है (b) घर का जोगी जोगणा, आन गाँव का सिद्ध।
🏡 लोकोक्ति का भावार्थ
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लोकोक्ति: घर का जोगी जोगणा, आन गाँव का सिद्ध।
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भावार्थ: इसका अर्थ है कि अपने घर या निकट के योग्य व्यक्ति (जोगी) की कोई कद्र नहीं होती, जबकि बाहर के या दूसरे गाँव के (आन गाँव का) कम योग्य व्यक्ति को भी बहुत सम्मान (सिद्ध) दिया जाता है।
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यह सीधे तौर पर घर के योग्य व्यक्ति की उपेक्षा कर अन्य को सम्मान देने के भाव को व्यक्त करता है।
💡 अन्य लोकोक्तियों का अर्थ
| लोकोक्ति | अर्थ |
| (a) धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का | कहीं का न रहना, जिसका कोई ठिकाना न हो। |
| (c) बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद | मूर्ख या अयोग्य व्यक्ति किसी अच्छी वस्तु का मूल्य या महत्व नहीं जानता। |
| (d) घर की मुर्गी दाल बराबर | जो चीज आसानी से उपलब्ध हो जाती है, उसकी कोई कद्र नहीं होती। |
77. किस लोकोक्ति का भावार्थ सही नहीं है?
सही भावार्थ (b) ओस चाटे प्यास नहीं बुझती – कृपण व्यक्ति सब कुछ होते हुए भी भूखा ही रहता है का नहीं है।
🧐 लोकोक्ति का भावार्थ विश्लेषण
| विकल्प | लोकोक्ति | दिया गया भावार्थ | सही भावार्थ | सुसंगत? |
| (a) | गुड़ खाए, गुलगुलों से परहेज | बनावटी परहेज | दिखावटी परहेज करना। (गुड़ भी मीठा होता है और गुलगुले भी, पर एक से परहेज दिखाना।) | ✅ सही |
| (b) | ओस चाटे प्यास नहीं बुझती | कृपण व्यक्ति सब कुछ होते हुए भी भूखा ही रहता है। | अल्प साधन से बड़ा काम नहीं होता। (ओस की मात्रा बहुत कम होती है, जो प्यास बुझाने के लिए अपर्याप्त है।) | ❌ सही नहीं |
| (c) | कौओं के कोसे ढोर नहीं मरते | बुरे आदमी की बद्दुआ से कुछ नहीं होता | नीच या दुष्ट व्यक्ति के शाप या बुरा कहने से किसी का कुछ नहीं बिगड़ता। | ✅ सही |
| (d) | हाथी का बोझ हाथी ही उठाता है | बड़ा काम बड़े ही कर सकते हैं | बड़ी जिम्मेदारी या बड़ा भार कोई बड़ा या सामर्थ्यवान व्यक्ति ही उठा सकता है। | ✅ सही |
निष्कर्ष: विकल्प (b) का भावार्थ सही नहीं है। ‘ओस चाटे प्यास नहीं बुझती’ का भावार्थ ‘थोड़े या अपर्याप्त साधन से कोई बड़ा काम पूरा नहीं होता’ होता है।
78. किस विकल्प में मुहावरे का भावार्थ सही नहीं है?
सही भावार्थ (c) उड़ती चिड़िया पहचानना – अत्यंत कठिन कार्य करना का नहीं है।
🧐 मुहावरे का भावार्थ विश्लेषण
| विकल्प | मुहावरा | दिया गया भावार्थ | सही भावार्थ | सुसंगत? |
| (a) | छाती पर साँप लोटना | घोर ईर्ष्या होना | किसी की तरक्की देखकर अत्यधिक ईर्ष्या या जलन होना। | ✅ सही |
| (b) | अपना-सा मुँह लेकर रह जाना | लज्जित होकर रह जाना | किसी काम में असफल होने या अपमानित होने पर शर्मिंदा होना। | ✅ सही |
| (c) | उड़ती चिड़िया पहचानना | अत्यंत कठिन कार्य करना | रहस्य की बात जानना या सामने वाले के मन की बात जान लेना। (यह कठिन कार्य करने से संबंधित नहीं है, बल्कि व्यक्ति की मनोदशा जानने से संबंधित है।) | ❌ सही नहीं |
| (d) | कान पर जूँ न रेंगना | तनिक भी असर न पड़ना | कहने या समझाने पर कोई ध्यान न देना या कोई प्रभाव न पड़ना। | ✅ सही |
निष्कर्ष: विकल्प (c) में दिया गया भावार्थ (अत्यंत कठिन कार्य करना) गलत है। ‘उड़ती चिड़िया पहचानना’ का सही भावार्थ ‘भेद जानना’ या ‘बहुत अनुभवी होना’ है।
79. ‘Cognizable offence’ का सही पारिभाषिक शब्द है –
सही पारिभाषिक शब्द है (a) संज्ञेय अपराध।
📝 पारिभाषिक शब्दावली
| अंग्रेजी शब्द | हिंदी पारिभाषिक शब्द | अर्थ |
| Cognizable offence | संज्ञेय अपराध | ऐसा अपराध जिसमें पुलिस अधिकारी बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार कर सकता है (सीआरपीसी की प्रथम अनुसूची के अनुसार)। |
| Non-cognizable offence | असंज्ञेय अपराध | ऐसा अपराध जिसमें पुलिस अधिकारी को गिरफ्तारी के लिए वारंट की आवश्यकता होती है। |
80. किस विकल्प में हिन्दी पारिभाषिक रूप सही नहीं है?
सही विकल्प जो हिन्दी पारिभाषिक रूप सही नहीं है, वह है (c) Bad conduct = दुर्व्यवहार।
📝 पारिभाषिक शब्दों का विश्लेषण
| अंग्रेजी शब्द | दिया गया हिंदी पारिभाषिक रूप | शुद्ध हिंदी पारिभाषिक रूप | सुसंगत? |
| (a) Good faith | सद्भाव | सद्भाव, निष्ठा | ✅ सही |
| (b) Punitive | दंडात्मक | दंडात्मक, दंडनीय | ✅ सही |
| (c) Bad conduct | दुर्व्यवहार | दुराचार, असद्चरण, खराब आचरण | ❌ सही नहीं |
| (d) Attachment | कुर्की | कुर्की, संग्लन | ✅ सही |
शुद्धीकरण:
-
Bad conduct का अर्थ बुरा आचरण या दुराचार होता है, जबकि दुर्व्यवहार (Misbehavior/Maltreatment) का अर्थ किसी के साथ बुरा बर्ताव करना होता है। पारिभाषिक शब्दावली में ‘Bad conduct’ के लिए ‘दुराचार’ या ‘असद्चरण’ अधिक उपयुक्त है।
81. किस विकल्प में हिन्दी पारिभाषिक रूप सही है?
सही विकल्प है (b) Sub judice = न्यायाधीन।
📝 पारिभाषिक शब्दों का विश्लेषण
| अंग्रेजी शब्द | दिया गया हिंदी पारिभाषिक रूप | शुद्ध हिंदी पारिभाषिक रूप | सुसंगत? |
| (a) Minutes | कार्य योजना | कार्यवृत्त, मिनट | ❌ सही नहीं (कार्य योजना = Action Plan) |
| (b) Sub judice | न्यायाधीन | न्यायाधीन, विचाराधीन | ✅ सही |
| (c) Vigilance | सतर्क | सतर्कता, निगरानी | ❌ सही नहीं (सतर्क = Vigilant) |
| (d) Moral obligation | नैतिक समर्थन | नैतिक बाध्यता/कर्तव्य | ❌ सही नहीं (नैतिक समर्थन = Moral Support) |
82. ‘Supersede’ का हिन्दी पारिभाषिक शब्द है
सही हिन्दी पारिभाषिक शब्द है (a) अतिक्रमण करना।
📝 ‘Supersede’ का अर्थ
-
Supersede (verb): किसी पुरानी या अप्रचलित वस्तु/पद को हटाकर उसकी जगह ले लेना; किसी अन्य को उसके स्थान से हटा देना।
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अतिक्रमण करना (a): इस संदर्भ में, इसका अर्थ है किसी नियम, कानून, या पूर्ववर्ती व्यवस्था को खारिज करना या उसका स्थान ले लेना (to overrule, to set aside, to replace).
-
उदाहरण: नया कानून पुराने कानून को अतिक्रमित करता है (The new law supersedes the old one)।
-
💡 अन्य विकल्पों का विश्लेषण
-
(b) अधिग्रहण करना (Acquisition): अधिकार या नियंत्रण प्राप्त करना।
-
(c) अधिगमन करना (Accession): पद ग्रहण करना या किसी संधि/समझौते में शामिल होना।
-
(d) अधिक्रमण करना: यह कोई मानक पारिभाषिक शब्द नहीं है; यह ‘अतिक्रमण’ की गलत वर्तनी हो सकती है।
83. ‘बुरी संगत का फल बुरा ही होता है’ इस आशय के लिए उपयुक्त लोकोक्ति है-
सही उत्तर है (b) कोयले की दलाली में हाथ काले।
🚫 लोकोक्ति का भावार्थ
-
लोकोक्ति: कोयले की दलाली में हाथ काले।
-
भावार्थ: बुरी संगत या बुरे काम (कोयले की दलाली) का परिणाम (हाथ काले) बुरा ही होता है, या बुरे काम से बदनामी ही मिलती है। यह लोकोक्ति बुरी संगति से होने वाले नुकसान को दर्शाती है।
💡 अन्य लोकोक्तियों का अर्थ
| लोकोक्ति | भावार्थ |
| (a) चोर की दाढ़ी में तिनका | अपराधी या दोषी व्यक्ति स्वयं ही भयभीत रहता है या अपना भेद खोल देता है। |
| (c) चोर चोरी से जाए हेराफेरी से न जाए | बुरा व्यक्ति अपनी बुरी आदत को पूरी तरह नहीं छोड़ पाता, भले ही उसका तरीका बदल जाए। |
| (d) खून सिर चढ़कर बोलता है | अपराध या पाप कभी छिपता नहीं है, उसका परिणाम या भेद सामने आ ही जाता है। |
84. निम्नलिखित में असंगत हिन्दी पारिभाषिक शब्द है :
सही विकल्प जो असंगत हिन्दी पारिभाषिक शब्द है, वह है (a) Perjury = शपथपूर्वक।
📝 पारिभाषिक शब्दों का विश्लेषण
| अंग्रेजी शब्द | दिया गया हिंदी पारिभाषिक रूप | शुद्ध हिंदी पारिभाषिक रूप | सुसंगत? |
| (a) Perjury | शपथपूर्वक | शपथ-भंग, झूठी गवाही | ❌ असंगत |
| (b) Wilful | जानबूझकर | जानबूझकर, साशय | ✅ संगत |
| (c) Personnel | कार्मिक | कार्मिक, कर्मीवृन्द | ✅ संगत |
| (d) Deponent | अभिसाक्षी | अभिसाक्षी (शपथ लेने वाला), बयान देने वाला | ✅ संगत |
शुद्धीकरण:
-
Perjury का अर्थ झूठी शपथ लेना या शपथ का भंग करना होता है।
-
शपथपूर्वक का सही पारिभाषिक शब्द Solemnly या Under oath होता है।
85. कौन-सा शब्द ‘Award’ का हिंदी समकक्ष नहीं है?
सही उत्तर है (c) ग्रहण करना।
📝 ‘Award’ के हिन्दी समकक्ष
‘Award’ एक संज्ञा (Noun) और क्रिया (Verb) दोनों के रूप में प्रयुक्त होता है, और इसके कई हिंदी समकक्ष हैं:
| अंग्रेजी शब्द | अर्थ | हिंदी समकक्ष (संज्ञा/Noun) | हिंदी समकक्ष (क्रिया/Verb) |
| Award | निर्णय, फैसला | पंचाट (a), अधिनिर्णय (b) | देना, प्रदान करना |
| Award | इनाम, भेंट | पुरस्कार (d) | प्रदान करना |
-
ग्रहण करना (c) का अंग्रेजी समकक्ष To Receive या To Accept होता है, जो ‘Award’ (देना/निर्णय) का भावार्थ नहीं है।
86. ‘Temperamental’ का सही पारिभाषिक है
सही पारिभाषिक शब्द है (b) तुनकमिज़ाज।
📝 ‘Temperamental’ का अर्थ
-
Temperamental: इस शब्द का प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए होता है जिसका मिजाज या स्वभाव जल्दी-जल्दी बदलता हो, जो अस्थिर चित्त हो, या छोटी-छोटी बातों पर तुरंत क्रोधित या उदास हो जाता हो।
-
तुनकमिज़ाज (b): इस शब्द का अर्थ होता है छोटी सी बात पर तुरंत गुस्सा हो जाने वाला या जल्दी रूठने वाला, जो ‘temperamental’ का सटीक भावार्थ है।
💡 अन्य विकल्पों का अर्थ
-
(a) स्थितप्रज्ञ (Stable-minded/Equanimous): जिसका मन स्थिर हो; यह विपरीत अर्थ देता है।
-
(c) भुलक्कड़ (Forgetful): भूलने वाला।
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(d) खुशमिज़ाज (Jovial/Cheerful): हमेशा खुश रहने वाला।
87. ‘Record’का सही पारिभाषिक नहीं है
सही उत्तर है (d) सूचित करना।
📝 ‘Record’ के हिन्दी समकक्ष
‘Record’ शब्द संज्ञा (Noun) और क्रिया (Verb) दोनों के रूप में प्रयुक्त होता है:
| अंग्रेजी शब्द | भावार्थ | हिंदी पारिभाषिक रूप |
| Record (Noun) | लिखित साक्ष्य, दस्तावेज़ | अभिलेख (a) |
| Record (Noun) | सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन | कीर्तिमान (b) |
| Record (Verb) | लिखना, दर्ज करना | दर्ज करना (c) |
-
सूचित करना (d) का अंग्रेजी समकक्ष To Inform या To Notify होता है, जो ‘Record’ के भावार्थ (दस्तावेज या दर्ज करना) से मेल नहीं खाता।
88. निम्नलिखित में ‘Return’ का हिंदी पारिभाषिक नहीं है:
सही उत्तर है (b) निर्वाचित करना।
📝 ‘Return’ के हिन्दी पारिभाषिक
‘Return’ शब्द के विभिन्न संदर्भों में अलग-अलग पारिभाषिक अर्थ होते हैं।
| अंग्रेजी शब्द | संदर्भ | हिंदी पारिभाषिक रूप |
| Return (Noun) | कर या लेखा | विवरणी (d) (जैसे: Income Tax Return) |
| Return (Noun) | लाभ | प्रतिफल (c) (जैसे: Return on Investment) |
| Return (Noun) | कानूनी/चुनावी | पुनरीक्षण (a), निर्वाचन परिणाम |
| Return (Verb) | लौटना | लौटना, वापस करना |
-
(b) निर्वाचित करना (To Elect): ‘निर्वाचित करना’ का अर्थ होता है चुनाव द्वारा चुनना। यह ‘Return’ (लौटना, प्रतिफल, विवरणी) का पारिभाषिक अर्थ नहीं है। (हालांकि, चुनावी संदर्भ में ‘Return’ का प्रयोग ‘निर्वाचन’ या ‘निर्वाचन परिणाम’ के लिए होता है, लेकिन ‘निर्वाचित करना’ क्रिया रूप है जिसका अर्थ ‘to elect’ होता है।)
89. किस शब्द की संधि सही नहीं है?
सही उत्तर है (b) षट् + वदन = षडवदन।
इस विकल्प में शब्द की संधि सही नहीं है।
🧐 संधि विश्लेषण –
| विकल्प | विच्छेद | संधि नियम | शुद्ध संधि | टिप्पणी |
| (a) | सत् + मति | व्यंजन संधि: ‘त’ के बाद नासिक्य वर्ण (‘म’) हो तो ‘त’ अपने वर्ग के पाँचवें वर्ण (‘न्’) में बदल जाता है। | सन्मति | सही संधि |
| (b) | षट् + वदन | व्यंजन संधि: वर्ग के पहले वर्ण (‘ट्’) के बाद घोष व्यंजन (‘व’) आए तो ‘ट्’ अपने वर्ग के तीसरे वर्ण (‘ड्’) में बदल जाता है। | षड्वदन | गलत संधि। ‘षडवदन’ की जगह ‘षड्वदन’ होना चाहिए (या ‘षडानन’)। |
| (c) | तृष् + ना | व्यंजन संधि: ‘ष्’ के बाद ‘न’ हो तो ‘न’ बदलकर ‘ण’ हो जाता है। | तृष्णा | सही संधि |
| (d) | स्व + छंद | व्यंजन संधि: ‘स्व’ (अ) के बाद ‘छ’ हो तो बीच में ‘च्’ का आगम होता है। | स्वच्छंद | सही संधि |
निष्कर्ष: ‘षट् + वदन’ की सही संधि षड्वदन या षडानन होती है, न कि ‘षडवदन’। इसलिए विकल्प (b) सही नहीं है।
90. ‘अभीष्ट’ का सही संधि विच्छेद है
सही संधि विच्छेद है (a) अभि + इष्ट।
📝 संधि का नियम
यह शब्द दीर्घ संधि का उदाहरण है:
-
विच्छेद: अभि (इ) + इष्ट (इ)
-
नियम: जब लघु स्वर इ के बाद वही लघु स्वर (इ) आता है, तो दोनों मिलकर दीर्घ स्वर ई बन जाते हैं।
-
इ + इ = ई
-
-
संधि: अ भ् + ई + ष्ट = अभीष्ट
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अर्थ: ‘अभि’ का अर्थ है ओर या सामने, और ‘इष्ट’ का अर्थ है चाहा हुआ या मनचाहा। अतः अभीष्ट का अर्थ है मनचाहा या अपेक्षित।
91. संधि विच्छेद की दृष्टि से कौन-सा विकल्प सही नहीं है?
सही उत्तर है (d) विवादास्पद = विवाद + अस्पद।
इस विकल्प में संधि विच्छेद की दृष्टि से त्रुटि है, क्योंकि यह शब्द संधि के नियम से नहीं बना है, बल्कि समास के नियम से बना एक अशुद्ध शब्द है।
🧐 संधि विच्छेद विश्लेषण
| विकल्प | विच्छेद | संधि का नियम | संधि प्रकार | टिप्पणी |
| (a) मतैक्य | मत + ऐक्य ($\text{अ} + \text{ऐ} = \text{ऐ}$) | वृद्धि संधि | सही | |
| (b) ऊहापोह | ऊह + अपोह ($\text{अ} + \text{अ} = \text{आ}$) | दीर्घ संधि | सही | |
| (c) अन्वीक्षण | अनु + ईक्षण ($\text{उ} + \text{ई} = \text{वी}$) | यण संधि | सही | |
| (d) विवादास्पद | विवाद + अस्पद | — | — | सही नहीं |
❌ विवादास्पद शब्द की अशुद्धि
‘विवादास्पद’ शब्द मूलतः एक भ्रामक या अशुद्ध शब्द है।
-
मूल शुद्ध शब्द: विवादग्रस्त (Controversial) या विवाद का विषय।
-
‘आस्पद’ का अर्थ: स्थान या पात्र (जैसे: हास्यास्पद = हँसी का पात्र)।
-
सही संरचना: यह शब्द विवाद + आस्पद से बना लगता है, जिसका अर्थ होता है ‘विवाद का स्थान/पात्र’।
-
त्रुटि: ‘विवाद + अस्पद’ करने पर $\text{अ} + \text{अ} = \text{आ}$ से ‘विवादास्पद’ बनता है, लेकिन व्याकरण की दृष्टि से ‘अस्पद’ कोई सार्थक शब्द नहीं है। सही शब्द ‘विवाद’ है, जिसका संधि विच्छेद विवाद + अस्पद नहीं होता, बल्कि यह एक समास की तरह बना है, जिसे हिंदी में अशुद्ध मानकर विवादग्रस्त का प्रयोग किया जाता है। इसलिए, संधि विच्छेद की दृष्टि से यह विकल्प सही नहीं है।
92. निम्नलिखित में गलत संधि विच्छेद है :
सही उत्तर है (b) पद्धति = पद् + हति।
इस विकल्प में दिया गया संधि विच्छेद गलत है।
🧐 संधि विच्छेद विश्लेषण –
| विकल्प | विच्छेद | संधि नियम | शुद्ध विच्छेद | टिप्पणी |
| (a) निषेध | नि + सेध | व्यंजन संधि: ‘नि’ (उपसर्ग) के बाद ‘स’ हो तो ‘स’ बदलकर ‘ष’ हो जाता है। | नि + सेध | सही (विसर्ग संधि नहीं है) |
| (b) पद्धति | पद् + हति | व्यंजन संधि: ‘पद्’ के स्थान पर ‘पत् + हति’ होना चाहिए। ‘त’ के बाद ‘ह’ आता है तो ‘त’ बदलकर ‘द’ और ‘ह’ बदलकर ‘ध’ हो जाता है। | पत् + हति | गलत विच्छेद |
| (c) जगदीश | जगत + ईश | व्यंजन संधि: वर्ग के पहले वर्ण (‘त’) के बाद कोई स्वर (‘ई’) हो तो ‘त’ अपने वर्ग के तीसरे वर्ण (‘द’) में बदल जाता है। | जगत् + ईश | सही (हलंत लगाना आवश्यक) |
| (d) प्रतिष्ठा | प्रति + स्था | व्यंजन संधि: ‘प्रति’ (उपसर्ग) के बाद ‘स्था’ हो तो ‘स्’ बदलकर ‘ष्’ हो जाता है। | प्रति + स्था | सही |
निष्कर्ष: ‘पद्धति’ का सही संधि विच्छेद पत् + हति होता है (जहाँ ‘त्’ और ‘ह’ के मेल से ‘द्ध’ बनता है)। इसलिए विकल्प (b) गलत है।
93. किस शब्द का संधि विच्छेद सही है?
सही उत्तर है (d) चिदाभास = चित् + आभास।
🧐 संधि विच्छेद विश्लेषण
| विकल्प | विच्छेद | संधि नियम | शुद्ध संधि/नियम | टिप्पणी |
| (a) सदाचार | सदा + आचार | $\text{आ} + \text{आ} = \text{आ}$ (दीर्घ संधि) | सत् + आचार (व्यंजन संधि: $\text{त} \rightarrow \text{द}$) | गलत विच्छेद |
| (b) पित्राज्ञा | पित्र + आज्ञा | $\text{र} + \text{आ} = \text{रा}$ | पितृ + आज्ञा (यण संधि: $\text{ऋ} + \text{आ} = \text{त्रा}$) | गलत विच्छेद |
| (c) स्वल्प | स्व + अल्प | $\text{व} + \text{अ}$ | सु + अल्प (यण संधि: $\text{उ} + \text{अ} = \text{व्}$) | गलत विच्छेद |
| (d) चिदाभास | चित् + आभास | व्यंजन संधि: वर्ग के पहले वर्ण ($\text{त्}$) के बाद कोई स्वर ($\text{आ}$) आए तो पहला वर्ण अपने वर्ग के तीसरे वर्ण ($\text{द्}$) में बदल जाता है। | चित् + आभास ($\text{त्} \rightarrow \text{द्}$) | सही विच्छेद |
निष्कर्ष: केवल विकल्प (d) में दिया गया संधि विच्छेद व्याकरणिक रूप से सही है और संधि के नियम का पालन करता है।
94. किस शब्द की संधि सही है?
सही उत्तर है (C)
🧐 संधि विश्लेषण –
| विकल्प | विच्छेद | संधि नियम | शुद्ध संधि | टिप्पणी |
| (a) | गुरु + उपदेश | दीर्घ संधि: उ + उ = ऊ | गुरूपदेश | गलत संधि |
| (b) | उपरि + उक्त | यण संधि: इ + उ = यु | उपर्युक्त | गलत संधि |
| (c) | मही + इंद्र | गुण संधि: ई + इ (दीर्घ संधि होती है ई | महींद्र | सही संधि |
| (d) | मातृ + इच्छा |
यण संधि – ऋ + इ = त्रि |
मात्रिच्छा
|
गलत संधि |
95. किस विकल्प के सभी शब्द संप्रदान तत्पुरुष समास के उदाहरण हैं?
सही उत्तर है (a) रसोईघर, देशभक्ति।
🧐 संप्रदान तत्पुरुष समास
संप्रदान तत्पुरुष समास वह होता है जहाँ समास-विग्रह करने पर संप्रदान कारक की विभक्ति ‘के लिए’ का लोप होता है।
| शब्द | समास-विग्रह | कारक चिह्न |
| रसोईघर | रसोई के लिए घर | के लिए (संप्रदान) |
| देशभक्ति | देश के लिए भक्ति | के लिए (संप्रदान) |
❌ अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| विकल्प | शब्द | समास-विग्रह | कारक |
| (b) | गुरुभाई | गुरु की तरह भाई (या गुरु से संबंधित भाई) | संबंध/उपपद |
| आशातीत | आशा से अतीत (परे) | अपादान | |
| (c) | राहखर्च | राह के लिए खर्च | संप्रदान |
| देश निकाला | देश से निकाला (अलग होना) | अपादान | |
| (d) | पदच्युत | पद से च्युत (हटाया गया/अलग होना) | अपादान |
| रोकड़बही | रोकड़ की बही | संबंध |
96. किस शब्द में द्वंद्व समास नहीं है?
सही उत्तर है (c) भलामानस।
🧐 समास विश्लेषण
द्वंद्व समास वहाँ होता है जहाँ दोनों पद प्रधान होते हैं और विग्रह करने पर उनके बीच और, या, अथवा जैसे समुच्चयबोधक अव्यय आते हैं।
| विकल्प | शब्द | समास-विग्रह | समास का प्रकार |
| (a) | बोलचाल | बोलना और चलना | द्वंद्व समास |
| (b) | तैंतालीस | तीन और चालीस | द्वंद्व समास (समाहार द्वंद्व, गिनती के शब्द) |
| (c) | भलामानस | भला है जो मानस (मनुष्य) | कर्मधारय समास (विशेषण + विशेष्य) |
| (d) | लेनदेन | लेना और देना | द्वंद्व समास |
निष्कर्ष: भलामानस में कर्मधारय समास है, न कि द्वंद्व समास।
97. ‘चंद्रमौलि’ शब्द में कौन-सा समास है?
सही उत्तर है (d) बहुव्रीहि।
🧐 समास विश्लेषण
-
शब्द: चंद्रमौलि
-
विग्रह: चंद्र है मौलि पर जिसके (अर्थात् चंद्रमा है जिसके सिर पर)।
-
अर्थ: यह शब्द शिव (शंकर) के लिए प्रयुक्त होता है।
-
बहुव्रीहि समास: यह वह समास होता है जिसमें कोई भी पद प्रधान नहीं होता, बल्कि दोनों पद मिलकर किसी तीसरे विशेष अर्थ की ओर संकेत करते हैं। ‘चंद्रमौलि’ शब्द अपने दोनों पदों (चंद्र + मौलि) के साधारण अर्थ को छोड़कर भगवान शिव का विशेष अर्थ देता है।
निष्कर्ष: ‘चंद्रमौलि’ शब्द में बहुव्रीहि समास है।
98. एकाधिक उपसर्गों से निर्मित शब्द हैं:
सही उत्तर है (a) व्यवहार।
🧐 एकाधिक उपसर्गों का विश्लेषण
‘व्यवहार’ शब्द में दो उपसर्गों का प्रयोग हुआ है:
| शब्द | विच्छेद (उपसर्ग + मूल शब्द) | उपसर्ग 1 | उपसर्ग 2 | मूल शब्द |
| व्यवहार | वि + अव + हार | वि (विभिन्न) | अव (ओर, नीचे) | हार (ले जाना) |
स्पष्टीकरण:
संधि नियम के अनुसार, वि +अव – व्य बनता है।
❌ अन्य विकल्पों का विश्लेषण
| शब्द | विच्छेद (उपसर्ग + मूल शब्द) | उपसर्गों की संख्या |
| (b) आलोचना | आ + लोचना | एक |
| (c) परियोजना | परि + योजना | एक |
| (d) अधिनायक | अधि + नायक | एक |
निष्कर्ष: केवल व्यवहार शब्द ही एकाधिक (दो) उपसर्गों से निर्मित है।
99. निम्नलिखित में कौन-सा शब्द उपसर्ग रहित है?
सही उत्तर है (a) आस्था।
🧐 उपसर्ग विश्लेषण
उपसर्ग वे शब्दांश होते हैं जो किसी मूल शब्द के आरंभ में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन लाते हैं।
| विकल्प | शब्द | विश्लेषण | उपसर्ग रहित? |
| (a) | आस्था | इसे आ + स्था के रूप में विच्छेद करने पर,स्था (ठहरना) का मूल अर्थ ‘विश्वास’ नहीं देता। यह शब्द संस्कृत में आ उपसर्ग और स्था धातु से बना है, लेकिन हिंदी शब्दावली में इसे सामान्यतः उपसर्ग रहित (या एक ही इकाई) माना जाता है, जहाँ आ उपसर्ग के रूप में स्पष्ट रूप से अलग नहीं होता और मूल शब्द का भाव देता है। | ✅ है |
| (b) | आहत | आ (तक) + हत् (चोट करना) | ❌ नहीं |
| (c) | आस्तिक | आ (पर्यंत) + अस्ति अस्ति = है क (प्रत्यय) – आ उपसर्ग का भाव है। | ❌ नहीं |
| (d) | आपदा | आप(विपरीत) + दा(देना) | ❌ नहीं |
निष्कर्ष: ‘आस्था’ शब्द हिंदी में सामान्यतः उपसर्ग रहित मूल शब्द माना जाता है, जबकि अन्य शब्दों में आ या आप उपसर्ग स्पष्ट रूप से मौजूद हैं।
100. ‘यावज्जीवन’ सामासिक पद में कौन-सा समास है?
सही उत्तर है (b) अव्ययीभाव।
🧐 समास विश्लेषण
-
सामासिक पद: यावज्जीवन
-
विग्रह: यावत् (जब तक) जीवन (जीवन है)
-
अर्थ: जीवनभर, जब तक जीवन रहे।
अव्ययीभाव समास:
-
इस समास में पहला पद (पूर्व पद) प्रधान होता है और वह अव्यय होता है।
-
‘यावत्’ (जब तक) एक अव्यय है, और पूरा सामासिक पद क्रिया-विशेषण की तरह कार्य करता है (जैसे: वह यावज्जीवन प्रयत्न करता रहा)।
निष्कर्ष: ‘यावज्जीवन’ में अव्ययीभाव समास है।
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